पशु या पक्षी को बंद कर रखने से क्या लाभ होता है? - pashu ya pakshee ko band kar rakhane se kya laabh hota hai?

Freedom of birds – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम पक्षियों की स्वतंत्रता पर लिखे इस निबंध के बारे में बताने जा रहे है । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर पक्षियों की स्वतंत्रता पर लिखे इस निबंध के बारे में जानते हैं ।

पशु या पक्षी को बंद कर रखने से क्या लाभ होता है? - pashu ya pakshee ko band kar rakhane se kya laabh hota hai?
Essay on birds freedom in hindi

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पक्षियों की स्वतंत्रता के बारे में – पक्षी बहुत ही प्यारे और सुंदर लगते हैं । पक्षियों की सुंदरता से हमारा मन प्रसन्न हो जाता है । पक्षियों से प्रकृति वातावरण सुंदर एवं स्वच्छ दिखाई देती है । जब सुबह के समय पक्षी मीठी आवाज निकालते हुए एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाते हैं तब सुबह का वातावरण बहुत ही अनुकूल लगता हैं । मानो ऐसा लगता हैं कि पृथ्वी पर स्वर्ग आ गया हो । जिस तरह से इंसानों में इंसानियत होती है उसी तरह से पक्षियों के अंदर भी एक दया भाव की भावना होती है ।

पक्षी हमेशा प्रकृति को स्वच्छ बनाएं रखने में अपना योगदान देते हैं । परंतु दुनिया में हर तरह के लोग रहते हैं । कुछ लोग पक्षियों को पकड़कर पिंजड़े में बंद कर देते हैं । जो लोग पक्षियों को बंद करके रखते हैं उनको यह एहसास नहीं होता है कि यदि इंसान को जेल में बंद कर दिया जाए तो वह किस तरह से घुट घुट के अपना जीवन व्यतीत करता है । उसी तरह से पक्षियों को भी घुटन होती है । पक्षी भी आजाद होना चाहते हैं । पक्षियों को भी अपना जीवन बड़ा प्यारा होता है ।

पक्षी भी यह चाहते हैं कि वह आजादी के साथ पंख फैलाकर उड़ते रहे और सुबह के समय शुद्ध वातावरण में चहकते हुए  एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाकर बैठते रहे । जिस तरह से भगवान ने इंसानों को बनाया है इंसान में दया भाव की भावना दी है उसी तरह से पक्षियों को भी भगवान ने बनाया है । पक्षियों के अंदर भी एक जान होती है । भगवान ने इंसान को सोचने समझने के लिए दिमाग दिया है और दया भाव की भावना दी है । परंतु ना जाने इंसान की दया भाव की भावना कहां खो गई है ।

आज का मनुष्य पक्षियों पर अत्याचार करता जा रहा है । पक्षियों को इंसान के द्वारा प्यार करना चाहिए । पक्षियों  को भी  खुले आसमान में उड़ने की आजादी होती है । पक्षियों को पिंजड़े में बंद नहीं करना चाहिए । पक्षियों को पिंजरे में बंद करना एक अन्याय है । मनुष्य को ऐसा नहीं करना चाहिए । व्यक्ति जब तक सही इंसान  नहीं बनेगा तब तक वह पक्षियों के साथ , जानवरों के साथ प्रेम नहीं करेगा और पक्षियों को पिंजरे में बंद करना बंद नहीं करेगा ।

प्रकृति की सुंदरता पक्षियों के बिना अधूरी – जिस तरह से वातावरण को शुद्ध एवं स्वच्छ रखने के लिए पेड़ पौधों की आवश्यकता होती है उसी तरह से प्रकृति को सुंदर बनाने के लिए पक्षियों की आवश्यकता होती है । यदि पक्षी प्रकृति से नष्ट कर दिए जाएं तो प्रकृति की सुंदरता भी नष्ट हो जाएगी । जिस तरह से पक्षियों की प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं उस तरह से प्रकृति में पर्यावरण प्रदूषण और कई तरह के दुष्प्रभाव प्रकृति पर पड़ रहे हैं ।

