आज के टाइम में काला धागा पहनने का चलन काफी ट्रेंड में है। ज्यादातर लोग काले धागे को गले, बाजु, हाथ और पैरों में बांधते हैं। मान्यताओं के मुताबिक कला धागा पहनने से बुरी नजर से बचाव होता है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में इसे बांधने के कई अन्य उपाय भी बताए गए हैं। Show दरअसल, बहुत से लोग स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतों को खत्म करने के लिए काला धागा बांध लेते हैं। मगर, धार्मिक दृष्टिकोण में तो काले धागे का सबसे ज्यादा महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ऐसी ही दो राशियां है जिन्हें भूलकर भी काला धागा नहीं पहनना चाहिए। नहीं तो उन्हें अनिष्ट का सामना करना पड़ सकता है। इन दोनों राशियों के जातकों को काला धागा पहनना कई मुश्किलों में डाल सकता है। तो आइये आपको बताते हैं किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए काला धागा। मेष राशि: मेष राशि वाले लोगों का स्वामी मंगल होता है। ऐसे में काले धागे का संबंध राहु और शनि दोनों से होता है। शनि और मंगल दोनों में ही शत्रुता का भाव है। ऐसे में मंगल का शुभ प्रभाव खत्म होते ही राहु का प्रभाव शुरू हो जाता है जो दुर्भाग्य की वजह बनती है। इतना ही नहीं ये जीवन में कई तरह की परेशानियों को बुलावा भी देती है। इसलिए इस राशि के जातकों को काला धागा पहनने से माना किया जाता है। वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों का भी स्वामी मंगल ग्रह है। काले रंग से मंगल देव प्रसन्न नहीं हो पाते हैं। इसलिए ध्यान रहे इस राशि के लोग हाथ-पैर में काला धागा बिल्कुल भी नहीं बांधे। क्योंकि इसे नकारात्मक और अनिष्ट का संकेत माना जाता है। काला धागा बांधने के फायदे ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, काला धागा पहनने से बुरी नजर से बचने के अलावा शनि ग्रह भी मजबूत होता है। दरअसल, शनि का संबंध काले रंग से होता है। ऐसे में अगर कोई जातक काला धागा पहनता है, तो उसका शनि ग्रह भी मजबूत होता है। इसके अलावा आर्थिक स्थिति सही करने में भी काला धागा मदद करता है। मान्यताओं के मुताबिक व्यक्ति को सीधे पैर में काला धागा बांधने से उसे पैसों की कमी नहीं होती है साथ ही उसका जीवन सुख-समृद्धि के साथ बीतता है। सेहत के लिहाज से भी काला धागा काफी फायदेमंद माना जाता है। वहीं पैर के अंगूठे में काला धागा बांधता है तो पेट संबंधी समस्या खत्म हो जाती है। काला धागा बांधने से नजर नहीं लगती। लेकिन कुछ लोगों के लिए काला धागा बांधना बेहद गलत साबित हो सकता है। Wearing Black Thread Rules: अक्सर लोग हाथ या पैर में काला धागा बांधे रहते हैं। माना जाता है कि काला धागा बुरी शक्तियों से रक्षा करता है और नजर लगाने से भी बचाता है। लेकिन ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स का ये कहना है कि काला धागा पहनना हर किसी के लिए एक जैसा और शुभ परिणाम नहीं लाता। यानी कि ये जरूरी नहीं कि अगर किसी एक व्यक्ति को काला धागा पहनने के बाद नजर नहीं लग रही या बुरी शक्तियों से वह प्रभावित नहीं हो रहा तो किसी अन्य व्यक्ति पर भी ऐसा ही हुबहू असर हो। कुछ लोगों के लिए काला धागा पहनना अशुभ परिणाम भी ला सकता है। ये लोग न धारण करें काला धागा (Who Should Not Wear Black Thread)
