सीता और गीता काम नहीं करती है ट्रांसलेशन - seeta aur geeta kaam nahin karatee hai traansaleshan

सीता और गीता घर जाती है, इंग्लिश में ट्रांसलेट करें?...


सीता और गीता काम नहीं करती है ट्रांसलेशन - seeta aur geeta kaam nahin karatee hai traansaleshan

Ram

Career Counsellor, motivational speaker

0:27

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हाय मैडम आपका प्रश्न है सीता और गीता घर जाती हैं इंग्लिश में ट्रांसलेट करें कि मैं बताना चाहूंगा कि आपके प्रश्न का साथ में हिंदी टू इंग्लिश ट्रांसलेट यह है कि सीता एंड गीता गो टू होम धन्यवाद

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सीता और गीता काम नहीं करती है ट्रांसलेशन - seeta aur geeta kaam nahin karatee hai traansaleshan

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सीता और गीता
सीता और गीता काम नहीं करती है ट्रांसलेशन - seeta aur geeta kaam nahin karatee hai traansaleshan

सीता और गीता का पोस्टर
निर्देशक रमेश सिप्पी
निर्माता जी॰ पी॰ सिप्पी
लेखक सलीम-जावेद
अभिनेता हेमा मालिनी,
धर्मेन्द्र,
संजीव कुमार,
मनोरमा,
रूपेश कुमार
संगीतकार आर॰ डी॰ बर्मन
छायाकार के॰ वैकुंथ
संपादक एम॰ एस॰ शिंदे
प्रदर्शन तिथि(याँ) 17 नवम्बर, 1972
समय सीमा 166 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत ₹ 4 करोड़

सीता और गीता 1972 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य नाट्य फिल्म है। इसमें हेमा मालिनी दोहरी भूमिका में है। सलीम-जावेद (सलीम ख़ान और जावेद अख्तर) द्वारा लिखित कहानी और पटकथा के साथ, यह रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित है। इसमें आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा संगीत दिया गया है। कहानी जुड़वाँ लड़कियों (हेमा मालिनी द्वारा अभिनीत) के बारे में है जो जन्म के समय अलग हो जाती हैं और विभिन्न स्वभावों के साथ बड़ी होती हैं। बाद में दोनों आपस में अपनी जगह बदल लेती हैं। फिल्म में हेमा मालिनी के दो साथियों को धर्मेन्द्र और संजीव कुमार द्वारा चित्रित किया गया है। मनोरमा ने दुष्ट चाची की भूमिका निभाई।

इस विषय को अन्य फिल्मों में इससे पहले और बाद में दोहराया गया है। इस विषय पर पहले की फिल्म दिलीप कुमार की दोहरी भूमिका वाली राम और श्याम (1967) थी। इसके बाद की इस कहानी के हिन्दी रीमेक बनाए गए हैं, जिसमें जितेन्द्र अभिनीत जैसे को तैसा (1973), श्रीदेवी अभिनीत चालबाज़ (1989), अनिल कपूर अभिनीत किशन कन्हैया (1990), सलमान खान अभिनीत जुड़वा (1997) शामिल हैं।

कथानक[संपादित करें]

