बात करें दांतों में होने वाली बीमारियों की, तो सोचने वाली बात ये है कि दांतों को नुकसान क्यों पहुंचता है। इस बात को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि दांत होते क्या हैं। दांत, हड्डी के नहीं बने होते, बल्कि ये अलग-अलग घनत्व व कठोर ऊतकों या टिशुओं से बने होते हैं। आजकल तरह-तरह के खाद्य पदार्थों में मिलावट के चलते बड़े पैमाने पर लोगों में दांतों की बीमारियां देखने को मिल रही हैं। आइए जानते हैं, दांत की कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में... Show
1. हैलिटोसिस हैलिटोसिस को आमतौर पर मुंह की दुर्गंध के रूप में जाना जाता है। मुंह से दुर्गंध आना सबसे शर्मनाक दांत की समस्याओं में से एक है। यह सामाजिक शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। हैलिटोसिस के कारण दंतों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। 2. पायरिया पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुंह की सफाई में कमी रखने से होता है। इस रोग में मसूडे पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे खून आता है। सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को ही माना जाता है। सांसों से बदबू आने लगती है। दांत ढीले हो जाते हैं या दांतों की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है। खाना चबाने से दर्द महसूस होता है। Winter Health Tips: सेहत के लिए हानिकारक है रात में स्वेटर पहनकर सोने की आदत, इन समस्याओं की हो सकती है शिकायत 3. कैविटी इसमें दांतों में कीड़े लग जाते हैं, जो धीरे-धीरे दांत को कमजोर कर देते हैं। ये बीमारियां विशेष तौर पर तब होती हैं, जब खाना दांतों पर चिपका रह जाता है। बहुत ज्यादा चॉकलेट, टॉफी को खाने वाले बच्चों में ये बीमारी ज्यादा पाई जाती है। इस बीमारी में दांत कमजोर हो जाते हैं और टूट कर गिर भी जाते हैं। 4. हाइपोडंटिया दांतों की वह असामान्यता है जिसमें 6 या 6 से अधिक प्राथमिक दांत, स्थिर दांत या फिर दोनों प्रकार के ही दांत विकसित नहीं हो पाते हैं। यह एक अनुवांशिक रोग है। आपने देखा होगा कि कुछ बच्चों या वयस्कों के दांत टेढ़े होते हैं। मैलोक्लूजन टीथ के कारण दाढ़ एक दूसरे में सही से फिट नहीं होती है और साथ ही दांतों से संबंधित समस्याएं भी पैदा होती हैं। ऑर्थोडोन्टिस्ट टेढ़े-मेढ़े दांतों को एक सीध में लाने के लिए ब्रेसेस (Braces) का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। दांतों की रिशेपिंग की मदद से भी दातों को एक सीध में लाने की कोशिश की जाती है। अगर किसी को साधारण मैलोक्लूजन की समस्या है, तो उसे ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। अधिक टेढ़े-मेढ़े दांत मुंह में घाव का कारण बन सकते हैं। जबड़े का आकार ठीक करना आसान नहीं होता है, इसलिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर एक्स-रे के माध्यम से तय करते हैं कि पेशेंट को कैसा ट्रीटमेंट देना है। टूथ इंज्युरी (Tooth injuries)जिस तरह से शरीर में चोट लग जाती है, ठीक उसी प्रकार से दांतों में भी इंज्युरी हो सकती है। बच्चों या वयस्कों में खेलने के दौरान या फिर अचानक से गिर जाने पर दांत टूट सकते हैं या इंज्युरी हो सकती है। जब दांतों में दरार पड़ जाती है या फिर दांत क्रेक हो जाते हैं, तो उनमें सेंसिटिविटी की समस्या हो जाती है। दांतों से ब्लीडिंग भी हो सकती है। ऐसे में तुरंत दांतों में फोल्डेड गॉज लगाने की जरूरत पड़ती है। सूजन (Swelling) और दर्द को कम करने के लिए ठंडा पानी पीना चाहिए। अगर दांत को हटाने की जरूरत पड़ती है, तो डॉक्टर बच्चे के दांत हटा सकते हैं। वयस्कों में भी यहीं प्रोसेस अपनायी जाती है। अगर ट्रीटमेंट न किया जाए, तो इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। डेंटल कंडीशंस (Dental Conditions) को कैसे डायग्नोज किया जाता है?