उपर्युक्त गद्यांश के कवि कौन है? - uparyukt gadyaansh ke kavi kaun hai?

उपायुक्त गद्यांश के लेखक कौन हैं?...


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पहले आप गद्यांश बताइए तब हम आपको बता पाएंगे कि वह किस स्पीकर कौन है

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उपर्युक्त गद्यांश के कवि कौन है? - uparyukt gadyaansh ke kavi kaun hai?

1 जवाब

This Question Also Answers:

  • उपयुक्त गद्यांश पाठ के लेखक का नाम - upyukt gadhyansh path ke lekhak ka naam
  • प्रस्तुत गद्यांश के लेखक कौन थे - prastut gadhyansh ke lekhak kaun the

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Comprehension

निर्देश: नीचे दिये गये अपठित गद्यांश को पढ़िए और प्रश्न के उत्तर दीजिए।                              

कवि के सम्बन्ध में यह कथन अक्षरश: सत्य प्रतीत होता है कि कवि प्रकृति का पुरोहित होता है। जिस प्रकार पुरोहित अपने यजमान के समस्त कुलाचारों एवं रीति-परम्पराओं से अभिज्ञ होता है, उसी प्रकार कवि को प्रकृति के समस्त रहस्यों एवं क्रिया प्रक्रियाओं का मर्मज्ञ होना चाहिए। इसके बिना कवि को 'कवि' की संज्ञा से विभूषित करना भी उचित प्रतीत नहीं होता। कवि ही अपनी सूक्ष्म निरीक्षण शक्ति द्वारा प्रकृति के प्रांगण में ऐसे तथ्यों एवं पदार्थों को देख लेता है, जहाँ सामान्य व्यक्तियों की दृष्टि नहीं जाती, और यदि जाती भी है तो तत्व तक नही पहुंचती। तह तक पहुँचे बिना कोई ऐसी बात नहीं निकलती, जो साधारण होने पर भी असाधाराण हो, लौकिक होने पर भी, अलौकिक आनन्दोत्पादक हो, सबकी देखी होने पर भी, नवीन चमत्कार दिखाने वाली हो, प्रकृति के गुप्त एवं मुक्त रहस्यों को सर्वसाधारण के दृष्टिपथ में लाना कवि का काम हैं। अज्ञेय की मीमांसा करते रहना, आकाश-कुसुमों की सृष्टि करना या आकाश के तारे तोड़ना कवि का काम नहीं है। यह दार्शनिक का काम है, कवि का काम इससे भी गहन है। व्याकरण एवं पिंगल के नियमानुसार वर्णों की नपी-तुली पद्य रचना का नाम भी कवित्व नहीं है, जैसा कि प्रायः समझा जाता है। सूक्ष्म दृष्टि से प्रकृति पर्यवेक्षण की असाधारण शक्ति के साथ-साथ कवि के पास जीवनानुभवों का अक्षय कोष होना चाहिए तथा उसे विविध कलाओं एवं शास्त्रों का भी ज्ञाता होना चाहिए।

उपर्युक्त गद्यांश का सर्वाधिक उपर्युक्त शीर्षक हो सकता है:

  1. कविता
  2. प्रकृति
  3. कवि
  4. प्रकृति का पुरोधा: कवि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : प्रकृति का पुरोधा: कवि

Free

DSSSB Grade 4 Previous Paper 1 (Held on: 3 Sept 2019 shift 1)

200 Questions 200 Marks 120 Mins

प्रस्तुत गद्यांश में कवि और उसकी रचना करने की क्षमता के बारे में बताया जा रहा है। यहाँ लेखक, कवि के काम के बारे में विवेचना करने की कोशिश कर रहा है की किस प्रकार एक दार्शनिक से भी अधिक गहरी भावना और चेष्टा एक कवि में होती है। कवि को प्रकृति के समस्त रहस्यों एवं क्रिया-प्रक्रियाओं का मर्मज्ञ होना चाहिए ताकि उसकी रचना में एक सामर्थ्य हो। इस प्रकार सही विकल्प ‘प्रकृति का पुरोधा: कवि’ है।

Latest DSSSB Dass Grade 4 Updates

Last updated on Sep 26, 2022

The Services Department, Govt. of NCT of Delhi is soon going to release the official notification for the DSSSB DASS Grade-IV Recruitment 2022. For the last recruitment cycle, the department released a total of 79 vacancies for recruitment and this year the vacancies are expected to be more. The selection of the candidates depends on their performance in the Written Exam. The finally selected candidates will get the DSSSB DASS Grade-IV Salary range between Rs. INR 5,200 - INR 20,200.

उपरोक्त गद्यांश के लेखक का नाम क्या है?

निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:- (

उपर्युक्त पद्यांश के कवि का नाम क्या है?

Answer: कवि: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला।

उपयुक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है इसके लेखक कौन है?

उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ? Solution : उपर्युक्त गद्यांश पाठ 'बारिश की रात' से लिया गया है ।

उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का उद्देश्य क्या था?

उपर्युक्त गद्यांश के लेखक का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विशेषता बताना था। स्वतंत्रता संग्राम मनुष्य में उत्तम और स्पृहणीय विशेषताएँ पैदा करता है और भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम भी इसका अपवाद नहीं है। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में यह युद्ध बिना किसी ईर्ष्या-द्वेष तथा खून-खराबे के लड़ा गया था