साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन कैसे बना? - saikil chalaana ek saamaajik aandolan kaise bana?

‘साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन’ इससे आप क्या समझते हैं?


आंदोलन का अर्थ है क्रांति अर्थात् एक चाह या लगन जिसे पूरा करके ही दम लिया जाए और जिसमें समाज का अधिकाधिक भाग हिस्सा ले। ऐसा हुआ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में जिसमें महिलाओं ने ऐसा आदोलन चलाया कि साइकिल चलाने की होड़ ही हो गई। लगभग सभी महिलाएँ रूढ़िवादी विचारधाराएँ व पिछड़ेपन को छोड़कर साइकिल चलाना सीखकर स्वच्छंदता व गतिशीलता की ओर बढ़ना चाहती थी इसीलिए इसे सामाजिक आंदोलन का नाम दिया गया।

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'... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ...'
आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?


तमिलनाडु के जिला पुड़ुकोट्टई में महिलाओं में अधिक जागृति न थी। वे रूढ़िवादिता. पिछड़ेपन व बधनों से परिपूर्ण जीवन बिता रही थीं। इन्हीं बंधनों को लेखक न जंजीरें माना है।

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उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और ‘प्रत्यय’ इस प्रकार हैं-अभि, प्र, परि, वि (उपसर्ग), इक वाला, ता, ना।


उपसर्ग
(1) शब्द - उपसर्ग मूलशब्द
अभिव्यक्त - अभि व्यक्त
प्रशिक्षण - प्र शिक्षण
प्रदर्शन - प्र दर्शन
अनुभव - अनु भव
परिवहन - परि वहन
विनम्र - वि नम्र
बेशक - बे शक

प्रत्यय 
(2) शब्द      प्रत्यय  मूलशब्द
सामाजिक      इक    समाज
गतिशीलता    ता     गतिशील
समझना       ना     समझ

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इस पाठ के अंत में दी गयी ‘पिता के बाद’ कविता पढ़िए। क्या कविता में और फातिमा की बात में कोई संबंध हो सकता है? अपने विचार लिखिए।


पाठ के आधार पर फातिमा के यही विचार हैं कि साइकिल चलाना महिलाओं के आत्मसम्मान व आर्थिक संपन्नता को तो बढ़ावा देता ही है साथ ही साथ आजादी और खुशहाली का अनुभव भी करवाता है। जबकि इस कविता में इस बात को दर्शाया गया है कि दुख हो या सुख लड़कियाँ हर हाल में खुश रहती हैं। पिता के कंधों का भार अपने कंधों पर उठाने की हिम्मत रखती हैं। पिता की मृत्यु के पश्चात् माँ को संभालने की शक्ति भी उनमें होती है। वे अपने पूर्वजों का नाम ऊँचा उठाती हैं। उदास राहों पर भी खुशियाँ ढ़ुँढने की क्षमता रखती हैं। धूप, बारिश व हर मौसम अर्थात् हर परिस्थिति में खुश रहती हैं।

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‘साइकिल आंदोलन’ से पुड़ुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?


साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं में निम्न बदलाव आए-
1. स्त्रियों में आत्मसम्मान की भावना जागृत हुई।
2. वे रूढ़िवादिता व पुरुषों द्वारा थोपे गए रोजमर्रा के घिसे-पिटे दायरे से बाहर निकल सकीं।
3. इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला अब उन्हें कहीं भी जाने हेतु किसी का मुँह नहीं ताकना पड़ता।
4. इससे महिलाओं की आय में वृद्धि हुई वे अगल-बगल के गाँवों में भी उत्पाद बेचने जा सकती हैं।
5. अब महिलाओं के समय की भी बचत हो जाती थी जिससे वे सामान बेचने पर ध्यान केंद्रित कर पाती हैं।
6. उन्हें आराम करने का भी समय मिल जाता है।
7. साइकिल से घरेलू कार्यो को भी सुचारू रूप से करने में महिलाएँ सक्षम हो गई हैं जैसे घरेलू सामान लाना। बच्चों की देखभाल व पानी भरना आदि।
8. सबसे बड़ी बात वे साइकिल को अपनी ‘आजादी का प्रतीक’ मानती हैं।

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शुरूआत में पुरुषों ने इस आदोलन का विरोध किया परंतु आर साइकिल के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?


