सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवताओं का जिक्र है. सभी देवी देवताओं की पूजा के अलग विधान बताए गए हैं. यहां जानिए भगवान विष्णु को कौन कौन से पुष्प अर्पित किए जाते हैं और किस पुष्प को चढ़ाने से क्या फल प्राप्त होता है.सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु को कदंब के फूल सबसे प्रिय हैं. वे कदंब पुष्प को देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि जो भक्त कदंब पुष्प से भगवान का पूजन करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद यमराज के कष्टों से सामना नहीं करना पड़ता. साथ ही विष्णुजी उनकी सभी कामनाओं को पूरा करते हैं. Show
गुलाब के पुष्प से विष्णु पूजन करने से नारायण के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है. वहीं सफेद और लाल कनेर के फूलों से पूजन करने वालों से भगवान अति प्रसन्न होते हैं. वहीं अगस्त्य पुष्प से नारायण का पूजन करने वाले भक्तों के समक्ष इंद्र भी नतमस्तक हो जाते हैं. नारायण को नियमित रूप से तुलसी दल अर्पित करने से दस हजार जन्मों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. लेकिन रविवार और एकादशी को कभी तुलसी का पत्ता न तोड़ें. इसके अलावा एकादशी के दिन शमी पत्र से पूजन करने वाले यमराज के भयानक मार्ग को सुगमता से पार कर जाते हैं. पीले और लाल कमल के सुगंधित पुष्पों से भगवान का पूजन करने वालों को श्वेत दीप में स्थान मिलता है और बकुल और अशोक के पुष्पों से पूजन करने वाले शोक से रहित रहते हैं. चंपक पुष्प से विष्णुजी की पूजा करने वाले लोग जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं. वहीं स्वर्ण से बना केतकी पुष्प भगवान को अर्पित करने से करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. कार्तिक माह भगवान विष्णु का महीना माना गया है। इस महीने में खासतौर पर विष्णु पूजन किया जाता है। कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी या हरि प्रबोधिनी एकादशी के दिन निम्न फूलों से श्रीहरि भगवान विष्णु का पूजन करने से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। > आइए जानें... कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी, देव प्रबोधिनी एकादशी या देव उठनी ग्यारस भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने और विष्णुजी की विधिपूर्वक पूजा का महत्व है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी पर विष्णुजी चार माह के बाद शयन से उठते हैं इसलिए इस तिथि को देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस कहा जाता है. खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? Flowers in Vishnu Puja: प्रबोधनी या देवोत्थान एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग कर पुनः अपना कार्यभार संभालते हैं। आज से चतुर्मास की सामाप्ति होती है और मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु और तुलसी मां के पूजन का विधान है। आज के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत और पूजन किया जाता है। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पूजन में इच्छा और मनोकामना के अनुरूप फूल चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों में भगवान विष्णु को अलग-अलग फूल चढ़ाने से इच्छा अनुरूप फल प्राप्त करने विधान है। आइए जानते हैं आज विष्णु पूजन में भगवान को कौन सा फूल चढ़ाए.... Hanuman Chalisa: हर परेशानी से निजात पाने के लिए मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ, होगी हर इच्छा पूरी यह भी पढ़ें1-पीला रंग भगवान विष्णु को विशेष रूप से प्रिय है आज देवोत्थान एकादशी के दिन पूजन में भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाने से शीघ्र प्रसन्न होते हैं और संसार में मान-प्रतिष्ठा और यश-कीर्ती की प्राप्ति होती है। 2- विष्णु पूजन में आज देवोत्थान एकादशी के दिन गुलाब के फूल चढ़ाने से धन लाभ होता है और मुक्ति मिलती है। 3- आज एकादशी के दिन जो अशोक के फूलों से भगवान विष्णु का पूजन करते हैं वे किसी भी तरह के रोग और शोक से दूर रहते हैं। Puja Path: शिवलिंग पर क्यों चढ़ाते हैं भांग व धतूरा, ये दो कथाएं हैं प्रचलित यह भी पढ़ें4- जो मनुष्य आज के दिन सफेद या लाल कनेर के फूल श्री हरि को अर्पित करते हैं भगवान उनसे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और बैकुंठ लोक में स्थान प्रदान करते हैं। 5- शास्त्रों में उल्लेख है कि विष्णु पूजन में आम की मंजरी चढ़ाने करोड़ों गायों के दान का फल मिलता है। 6- दूब या दूर्वा भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है, लेकिन आज के पूजन में भगवान विष्णु को दूब या दूर्वा चढ़ाने से पूजन का सौ गुना फल मिलता है। Shattila Ekadashi 2023: षटतिला एकादशी पर बन रहे हैं खास योग, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व यह भी पढ़ें7- कदम्ब के फूल भगवान विष्णु को विशेष रूप से प्रिय हैं। मान्यता है कि एकादशी के दिन जो भी श्री हरि को कदम्ब के फूल चढ़ाते हैं, उनकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती 8- पूजन में चंपा के फूल चढ़ाने से संसार के आवागमन के चक्र से मुक्ति मिलती है। डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' भगवान विष्णु को कौन सा फूल चढ़ाना चाहिए?भगवान विष्णु
इन्हें कमल, मौलसिरी, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, अशोक, मालती, वासंती, चंपा, वैजयंती के पुष्प विशेष प्रिय हैं। विष्णु भगवान तुलसी दल चढ़ाने से अति शीघ्र प्रसन्न होते है।
विष्णु की पूजा में कौन सा पौधा अनिवार्य है?इस बार तुलसी जी का विवाह 5 नवंबर को है। Tulsi Vivah 2022 Pujan Samagri List: हिंदू धर्म में कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह के रूप में मनाने की प्रथा है। इस बार तुलसी जी का विवाह 5 नवंबर को है। इस दिन देवी तुलसी के साथ भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप शालिग्राम जी का विवाह पूरे विधि-विधान से किया जाता है।
भगवान विष्णु को क्या पसंद है?विष्णु भोग: खीर या सूजी के हलवे का नैवेद्य
विष्णुजी को खीर या सूजी के हलवे का नैवेद्य बहुत पसंद है. खीर कई प्रकार से बनाई जाती है. खीर में किशमिश, बारीक कतरे हुए बादाम, बहुत थोड़ी-सी नारियल की कतरन, काजू, पिस्ता, चारौजी, थोड़े से पिसे हुए मखाने, सुगंध के लिए एक इलायची, कुछ केसर और अंत में तुलसी जरूर डालें.
विष्णु भगवान को कौन सा फल पसंद है?केला : केला भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं उनके नैवेद्य में केला होना भी जरूरी है। 7. श्रीफल : फल और फूल के साथ श्रीफल चढ़ाने से लक्ष्मीपति प्रसन्न होते हैं।
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