लाल किले पर तिरंगा कौन फहराता है? - laal kile par tiranga kaun phaharaata hai?

Independence Day 2022 Flag Hoisting Timings and schedule: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लगातार 9वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे.

लाल किले पर तिरंगा कौन फहराता है? - laal kile par tiranga kaun phaharaata hai?

Independence Day 2022 Flag Hoisting Timings

Independence Day 2022 Flag Hoisting Timings and schedule: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लगातार 9वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे. इस साल 15 अगस्त को होने वाला समारोह खास है क्योंकि यह भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हो रहा है और सरकार इस मौके पर कई कार्यक्रम शुरू कर रही है. सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर ‘हर घर तिरंगा’ समेत कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. मोदी अक्सर इस अवसर पर अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के अहम नतीजों पर बात करते हैं और कई बार महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हैं. उन्होंने पिछले साल अपने भाषण में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन, गति शक्ति मास्टर प्लान और 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणाएं की थीं. ऐसे में ध्वजारोहण के साथ साथ प्रधानमंत्री के संबोधन पर सभी की निगाहें रहती हैं. तो जानते हैं कि कितने बजे ध्वजारोहण होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्या शेड्यूल है.

स्वतंत्रता दिवस 2022: ध्वजारोहण का समय

सुबह 7:06 बजे – प्रधानमंत्री मोदी, राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की समाधि राजघाट पर फूल चढ़ाएंगे
सुबह  7:14 बजे राजघाट से लाल किले के लिए रवाना होंगे
सुबह  7:18 बजे लाहोरी गेट पर आरएम, आरआरएम और डिफेंस सिक्योरिटी पीएम को लेने जाएंगे.
सुबह  7:20 बजे – लाल किले पर गार्ड ऑफ ऑनर होगा
सुबह  7:30 बजे – प्रधानमंत्री लाल किले की प्रचीर पर देश का तिरंगा झंडा फहराएंगे

संबंधित राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडलों, प्रखंडों, ग्राम पंचायतों और गांवों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की रस्म सुबह 9 बजे के बाद शुरू होगी.

इससे पहले 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि छह लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने का काम 1,000 दिन में पूरा किया जाएगा. उन्होंने प्रत्येक नागरिक को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र देने की सरकार की योजना का भी जिक्र किया था. उन्होंने 2019 में स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का पद बनाने की अहम घोषणा की थी.

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आजाद भारत के इतिहास में दो प्रधानमंत्री ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने देश की बागडोर तो संभाली, लेकिन उन्हें लाल किले पर तिरंगा फहराने का मौका नहीं मिला. गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर दो ऐसे प्रधानमंत्री हुए हैं, जो पीएम रहते हुए भी लाल किले पर तिरंगा नहीं फहरा सके.

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद का मुद्दा उठाया

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

पीएम मोदी ने कहा, मैं दो विषयों पर चर्चा करना चाहता हूं. मैं मानता हूं हमारी इन चुनौतियों, विकृतियों, बीमारियों के कारण 25 साल का अमृत काल, अगर समय रहते नहीं चेते तो विकराल रूप ले सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक है भ्रष्टाचार, दूसरा परिवारवाद- भाई भतीजावाद.

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं. एक तरफ वो लोग हैं, जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है. दूसरे वे लोग हैं. जिनके पास लूटी हुई रकम रखने की जगह नहीं है. हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है. जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट लूट कर भाग गए. हम उनकी संपत्ति जब्त कर रहे हैं. कई लोग जेल में हैं. हमारी कोशिश है कि जिन लोगों ने देश को लूटा है, उनके लिए ऐसी स्थिति बनाई जाए, कि उन्हें लूटा हुआ पैसा लौटाना पड़े. 

पीएम मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है. मुझे इसके खिलाफ लड़ना है. मुझे इसके खिलाफ लड़ाई को तेज करना है. मुझे 130 करोड़ भारतीयों का साथ चाहिए, ताकि मैं इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ सकूं. इसलिए मेरे देशवासियों ये चिंता का विषय है भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है. लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई चेतना नहीं दिखती. 

बता दें कि राष्ट्रपति भवन में 'AT-HOME FUNCTION' शाम पांच बजे के बाद शुरू होगा. कार्यों में आमंत्रितों का एक समूह होता है इनमें- दिव्यांगजन, विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां, वे लोग जिन्होंने समाज में अनुकरणीय योगदान दिया (कोविड के समय में समाज सेवा करने वाले लोग भी शामिल हैं), पर्यावरण-योद्धा (अनुकरणीय पर्यावरण संरक्षण करने वाले लोग), स्वच्छाग्रही, शहीदों के परिजन, ओलंपिक और राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय लेवल के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण खेल आयोजनों के विजेता, असाधारण शिक्षक, फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स, बाल बहादुरी पुरस्कार विजेता, महिला सरपंच आदि, छात्र टॉपर्स और सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता समेत लगभग 8000 लोगों को बुलाया जाता है.