दांतों में किसी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर पेशेंट से लक्षणों के बारे में जानकारी लेते हैं। दांतों में दर्द, मूंह से बदबू आना, मुंह में सूजन, दांतों से खून आना आदि दांतों से संबंधित बीमारियों के लक्षण हैं। डॉक्टर डेंटल इंस्ट्रूमेंट की हेल्प से दांतों की जांच करते हैं और विभिन्न स्थान में दातों की जांच करते हैं। कुछ केसेज में डेंटल एक्स-रे की जरूरत पड़ती है। डेंटल एक्स-रे की हेल्प से बैक्टीरिया के इंफेक्शन के बारे में जानकारी मिलती है। इंफेक्शन दांतों में कितना फैल चुका है, ये डेंटल एक्स-रे से पता चल जाता है। डॉक्टर जांच के दौरान निम्न भागों की भी जांच कर सकते हैं।
और पढ़ें: दांतों से टार्टर की सफाई के आसान 6 घरेलू उपाय दांतों के रोग (Dental Conditions) से रहना है दूर, तो इन बातों का रखें हमेशा ध्यानदांतों के रोग (Dental Conditions) से आप बच सकते हैं। आपको अपने दांतों की अच्छी सेहत के लिए ओरल हाइजीन का ख्याल रखना होगा, तभी आपके दांत स्वस्थ्य रह सकते हैं। जानिए दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
दांतों की अच्छी सेहत के लिए रोजाना दांतों की सफाई, खानपान के दौरान सावधानी आदि बातों का ध्यान रख इन्हें स्वस्थ्य रखा जा सकता है। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे, तो आप डेंटन कंडीशन से बच सकते हैं। आप दांतों के रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए डेंटिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। दांत के कैंसर के क्या लक्षण है?मुंह के कैंसर के संकेत और लक्षणों में शामिल हैं:. मुंह में ऐसा घाव हो जो भर नहीं रहा हो. घाव जिससे आसानी से खून निकलने लगे. मुंह के टिशू (ऊतकों) के रंग में बड़ा बदलाव नज़र आए. मुंह में कोई गांठ या खुरदरा दाग. मुंह या होंठो में दर्द होना, होंठों का नरम पड़ना या सुन्न पड़ना. दांतों में कितने प्रकार की बीमारी होती है?आमतौर पर दांतों से जुड़ीं 2 तरह की समस्याएं होती हैं: 1. मसूढ़ों से जुड़ीं, 2. दूसरी दांतों संबंधी। पायरिया मसूढ़ों और हड्डी की बीमारी होती है।
दांतों में कौन कौन से रोग हो जाते हैं?जब आप दांतों को ब्रश करते हैं तो उस समय मसूड़ों से खून निकलता है।. सांसों से बदबू आती है।. दांत ढीले हो जाते हैं या दांतों की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है।. पायरिया मसूड़ों को पीछे हटा देता है।. मसूड़ों का लाल होना, मुलायम होना या मसूड़ों में सूजन आना पायरिया के लक्षण को प्रकट करते हैं।. चबाने पर दर्द महसूस होता है।. दांत का कैंसर क्या होता है?डॉक्टर कामिला का कहना है, 'माउथ या ओरल कैंसर तब होता है जब होंठ, जीभ, मसूड़े या टॉन्सिल में ट्यूमर बन रहा हो. मुंह के छाले लगातार हो रहे हों, इनमें दर्द या गांठ हो और दांत कमजोर हो रहे हों तो ये मुंह का कैंसर भी हो सकता है. कभी-कभी इससे मुंह या जीभ पर लाल या सफेद पैच भी बन सकते हैं.
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