Show अज्ञेय द्वारा स्थापित तार सप्तक हिन्दी आधुनिक साहित्य के उत्तरकाल में अपना विशेष महत्त्व रखता है। यह चार खण्डों में विभक्त है- प्रथम तारसप्तक का प्रतिपादन 1943 में किया गया है। प्रथम तार सप्तक में निम्नलिखित कवि हैं- 1. गजानन माधव मुक्तिबोध, 2. रामविलास शर्मा, 3. नेमिचंद जैन, 4. गिरिजा कुमार माथुर, 5. भारत भूषण अग्रवाल, 6. प्रभाकर माचवे 7. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'। द्वितीय तार सप्तक (1951ई.) के प्रमुख कवि- 1. भवानी प्रसाद मिश्र, 2. शकुन्तला माथुर, 3. हरिनारायण व्यास, 4. शमशेर बहादुरसिंह, 5. नरेश मेहता, 6. रघुवीर सहाय, 7. धर्मवीर भारती। तृतीय तार सप्तक ( 1959 ई.) के प्रमुख कवि- 1. प्रयाग नारायण त्रिपाठी, 2. कुँवरनारायण, 3. कीर्ति चौधरी, 4. केदारनाथ सिंह, 5. मदन वात्स्यायन, 6. विजय देवनारायण साही, 7. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना। चतुर्थ तार सप्तक (1979ई.) के कवि- 1. राजकुमार कुंभज, 2. अवधेश कुमार, 3. श्रीराम वर्मा, 4. नन्द किशोर आचार्य (बीकानेर), 5. राजेन्द्र किशोर, 6. स्वदेश भारती, 7. सुमन राजे। Free UP Police SI (दरोगा) 2020: Full Mock Test 160 Questions 400 Marks 120 Mins Latest UP Police Sub Inspector Updates Last updated on Sep 22, 2022 The Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board (UPPRPB) has released the final result and category-wise cut-off for UP Police SI (Sub Inspector). The result is declared on 12th June 2022. A total of 9534 candidates were recruited for the post of UP Police SI in this exam cycle of 2020-21. Candidates can check UP Police SI Cut Off from here. The official notification for the next recruitment cycle is expected to be out very soon. So the candidates should continue with their preparation. आज की पोस्ट में तार सप्तक ट्रिक्स से हम इस विषयवस्तु को अच्छे से तैयार करेंगे तार सप्तक ट्रिक्स(taar sapatk trick)
अज्ञेय के अनुसार “एक ही प्रकार की भाव- चेतना के तार में पिरोए सात कवियों की रचनाओं का संकलन तार सप्तक कहलाता है” ‘ तार सप्तक’ मूलतः प्रभाकर माचवे के दिमाग की उपज मानी जाती है, परंतु इसके प्रवर्तन का श्रेय अज्ञेय को प्रदान किया जाता है वे राही नहीं अपितु राहों के अन्वेषी हैं” हिंदी साहित्य जगत में अब तक चार तार सप्तकों की स्थापना हो चुकी है(1943ई .,1951ई .,1959ई .,1979ई .) ⇒तार सप्तक⇒ तार सप्तक -1943 ई . तार सप्तक के कवि तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick) अ – अज्ञेय ⇒द्वितीय तार सप्तक⇒सन – 1951 ई . द्वितीय तार सप्तक कर कवि⇓⇓ तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick) *धर्मवीर ओर शमशेर शंकुतला का हरण करके भागे* धर्मवीर – धर्मवीर भारती ⇒तृतीत तार सप्तक⇒सन – 1959 ई . तृतीत तार सप्तक के कवि तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick) *प्रयाग विजय में कीर्ति ने कुँवर सर से केदार के मन की बात कहि* प्रयाग – प्रयाग नारायण त्रिपाठी ⇒चतुर्थ तार सप्तक ⇒सन
-1979 ई . चतुर्थ तार सप्तक के कवि⇓⇓ तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick) *सुश्री राम ने स्वदेशी अवधेश को राजकुमार नन्दकिशोर से मिलाया* सु – सुमन राजे विशेष:- ★तार सप्तकों में कुल महिला – 3 ★तारसप्तको में राजस्थान से – नन्दकिशोर आचार्य ★तार सप्तकों में पति -पत्नी –गिरिजाकुमार माथुर, शंकुतला माथुर। ये भी जरूर देखें आदिकाल की बेहतरीन ट्रिक्स सूफी काव्य की ट्रिक्स समास क्या होता है ? परीक्षा में आने वाले मुहावरे सर्वनाम व उसके भेद महत्वपूर्ण विलोम शब्द देखें विराम चिन्ह क्या है ? परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें तार सप्तक के संपादक कौन है?अज्ञेय द्वारा 1943 ई० में नयी कविता के प्रणयन हेतु सात कवियों का एक मण्डल बनाकर तार सप्तक का संकलन एवं संपादन किया गया। तार सप्तक नयी कविता का प्रस्थान बिंदु माना जाता है।
तीसरे तार सप्तक के कवि कौन कौन से हैं?तीसरा सप्तक अज्ञेय द्वारा संपादित नई कविता के सात कवियों की कविताओं का संग्रह है। इसमें कुँवर नारायण, कीर्ति चौधरी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन, प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह और विजयदेवनरायण साही की रचनाएँ संकलित हैं।
दूसरा सप्तक के कवि कौन है?दूसरा सप्तक सात कवियों का संकलन है जिसका संपादन अज्ञेय द्वारा 1949 में तथा प्रकाशन 1951 में भारतीय ज्ञानपीठ से हुआ। दूसरा सप्तक में भवानी प्रसाद मिश्र, शकुन्तला माथुर, हरिनारायण व्यास, शमशेर बहादुर सिंह, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय एवं धर्मवीर भारती की रचनाएँ संकलित हैं।
हिन्दी में कुल कितने तार सप्तक हुए हैं?तार सप्तक के कवि (1943 ई०)– अज्ञेय, मुक्तिबोध, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, भारत भूषण अग्रवाल, नेमिचन्द्र जैन, रामविलास शर्मा। तार सप्तक एक काव्य संग्रह है। अज्ञेय द्वारा 1943 ई० में नयी कविता के प्रणयन हेतु सात कवियों का एक मण्डल बनाकर तार सप्तक का संकलन एवं संपादन किया गया।
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