क्या मंगल पर जीवन बन सकता है? - kya mangal par jeevan ban sakata hai?

लंदन : लंबे समय से वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पानी की खोज कर रहे हैं क्योंकि पानी ही किसी दूसरे ग्रह पर जीवन का आधार बन सकता है। इस बीच वैज्ञानिकों को एक नया सबूत मिला है जो संकेत देता है कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद हो सकता है। इसे मंगल ग्रह पर जीवन की मौजूदगी से जुड़ी खोज की एक लंबी यात्रा में बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के नेतृत्व में किया गया है जिसमें रडार से इतर डेटा का इस्तेमाल किया गया है। अध्ययन दिखाता है कि मंगल के साउथ पोलर आइस कैप के नीचे द्रव पानी मौजूद हो सकता है। यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चंद्रमा के बाद अब वैज्ञानिकों की नजरें मंगल पर ही हैं।

डेलीमेल की खबर के अनुसार अध्ययन की दूसरी लेखिका यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड की डॉ फ्रांसिस बुचर ने कहा, 'यह स्टडी मंगल पर द्रव पानी की मौजूदगी के बारे में अब तक के सबसे अच्छे संकेत देती है। धरती पर सबग्लेशियल झील (ऐसी झील जो ग्लेशियर या बर्फ की चादर के नीचे मौजूद हो) को खोजते समय हम जिन सबूतों की तरफ ध्यान देते हैं उनमें से दो सबसे प्रमुख अब मंगल पर पाए गए हैं।' उन्होंने अपने बयान में कहा कि द्रव पानी जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है, हालांकि इसका मतलब नहीं है कि मंगल पर जीवन मौजूद है।

क्या मंगल पर जीवन बन सकता है? - kya mangal par jeevan ban sakata hai?
इंसानी लालच का शिकार बना लाल ग्रह, कूड़े के ढेर में बदला मंगल, हर तरफ फैल रहा कचरा

क्या पहले मंगल पर संभव था जीवन?
फ्रांसिस बुचर ने कहा कि बेहद कम तापमान में भी अगर साउथ पोल के नीचे पानी द्रव अवस्था में है तो संभवतः वह खारा पानी होगा जिससे किसी भी सूक्ष्य जीव के लिए उसमें जीवित रह पाना मुश्किल होता होगा। हालांकि यह उम्मीद जगाता है कि अतीत में अधिक रहने योग्य वातावरण था जब जलवायु अपेक्षाकृत कम कठोर थी। शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम में यूनिवर्सिटी ऑफ नैनटेस और यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन के वैज्ञानिक भी शामिल थे। इन्होंने आइस कैप की ऊपरी सतह की जांच के लिए स्पेसक्राफ्ट के लेजर-अल्टीमीटर माप का इस्तेमाल किया।

मंगल पर तापमान -140 डिग्री सेल्सियस
उन्होंने पाया कि ये पैटर्न उस कंप्यूटर मॉडल की भविष्यवाणियों से मेल खाते हैं जिसमें बताया गया था कि कैसे आइस कैप के नीचे मौजूद पानी सतह को प्रभावित कर सकता है। पृथ्वी की ही तरह मंगल के दोनों ध्रुवों पर मोटी बर्फ की परतें मौजूद हैं। इनका आयतन ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के बराबर है। हालांकि पृथ्वी की बर्फ की चादरों के विपरीत लाल ग्रह की आइस कैप पूरी तरह जमी हुई मानी जाती हैं। मंगल पर तापमान औसतन -62 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन ध्रुवों पर सर्दियों में यह -140 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

इंसान चांद तक पहुंच गया है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या इंसान दूसरे ग्रह पर जा सकता है?   

वैज्ञानिक से लेकर आम लोगों दूसरे ग्रह के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। इसी जिज्ञासा की वजह से इंसान चांद पर गया है। जल्द ही अन्य ग्रह पर भी जा सकते हैं। आपके अक्सर टीवी न्यूज या फिर सोशल मीडिया पर दूसरे ग्रह पर जीवन की बात सुनी होगी। इसके अलावा कई फिल्में भी बन चुकी हैं जिसमें दूसरे ग्रह पर जीवन के बारे में बताया है।

ऐसे में हर किसी के दिमाग में सवाल आना लाजमी है कि क्या दूसरे ग्रह पर जीवन है? पृथ्वी की तरह कोई दूसरा ग्रह है जिस पर इंसान रह सकता है? किसी ग्रह पर इंसान कितने समय तक रह सकता है?  अगर आपके दिमाग में भी इस तरह के सवाल आते हैं तो हम इस लेख में आपको सौर मंडल के ग्रह के बारे में बताएंगे। इसके अलावा हम आपको यह भी बताएंगे कि यहां जीवन संभव है या नहीं।

पृथ्वी जैसा कोई और ग्रह नहीं 

Will human beings survive on solar system

जैसा कि हम सब जानते हैं कि इस सौर मंडल में पृथ्वी जैसा दूसरा ग्रह नहीं है। पृथ्वी एक अकेला ऐसा ग्रह है जहां इंसान रहते हैं। 

क्या दूसरे ग्रह पर इंसान रह सकते हैं? 

