शराब पीने से कैंसर कैसे होता है? - sharaab peene se kainsar kaise hota hai?

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शराब के सेवन से हो सकते हैं सात तरह के कैंसर

एल्कोहल के प्रयोग से सेहत पर पड़ने वाले कई तरह के नुकसान के बारे में आपने सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि ये कई तरह के कैंसर का कारण भी है

शराब पीने से कैंसर कैसे होता है? - sharaab peene se kainsar kaise hota hai?

एक नए अध्य्यन के अनुसार शराब के सेवन से भी कैंसर होने का खतरा होता है। अध्ययन में पाया गया कि शराब का ज्यादा सेवन करने वालों में खतरे की संभावना ज्यादा होती है। जो लोग कम या सीमिति मात्रा में सेवन करते हैं उनमें भी शराब का सेवन न करने वालों की अपेक्षा कैंसर होने की संभावना होती है। शराब के सेवन से शरीर के उन अंगो में कैंसर का खतरा ज्यादा होता है जो सीधे शराब के संपर्क में आते हैं जैसे लीवर, गला, मुंह आदि। शराब से डीएनए भी डैमेज होता है जो कि कैंसर का कारण बनता है। ये नया विश्लेषण न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ‘ओटागो’ के प्रोफेसर जेनी कानर ने शराब और कैंसर पर 10 साल के गहन अध्ययन के बाद दिया है। हम बता रहे हैं आपको कि शराब के सेवन से कौन से 7 तरह के कैंसर हो सकते हैं।

मुंह और गले का कैंसर- शोध से पता चलता है कि जो लोग प्रतिदिन शराब का सेवन करते हैं उनमें मुंह के अलावा गले के कैंसर की भी संभावना अन्य लोगों से ज्यादा होती है।

लिवर का कैंसर- ये बात तो सभी लोग जानते हैं कि शराब पीने से लिवर खराब होता है, लेकिन कम ही लोगों को ये बात पता है कि इससे कैंसर भी हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर- शराब का अत्यधिक सेवन स्तन कैंसर का कारण बन सकता हैं। महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है लेकिन ऐसा नहीं है कि पुरुषों को यह नहीं होता।

भोजन नली या घेंघा का कैंसर- एल्कोहल शरीर में जहां जहां जाती है नुकसान पहुंचाती है। इसीलिए यदि जरूरी हो तो डॉक्टर सिर्फ एक ग्लास एल्कोहल ही पीने की सलाह देते हैं।

कोलन या मलाशय का कैंसर- कोलन कैंसर में बड़ी ऑत प्रभावित होती है।

रेक्टम या गुदा कैंसर- गुदा कैंसर में मलत्याग के दौरान आपको रक्त स्त्राव हो सकता है या कुछ मामलों में कोई भी लक्षण नही देखने को मिलता।

गले से आवाज निकलने वाले हिस्से में कैंसर- गले में सूजन, आवाज़ में बदलाव आदि ऐसे लक्षण हैं जो कि गले से आवाज निकलने वाले हिस्से में कैंसर के होने का इशारा करते हैं।

पहले के अध्ययन के अनुसार एल्कोहल से सिर्फ कैंसर होने की संभावना पता चलती थी लेकिन प्रोफेसर कानर के नए अध्ययन के अनुसार ये बात स्पष्ट रूप से कही जा सकती है कि इस तरह के कैंसर का कारण एल्कोहल है। कानर लिखते हैं कि शराब इन सात तरह के कैंसर के अलावा और कई अन्य तरह के कैंसर का भी कारण है। पब्लिक हेल्थ प्रस्पेक्टिव के हिसाब से 2012 में लगभग एक लाख लोगों की मौत शराब के सेवन से हुयी। ये आंकड़ा विश्व भर में होने वाली मौतों का लगभग 5.8 प्रतिशत है।

