बल शब्द का अर्थ क्या होता है? - bal shabd ka arth kya hota hai?

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बल शब्द का अर्थ क्या होता है? - bal shabd ka arth kya hota hai?

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ट्रेलर: अधूरी रिसर्च का नमूना है फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालू', इस्तेमाल करने से पहले नहीं जाना क्या होता है 'ठहरा' और 'बल' शब्द का मतलब

बॉलीवुड डेस्क. शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर की फिल्म 'बत्ती गुल और मीटर चालू' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। 21 सितंबर को रिलीज हो रही फिल्म के डायलॉग बेहद झिलाऊ हैं। उत्तराखंड को बैकड्रॉप में रखकर तैयार की गई इस फिल्म में श्रद्धा और शाहिद स्थानीय एक्सेंट को कॉपी करने में बुरी तरह फेल नजर आ रहे हैं। फिल्म के अधिकतर डायलॉग्स में उत्तराखंड की दो अलग-अलग बोलियों के तकिया कलाम के शब्द का यूज बेवजह किया गया है। कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म को आधी-अधूरी रिसर्च के आधार पर जल्दबाजी में बनाया गया है। 

हर डायलॉग के बाद है 'बल' और 'ठहरा' : फिल्म के करीब-करीब हर डायलॉग के बाद 'बल' और 'ठहरा' शब्द का यूज किया गया है। आपको बता दें कि 'बल' शब्द का उपयोग गढ़वाली में होता है। किसी गढ़वाली व्यक्ति के हिंदी बोलने के दौरान 'बल' शब्द को व्यंग्य के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। जबकि 'ठहरा' कुमाऊंनी बोली का एक शब्द है। इसे तकिया कलाम समझा जाता है।

- हर वाक्य के बाद 'ठहरा' और 'बल' का प्रयोग इन बोलियों में आम है, लेकिन जब इसे हिंदी के साथ सुनते हैं तो ये अटपटे लगते हैं।


बेधड़क हुआ गलत प्रयोग : स्थानीय एक्सेंट भी दोनों बोलियों के अलग-अलग हैं। फिल्म के किरदार 'बल' और 'ठहरा' शब्द ऐसे बेधड़क बोल रहे हैं, जैसे ये स्थानीय बोली के हों। दोनों रीजन के लोग अलग-अलग तरह से बात करते हैं, जबकि फिल्म में एक ही किरदार दोनों रीजन के इन शब्दों को बोल रहा है। मसलन, शाहिद कपूर का डायलॉग- 'दोस्ती में ऐसा भी होने वाला ठहरा बल'। इस डायलॉग में 'ठहरा' भी है और 'बल' भी, जोकि अधूरी रिसर्च का नमूना है।

- फिल्म के स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग राइटर सिद्धार्थ और गरिमा ने स्थानीय शब्द तो उठाए है लेकिन अधूरी रिसर्च के साथ। यही वजह है कि फिल्म के गंभीर डायलॉग को स्थानीय बोली का टच देने के चक्कर में फनी बना दिया है।

- फिल्म की शूटिंग भी उत्तराखंड के सबसे बड़े बांध टिहरी के आस-पास ही हुई है। फिल्म बिजली की दरों पर करारा व्यंग्य करती है। जबकि, कई सारे डेम होने के कारण उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश भी कहा जाता है। 

उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के क्षेत्रों में कुमाउनी और गढवाली बोलते समय अक्सर पहाड़ी शब्द बल का प्रयोग करते हैं। इस शब्द का प्रयोग कुमाउनी गढ़वाली भाषा के साथ साथ ,उत्तराखण्डी लोग हिंदी बोलते समय भी बल शब्द का प्रयोग करते हैं। और इसके साथ साथ उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के लोग हिंदी बोलते समय बीच मे ठैरा शब्द का प्रयोग करते हैं। ये दोनों शब्द एक परदेशी को परदेश में भी अपनी पहचान दिला देते हैं। जब परदेश में किसी की मधुर वाणी से अचानक बल और ठैरा का उच्चारण की ध्वनि कानों में पड़ती है ,तो दिल मे अपनत्व की भावना हिलोरें मारने लगती है। ऐसा लगता है , जैसे इस अनजान अजनबी शहर में कोई अपना मिल गया है।

