मंगल और शुक्र की युति से क्या होता है? - mangal aur shukr kee yuti se kya hota hai?

मंगल-शुक्र युति ज्योतिष की एक बहुत ही विवादस्पद युति है। वो इसलिए कि ज्योतिष में शुक्र प्रेम व आकर्षण है तो मंगल शरीर व अंदरूनी ऊर्जा। जब इन दोनों ग्रहों की युति या मिलान होगा तो व्यक्ति में शरीर के प्रति आकर्षण या यूं कहिये कि कामुकता बढ़ेगी। आज के आधुनिक युग में जितनी चर्चा इस योग की जाती है उतनी शायद अन्य किसी के योग की की जाती होगी। वर्तमान समय में भक्ति के स्थान पर काम भावना और भोग का बोल-बाला है। हर व्यक्ति आजकल अच्छे भोग विलास का आनन्द पाना चाहता है और यह योग इसी कामना को पूर्ण करता है।

कुंडली में मंगल-शुक्र युति का प्रभाव

  • मंगल शुक्र युति/Venus Mars Conjunction व्यक्ति में काम भावना को प्रबल करता है। शुक्र ज्योतिष में हर प्रकार के भौतिक सुख का कारक है और मुख्य रूप से काम-भावना और प्रेम को दर्शाता है। मंगल, शरीर की उत्तेजना है और जब इन दोनों कारकों का मिलान न हो तो, काम-सुख का सम्पूर्ण आनन्द नहीं लिया जा सकता।
  • शुक्र, स्त्री को व मंगल पुरुष तत्व को दर्शाता है। पुरुष की कुंडली में शुक्र, उसकी पत्नी को भी दिखाता है और यदि यह योग/Yoga पुरुष की कुंडली में शुभ स्थिति में बने तो जातक अपनी पत्नी व अन्य स्त्री वर्ग से विशेष सुख प्राप्त करता है। जबकि स्त्री की कुंडली में यह पुरुष मित्रों का सुख देता है और स्त्री की कुंडली में बना यह योग पति-पत्नी के विचारों में भेद करवाता है। दोनों में आपसी तनाव की स्थिति पैदा क्योंकि मंगल अंहकार का भी कारक ग्रह है और ऐसे में महिला जातक सामान्य से अधिक अहंकारी हो जाती है। 
  • शुक्र वीर्य का कारक ग्रह है और मंगल हमारे शरीर में उपस्थित रक्त का। इन दोनों की युति पुरुषों में वीर्य की कमी या उसकी अधिकता उत्पन्न करती।
  • यदि यह युति कुंडली में दुष्फल दे रही हो तो जातक चरित्र हीन बन जाता है। यदि इनकी युति लग्न, सातवें या ग्यारहवें भाव में हो और वर्ग कुंडली डी-9 में भी इनका सम्बन्ध बन रहा हो तो जातक के एक से अधिक सम्बन्ध बनने के अवसर बहुत अधिक बन जाते हैं। 
  • यदि इन दोनों की युति पर चन्द्रमा या गुरु की दृष्टि हो तो व्यक्ति को उत्तम लक्ष्मी प्राप्त होती है। इन दोनों के साथ यदि चन्द्रमा भी मिल जाये तो जातक को अंत्यंत चंचल प्रवृति का हो जाता है और पर स्त्री-पुरुष की तरफ बहुत जल्दी आकर्षित होता है।
  • मंगल शुक्र युति/Shukra Mangal Yoga में बुद्ध या फिर पापी ग्रहों की उपस्थिति जैसे शनि, राहू या केतु हो तो जातक अवैध संबंधों के कारण कई बार बदनामी भी झेलता है। 
  • ज्योतिष में, शुक्र पत्नी व मंगल छोटा भाई होता है और खराब स्थिति में होने पर यह देवर-भाभी के बीच अवैध सम्बन्ध बनाता है।शरीर में शुक्र-मंगल युति मासिक धर्म की अनियमितता या अत्यधिक रक्त बहाव जैसे की नकसीर आदि की समस्या या चोट लगने पर खून जल्दी से न रुकना आदि की समस्या भी देती है। पुरुषों में ये अत्याधिक कामुक स्वभाव देती है जिसकी वजह से जातक समय से पहले अपनी आंतरिक ऊर्जा ख़तम कर शारीरिक कमजोरी का सामना करता है। जो बाद में वीर्य की कमी व संतान सुख की कमी के रूप में प्रकट होता है।