सलाह-
यूनिवर्सिटी आफ लंदन के मॉलिक्यूलर एंड क्लीनिकल सांइसेज रिसर्च इंस्टीट्यूट के डाइरेक्टर प्रोफेसर डोरोथी बेनेट ने बताया कि शराब आपकी सेल्स में बहुत ही आसानी से प्रवेश कर जाती है और सेल्स को एसीटैल्डिहाइड में बदल देती है जो आपके डीएनए को डैमेज करता है, इससे कैंसर होने का खतरा होता है। डीएनए के डैमेज होने की इस प्रक्रिया को कार्निजोन कहते हैं। साल की शुरुआत मेें ही यूनाइटेड किंगडम के चीफ मेडिकल आफिसरों ने एक सुझाव और चेतावनी दी कि शराब की थोड़ी सी भी मात्रा कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। उन्होने स्वीकार किया कि जब उन्होने 1990 के मध्य में सलाह दिया था तब शराब से होने वाले खतरे के बारे में पूरी तरह से जानकारी नही थी। यूके की एल्कोहल हेल्थ एलाइंस की लिन शेविल्स का कहना है कि शराब से होने वाले खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा क्योंकि रिसर्च के अनुसार 10 व्यक्ति में सिर्फ 1 व्यक्ति को शराब से होने वाले कैंसर के बारे मे पता है। लोगों को इस बारे में भी जानकारी होना चाहिए कि शराब का उनकी सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है और शराब का कैंसर से क्या संबंध है जिससे की उन्हे पता चले कि शराब कितनी मात्रा मे उन्हे पीना चाहिए। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार जो व्यक्ति शराब का सेवन करते हैं उन्हे अपनी सीमा तय कर लेना चाहिए। पुरूषों को प्रतिदिन 2 ड्रिंक्स और महिलाओं को एक ड्रिंक से ज्यादा नही पीना चाहिए। एल्कोहल के प्रयोग को कई तरह के कैंसर और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का कारण बताया गया है। शराब के सेवन के बारे में बताया जाता है कि सीमित मात्रा में इसके सेवन से हृदय संबंधी बीमारी होने का खतरा कम होता है। लेकिन कैंसर सोसायटी ने अपनी वेबसाइट मे कहा है कि जो लोग शराब का सेवन नही करते हैं तो जरूरी नही कि हृदय संबंधी बीमारियों से बचने के लिए वो शराब का सेवन करें।



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ज्यादा शराब पीने से कौन सा कैंसर होता है?

ऐसे होता है शराब से कैंसर एक स्टडी के मुताबिक, Acetaldehyde में परिवर्तित हो जाता है और इससे गले के कैंसर के अलावा लीवर कैंसर और ब्रैस्ट कैंसर तक हो जाता है।

1 दिन में कितनी शराब पीना चाहिए?

शराब कितनी मात्रा में पीनी चाहिए Healthdirect.gov.au के मुताबिक, वयस्कों को शराब के जोखिम से बचे रहने के लिए एक हफ्ते में 10 ड्रिंक से अधिक और एक दिन में चार ड्रिंक से अधिक नहीं पीनी चाहिए. एक स्टैन्डर्ड ड्रिंक का साइज 330 ml बीयर और 30 ml हार्ड अल्कोहल (व्हिस्की, जिन आदि) और 150 ml वाइन (रेड और व्हाइट) होता है.

शराब पीने से कौन सी बीमारी होती है?

तो आइए जानते हैं कि शराब पीने के कारण हेपेटाइटिस और सिरोसिस आखिर है क्या. अल्कोहलिक हेपेटाइटिस लीवर की सूजन की बीमारी है जो बहुत अधिक शराब पीने के कारण होती है. इसमें फ्लूड जमा होने लगता है जिसके कारण पेट बड़ा हो जाता है. इसके अलावा पीली आंखें, बुखार, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षण इस बीमारी के लिए रेड सिगनल है.

शराब छोड़ने के बाद लीवर को ठीक होने में कितना समय लगता है?

ज्यादातर मामलों में शराब से डिटॉक्स होने में शरीर को लगभग एक सप्ताह का समय लगता है. यदि आप काफी अधिक मात्रा में शराब पीते थे तो आपके शरीर को शराब छोड़ने के बाद नॉर्मल होने में कई महीने लग सकते हैं.