'सीता और गीता' दो जुड़वाँ बहनों (हेमा मालिनी अभिनीत दोहरी भूमिका) की कहानी है। फिल्म के आरंभ में ही शिरडी से लौटते हुए एक दंपति रास्ते में एक गरीब व्यक्ति से निवेदन करते हैं कि वे रात भर के लिए उन्हें आसरा दे दें क्योंकि उनकी पत्नी को बच्चा होने वाला है और वे रास्ते में फँस गये हैं। उसी गरीब व्यक्ति के घर डॉक्टर के आने से पहले ही बच्ची का जन्म हो जाता है। जब वह दंपति अपनी बच्ची को लेकर चलने लगते हैं और आसरा देने वाले उस व्यक्ति को कुछ रुपए देने लगते हैं तो वह व्यक्ति उन्हें प्रार्थना करने के लिए कहता है कि उनके घर भी संतान का जन्म हो। इस पर उस नन्हीं बच्ची के पिता कहते हैं कि यदि उन्हें जुड़वाँ संतान हुई होती तो वे एक बच्ची उन्हें जरूर दे देते। उनके जाने के बाद उस गरीब व्यक्ति की पत्नी उन्हें नन्हीं नवजात बच्ची दिखलाती है और तब उन्हें पता चलता है कि वस्तुतः उस दंपति को जुड़वाँ बच्ची ही पैदा हुई थी जिसमें से एक बच्ची को उसकी पत्नी ने छुपा लिया है। इस प्रकार एक बच्ची उस गरीब बंजारे के घर पलती है और बड़ी होकर बंजारे का खेल दिखलाती है। उसका नाम है गीता। दूसरी ओर दूसरी बच्ची अपने माता-पिता के घर पलती है। फिल्म में उसके माता-पिता के दिवंगत हो जाने की सूचना उनके चित्र पर टँगी माला से दी जाती है और आरंभ से ही बड़ी हुई सीता नामक उस बच्ची पर उसकी चाची के जुल्मों सितम दिखलाये जाते हैं। उसके पिता अपने निधन से पूर्व अपने वकील मित्र गुप्ता जी को अपनी संपत्ति का ट्रस्टी बनाकर अपनी सारी जायदाद गीता के नाम करके जाते हैं, इस निर्देश के साथ कि जब तक सीता की शादी न हो जाए तब तक उस संपत्ति से अर्जित पाँच हजार रुपये प्रतिमाह वकील गुप्ता जी सीता को देते रहेंगे। वकील साहब के आने पर सीता की चाची उसकी अच्छी तरह देखरेख करने का ढोंग करती है और उनके जाते ही रुपए झपट कर उस पर जुल्मों सितम जारी रखती है। इधर गीता अपने बंजारे टोले के एक बंजारे राका (धर्मेन्द्र) और एक बालक टीना के साथ बंजारों का खेल दिखाकर रुपए कमाती है। वह रस्सी पर चलती है और विभिन्न तरह के करिश्मे दिखाती है। उसे न तो ठीक से बातें करने की तमीज है और न ही घर का कोई काम करने का ढंग। एक दिन उसकी माँ उसे सब्जी लाने भेजती है और वह बच्चों के साथ कंचा खेलने लगती है। राका विनोद पूर्वक यह बात उसकी माँ से बताता है और उसकी माँ जाकर उसे झाड़ू से पीटती है, हालाँकि वास्तव में वह उसे बहुत लाड़ प्यार करती रहती है। परंतु, तात्कालिक पिटाई से बातों-बातों में ही गीता भाग जाती है।

