गुजरात का सबसे पुराना नाम क्या था? - gujaraat ka sabase puraana naam kya tha?

इसे सुनेंरोकेंनामोत्पत्ति गुजरात नाम, गुर्जरत्रा से आया है। गुर्जरों का साम्राज्य ६ठीं से १२वीं सदी तक गुर्जरत्रा के नाम से जाना जाता था ( गुर्जर प्रतिहार राजवंश द्वारा राज किए जाने से ही गुजरात नाम पड़ा हैं।) ।

मोरबी डैम कब टूटा था?

इसे सुनेंरोकें- 11 अगस्त 1979 को दोपहर सवा तीन बजे डैम टूट गया और 15 मिनट में ही पूरा शहर पानी में डूब गया था।

गुजरात क्यों प्रसिद्ध है?

इसे सुनेंरोकेंगुजरात का प्राचीन इतिहास विश्व की अति प्राचीन सभ्यता में से एक सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य केंद्र गुजरात ही था। जिसमें लोथल, धोलावीरा और डिनो जैसे प्राचीन नगर प्रसिद्ध थे। कहा जाता है की प्राचीन भारत का पहला बंदरगाह गुजरात के लोथल में ही स्थित था। धार्मिक दृष्टिकोण से भी गुजरात का इतिहास काफी पुराना है।

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मोरबी का राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंमयूरध्वज मोरबी के राजा थे।

गुजरात के पड़ोस में कौन सा देश है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: गुजरात भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसके पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में पाकिस्‍तान तथा उत्तर-पूर्व में राजस्‍थान, दक्षिण-पूर्व में मध्‍यप्रदेश और दक्षिण में महाराष्‍ट्र है।

गुजरात की स्थापना कब हुई थी?

1 मई 1960गुजरात / स्थापना की तारीख

गुजरात का संस्थापक कौन था?

इसे सुनेंरोकेंअहमदशाह (1411-1443 ई.) उसे गुजरात के स्वतंत्र राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। वह बड़ा ही पराक्रामी एवं योग्य शासक था। उसने अपने शासन काल में मालवा, असीरगढ़ एवं राजपूताना के अनेक राज्यों पर विजय प्राप्त की थीं। अहमदशाह ने असाबल के समीप अहमदनगर नामक नगर की स्थापना की।

महाराष्ट्र और गुजरात कब अलग हुआ?

इसे सुनेंरोकेंगुजरात स्थापना दिवस 1 मई को मनाया जाता है। भारत के स्वतंत्र होने के समय यह प्रदेश मुम्बई राज्य का अंग था। अलग गुजरात की स्थापना 1 मई, 1960 को हुआ। महाराष्ट्र की स्थापना के पचास साल पूरे हो गये हैं।

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गुजरात का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंगुजरात Meaning in Hindi – गुजरात का मतलब हिंदी में गुजरात संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक राज्य। गुजरात- संज्ञा पुलिंग [संस्कृत गुर्जर + राष्ट्र] [विशेषण गुजराती] भारत- वर्ष के पश्चिम प्रांत का एक देश जो राजपूताने के आगे पड़ता है ।

गुजरात से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंGujarat in Hindi : गुजरात भारत के पश्चिम में स्थित भारत का प्रमुख राज्य है जिसमें 1,600 किमी (990 मील) की तटरेखा है। गुजरात क्षेत्रफल के हिसाब से पांचवां सबसे बड़ा भारतीय राज्य है जबकि जनसंख्या के हिसाब से नौवां सबसे बड़ा राज्य है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने हाल में बयान दिया कि गुजरात सरकार अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती रखने पर विचार कर रही है. इस बयान में एक मुस्लिम विरोधी झलक दिखी.

इस पर संशय बरकरार है कि अहमदाबाद से पहले इस शहर का नाम कर्णावती हुआ करता था.

अहमद शाह ने 1,411 में इस शहर का निर्माण किया था और इसकी चारदीवारी के बाहर एक छोटा सा शहर हुआ करता था.