इस विषय पर वैज्ञानिक काफी समय से रिचर्स कर रहे हैं। सौरमंडल पर जीवन संभव है या नहीं इस पर वैज्ञानिकों के खुलकर नहीं बताया है लेकिन इंसान कुछ ग्रह पर थोड़ा समय बिता सकते हैं। लेकिन सौर मंडल के कुछ ऐसे ग्रह हैं जहां इंसान जाने के बारे में भी नहीं सकता है। बता दे कि बिना स्पेस सूट पहने आप किसी भी ग्रह पर नहीं जा सकते हैं। 

बुध ग्रह (Mercury)

वैज्ञानिक के अनुसार बुध ग्रह पर इंसान केवल दो मिनट तक का समय बिता सकते हैं। दरअसल बुध ग्रह सूर्य के काफी पास है ऐसे में यह ग्रह काफी गर्म है। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी ग्रह का तापमान उनकी कक्षा पर निर्भर करता है। बुध ग्रह का सूर्य के सामने वाले हिस्से में  425 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता हैं वहीं रात के समय तापमान 150 डिग्री हो जाता है। बुध ग्रह पर वायुमंडल नहीं है ऐसे में वहां इंसान दो मिनट से ज्यादा देर नहीं रह सकते हैं। 

शुक्र ग्रह  (Venus)

Will human beings survive on solar system ()

शुक्र ग्रह बुध के बाद सूर्य के पास का दूसरा ग्रह है। यह ग्रह सबसे ज्यादा गर्म ग्रह माना जाता है। वैज्ञानिक के अनुसार इस ग्रह का वायुमंडल बहुत ज्यादा घना है। वहीं यहां का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस है। वैज्ञानिक के अनुसार इंसान शुक्र ग्रह की गर्मी को सहन नहीं कर सकता है। ( कुंडली में शुक्र ग्रह को कैसे करें मजबूत)

मंगल (Mars)

वैज्ञानिक के अनुसार मंगल ग्रह पर इंसान लगभग दो मिनट के लिए जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिक के अनुसार इस ग्रह पर हवां बहुत पतली है जिसकी वजह से वहां पृथ्वी के मुकाबले अधिक ठंड होगी। मंगल ग्रह पर इंसान को गर्म कपड़ो की जरूरत होगी।  (अंतरिक्ष घूमने की तैयारी)

बृहस्पति (Jupiter) 

बृहस्पति ग्रह को Gas Giant भी कहा जाता है क्योंकि इस ग्रह पर कई तरह की गैस है। यहां पर हाइड्रोजन, हीलियम, अमोनिया और मीथेन गैस का मिश्रण है। इस ग्रह पर ऑक्सीजन नहीं है। वैज्ञानिक के अनुसार यह ग्रह गैस के बादल जैसा है जिस वजह से यहां जीवन संभव नहीं है। इस ग्रह पर इंसान एक सेकंड से ज्यादा समय तक नहीं रह सकता है। (अमोनिया के नुकसान)

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शनि (Saturn)

Will human beings survive on solar system ()

शनि ग्रह पर भी गैस का मिश्रण है। ऐसे में इस ग्रह पर भी जीवन संभव नहीं है। 

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यूरनेस (Uranus)

शनि और बृहस्पति ग्रह की तरह इस ग्रह में गैस है। इस ग्रह पर इंसान 1 सेकंड तक भी नहीं रुक सकता है। 

नेपच्यून (Neptune)

नेपच्यून सौर मंडल का सबसे आखिरी ग्रह है। सूर्य से दूर होने की वजह से यह ग्रह काफी ठंडा है और यह दिखने में नीला रंग है। इसके अलावा इस ग्रह पर भी काफी गैस है जिसकी वजह से यहां इंसान कुछ सेकंड से ज्यादा नहीं रुक सकता है। 

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Image Credit: freepik

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क्या मंगल पर जीवन जीना संभव है?

About Mars Planet: लंबे समय से वैज्ञानिक धरती के अलावा सौरमंडल के दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशने के लिए शोध करते आ रहे हैं. सूरज का चक्कर काट रहे सभी 8 ग्रहों में सिर्फ पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहां जीवन है. इसके अलावा मंगल ग्रह पर जीवन की कुछ संभावना है क्योंकि यहां वायुमंडल के साथ-साथ बर्फ की भी मौजूदगी है.

कौन सा ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है?

बुध ग्रह (Mercury)

इंसान मंगल पर कब जा सकता है?

मस्क ने 2026 की भविष्यवाणी की थी एलन मस्क के अनुसार इंसान कम से कम 2029 तक मंगल पर कदम रख पाएगा, यानी 1969 में चांद पर पहली बार इंसान के पहुंचने के 60 साल बाद। मस्क ने दूसरी बार इंसान के मंगल पर पहुंचने की तारीख बदली है। दिसंबर 2020 तक उन्होंने इसके लिए 2026 का लक्ष्य रखा था।

मंगल ग्रह के अंदर क्या रहता है?

मंगल एक स्थलीय ग्रह है जो सिलिकॉन और ऑक्सीजन युक्त खनिज, धातु और अन्य तत्वों को शामिल करता है जो आम तौर पर उपरी चट्टान बनाते है। मंगल ग्रह की सतह मुख्यतः थोलेईटिक बेसाल्ट की बनी है, हालांकि यह हिस्से प्रारूपिक बेसाल्ट से अधिक सिलिका-संपन्न हैं और पृथ्वी पर मौजूद एन्डेसिटीक चट्टानों या सिलिका ग्लास के समान हो सकते है।