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शुक्र-मंगल युति का राशियों पर प्रभाव

  • कालपुरुष की कुंडली में मंगल/Mars in Kundli लग्न का स्वामी है और शुक्र कुटुंब, धन और पत्नी के स्थान का मालिक होता है। दूसरा व सातवां भाव मारक भाव भी कहे गए हैं। मंगल लगन के साथ साथ अष्टम भाव का भी मालिक होता है ऐसे में हम समझ सकते है की इन दोनों की युति एक तरफ असीम धन सम्पदा तो दूसरी और संघर्षपूर्ण जीवन भी दे सकता है। यह फल कुंडली में इस बात पर निर्भर करेगा की यह युति किस राशि व किस भाव में बन रही है और अन्य ग्रह इसे किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं।
  • शुक्र व मंगल व्यक्ति को अत्यंत भौतिकतावादी, विलासप्रिय, शौकीन और आडंबरी बनाते हैं। इन दोनों का मेल यदि शुक्र की राशियों यानि तुला व वृषभ में हो तो शुक्र प्रभावी हो जायेगा और यदि मंगल की राशियों यानि मेष व वृश्चिक में हो तो मंगल अधिक प्रभावी हो जायेगा।
  • ऐसा ही हमें देखना होगा की योग शुक्र की शत्रु राशि में बना है या मंगल की शत्रु राशियों में। शत्रु राशि में ग्रह कमज़ोर हो जाता है। शुक्र व मंगल के बल का अनुमान लगा कर निम्न फल प्राप्त होंगें।
  • दोनों ग्रहों में यदि मंगल अधिक प्रभावी हो तो व्यक्ति दुष्कर्मी हो जाता है और अपनी काम वासनाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उसकी बुद्धि पर केवल शारीरिक आकर्षण ही सवार रहता है। वह कामुकता के वश में अत्यधिक रहकर अपने वैवाहिक जीवन व अन्य सुखों का विनाश कर लेता है।
  • यदि शुक्र प्रभावी हो तो व्यक्ति प्रेम को अधिक महत्व देगा और दैहिक आकर्षण उसके लिए दूसरे स्थान पर रहेगा। वह स्त्रियों को सम्मान देगा व वैवाहिक जीवन में परस्पर प्रेम भावना से सुख को भोगेगा।
  • यदि शुक्र व मंगल दोनों कुंडली में संतुलित अवस्था में हों तो व्यक्ति के अनेक विपरीत लिंगी मित्र होते हैं पुरुष को ये अधिक स्त्री मित्र तथा स्त्री कीकुंडली/Kundli में संतुलित अवस्था अधिक पुरुष मित्र देती है।

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शुक्र मंगल युति का उपाय

वैवाहिक जीवन में समस्या आना इस युति का मुख्य प्रभाव है। शुक्र का मंगल या राहु से योग जातक को व्यभिचारी बना देता है। यदि यह गुरु, बुध या चंद्र के नक्षत्र/Nakshatra में न हो, तो जातक अत्यधिक कामुक प्रबल हो जाता है। इस विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए निम्न उपाय किये जाने चाहिए

जब इन दोनों ग्रहों का मिलन होता है तो इनके गुणधर्मों के अनुसार व्यक्ति में काम वासना बलवती हो जाती है। कुंडली के अलग-अलग भावों के अनुसार इनके फल में कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन मूलत: कहा यही जाता है कि यह व्यक्ति को अत्यंत कामी बनाता है।

भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह दैत्य गुरु माना गया है। जो संजीवनी विद्या या दूसरे शब्दों में गूढ़ चिकित्सा का प्रवर्तक भी माना गया है। मंगल ग्रह धरती का पुत्र माना गया है। धरती वनस्पति या दूसरे शब्दों में जडी़-बूटी की जननी कही जाती है।


ग्रह-नक्षत्रों में खास जगह रखने वाले मंगल (मार्स) व शुक्र (वीनस) एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे। मंगल लाल रंग में नजर आएगा तो शुक्र पश्चिम के आकाश में अपनी परिचित चमकदार आभा में दिखेगा। इन दोनों के बीच की दूरी बेहद कम होने पर ये एक-दूसरे को स्पर्श करते प्रतीत होंगे।