यह पेचीदा इतिहास सरकार के लिए कोई महत्व नहीं रखता है जो मुसलमानों को राक्षस जैसा दिखाने पर तुली हुई है. हिंदुत्व आंदोलन की योजना का यह मुख्य बिंदु रहा है.

इसके ज़रिए केवल गुजरात के इतिहास में रहे मुसलमानों के प्रभाव और महत्व को कम करने की कोशिश है. वहीं, गुजराती मुसलमानों के साथ हुई सांप्रदायिक हिंसा, भेदभाव, सामाजिक-आर्थिक अंतर, घर न ख़रीद पाने जैसी कहानियां कभी भी लिपिबद्ध नहीं हुई हैं.

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अहमदाबाद से 35 किलोमीटर दूर मुबारक सैयद का मक़बरा

हिंदू-मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा में मुख्य तत्व धार्मिक स्मारकों का विध्वंस रहा है. इन कार्रवाईयों का मक़सद हमेशा अलग रहा है. इनमें हत्या से लेकर व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया जाता रहा है.

उदाहरण के लिए गुजरात में 1969 दंगों की जांच के लिए गठित किए गए जस्टिस जगनमोहन रेड्डी आयोग ने कहा था कि दंगों में मस्जिदों, क़ब्रिस्तानों, दरगाहों समेत मुसलमानों के तक़रीबन 100 धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया था.

1980 और 1992 के दंगों के दौरान भी ये कार्रवाइयां हुईं और 2002 दंगे के दौरान यह शीर्ष पर थी जहां मुसलमानों से जुड़े 500 से अधिक धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया या उन्हें नष्ट कर दिया गया.

2007 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया जिसके तहत नष्ट की गई धार्मिक संपत्तियों को गुजरात सरकार द्वारा केवल 50 हज़ार रुपये तक सहायता राशि ही दी जानी थी.

इस मामले में वली मुहम्मद वली के मक़बरे को नष्ट करने का भी ज़िक्र था. 2002 में हुए दंगे में इसे पूरी तरह नष्ट कर दिया गया और इसे ठीक करने की जगह अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने रात ही रात में इस मक़बरे के ऊपर पक्की सड़क बना दी.

यह मक़बरा अहमदाबाद के शाहीबाग इलाक़े में स्थित पुलिस कमिश्नर के दफ़्तर से ज़्यादा दूर भी नहीं था.

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प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद की सीदी सैयद मस्जिद का दौरा कर चुके हैं

मोदी ने कहा मक़बरे के सबूत नहीं

वली मुहम्मद वली को वली गुजराती के नाम से जाना जाता है. वह न केवल उर्दू शायरी का बड़ा नाम थे बल्कि ऐसे पहले विचारक थे जिन्होंने गुजरात को पहचान दी. गुजरात को लेकर उनकी भावनाएं उनकी ग़ज़ल दार-फ़िराक-ए-गुजरात में भी दिखती हैं जब वह गुजरात छोड़ते समय उदासी में डूब जाते हैं.

वर्तमान में एमनेस्टी इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने जब गुजरात के तात्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से वली गुजराती के मक़बरे का पुनः निर्माण की बात की थी तो मोदी ने पटेल से कहा था कि इसके कोई पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि वहां किसी वली का मक़बरा था.

कई और दफ़े इस्लामी विरासत के इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिशें की जाती हैं. जैसे कंकड़िया झील (पूर्व में हौज़-ए-क़ुत्ब) के बारे में सुनने को मिलता रहा है कि पहले यह कर्णासागर झील थी जो चालुक्य वंश के शासक कर्णदेव सोलंकी ने बनवाई थी.

हालांकि, इस झील को लेकर पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं जो इसकी पुष्टि करें. हालांकि, एक स्रोत के अनुसार वास्तव में उत्तरी गुजरात के पाटन ज़िले के चणास्मा तालुका में कर्णासागर झील थी.