मानव जीवन को शुद्ध हवा  की आवश्यकता होती है और पशु पक्षियों की सुंदरता भी मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है   जब हम किसी सुंदर पक्षी को उड़ते हुए एक डाल से दूसरी डाल पर उड़ते हुए देखते हैं तब हमें आनंद की प्राप्ति होती है । पक्षियों को प्रकृति में बनाए रखने के लिए हम सभी लोगों को यह प्रण लेना चाहिए कि हम किसी भी पक्षी को पिंजरे में कैद करके ना रखें । यदि कोई व्यक्ति पिंजड़े में पक्षियों को बंद करके रखता है तो उसे भी हमें यह समझाना चाहिए कि यदि कोई हमें कमरे में बंद करके रखेगा तो हमें किस तरह से परेशानी होगी ।

जिस तरह से जेल में बंद कैदी बाहर निकलने के लिए झटपटाता है उसी तरह से जब हम किसी पक्षी को पिंजरे में बंद करके रखते हैं तब वह आजाद होने के लिए झटपटाता है । एक कैदी को तो बुरे काम करने की सजा दी जाती है परंतु मनुष्य अपनी मानवता को भूलकर एक पक्षी को पिंजड़े में कैद करके बेजुबान पक्षियों के ऊपर अत्याचार करता हैं । हमारे तब तक अंदर मानवता नहीं जागेगी जब तक कि हम पक्षियों को प्रेम नहीं करते और यह नहीं सोचते कि जिस तरह से हमें यदि कोई मारता है तो हमें दर्द होता है उसी तरह से हम यदि पक्षी को मारते हैं या पक्षियों पर अत्याचार करते हैं तो उसे भी पीड़ा होती होगी । वह भी एक जीवित प्राणी हैं ।

उनको भी स्वतंत्रता के साथ अपना जीवन जीने का अधिकार होता  है । भगवान ने मनुष्य के साथ-साथ  पक्षियों को भी  स्वतंत्रता के साथ अपना जीवन  जीने का अधिकार दिया है । पक्षी भले ही जवान से कुछ कह नहीं पाते परंतु वह एक  मनुष्य की तरह ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं । यदि कोई व्यक्ति उनके व्यवहार को ध्यान से देखें तो वह पक्षियों की पीड़ा समझ सकता है  ।  पक्षियों को कठिनाइयों से लड़ कर अपना जीवन व्यतीत करना पड़ता है ।

पक्षी अपने भोजन को एकत्रित करने के लिए दिनभर भटक कर , कठिनाइयों से लड़ कर अपना भोजन एकत्रित करता है । कठिन  समस्याओं से जूझ कर पक्षी  अपना जीवन  व्यतीत करता है । हम मनुष्यों को भगवान ने काम करने के लिए दो हाथ , चलने के लिए दो पैर , देखने के लिए दो आंखें , सोचने समझने के लिए दिमाग , सुनने के लिए कान , खाना खाने के लिए मुंह एवं दांत दिए हैं । भगवान के द्वारा एक विशाल शरीर मनुष्य का बनाया गया है ।भगवान ने सभी को इस धरती पर अच्छे कर्म करने के लिए भेजा है ।

कुछ लोग राक्षस प्रजाति के होते हैं जो पक्षियों, जानवरों को मारते हैं । ऐसे राक्षस प्रजाति के लोग पृथ्वी पर , धरती पर बोझ होते हैं । भगवान ने अनाज गेहूं तरह तरह के फल प्रकृति के माध्यम से हम सभी के लिए दिए हैं जिससे कि हम अपने पेट की भूख मिटा सकें । भगवान ने पीने के लिए , प्यास बुझाने के लिए पानी दिया है । परंतु कई लोग अपनी मानवता को भूल कर पक्षियों को नुकसान लगे हैं ।

कुछ लोग यह सोचते हैं कि पक्षियों को मारने से कुछ नहीं होता । परंतु जो सच्चे ह्रदय से पक्षियों से प्रेम करता है , प्रकृति से प्रेम करता है वह इस बात को समझता है कि पक्षियों में भी जीने की तमन्ना होती है । पक्षी भी स्वतंत्रता के साथ उड़ना चाहते हैं , स्वतंत्रता के साथ अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं ।

