नाभि में जलन-दर्द को दूर करने के लिए घरेलू उपाय अगर आपको कभी भी अचानक से नाभि में जलन और दर्द की समस्या होने लगे है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि इसके कारण आपको उठने-बैठने में काफी दिक्कत हो सकती है।यह पेट में इंफेक्शन के प्रभाव और कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है।आइए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप नाभि में होने वाली जलन और दर्द से जल्द राहत पा सकते हैं। Show
बारिश के मौसम में इन 4 कारणों से बढ़ जाती है अस्थमा मरीजों की परेशानी, जानें बचाव के उपायटी ट्री ऑयलटी-ट्री की पत्तियों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, इसका तेल कई मायनों में स्किन के लिए फायदेमंद होता है। अगर आपकी नाभि में दर्द है तो टी ट्री ऑयल की पत्तियों को उबाल लें और उसमें नारियल का तेल डालकर चलाएं अब इस तेल को नाभि पर लगा लें। अगर आपके पास टी ट्री ऑयल है तो आप उसे सीधा नारियल के तेल के साथ मिलाकर नाभि पर लगा सकते हैं, सुबह तक दर्द दूर हो जाएगा। नारियल तेलनारियल का तेल एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण के साथ-साथ सूदिंग इफेक्ट से युक्त होता है, जो नाभि की जलन और दर्द को दूर करने में सक्षम हैं।समस्या से राहत पाने के लिए बस आप नारियल के तेल को उंगली की मदद से अपनी नाभि पर लगाकर छोड़ दें ताकि वह अच्छे से त्वचा अब्जॉर्ब हो जाए। अजवाइनकई बार गैस, अपच या फिर कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं के कारण भी नाभि में जलन और दर्द हो सकता है और इसे दूर करने के लिए आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं।समस्या से राहत पाने के लिए आधी चम्मच से थोड़ी कम अजवाइन में थोड़ा काला नमक मिलाएं और फिर गुनगुने पानी के साथ इस मिश्रण की फंकी मारें। पुदीने की पत्तियों से दूर होंगी कई समस्याएं, जाने कैसे करें इस्तेमालसरसों तेल से मालिशजब भी नाभि में जलन और दर्द की समस्या हो तो इससे राहत पाने के लिए आप सरसों के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। राहत के लिए सरसों के तेल की कुछ बूंदें नाभि में डालें। ऐसा तीन से चार दिनों तक करें।सरसों के तेल में कुछ ऐसे विशेष गुण मौजूद होते हैं, जो नाभि में होने वाली जलन और दर्द को जल्द दूर करने में सहायक है। हींग पेट में गैस बनने की वजह से भी नाभि में जलन और दर्द की समस्या हो सकती हैं।पेट में गैस की समस्या दूर करने के लिए हींग का इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है।समस्या से राहत के लिए पहले एक चुटकी हींग को आधी चम्मच गुनगुने पानी में घोल लें और फिर इसे नाभि में डालकर छोड़ दें। पढ़ें हेल्थ से जुड़ी अन्य खबरें-माइग्रेन के रोगी हैं तो कॉफी-चॉकलेट सहित इन चीजों को करें अवॉइड, बढ़ सकता है दर्दडाइट में इसलिए शामिल करना चाहिए 'सोया के पत्ते'डायबिटीज के मरीजों को इन 7 चीजों से करना चाहिए परहेज, वरना बढ़ सकता है शुगर लेवलDisclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें। Latest Health News India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्शन पेट के निचले हिस्से या नाभि को छूने में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक हर्निया भी हो सकता है। हालांकि, कई बार पेट की गैस और पेट से जुड़ी सामान्य समस्या (जैसे- कब्ज) भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। यदि दर्द लगातार हो रहा है तो हो सकता है कि आपको कब्ज हो और ऐसे में अधिक घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ देर बाद वह दर्द खुद ही खत्म हो जाता है, लेकिन यदि दर्द कुछ अलग-अलग तरीकों से हो रहा है तो उसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं।
नाभि छूने में दर्द होने के कारणहर्नियाजब पेट की मांसपेशी में किसी कारणवश कोई दरार आ जाता है और उस मांसपेशी के भीतर मौजूद अंग बाहर आ जाता है तो उसे हर्निया कहते हैं। ऊँगली से दबाने पर यह अंग दोबारा अंदर चला जाता है और उस दौरान रोगी को दर्द होता है। यदि आपको ऐसा महसूस होता है कि आपका कोई अंग अंदर जा रहा है तो डॉक्टर से निदान कराएं। सर्जरी के बाद का दर्दयदि नाभि के आस-पास कोई सर्जरी हुई है तो उसे दबाने पर दर्द होगा। हालांकि, बढ़ते दिन के साथ यह कम होता जाता है, लेकिन यदि आपको दर्द में कोई कमी नहीं नजर आ रही है तो यह एक इन्फेक्शन का संकेत है। ऐसे में अपने सर्जन/डॉक्टर से बात करें। पेट में अल्सरखाना को पचाने के लिए पेट एसिड का उत्पादन करता है, लेकिन जब इसका उत्पादन अधिक होने लगता है तो पेट के अस्तर पर घाव हो जाता है। फलस्वरूप नाभि छूने पर दर्द होता है। यूटीआईकई बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का इन्फेक्शन शरीर के अन्य अंगों में फैल जाता है। यह पेट तक भी पहुँच सकता है और दर्द का कारण बन सकता है। पेट दर्द होना यूटीआई का ही एक लक्षण है। पित्ताशय की पथरीजब पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल तथा अन्य वेस्ट इकट्ठा होने लगते हैं तब वहां पर स्टोन का निर्माण हो जाता है। पेट के निचले हिस्से में दर्द होना पित्ताशय की पथरी का संकेत हो सकता है। पित्ताशय की पथरी को ठीक करने के लिए सर्जरी के जरिए पित्ताशय को अलग कर दिया जाता है। एपेंडिसाइटिसयदि आप एपेंडिसाइटिस से पीड़ित हैं और आपके अपेंडिक्स में सूजन आ गया है तो आपके नाभि में दर्द महसूस हो सकता है। एपेंडिसाइटिस के लक्षणों में मतली, उल्टी, बुखार, सूजन और कब्ज या दस्त शामिल है। अपेंडिक्स के फूल जाने पर इसका 24 घंटे में उपचार करवाना बहुत आवश्यक हो जाता है, अन्यथा यह फट सकता है और संक्रमण शरीर के अन्य अंगों पर भी फैल सकता है। बैक्टीरियल संक्रमणमानव शरीर में कुछ अच्छे बैक्टीरिया हैं और कुछ गंदे बैक्टीरिया हैं। पेट में प्रवेश करने पर खराब बैक्टीरिया संक्रमण का कारण बन सकते हैं और नाभि में गंभीर दर्द हो सकता है। यह तब होता है जब आप दूषित भोजन का सेवन करते हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। ये बैक्टीरिया धीरे-धीरे पेट और छोटी आंत में घाव बनाने लगते हैं, जिससे पेट के कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है। यह संक्रमण आस-पास के अंगों में भी फैल सकता है, ऐसा होने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। पैनक्रिएटाइटिसपैंक्रियास एक ग्लैंड है जो यह सुनिश्चित करता है कि हमारे शरीर में ऊर्जा की खपत को पूरा करने के लिए चीनी की भरपूर मात्रा है। नाभि में दर्द होना पैनक्रिएटाइटिस का ही एक लक्षण है। अपचजब खाना नहीं पचता है तो पेट दर्द होने लगता है और कब्ज हो जाता है। नाभि में दर्द होना इसका ही एक लक्षण है। छोटी आंत में समस्या होने परछोटी आंत के विकार जैसे क्रोहन रोग या इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) नाभि में गंभीर दर्द का कारण बनते हैं। यह एक क्रोनिक कंडीशन है जो आपकी दैनिक गतिविधि में बाधा डालती है। इसलिए, सही इलाज के लिए किसी अच्छे गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह लें। निष्कर्ष – Conclusionनाभि छूने में दर्द होने पर इसे आम नहीं समझना चाहिए। कई बार यह ऊपर बताई गई गंभीर परिस्थिति के कारण हो सकता है। इसलिए अगर आपको हमेशा नाभि या पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है तो हर्निया जैसी गंभीर परिस्थिति का निदान करवाने के लिए डॉक्टर की सलाह लें। यदि आपको हर्निया है और आप इसके उपचार की सही सलाह चाहते हैं तो Pristyn Care में अपॉइंटमेंट बुक करें या कॉल करें। हम हर्निया का लेप्रोस्कोपिक उपचार करते हैं, जो एक दर्द रहित और रक्त रहित प्रक्रिया है, उपचार के बाद आप 2 दिन बाद अपने ऑफिस में जाकर काम कर सकते हैं। पढ़ें- Pristyn Care में हर्निया का लेप्रोस्कोपिक उपचार डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| नाभि का दर्द कैसे ठीक करें?नाभि के आसपास दर्द की समस्या होने पर 1 कप पानी में 2 -3 चुटकी हींग मिलाकर पिएं. इससे नाभि में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं. नाभि के ऊपर होने वाले दर्द को कम करने के लिए काला नमक और अजवाइन का सेवन करें. इससे दर्द को कम किया जा सकता है.
नाभि में दर्द होने का मतलब क्या होता है?नाभि में दर्द (navel pain reason) क्यों होता है? नाभि में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। नाभि में दर्द पेट में इंफेक्शन (stomach infection) की वजह से भी हो सकता है। इसके अलावा गैस, अपच और अल्सर नाभि में दर्द का कारण बन सकती हैं।
नाभि में सूजन क्यों आती है?पसीना, साबुन, पियर्सिंग भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सफाई से न रहने की आदत, सर्जरी, डायबिटीज, सिस्ट जैसे और कई कारण भी जिम्मेदार होते हैं। कई मामलों में तो सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों और मोटापा भी इसका कारण बन जाता है।
नाभि में जलन हो तो क्या करें?जब भी नाभि में जलन और दर्द की समस्या हो तो इससे राहत पाने के लिए आप सरसों के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। राहत के लिए सरसों के तेल की कुछ बूंदें नाभि में डालें। ऐसा तीन से चार दिनों तक करें। सरसों के तेल में कुछ ऐसे विशेष गुण मौजूद होते हैं, जो नाभि में होने वाली जलन और दर्द को जल्द दूर करने में सहायक है।
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