इतिहास को नकारने के साथ-साथ वर्तमान में मौजूद इस्लामी विरासत को नज़रअंदाज़ करने की कोशिशें जारी रहती हैं. उदाहरण के लिए अहमदाबाद के मकरबा के बाहरी हिस्से में मौजूद सरखेज रोज़ा को सही तरह से संरक्षित नहीं किया गया.

अहमदाबाद का दुर्ग कहे जाने वाली इस इमारत से जुड़ी झील हर साल खाली रहती है और इसके पड़ोस में रहने वाले लोग इस पर क्रिकेट खेलते हैं.

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अहमदाबाद का सरखेज रोज़ा

यह राजनीतिक नेतृत्व में मुसलमानों की कमी को साफ़ दिखाता है. साथ ही बीजेपी द्वारा लगातार मुसलमानों को नज़रअंदाज़ करना भी दिखाता है. आरंभ से ही इस पार्टी से एक भी मुसलमान विधानसभा में नहीं पहुंचा है.

वास्तव में कांग्रेस पार्टी ने भी हिंदुत्व का 'सॉफ़्ट ब्रैंड' अपना लिया है. 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने मुस्लिम धार्मिक स्थल जाने से इनकार कर दिया था. यह घाव पर नमक छिड़कने जैसा था.

कर्णावती के सटीक स्थान के ऐतिहासिक सबूतों के बिना अहमदाबाद का नाम बदलना असंभव है. हालांकि, सरकार अगर यूनेस्को की विश्व विरासत शहर की सूची में शामिल इस शहर का नाम बदलना चाहती है तो उसे यूनेस्को से भी मंज़ूरी लेनी होगी.

इसके साथ ही बीजेपी की इस्लामी विरासत को लेकर रणनीति पर दोहरे रवैये को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है. विश्व विरासत शहर में शामिल करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वह उन स्मारकों पर भरोसा करती है जो गुजरात के सल्तनत काल में बनाए गए थे.

वहीं, राजनीतिक उद्देश्य के लिए वह संदिग्ध इतिहास का समर्थन करती है. इस पूरी रणनीति का एक ही मक़सद है कि 2019 के आम चुनावों से पहले इतिहास से मुसलमानों को मिटाकर कैसे राज्य का वातावरण ख़राब किया जाए.

(इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं. इसमें शामिल तथ्य और विचार बीबीसी के नहीं हैं और बीबीसी इसकी कोई ज़िम्मेदारी या जवाबदेही नहीं लेती है.)

गुजरात का पूर्व नाम क्या था?

नामोत्पत्ति गुजरात नाम, गुर्जरत्रा से आया है। गुर्जरों का साम्राज्य ६ठीं से १२वीं सदी तक गुर्जरत्रा के नाम से जाना जाता था गुर्जर राजाओं के राज्य के कारण इसे गुर्जरत्रा कहा गया हैं।

गुजरात का ऐतिहासिक नाम क्या था?

इस पर संशय बरकरार है कि अहमदाबाद से पहले इस शहर का नाम कर्णावती हुआ करता था. अहमद शाह ने 1,411 में इस शहर का निर्माण किया था और इसकी चारदीवारी के बाहर एक छोटा सा शहर हुआ करता था.

गुजरात का पहला राजा कौन था?

गुजरात के पहले स्वतंत्र सुल्तान अहमद शाह थे, जिन्होंने अहमदाबाद (1411) की स्थापना की। 16वीं सदी के उत्तरार्ध में गुजरात पर मुग़लों का शासन हो गया, जो मध्य 18वीं सदी तक रहा। इसके बाद राज्य पर मराठों का शासन हो गया।

गुजरात राज्य कब बना?

भारत के स्वतंत्र होने के समय यह प्रदेश मुम्बई राज्य का अंग था। अलग गुजरात की स्थापना 1 मई, 1960 को हुआ।