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मथुरा में लगेगा धान की भूसी की राख से सिलिका बनाने का दुनिया का पहला प्लांटNaveen Kumar Pandey | भाषा | Updated: Feb 19, 2016, 8:12 AM उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की अशर एग्रो इंडस्ट्रीज प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' अभियान में अपना योगदान... कंपनी के एमडी विनोद चतुर्वेदी एवं
डायरेक्टर मनोज पाठक ने बताया कि हर साल 6 लाख टन खाद्य उत्पादों का प्रसंस्करण कर अशर एग्रो भारत में तो इस क्षेत्र की नंबर 1 कंपनी है ही, साथ ही विश्व के पांच सर्वाधिक चावल निर्माताओं में भी शामिल है। कंपनी वर्तमान में देशभर के अलावा खाड़ी के देशों सऊदी अरब, ओमान, ईरान, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात एवं दक्षिण अट्ठीका के देशों को अपने उत्पाद निर्यात कर रही है। उन्होंने बताया कि अब कंपनी चावल के प्रसंस्करण के दौरान निकलने वाली धान की राख (बायोमास) से सिलिका निर्माण का संयंत्र लगाने जा रही है
जिसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 19 फरवरी को प्लांट की आधारशिला रखने के लिए मथुरा आ रहे हैं। इस प्रक्रिया में धान की भूसी से 18 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा जो पूर्व में स्टेट पावर ग्रिड को एक अन्य पावर प्लांट से आपूर्ति की जा रही 12 मेगावॉट के साथ ही जुड़कर कुल 30 मेगावॉट हो जाएगी। इससे कंपनी को प्रतिमाह 5 करोड़ के स्थान पर 12.5 करोड़ की आय होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक विभिन्न देशों में नदी की रेत से ही सिलिका का उत्पादन किया जाता रहा है जिसमें सल्फ्यूरिक
ऐसिड का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। इससे जल प्रदूषण का खतरा बना रहता है। लेकिन अशर एग्रो द्वारा प्रयुक्त की जा रही नई एवं आधुनिकतम तकनीकि में इस प्रकार की कोई संभावना नहीं रहेगी। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादधान की भूसी क्या होता है?चावल की भूसी का तेल, चांवल के जर्म (अंकुराणु) एवं अन्दर की भूसी से निकाला जाता है। इसका धूम्र बिन्दु बहुत अधिक है (254 °C) जिसके कारण इसका प्रयोग उच्च-ताप पर भोजन बनाने के लिये किया जाता है। बहुत से एशियाई देशों में इसका प्रयोग पाचक-तेल (कुकिंग आयल) जैसे किया जाता है।
धान की भूसी का क्या उपयोग है?इसका उपयोग मुख्य रूप से धातुओं के शोधन और सोलर सिलिकॉन बनाने में किया जा सकता है।” धान की भूसी को जलाने से पैदा हुई राख जैसे जैविक अपशिष्ट के निपटारे के लिए एक ईको-फ्रेंडली और किफायती पद्धति विकसित की है।
चावल की भूसी में क्या होता है?ल्यूक कॉटिन्हो (luke coutinho) बताते हैं कि चावल की भूसी में विटामिन-बी के कई कंपाउंड हैं, जो कि पेट के लिए और पाचनतंत्र के लिए भी फायदेमंद है। इसमें विटामिन बी 1, विटामिन बी 3 और विटामिन बी 6 होता है, जो कि आपके खाने के ब्रेकडाउन को आसान बना कर आपके मेटाबोलिज्म को सही करता है।
धान की भूसी में कौन सा विटामिन पाया जाता है?कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के दौरान चावल की भूसी में विटामिन बी समेत कई पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे फेंकने के बजाय इसका इस्तेमाल ब्रेड, केक, शीतल पेय या अन्य खाद्य पदार्थों में किया जा सकता है।
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