आजादी के 75 साल पूरे होने वाले है। इस बार स्वतंत्रता दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाने की तैयार चल रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया है कि इस बार हर भारतीय अपने घरों पर तिरंगा फहराएं। भारत सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान का आयोजन 13 अगस्त से 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। वही भारत के प्रधानमंत्री आजादी के 75 साल पूरे होने पर लाल किले से झंडा फहराएंगे। आज हम आपको एक अलग जानकारी देने जा रहे हैं शायद इसके बारे में आपको मालूम नहीं होगा।

क्या अंतर है?

15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था और इसी दिन हम सब स्वतंत्रता दिवस के रूप में झंडा फहराते हैं लेकिन क्या आपको मालूम होगा कि 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री लाल किले से ध्वजारोहण करते हैं और 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा को फहराया जाता है। वही 15 अगस्त को झंडे को ऊपर खींच कर फहराया जाता है और गणतंत्र दिवस के दिन झंडा ऊपर बांधा रहता है, बस उसे खोलकर लहराया जाता है। इसमें दोनों की अलग-अलग मान्यता है। 15 अगस्त 1947 को देश हमारा आजाद हुआ। एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत का उदय और ब्रिटिश शासन के अंत का प्रतीक माना जाता है जबकि गणतंत्र दिवस पर, ध्वज को ध्वज के खंभे के शीर्ष पर बांधा जाता है और इसे 'फहराया' जाता है जो देश के लिए एक गणतंत्र के रूप में अपने पंख फैलाने के लिए एक खुले युग का संकेत देता है।

15 अगस्त पर प्रधानमंत्री ही तिरंगा क्यों फहराते हैं
इतिहासकारों के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री इसलिए झंडा फहराते हैं क्योंकि जब देश हमारा आजाद हुआ था उस समय देश में कोई  राष्ट्रपति नहीं था। उस समय आजाद भारत के सर्वे सर्वा प्रधान सेवक प्रधानमंत्री ही थे, जिनके द्वारा 15 अगस्त 1947 को झंडा फहराया गया। हालांकि 26 जनवरी 1950 को जब देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया, तो वही से गणतंत्र दिवस पर झंडा लहराने की परंपरा शुरू हो गई। आपको बता दें कि 26 जनवरी को हमारी संविधान की स्थापना हुई थी और राष्ट्रपति पूरे राष्ट्र के रक्षक होते हैं, संविधान के सर्वोच्च सैनिक होते हैं ऐसे में गणतंत्र की रक्षा करना राष्ट्रपति की जिम्मेदारी होती है इसलिए 26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा लहराते हैं।

दोनों अलग अलग जगह झंडा लहराते हैं?
भारत के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं। प्रधानमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं, लाल किले से प्रधानमंत्री अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हैं साथ ही साथ आने वाला कल कैसा होगा, भारत के प्रधानमंत्री सभी भारतवासियों को एक सपना भी दिखाते हैं जबकि गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति के द्वारा राजपथ पर झंडे को फहराया जाता है। उस दिन पूरे देश की संस्कृति को दिखाई जाती है इसके साथ ही साथ हमारी सैन्य ताकत का भी प्रदर्शन किया जाता है। अकाशों में जंगी जहाज सर्कस दिखाती हैं। इस मौके पर कई बार देखा गया है कि किसी देश के प्रधानमंत्री अतिथि के रूप में शामिल भी होते हैं। इस कार्यक्रम में 15 अगस्त के अपेक्षा बैठने के लिए सीटों की संख्या काफी होती है ।

 

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लाल किला का झंडा कौन फहराता है?

भारत के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं।

15 अगस्त में लाल किला पर झंडा कौन फहराता है?

तीसरा अंतर : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली स्थित लाल किले के प्राचीर पर तिरंगे का ध्वजारोहण करते हैं. वहीं, गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते देश के राष्ट्रपति इंडिया गेट के राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराते हैं.

लाल किला पर झंडा फहराने का समय क्या है?

इसके बाद पीएम राजघाट से सीधे लाल किले जाएंगे. प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर पर 7.30 बजे के करीब तिरंगा झंडा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे.

लाल किले पर कौन सा झंडा फहराया गया?

जैसे ही वर्ष 1947 में देश आजाद हुआ और पूरे देश में जश्न का माहौल था तो 15 अगस्त 1947 को लाल किले पर तिरंगा ध्वज पहनाने के लिए दौसा से तिरंगा गया था.