तोता एवं कबूतर की स्वतंत्रता के बारे में – आज मनुष्य अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार होता है । कुछ लोग अपने घर को सुंदर बनाने के लिए और अपने आसपास में पहचान बनाने के लिए कुछ भी कर सकता है । मनुष्य की मानसिकता बहुत ही दुष्कर्मी हो गई है । अपने घरों में तोता को पिंजरे में कैद करके रख लेते हैं और उन्हें बड़ा आनंद आता है । उनको यह पता नहीं होता है की पक्षियों को भी जीने का पूरा अधिकार होता है ।

पक्षियों को भगवान ने आसमान में उड़ने के लिए बनाया है । इसीलिए भगवान ने पक्षियों को उड़ने के लिए पंख दिए हैं । यदि पक्षियों को पिंजड़े में बंद करके रखा जाए तो पक्षी अपना जीवन बहुत ही कष्ट के साथ व्यतीत करते हैं , उनकी दुर्दशा बहुत ही खराब हो जाती है । तोता कभी अपनी दुर्दशा के बारे में हमसे नहीं कह सकता है क्योंकि वह आजाद होने के लिए निरंतर प्रयास करता रहता है ।

आप लोगों ने देखा होगा कि जब किसी तोते को पिंजरे में कैद करके रखा जाता है तब वह पिंजड़े कि जाली को अपने हाथों के माध्यम से खींचने की कोशिश करता है , आजाद होने की कोशिश करता है । यदि 1 मिनट के लिए तोते के पिंजड़े का दरवाजा खोल दिया जाए तो वह पिंजड़े से बाहर निकल जाता है और शुद्ध वातावरण में उड़कर भाग जाता है । उस समय तोते को बहुत अधिक खुशी होती होगी । यदि  जेल में बंद कैदी को रिहा कर दिया जाए तो उसे कितनी अधिक खुशी होती है ।

उसी तरह से तोते को भी अपनी आजादी की बहुत अधिक खुशी होती होगी । बहुत से व्यक्ति कबूतरों के पूरे झुंड को पिंजरे में बंद कर देते हैं और उन कबूतरों को सही समय पर खाना खाने के लिए भी नहीं देते हैं । उन कबूतरों को बड़ा दुख होता होगा । भगवान ने सभी पक्षियों को प्रकृति की सुंदरता बनाए रखने के लिए पृथ्वी पर भेजा था । इंसान को पक्षियों की रक्षा करने के लिए भगवान ने मानवता मनुष्य को दी थी । परंतु मनुष्य अपनी मानवता भूलता जा रहा है ।

निरंतर पक्षियों पर अत्याचार करता जा रहा है । बाजारों में पक्षियों को मारकर उनका गोश्त बेचा जा रहा है । बड़ा दुख होता है जब एक व्यक्ति किसी पक्षी को नुकसान पहुंचाता है । प्राचीन समय से ही पक्षियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं । प्राचीन समय में राजा महाराजा पक्षियों का शिकार करने के लिए जंगलों में जाते थे और आसमान में उड़ते हुए पक्षी को मारकर शिकार करते थे । आज पक्षियों को पकड़ कर उनको मार कर भोजन में उपयोग किया जा रहा है । यह दुनिया बहुत ही दुष्कर्मी हो चुकी है ।

सभी अपनी मानवता को भूलते जा रहे हैं । परंतु सभी लोग यह नहीं जानते हैं कि यदि हम प्रकृति के साथ , प्रकृति की सुंदरता के साथ छेड़छाड़ करेंगे तो हम भी मुसीबतों में फंसते जाएंगे । भगवान ने पृथ्वी का संतुलन बिल्कुल बराबर बना करके रखा है । पृथ्वी को हवा , पानी, वायुमंडल , पेड़ पौधे , पशु पक्षियों की आवश्यकता होती है । यदि इन सभी चीजों में से एक को कम कर दिया जाए तो प्रकृति नष्ट होने के कगार पर आ जाएगी और हम मनुष्यों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा ।

