ली जाती है सबकी राय कौन बनाता है बजट? यह भी पढ़ें:
अरुण जेटली के 5 बजट से आपको क्या-क्या मिला? इस तरह दिया जाता है अंतिम रूप फिर होता है संसद में पेश Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
भास्कर एक्सप्लेनर:क्या होता है बजट, कैसे बनता है; क्यों होता है देश के लिए जरूरी? जानिए बजट से जुड़े कुछ रोचक तथ्यवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बजट पेश कर रही हैं। बजट पर पूरे देश की नजरें टिकी होती हैं, क्योंकि इससे न केवल सरकार देश की आर्थिक स्थिति का लेखा-जोखा पेश करती है, बल्कि इसी से देश के आर्थिक भविष्य की रूपरेखा भी तय की जाती है। इस साल का बजट ऐसे समय में आ रहा है जब देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहा है, ऐसे में ये आम के लिए और भी महत्वपूर्ण है। चलिए समझते हैं कि आखिर क्या होता है बजट? क्यों होता है यह देश के लिए जरूरी? बजट से जुड़े कुछ रोचक तथ्य। क्या होता है बजट?
देश का बजट GDP पर आधारित होता है साथ ही GDP के बिना सरकार ये भी नहीं जान पाएगी कि आने वाले साल में सरकार की कितनी कमाई होगी। कमाई का अंदाजा लगाए बिना सरकार के लिए ये तय करना भी मुश्किल होगा कि उसे कौन सी योजना में कितना खर्च करना है। बजट के लिए राजकोषीय घाटे का भी लक्ष्य तय करना जरूरी किसी साल के बजट के लिए GDP के अलावा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय करना भी जरूरी होता है। राजकोषीय घाटा GDP के अनुपात में तय किया जाता है। राजकोषीय घाटे के तय लेवल के अनुसार ही सरकार उस साल कर्ज लेती है। अगर GDP ज्यादा होगी तो सरकार खर्च के लिए मार्केट से ज्यादा लोन ले पाएगी। बजट में क्या-क्या प्रमुख बातें शामिल होती हैं: वहीं सरकार को होने वाली कमाई के हिस्से में टैक्स, सार्वजनिक कंपनियों की कमाई और बॉन्ड जारी करने से होने वाली कमाई शामिल हैं। केंद्रीय बजट को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, रेवेन्यू बजट और कैपिटल बजट: रेवेन्यू बजट: ये बजट सरकार की कमाई और खर्च का लेखा-जोखा होता है। इसमें सरकार को मिलने वाला रेवेन्यू प्राप्ति या कमाई और रेवेन्यू खर्च शामिल होते हैं। सरकार को मिलने वाला रेवेन्यू प्राप्ति, या कमाई दो तरह की होती है- टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू से होने वाली कमाई। रेवेन्यू खर्च सरकार के रोज के कामकाज और नागरिकों को दी जाने वाली सर्विसेज पर होने वाला खर्च है। यदि सरकार का रेवेन्यू खर्च उसकी रेवेन्यू प्राप्ति से ज्यादा होता है, तो सरकार को राजस्व घाटा या रेवेन्यू डेफिसिट होता है। कैपिटल बजट या पूंजी बजट: इसमें में सरकार की कैपिटल रिसीट या पूंजीगत प्राप्तियां और उसकी ओर से किए गए भुगतान शामिल होते हैं। सरकार की कैपिटल रिसीट या प्राप्तियों में जनता से लिया गया लोन (बॉन्ड के रूप में), विदेशी सरकारों और भारतीय रिजर्व बैंक से लिए गए लोन का विवरण होता है। वहीं कैपिटल एक्सपेंडिचर या पूंजीगत खर्च में सरकार का मशीनरी, उपकरण, घर, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा पर होने वाला खर्च शामिल होता है। सरकार को राजकोषीय घाटा तब होता है जब सरकार का कुल खर्च उसकी कुल कमाई से ज्यादा हो जाता है। कितने दिन पहले शुरू हो जाती है बजट की तैयारी बजट बनाने की तैयारी करीब 6 महीने पहले, यानी आमतौर पर सिंतबर में ही शुरू हो जाती है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होता है बजट सत्र संसद में बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी जरूरी होती है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट के सामने रखा जाता है और उसके बाद संसद के दोनों सदनों में इसे पेश किया जाता है। 1 अप्रैल से लागू होता है बजट इस बार हलवा की जगह मिठाई बांटी गई बजट को लेकर बरती जाती है पूरी गोपनीयता क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे? आर्थिक सर्वे अगले वित्त वर्ष के लिए GDP का अनुमान होता है। आर्थिक सर्वे देश की अर्थव्यवस्था का एक वार्षिक रिपोर्ट कार्ड होता है जो हर क्षेत्र के प्रदर्शन की जांच करता है और फिर भविष्य के कदम का सुझाव देता है। भारत का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था। 1964 तक इसे आम बजट के साथ पेश किया जाता था, लेकिन उसके 1965 से इसे बजट से अलग कर दिया गया। बजट का निर्माण कैसे होता है?बजट (Budget) क्या है? Budget भविष्य के लिये की गई वह योजना है जो, पूरे साल की राजस्व व अन्य आय तथा खर्चो का अनुमान लगा कर बनाई जाती है। बजट के द्वारा वित्त मंत्री सरकार के समक्ष अपनी व्यय का अनुमान लगा कर, आने वाले वर्ष के लिये कई योजनायें बना कर, जनता के सामने हर वित्तीय वर्ष के दौरान प्रस्तुत करती है।
भारत में कौन सा बजट तैयार किया जाता है?भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के केन्द्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, जो कि भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है, जिसे प्रत्येक वर्ष फरवरी के पहले कार्य-दिवस को भारत के वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है।
बजट बनाने से पहले क्या आवश्यक है?बजट बनाने का पहला कदम परिवार की कुल आय का ज्ञान होना है। सैद्धान्तिक रूप से परिवार की सम्पूर्ण आय को जान लेने के उपरान्त ही बजट बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जानी चाहिए। पारिवारिक बजेट की सफलता के लिए आवश्यक है कि परिवार के सभी सदस्यों द्वारा अपनी-अपनी आय का सही विवरण प्रस्तुत किया जाए।
बजट तैयार करने की जिम्मेदारी किसकी है?भारत में बजट तैयार करने की जिम्मेदारी किसकी? भारत में बजट को तैयार करने का काम काफी जटिल है। इसे विकसित करने में वित्त मंत्रालय के साथ नीति आयोग और खर्च से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय इन्हीं अलग-अलग मंत्रालयों के अनुरोध पर खर्च का एक प्रस्ताव तैयार करता है।
|