चालू खाते का मतलब क्या होता है? - chaaloo khaate ka matalab kya hota hai?

शब्द चालू खाता किसे कहते है | चालू खाता का अंग्रेजी में मतलब या अर्थ क्या होता है चालू खाता meaning in english current account किसे कहते है | current account मीनिंग इन इंग्लिश , अर्थ मतलब क्या होता है अंग्रेजी में क्या कहा जाता है और उसकी स्पेलिंग या अर्थ बताइए ?

चालू खाता का इंग्लिश = current account

अर्थात कहने का मतलब यह है कि current account को इंग्लिश में current account कहा जाता है और यह भी समझ लीजिये कि यह एक Noun होती है अर्थात जब वाक्य में current account या चालू खाता का प्रयोग किया जाता है तो यह एक Noun की भाँती व्यवहार करता है |

चालू खाता meaning in english = current account

on another hand meaning of current account in hindi = चालू खाता

this is also a type of Noun , it means when we use the words current account or hindi word चालू खाता , these will work like Noun .

अर्थात ये Noun की तरह कार्य करते हुए वाक्य में पाए जाते है |

जब वाक्य में हमें चालू खाता , यह शब्द भाव देना हो तो उस इंग्लिश के वाक्य में current account का उपयोग सम्भव है और दूसरी तरफ यदि सेंटेंस में current account दिया गया है तो उसका एक मतलब या भाव चालू खाता भी हो सकता है और इस स्थिति में यह Noun की तरह कार्य कर रहा होगा |

Current account new rules : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने करंट अकाउंट यानी चालू खाते खोलने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय निर्दिष्ट किए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उधारकर्ताओं के बीच क्रेडिट अनुशासन है और फंड की कोई री-रूटिंग (डायवर्जन) नहीं हो रही है। अगस्त 2020 में अधिसूचित इन नए नियमों को शुरू में तीन महीने में लागू करना था। हालांकि, बैंकों को इनका अनुपालन करने के लिए और समय की जरुरत महसूस होने के चलते इसकी समय सीमा 31 जुलाई 2021 तक बढ़ा दी गई। अब इसे एक बार और बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। यहां आप करंट अकाउंट और आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के बारे में जान सकते हैं।

चालू खाता, जिसे लेनदेन संबंधी खाते (यानी ट्रांजेक्शनल अकाउंट) के रूप में भी जाना जाता है, एक बैंक खाता है जिसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं होती है। ये खाते न तो निवेश के उद्देश्य से काम करते हैं, और न ही बचत खाते (सेविंग अकाउंट) की तरह इन खातों में रखी धनराशि पर कोई ब्याज मिलता है। चालू खातों का उपयोग आमतौर पर पेशेवर, छोटे व्यवसाय और उद्यमी करते हैं।

एकल करंट खाता कौन खोल सकता है?

करंट खाता सुविधा आमतौर पर उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े हैं। इस तरह का खाता खोलने के लिए आपके पास निगमन प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन), फर्म या कंपनी के पते का साक्ष्य और आपका पैन कार्ड जैसे दस्तावेज होने चाहिए। कई बैंक जीएसटी पंजीकरण संख्या पर भी जोर देते हैं। नए नियमों के बाद, वे ग्राहक भी चालू खाता खोल सकते हैं जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से कोई लोन सुविधा नहीं ले रखी है और जिनका बैंकिंग प्रणाली में एक्सपोजर 5 करोड़ रुपए से कम है। हालांकि, ऐसा करते समय बैंक ऐसे ग्राहकों को यह वचनपत्र देने के लिए कह सकते हैं कि यदि उधारकर्ता द्वारा बैंकिंग प्रणाली से लिया जाने वाला क्रेडिट 5 करोड़ रुपए को पार कर जाता है तो वे इस बारे में बैंकों को सूचित करेंगे।

ये नए मानदंड क्यों?

यह देखा गया है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।

इससे कौन से चालू खाते होंगे?

इसका असर उन उधारकर्ताओं के चालू खातों पर पड़ेगा, जिन्होंने दूसरे बैंकों से सीसी/ओडी की सुविधा ले रखी है। बैंक इस बारे में आपको सूचित करने के लिए नोटिस भेजेगा। इसके अलावा, यदि आपने सीसी/ओडी सुविधाओं का लाभ उठाया है और उन फंड को अपने चालू खाते में ट्रांसफर कर दिया है तो आपका खाता प्रभावित होगा। यदि आपके पास पहले से एक चालू खाता है और आपने कोई सीसी/ओडी सुविधा नहीं ली है तो आपका खाता बंद नहीं होगा।

यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?

अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।

यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।

नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?

इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।

निष्कर्ष

31 जुलाई तक ऐसे ज्यादातर चालू खाते फ्रीज कर दिए गए थे लेकिन बंद नहीं किए गए थे। समय सीमा बढ़ाने के बाद, बैंक अब नई व्यवस्था के लिए अपने ग्राहकों से माइग्रेशन पथ के बारे में बात करेंगे। अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों के साथ बात कर इन मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करने का प्रयास करेंगे। जिन खातों को फ्रीज कर दिया गया है, उन्हें अब फिर से खोला और चालू किया जा सकता है क्योंकि आरबीआई ने (इन नियमों को) लागू करने की तिथि बढ़ा दी है।

चालू खाते से आप क्या समझते हैं?

चालू खाता, जिसे लेनदेन संबंधी खाते (यानी ट्रांजेक्शनल अकाउंट) के रूप में भी जाना जाता है, एक बैंक खाता है जिसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं होती है। ये खाते न तो निवेश के उद्देश्य से काम करते हैं, और न ही बचत खाते (सेविंग अकाउंट) की तरह इन खातों में रखी धनराशि पर कोई ब्याज मिलता है।

चालू खाते कितने प्रकार के होते हैं?

भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?.
बैंक खातों के प्रकार निम्न हैं:-.
बचत खाता.
चालू खाता.
सावधि जमा खाता.
आवर्ती जमा खाता.
नो-फ़्रिल अकाउंट या बुनियादी बचत खाता.
बचत बैंक खाता (Savings Bank Account).
चालू जमा खाता (Current Deposit Account).

चालू खाता और बैंक खाते में क्या अंतर है?

सेविंग और करंट अकाउंट के बीच में है ये अंतर बचत खाते में ब्याज मिलता है, चालू खाते में किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है. सेविंग अकाउंट में एक लिमिट तक ही आप ट्रांजैक्शन (Limited Transaction) कर सकते हैं वहीं करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन लिमिट (Transaction Limit) नहीं होती है. जितना चाहे उतना ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.

चालू खाते के नियम क्या है?

चालू खाते की खासियत यह होती है, कि इसमें से दिन में कितनी भी बार पैसा निकाला और जमा किया जा सकता है, वह भी बिना कोई Charge काटे। लेकिन, इसमें जमा पैसे पर बैंक कोई ब्याज (Interest) नहीं देता। चालू खाते में Overdraft (जमा रकम से ज्यादा पैसा निकालने) की भी सुविधा भी मिल सकती है