उधर सीता पर एक ओर तो उसकी चाची जुल्म करती ही रहती है दूसरी ओर उसकी चाची का भाई रंजीत उस पर बुरी नजर रखता है और उसकी बात न मानने पर एक दिन सीता पर अपना पर्स चुराने का इल्जाम लगाकर उसे बेल्ट से बुरी तरह पीटता है। सीता की चाची उसकी शादी नहीं करना चाहती है क्योंकि उसकी शादी हो जाने पर पाँच हजार रुपये प्रति महीने से उसे हाथ धोना पड़ेगा। फिर भी सीता के लिए इंग्लैंड से डॉक्टरी पढ़कर आये डॉक्टर रवि (संजीव कुमार) अपने साथ उसके विवाह का रिश्ता लेकर आते हैं, जिसके बारे में सीता के चाचा बद्रीनाथ (सत्येन कप्पू) को पता है कि उन्हें एक सभ्य सुशील भारतीय लड़की ही अपनी पत्नी के रूप में पसंद है। सीता की चाची यह जानकर अपनी पुत्री शीला को तो एक सभ्य सुशील भारतीय लड़की की तरह साड़ी पहनाकर उनके सामने ले जाती है, जबकि सीता को जबरदस्ती धमकाकर अपनी बेटी वाला फैशनेबल पाश्चात्य ड्रेस पहनाकर डॉक्टर रवि और उसके माता पिता के सामने लाती है। इससे वे लोग रिश्ता नामंजूर कर चले जाते हैं। फिर चाची के अत्याचार से तंग आकर एक दिन सीता घर से भाग जाती है, जिसकी रिपोर्ट पुलिस थाने में लिखायी जाती है। उधर घर से भागी हुई गीता एक बच्चे को देखती है जो जुए में अपने स्कूल की फी के बीस रुपये हार कर रोता रहता है। गीता उस जुआरी को बीस रुपये लौटाने को कहती है और उसके न देने पर उसे जबरन पकड़कर पुलिस थाने ले जाती है। वहाँ इंस्पेक्टर गीता को देख कर उसे सीता के हुबहू हमशक्ल होने के कारण उसे ही सीता समझ कर सीता के चाचा बद्रीनाथ को फोन कर देते हैं और वे लोग वहाँ आकर गीता को पकड़ कर जैसे-तैसे घर ले जाने लगते हैं। लेकिन गीता बीच रास्ते ही एक पेड़ की डाल पकड़कर लटक जाती है और फिर कूदकर भाग निकलती है और पीछा करते हुए उन लोगों से बचने के लिए रास्ते में खड़ी डॉक्टर रवि की गाड़ी में छुप जाती है। जब डॉक्टर रवि भी उसे देखते हैं तो वे भी उसे सीता ही मानते हैं और अपने घर ले जाकर उसे जैसे-तैसे समझाकर साड़ी पहना कर अपने माता पिता के सामने आने को कहते हैं। गीता कुछ तो अनजानवश और कुछ कौतुकवश उसकी बात मान कर यथासंभव वैसा करती है। एक दिन रवि के साथ स्केटिंग करते हुए और गीत गाते हुए दोनों दूर निकल जाते हैं। गीता स्केट को न रोक पाने के कारण जैसे-तैसे एक्सीडेंटों से बचते हुए पुलिस द्वारा पकड़ कर अपने घर (सीता के घर) पहुंचा दी जाती है। वहां सीता की दादी को असहाय और लाचार देखकर तथा वहाँ होने वाले जुल्म को समझ कर वह निर्णय करती है कि इस जुर्म को समाप्त किए बिना वह वहाँ से नहीं जाएगी। इसके बाद वह सीता की क्रूर चाची और उसकी बेटी की अच्छी खबर लेती है और उनसे सीता पर ढाए गए जुल्मों का बदला अच्छी तरह लेती है। एक दिन रंजीत की भी खूब धुनाई करती है।

इधर घर से भागी सीता आत्महत्या करने के लिए पुल से नदी में कूदती है और राका द्वारा बचाई जाकर गीता के घर पहुँच जाती है, जहाँ उसे गीता की माँ अपनी बेटी गीता ही मानती है। वह यह जानते हुए भी कि उन लोगों को कोई भ्रम हो रहा है फिर भी उस औरत से माँ का प्यार पाकर वहीं रह जाती है। राका को उसके काफी बदले स्वभाव से आश्चर्य तो बहुत होता है पर उसके प्रभाव में आकर वह कभी शराब न पीने का संकल्प भी करता है।