आज अपने इस लेख में हम पहाड़ी “बल” और “ठैरा” का मतलब और इन शब्दों को कहां और कैसे प्रयोग किया जाता है । यह समझाने की कोशिश करेंगे।

पहाड़ी शब्द बल अर्थ |meaining of Pahadi word “Bal “

बल शब्द का हिंदी अर्थ है ताकत लेकिन पहाड़ी भाषा ( गढ़वाली और कुमाउनी में बल शब्द एक तकिया कलाम है । या यूं कहें पहाड़ी शब्द बल पहाड़ी भाषाओं ,गढ़वाली और कुमाउनी भाषा को एक अलग रूप अलग अलंकरण देता है। पहाड़ी लोग जब इस शब्द को हिंदी भाषा बोलते समय प्रयोग करते हैं तो यह शब्द पहाड़ियों के लिए एक पहचान पत्र का काम करता है। जिह्वा से बल शब्द निकलते ही सामने वाला समझ जाता है कि ये पहाड़ी है।

जब हम किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा कही हुई बात को ज्यो का त्यों बोलने के लिए ,बल को बीच योजक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

जैसे :- गढ़वाली में – वैं बोली मैं नि ऐ सकन बल ।

कुमाउनी- वैल को मी नी ऐ सकन बलि।।

कुमाउनी के कई जगहों में बल को बलि बोला जाता है।

गढवाली में बल का प्रयोग अधिक होता है। यहाँ बल का प्रयोग बात शुरू करने के लिए भी किया जाता है।  संदेह प्रकट करने के लिए भी बल शब्द का प्रयोग किया जाता है। बल का प्रयोग अपुष्ट बात के लिए भी हो सकता है।

जैसे -उ नी आणा छन बल । बल या बलि का प्रयोग पहाड़ी

तुमर गो में नेताजी आई राछि बलि।

कहानी सुनाते समय भी , बल और बलि का प्रयोग किया जाता है।  जैसे – एक राजा छौ बल या कुमाउनी में – ए राज होय बलि।

हिंदी में बल का अर्थ , कहते हैं ,सुना है , या ,कि  इन शब्दों को पहड़ी शब्द बल का करीबी माना जाता है।

(meaning of pahadi word Bal and thaira in hindi )

“ठैरा ” का हिंदी में मतलब –

ठैरा और ठहरा दोनों अलग अलग शब्द हैं। ठहरा का अर्थ होता है ठहरना।  जबकि ठैरा एक कुमाउनी -हिंदी शब्द है। कुमाउनी में इस शब्द का प्रयोग नहीं होता है लेकिन जब एक कुमाउनी भाषी हिंदी बोलता है ,तो इस शब्द का बहुतायह प्रयोग करता है।

पहाड़ी शब्द ठैरा का  हिंदी अर्थ होता है ,-‘ है’ ” हुवा  ‘और’ हुए  ‘हो ‘

जैसे – अन्य क्षेत्र भाषी बोलेगा – आप कैसे इंन्सान हो यार। या तुम कैसे आदमी हुए।  तो एक कुमाउनी भाषी बोलेगा – आप कैसे आदमी ठैरे। ये तो हमारा काम है। ऐसे एक सामान्य हिंदी भाषी बोलेगा

और एक पहाड़ी भाषी बोलेगा – ये तो हमारा  काम ठैरा।

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बल का अर्थ क्या होता है?

- 1. ताकत 2. सहारा 3. सैनिक शक्ति; सेना 4.

बल का उपसर्ग क्या है?

Detailed Solution 'बल' शब्द के साथ सही उपसर्ग 'प्र' प्रयुक्त होगा जिससे 'प्रबल' शब्द की उत्पत्ति होगी। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प 'प्र' है। प्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रबल, प्रभु, प्रयोग, प्रगति, प्रसार, प्रयास इत्यादि।

काल को हिंदी में क्या बोलते हैं?

[सं-पु.] - 1. दो घटनाओं के मध्य का अवकाश जिसकी गणना वर्ष, मास, दिन, घंटा आदि के द्वारा की जाती है; समय; अवधि; (टाइम) 2.