जब स्त्रियों ने बड़ी संख्या में साइकिल चलाना सीखना शुरू किया तो पुरुषों ने इसका विरोध किया क्यौंकि उन्हें डर था कि इससे नारी समाज में जागृति आ जाएगी। उन पर कई प्रकार के व्यंग्य भी किए जाते। लेकिन महिलाओं ने इनकी परवाह न करके साइकिल चलाना जारी रखा। धीरे-धीरे महिलाओं द्वारा साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त हो ही गई।

एक साइकिल विक्रेता ‘आर साइकिल्स’ के मालिक ने इसका समर्थन किया क्योंकि उसकी दुकान पर लेडिज साइकिल की बिक्री में 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यहाँ तक कि जिन महिलाओं को लेडिज साइकिल नहीं मिल पाई थीं उन्होंने जेंटस साइकिलें ही खरीद लीं। दुकानदार द्वारा यह वक्तव्य बताना इस बात को प्रदर्शित करता है कि महिला साइकिल चालकों की संख्या दिन-प्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है।

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विषयसूची

  • 1 साइकिल चलाना सामाजिक आंदोलन क्यों बन गया?
  • 2 साइकिल कितने प्रकार की होती है?
  • 3 रात को साइकिल चलाने से क्या होता है?
  • 4 दुनिया की सबसे सस्ती साइकिल कौन सी है?

साइकिल चलाना सामाजिक आंदोलन क्यों बन गया?

इसे सुनेंरोकेंऐसा हुआ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में जिसमें महिलाओं ने ऐसा आदोलन चलाया कि साइकिल चलाने की होड़ ही हो गई। लगभग सभी महिलाएँ रूढ़िवादी विचारधाराएँ व पिछड़ेपन को छोड़कर साइकिल चलाना सीखकर स्वच्छंदता व गतिशीलता की ओर बढ़ना चाहती थी इसीलिए इसे सामाजिक आंदोलन का नाम दिया गया।

क्या आपको साइकिल चलाने आती है?

इसे सुनेंरोकेंखासतौर से अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, इसके लिए जिम नहीं जाना चाहते, तो साइकिलिंग एक बेहतरीन वर्कआउट साबित हो सकता है। साइकिल चलाना न केवल एक मजेदार एक्टिविटी है, बल्कि यह आपकी मांसपेशियों को टोन करने , हड्डियों को मजबूत करने और वजन कम करने के लिए भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।

रेंजर साइकिल कितने की आती है?

इसे सुनेंरोकेंसबसे अच्छी गियर वाली रेंजर साइकिल हीरो कंपनी बनाती है। जिसकी कीमत 6 से 8 हजार तक रहती है। यह साइकिल लड़के और लड़कियां दोनों के लिए सही होती है।

साइकिल कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंसाइकल मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं। १-एमटीवी २-हाइब्रिड ३- रोड़ या सिटी बाइक इसके अतिरिक्त चिल्ड्रन बाइक भी आती है।

साइकिल आन्दोलन में कितनी महिलाओं ने भाग लिया?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हैंडल पड़ झाड़ियाँ लगाए, घंटियाँ बजाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफ़ान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालों को हक्का – बक्का कर दिया।

महिलाओं के साइकिल चलाने के पीछे क्या भावना थी?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (a) साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई।

रात को साइकिल चलाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंरात को आएगी अच्छी नींद अगर आप सुबह सुबह कुछ देर तक साइकिलिंग करतें हैं, तो रात को आपको अच्छी नींद आएगी। वैसे तो सुबह-सुबह साइकिल चलाने से आपको थोड़ी थकान महसूस हो सकती है, लेकिन वह कुछ देर की ही होगी। उसके बाद सारा दिन एनर्जी से भरा रहेगा।

लड़कियों को साइकिल चलाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसाइकिल चलाने से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है और इससे पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. नियमित रूप से साइकिल चलाकर आप कुछ ही दिनों में वजन कम कर सकते हैं. ये शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मददगार है. रोजाना साइ‍किल चलाकर आप फिट और एक्ट‍िव बॉडी पा सकते हैं.