इस लेख के माध्यम से मैं आप लोगों को यह समझाना चाहता हूं कि हमें पक्षियों से प्रेम करना चाहिए ना कि उनको पिंजरे में बंद करना चाहिए । यदि हम पक्षियों की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं तो हमें पक्षियों को खुले आसमान में आजादी के साथ उड़ने देना चाहिए और उड़ते हुए पक्षियों की सुंदरता से हमें आनंद लेना चाहिए । यदि कोई व्यक्ति किसी पक्षी को पकड़कर उसको मारने की कोशिश करें या फिर उसे पिंजरे में बंद करने की कोशिश करें तो हमें अपनी मानवता का अधिकार वहां पर निभाना चाहिए और हमें उस व्यक्ति को यह अहसास दिलाना चाहिए कि जिस तरह से इंसान के अंदर एक जान होती है और उस जान की बहुत फिक्र इंसान को होती है ।

उसी तरह से पक्षियों में भी जान होती है वह भी एक अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहते हैं , खुली हवा में उड़ना चाहते हैं । पक्षियों को नष्ट करने का , मारने का , पिंजड़े में बंद करने का हमें कोई भी अधिकार नहीं है । यह दुनिया भगवान के द्वारा बनाई गई है । इसे नष्ट करने का अधिकार हम इंसानों को नहीं है । यदि हम प्रकृति को नष्ट करेंगे तो हमें इसका दुष्प्रभाव , दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे क्योंकि  जिस जिस  व्यक्ति ने  प्रकृति को नष्ट करने की कोशिश की है  उस व्यक्ति को  दुष्परिणाम अवश्य मिले हैं ।

आज मैं आप लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहा हूं की हम लोगों को भगवान की तरह दया भावना रखनी चाहिए । जब भगवान इंसान के दुखों को सुख में परिवर्तित कर देता है उसी तरह से हमें भी पक्षियों के प्रति दया भाव की भावना रखनी चाहिए । हम भगवान से तब तक आशीर्वाद प्राप्त नहीं कर सकते जब तक कि हम भगवान के द्वारा बनाए गए पक्षियों को प्रेम नहीं करेंगे , उनकी आजादी उनको वापस नहीं लौटाएंगे ।

जब हम अपनी मानवता को जागृत करेंगे , प्रकृति से , पेड़ पौधों से , पशुओं से , पक्षियों से प्रेम करेंगे तब हमारा सीधा संपर्क भगवान से होगा और हमें सद्बुद्धि प्राप्त होगी । भगवान हमें सुख शांति एवं समृद्धि देगा । दुनिया में जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति , पशु पक्षियों के प्रति दया भाव प्रेम की भावना रखता है वह एक सफल इंसान होता है । वह व्यक्ति इस जीवन में बहुत ही सफल व्यक्ति कहलाता है ।

15 अगस्त के दिन भारत सरकार के द्वारा पक्षियों को पिंजड़े से उड़ा कर स्वतंत्र किया जाता है – 15 अगस्त को हमारा देश आजाद हुआ था । प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । 15 अगस्त के दिन सभी जिलों में झंडा वंदन किया जाता है और झंडा वंदन करने के बाद पक्षियों को पिंजड़े से बाहर निकाल कर आसमान में उड़ाया जाता है । 15 अगस्त के दिन उन सभी पक्षियों को रिहा करके आसमान में छोड़ दिया जाता है जो कई दिनों से , कई सालों से पिंजडो़ में बंद थे ।

15 अगस्त के दिन भारत देश के प्रधानमंत्री के द्वारा झंडा वंदन करने के बाद पक्षियों को पिंजड़े से रिहा करके आसमान में छोड़ दिया जाता है क्योंकि सुंदर सुंदर पक्षियों को कैद करने से प्राकृति की सुंदरता नष्ट होती जाती है । यदि हमें प्रकृति की सुंदरता को बनाए रखना है तो हमें पक्षियों को स्वतंत्र रूप से उड़ने देने की आवश्यकता है । 15 अगस्त के दिन जेल से उन कैदियों को रिहा किया जाता है जो अपनी सजा काटते समय अपने आप को सुधारने की कोशिश करते हैं ।

