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खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? मां दुर्गा के स्वरूपों का स्मरण करते हुए निम्न मंत्रों का जप प्रतिदिन किया जाए तो अधिक से अधिक जीवन में मनचाहे फल की प्राप्ति होगी । दुर्गा माँ शक्ति है । जीवन में उपयुक्त अभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए माँ दुर्गा का सिद्ध मंत्र
” ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः ”
नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
मां दुर्गा का आह्वान मंत्र2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
मां दुर्गा का शक्तिशाली मंत्र3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
भय को दूर करने के लिए दुर्गा मंत्रसर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते । भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तुते ॥
पापों का नाश करने वाला दुर्गा मंत्रहिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् । सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥
मुसीबतों से मुक्ति पाने के लिए दुर्गा मंत्रशरणागत दीनार्त परित्राण परायणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥
बीमारी से रक्षा करने के लिए दुर्गा महामंत्ररोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥
पुत्र प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्रदेवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥
महामारी नाश के लिए दुर्गा मंत्रजयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तुते ॥
शक्ति और बल प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्रसृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि । गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते ॥
धन के लिए दुर्गा मंत्र“दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥”
मनचाहे जीवसाथी पाने के लिए दुर्गा मंत्र Durga Mantra for Marriage( पुरुषों के लिए )
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि । नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥
महिलाओं के लिए मनचाहा वर पाने के लिए दुर्गा मंत्रपत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् । तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ।।
गौरी मंत्र पति प्राप्ति के लिए” हे गौरी शंकरधंगी ! यथा तवं शंकरप्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी ! कान्तकान्तम् सुदुर्लभं “
रक्षा पाने के लिए दुर्गा मंत्रशूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥
आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए दुर्गा मंत्रदेहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
भक्ति प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की वंदना इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए
नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे | रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||
सामूहिक कल्याण के लिए मां दुर्गा की वंदना
देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या | तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ||
इसके अतिरिक्त मां दुर्गा के नौ शक्ति रुपी देवियों के बीज मंत्रों के पाठ करने से नौ की नौ देवियां स्वतः ही प्रसन्न होकर कृपा बरसाने लगती हैं । मां दुर्गा का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?'सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके, शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते'.
मां दुर्गा का आवाहन कैसे करें?ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। प्यारे भक्तों उपरोक्त दिए गए मां दुर्गा को बुलाने के विशेष मंत्र हैं अर्थात मां दुर्गा के आवाहन मंत्र है।
दुर्गा माता का मूल मंत्र क्या है?मां कूष्मांडा बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां दुर्गा को कैसे बुलाएं?- नौ दिनों तक घर में मां दुर्गा के नाम की ज्योत अवश्य जलाएं। - अधिक से अधिक नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का जाप अवश्य करें। - इन दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। - पूजन में हमेशा लाल रंग के आसन का उपयोग करना उत्तम होता है।
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