दो ग्रहों को एक-दूसरे के बेहद करीब देख पाने का मौका मिलेगा। तब इन दोनों के बीच की दूरी मात्र आधा डिग्री रह जाएगी। इनसे कुछ ही दूर चार डिग्री के अंतराल में चंद्रमा भी मौजूद होगा। जो इन दोनों ग्रहों की नजदीकी का साक्षी प्रतीत होगा। इस खगोलीय घटना में चंद्रमा की सुंदरता भी धरती वासियों को अपनी ओर आकर्षित करेगी।


ग्रहों की चाल की गणना को लेकर यह खगोलीय घटना विज्ञानियों के नजरिए से महत्वपूर्ण हो जाती है। खगोलीय घटनाओं पर दिलचस्पी रखने वालों को भी वीनस-मार्स के अदभुत मिलन को आंखों से देखने का मौका मिलेगा।

भले ही वीनस अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हो लेकिन मानव बस्ती बसाने के सपने के साथ विज्ञानियों के लिए मंगल ही अधिक आकर्षण का केंद्र है। दुनियाभर की स्पेस एजेंसी मंगल पर पहुंचने के लिए बेहद आतुर हैं। इसकी मुख्य वजह मंगल का हमारे करीबी होना व पृथ्वी जैसी कई समानताएं मौजूद होना है। जबकि वीनस ग्रह पर तेजाब की बारिश होती हैं। हाइड्रोजन के बादल वीनस के आसमान मे मंडराते हैं, जो सूर्य के प्रकाश से बेहद चमकदार नजर आते है। इस ग्रह पर तापमान चार सौ डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है।

मेष- मेष राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग आर्थिक परेशानी वाला रहेगा। व्यापार में परेशानी आएगी। नौकरी में अधिकारी वर्ग से सहयोग प्राप्त होगा, परंतु कृषि क्षेत्र में मध्यम लाभ मिलेगा। माता को स्वास्थ्य संबंधी चिंता रहेगी। भाई के घर मांगलिक कार्य होने के योग हैं। किसी अनजान व्यक्ति के संपर्क में आने से रोजगार में वृद्धि होगी।

वृषभ- वृषभ राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग भौतिक सुख वाला रहेगा। व्यापार में अच्छा लाभ होगा। कृषि क्षेत्र में सफलता मिलेगी। नौकरी में साथियों से परेशानी आएगी। स्वयं को स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ रहेगी। किसी पुराने पड़ोसी से परेशानी आ सकती है, धैर्य से काम करें। माता-पिता के तीर्थयात्रा के योग बन रहे हैं। मामा पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा।

मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग ज्यादा अच्छा रहेगा। नौकरी में उन्नति के योग बनते हैं। कृषि क्षेत्र में बहुत उन्नति के मौके मिलेंगे। व्यापार ठीक-ठीक रहेगा। बहन को आर्थिक परेशानी आएगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा जिससे बहन की परेशानी दूर होगी। संतान को स्वास्थ्य में सुधार होगा, परंतु लंबे समय तक ध्यान देना होगा।

कर्क- कर्क राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग कानून संबंधी उलझन वाला रहेगा। व्यापार में मध्यम लाभ होगा। कृषि क्षेत्र में सामान्य लाभ प्राप्त होगा। नौकरी में उन्नति होगी, परंतु स्थान परिवर्तन के योग हैं। किसी से व्यापार में साझेदारी का मौका मिलेगा, परंतु परेशानी आ सकती है, अत: समझकर कार्य करें। जीवनसाथी को रोजगार प्राप्त होने से लाभ मिलेगा। घर में मांगलिक कार्य के भी योग बनते हैं।

सिंह- सिंह राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग संतान सुख वाला रहेगा। व्यापार में सफलता मिलते-मिलते परेशानी आएगी। नौकरी में साथियों से सहयोग प्राप्त होगा। कृषि क्षेत्र में सफलता मिलेगी। पैतृक संपत्ति प्राप्त होने के योग हैं, साथ ही परिवार में नए मेहमान के योग हैं। पुराने मित्र से मनमुटाव की स्थिति बन सकती है, ध्यान रखें।