सबसे बढ़िया साइकिल कौन सी है?

Top 15 Best Cycle In India | सबसे अच्छी साइकिल

  • COSMIC Shuffle Hybrid 700c, 21 Gear.
  • Hero Next 26T, 18 Gear.
  • HERCULES Frozo RF 6s 26 T.
  • Hero DTB 18 Mountain Cycle.
  • Hero Ranger Cycle DTB-VX 26T.
  • HERCULES TopGear Tz-110.
  • HERCULES Top Gear Fx100.
  • Hero Sprint Knockout Road Cycle.

दुनिया की सबसे सस्ती साइकिल कौन सी है?

इसे सुनेंरोकें(3) Hero Sprint Stylish Cycle ज्यादातर गियर वाली साइकिल मार्किट में महंगी मिलती है। केवल एक यही साइकिल है, जिसमे 18 स्पीड गियर दे रखे है और सस्ती है। एक हिसाब से हम इसे दुनिया की सबसे सस्ती साइकिल विथ गेर की श्रेणी में रख सकते है। क्यों की इसकी कीमत मात्र ₹6100 है।

साइकिल कितने किलो की होती है?

इसे सुनेंरोकेंऔसत वयस्क साइकिल वजन लगभग 30 पाउंड है।

हीरो साइकिल कितने की है?

इसे सुनेंरोकेंHero Lectro F6i, Smart e cycle, Cheapest Electric Bike: हीरो साइकिल्स की ई-साइकिल डिवीजन हीरो लेक्ट्रो ने अपने नये स्मार्ट इलेक्ट्रिक साइकिल को भारत में लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने इसकी कीमत 49,000 रुपये रखी है.

साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन है कैसे?

ऐसा हुआ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में जिसमें महिलाओं ने ऐसा आदोलन चलाया कि साइकिल चलाने की होड़ ही हो गई। लगभग सभी महिलाएँ रूढ़िवादी विचारधाराएँ व पिछड़ेपन को छोड़कर साइकिल चलाना सीखकर स्वच्छंदता व गतिशीलता की ओर बढ़ना चाहती थी इसीलिए इसे सामाजिक आंदोलन का नाम दिया गया।

साइकिल चलाने वाले सामाजिक आंदोलन में कौन सी बाधाएं आई?

Answer: इसका सबसे बड़ा कारण फातिमा के गाँव की पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ हैं जहाँ औरतों का साइकिल चलाना उचित नहीं माना जाता था। उनके विरोध में खड़े होकर अपने को पुरुषों की बराबरी का दर्जा देकर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर फातिमा ने जो कदम उठाया उससे उसने स्वयं को, अपने जैसी अन्य महिलाओं को सम्मान दिया है।

साइकिल आंदोलन क्या है?

उत्तर: साइकिल आंदोलन ने पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। महिलाएँ अब पहले से अधिक स्वतंत्र हो गई हैं। कहीं आने जाने के लिए अब वे घर के पुरुषों की मोहताज नहीं हैं। अब उनके पास खाली समय भी बच पाता है क्योंकि साइकिल के इस्तेमाल से कहीं आने जाने में समय की बचत होती है।

साइकिल आंदोलन कब हुआ?

1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह ज़िला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता। हैंडल पर झंडियाँ लगाए, घंटियाँ बजाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफ़ान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालों को हक्का-बक्का कर दिया। इस सारे मामले पर पुरुषों की क्या राय थी ?