इधर गीता की शादी सीता के रूप में डॉक्टर रवि से और उधर सीता की शादी गीता के रूप में राका से तय हो जाती है। समस्या तब आती है जब एक दिन रंजीत सब्जी खरीदते हुए वास्तविक सीता को देख लेता है और घर आकर गीता को सीता के माता-पिता के चित्र के पास अपनी स्वीकारोक्ति सुनकर समझ जाता है कि यह वास्तव में एक बंजारन है। तब वह अपने गुर्गों द्वारा सीता का अपहरण करवाता है और घर आकर बतलाता है कि यह लड़की सीता नहीं बल्कि उसकी हमशक्ल है और शायद इसीने सीता का अपहरण कर उसका खून कर दिया है। पुलिस गीता को गिरफ्तार कर ले जाती है। राका उसे जेल की दूसरी मंजिल से छड़ काटकर आजाद करा ले जाता है। उन दोनों को बालक टीना से यह पता चलता है कि सीता को रंजीत एक कमरे में कैद करके रखा है। सीता दीवार पर सिर पटक कर अपना सिर फोड़ लेती है और उसके इलाज के लिए रंजीत के गुर्गे डॉक्टर रवि को ही ले आते हैं। रवि द्वारा असलियत जान लिए जाने पर रंजीत उसे भी बगल के कमरे में बंद करवा देता है और सीता से जबरन शादी करना चाहता है। लेकिन गीता वहाँ पहुँचकर सीता को आजाद करती है और खुद सीता की जगह दुल्हन बनकर रंजीत के साथ फेरे लेने पहुँच जाती है, जहाँ फेरे के बदले उन सबकी अच्छी धुनाई करती है, पर बाद में उसके गुंडों द्वारा पकड़ ली जाती है। तभी राका आकर सबकी धुनाई करता है। आजाद होकर गीता, सीता और डॉक्टर रवि भी गुंडों से लड़ते हैं। लड़ाई को भी मनोरंजक बनाया गया है। फिर वास्तविक सीता की शादी डॉक्टर रवि से और गीता की शादी राका से होती है।

चरित्र[संपादित करें]

कलाकारभूमिका
हेमा मालिनी सीता / गीता
धर्मेन्द्र राका
संजीव कुमार रवि
सत्येन कप्पू बद्रीनाथ
मनोरमा कौशल्या
रूपेश कुमार रंजीत
हनी ईरानी शीला
कमल कपूर रवि के पिता
प्रतिमा देवी दादी माँ
अभि भट्टाचार्य सीता-गीता के पिता
केशव राणा इंस्पेक्टर राणा

संगीत[संपादित करें]

सभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1. "ओ साथी चल" (हेमा मालिनी (गीता के रूप में) और संजीव कुमार पर फिल्माया) किशोर कुमार, आशा भोंसले 4:30
2. "अभी तो हाथ में जाम है" (धर्मेन्द्र पर फिल्माया) मन्ना डे 5:30
3. "कोई लड़की मुझको कल रात" (हेमा मालिनी (गीता के रूप में) और संजीव कुमार पर फिल्माया) किशोर कुमार, लता मंगेशकर 4:20
4. "ज़िन्दगी है खेल" (हेमा मालिनी (गीता के रूप में) और धर्मेन्द्र पर फिल्माया) मन्ना डे, आशा भोंसले 4:43
5. "हाँ जी हाँ मैंने शराब पी है" (हेमा मालिनी (गीता के रूप में) पर फिल्माया) लता मंगेशकर 3:20
6. "शीर्षक संगीत" (वाद्य रचना) N/A 2:22
7. "संगीत" (वाद्य रचना) N/A 1:26

नामांकन और पुरस्कार[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • सीता और गीता इंटरनेट मूवी डेटाबेस पर

सीता और गीता बातें नहीं कर रही थी इसका ट्रांसलेशन क्या होगा?

Answer. sita and gita were not talking.

सीता क्या करती है?

देवी सीता मिथिला के नरेश राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थीं । इनका विवाह अयोध्या के नरेश राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री राम से स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इन्होंने स्त्री व पतिव्रता धर्म का पूर्ण रूप से पालन किया था जिसके कारण इनका नाम बहुत आदर से लिया जाता है।

गीता कैसे लिखेंगे?

Geeta (गीता) Meaning In English.

गीता की स्पेलिंग क्या होती है?

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