कन्या- कन्या राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग राजनीति और रोमांस में सफलता वाला रहेगा। व्यापार ठीक-ठीक रहेगा। कृषि क्षेत्र में सफलता मिलेगी। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग हैं। पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा लेकिन परिवार से तालमेल में परेशानी आएगी। मामा पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा। किसी महिला से परेशानी आ सकती है जिसका कानून द्वारा हल होगा। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी।

तुला- तुला राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग जीवनसाथी से नजदिकियां बढ़ाने वाला रहेगा। व्यापार में अच्छा लाभ रहेगा। कृषि क्षेत्र में किसी पड़ोसी से सहयोग प्राप्त होगा, परंतु परिवार में मतभेद की स्थिति बन सकती है। नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। संतान संबंधी सुख प्राप्त होगा। माता को अचानक स्वास्थ्य की तकलीफ हो सकती है। घनिष्ठ मित्र से दूरी होगी।

वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए संयोग पारिवारिक उन्नति वाला रहेगा। व्यापार अच्छा रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। कृषि क्षेत्र में सामान्य लाभ होगा। माता को स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ रहेगी। पिता को स्वास्थ्य में सुधार होगा। किसी रिश्तेदार से मनमुटाव समाप्त होगा। जीवनसाथी को रोजगार में परेशानी आएगी। भाई को अच्छा आर्थिक लाभ मिलेगा।

धनु- धनु राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग भौतिक सुख वाला रहेगा। व्यापार पहले सामान्य फिर सफलता मिलेगी। नौकरी में उन्नति होगी। साथ ही बड़े अधिकारी के साथ कार्य करने का योग बनते हैं। कृषि क्षेत्र दूसरे स्थान पर भी बढ़ेगा। वाहन चालकों के लिए यह संयोग दुखदायी हो सकता है, ध्यान देना होगा। किसी रिश्तेदार से सहयोग प्राप्त होगा। पिता को आर्थिक लाभ मिलेगा।

मकर- मकर राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग रोजगार और विजय प्राप्ति वाला रहेगा। व्यापार में सफलता मिलेगी। नौकरी में साथियों से सहयोग प्राप्त होगा। कृषि क्षेत्र में मध्यम लाभ मिलेगा। माता के द्वारा धार्मिक अनुष्ठान होगा। पिता की आर्थिक उन्नति में सफलता मिलेगी।

कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग समाज में मान-प्रतिष्ठा प्राप्ति वाला रहेगा। व्यापार में परेशानी आएगी। नौकरी में सामान्य जीवन रहेगा। कृषि क्षेत्र में अच्छा लाभ मिलेगा। संतान के विवाह योग बनेंगे। जीवनसाथी को रोजगार में तकलीफ आ सकती है। ससुराल पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा।

मीन- मीन राशि वाले जातकों के लिए यह संयोग मिश्रित फल वाला रहेगा। व्यापार में उतार-चढ़ाव रहेगा। कृषि क्षेत्र में सफलता हासिल होगी। नौकरी में साथियों से परेशानी आएगी। स्वयं को स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। संतान को रोजगार में उन्नति मिलेगी। किसी धार्मिक क्षेत्र की जिम्मेदारी मिल सकती है।

मंगल और शुक्र की युति क्या है?

ज्योतिषीय परिभाषा के अनुसार जब किसी स्त्री या पुरुष की कुंडली में मंगल और शुक्र एक साथ एक ही घर में मौजूद हों तो ऐसे जातक में काम वासना की अधिकता होती है। इन दोनों ग्रहों की स्थिति यदि अत्यंत मजबूत हो तो यह काम वासना अत्यधिक तीव्रता वाली हो जाती है और जातक को खुद पर नियंत्रण रखना भी मुश्किल हो जाता है।

शुक्र और मंगल के बीच में कौन सा ग्रह आता है?

पृथ्वी ग्रह शुक्र और मंगल ग्रह के बीच में है।

शुक्र और मंगल क्या है?

मंगल शुक्र युति/Venus Mars Conjunction व्यक्ति में काम भावना को प्रबल करता है। शुक्र ज्योतिष में हर प्रकार के भौतिक सुख का कारक है और मुख्य रूप से काम-भावना और प्रेम को दर्शाता है। मंगल, शरीर की उत्तेजना है और जब इन दोनों कारकों का मिलान न हो तो, काम-सुख का सम्पूर्ण आनन्द नहीं लिया जा सकता।

कुंडली में मंगल का घर कौन सा है?

मंगल (ज्योतिष).