डॉ राधाकांत वत्स के अनुसार, दो राशि के लोगों को काला धागा बांधने से बचना चाहिए। वो दो राशियां हैं वृश्चिक और मेष। दरअसल, वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल माने जाते हैं और मंगल का रंग होता है लाल। माना जाता है कि मंगल ग्रह को काले रंग से बैर है। इसलिए वृश्चिक राशि के लोगों को काला धागा कतई नहीं बांधना चाहिए। इससे इस राशि के लोगों पर उल्टा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं, मेष राशि के स्वामी भी मंगल ही हैं। इसी कारण से ही मेष राशि के लिए भी काला धागा पहनना अशुभ फलदायी साबित हो सकता है। अगर इन दो राशियों के लोग काला धागा पहनते हैं तो इससे उन्हें बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसे जरूर पढ़ें: पानी की टंकी की दिशा तय करेगी आपकी समाज में प्रतिष्ठा ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इन लोगों को धन हानि, मान हानि और स्वास्थ हानि का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, परिवार में अशांत वातावरण भी उत्पन्न हो सकता है। ये तो हो गई उन लोगों की बात जिनके लिए काला धागा बांधना निषेध है लेकिन वहीं, जो लोग काला धागा बांध सकते हैं उनके लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं। काला धागा पहनने के नियम (Wearing Black Thread Rules)काला धागा पहनने का सबसे शुभ दिन शनिवार होता है। ऐसे में जब भी काला धागा बांधने की सोचें तो दिन शनिवार का ही हो इस बात का ख्याल रखें। इसे जरूर पढ़ें: गोबर के कंडे दिलाएंगे आपको हर समस्या से निजात ध्यान रहे कि जिस हाथ में काला धागा बंधा हो उस हाथ में किसी और रंग के धागे का बंधना अशुभ माना जाता है फिर चाहे वो कलावा ही क्यों न हो। हाथ या पैर में बांधने के अलावा आप काले धागे को नींबू के साथ घर के मुख्य द्वार पर भी बांध सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपके घर में कोई बार बार या जल्दी जल्दी बीमार पड़ रहा है तो ऐसे में हनुमान जी के चरणों का सिन्दूर लगा हुआ काला धागा शनिवार के दिन गले में धारण कर लें। इससे सेहत में सुधार जल्द ही नजर आने लगेगा। तो इस बात का ध्यान रखें कि किन के लिए काला धागा पहनना घातक साबित हो सकता है और किन लोगों को इसे नियम के साथ पहनना चाहिए। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। धर्म और त्यौहारों से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। Image Credit: Freepik, Herzindagi क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें। कौन सा हाथ में काला धागा बांधना चाहिए?Kala Dhaga Bandhane ke fayde : काला धागा आपने अक्सर बच्चों के पैरों में या कुआंरी लड़कियों के पैरों में बंधा देखा होगा, जिसे काली गोप कहते हैं। ज्यादातर महिलाओं को बाएं पैर में काला धागा बांधे हुए देखा जाता है लेकिन पुरुषों के लिए, दाहिने पैर पर काला धागा बांधना बेहद शुभ माना जाता है।
सीधे हाथ में काला धागा पहनने से क्या होता है?ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काला धागा पहनने से बुरी नजर के अलावा शनि ग्रह भी मजबूत होता है। क्योंकि शनि का संबंध काले रंग है। ऐसे में अगर कोई जातक अभिमंत्रित करके काला धागा बांधता है तो उसका शनि ग्रह भी मजबूत होता है। इसके अलावा आर्थिक स्थिति सही करने में भी काला धागा मदद करता है।
हाथ में काला धागा कब और कैसे बांधे?काले धागे को शनिवार के दिन बांधना अच्छा माना जाता है। काला रंग शनि ग्रह का प्रतीक है, इसलिए काले धागे को कुंडली के अनुकूल ग्रहों की दशा या प्रतिकूल ग्रहों के दोष के निवारण के समय में ही करवाना चाहिए।
काला धागा कैसे बांधना चाहिए?- काले धागे को धारण करने से पहले किसी ज्योतिष से जरूर सलाह लें। - शरीर के जिस हिस्से में काला धागा बांध रहे हैं वहां किसी अन्य रंग का धागा न बांधें। - अगर आप काला धागा बांध रहे हैं तो रुद्र गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। - ये है मंत्र - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
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