प्रतिवर्ष कैदियों के साथ साथ पक्षियों को भी पिंजड़े से रिहा किया जाता है और आसमान में छोड़ दिया जाता है ।हमें जीव-जंतु , पेड़-पौधे , पशु पक्षियों को प्रकृति से विलुप्त होने से रोकने की आवश्यकता है । नहीं तो आने वाले समय में प्रकृति से पशु-पक्षी , पेड़-पौधे पूरी तरह से लुप्त हो जाएंगे । फिर हमें सिर्फ पक्षी टीवी , वॉलपेपर में ही दिखाई देंगे । आने वाले समय में हमारी आने वाली पीढ़ी को पक्षी सिर्फ वॉलपेपर में या फिर टीवी पर ही दिखाई देंगे । यदि हमने पक्षियों की प्रजाति को विलुप्त होने से नहीं रोका तो पक्षियों की सभी प्रजाति धीरे-धीरे नष्ट हो जाएंगी ।

जब कोई पक्षी अपने बच्चे को जन्म देता है तब वह बड़ी कठिनाइयों से उस बच्चे को पालता है । दूर-दूर से घोंसला एकत्रित करके पेड़ पर लगाता है जिससे कि उसके बच्चे पर धूप पानी या किसी तरह की कोई परेशानी ना आए । पक्षियों को बड़ी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है । धीरे धीरे जब उसका बच्चा बड़ा होता है तब पक्षी उसे उड़ना सिखाता है । पक्षी अपने बच्चे का पेट भरने के लिए दूर-दूर तक सुबह निकल कर शाम को दाना एकत्रित करके अपने बच्चे को खिलाने के लिए लाता है ।

पक्षियों के अंदर भी दया भाव की भावना होती है । पक्षी भी अपने बच्चों से बहुत प्रेम करते हैं । जिस तरह से इंसान अपने बच्चों से प्रेम करता है उसी तरह से पक्षी भी अपने बच्चों से प्रेम करते हैं । यदि हमें पक्षियों की सुंदरता उनकी खूबसूरती उनकी आवाज से आनंद की अनुभूति करना है तो आज हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम कभी भी पक्षियों पर अत्याचार नहीं करेंगे । हम कभी भी पक्षियों को पकड़ कर उन्हें पिंजड़े में बंद नहीं करेंगे और जो व्यक्ति पक्षियों को मारकर उनका गोश्त खाते हैं उनको हमें जागरूक करके यह बताना है कि इंसान की तरह ही पक्षियों में जान होती है ।

वह भी स्वतंत्रता के साथ जीने के हकदार होते हैं । भगवान ने उनको भी स्वतंत्रता के साथ जीने का अधिकार दिया है । यदि हम अपनी ताकत के बल पर उन पक्षियों पर अत्याचार करेंगे तो भगवान हमें कभी भी माफ नहीं करेगा । क्योंकि भगवान ने हमें अच्छे कर्म करने के लिए भेजा है ना कि पक्षियों पर अत्याचार करने के लिए । दोस्तों  मैं आशा करता हूं आप सभी लोग इस लेख को पढ़ने के बाद  पक्षियों से प्रेम करोगे , पक्षियों पर अत्याचार नहीं करोगे , पक्षियों को कभी भी पिंजड़े में बंद करके नहीं रखोगे ।

क्योंकि हम सभी का यह दायित्व है कि हम सभी इस प्रकृति को बनाए रखें , प्रकृति को हरी-भरी बनाए रखें और पशु पक्षियों को विलुप्त होने से रोकें । जब हम कोयल की मीठी कुक सुनते हैं तब हमें अपने जीवन पर एक आनंद की अनुभूति होती है । जब हम तोते की मीठी वाणी सुनते हैं तब हमें आनंद आता है । जब हम चिड़िया की चहक सुनते हैं तब हमें आनंद आता है । हम यदि यह चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी पक्षियों की सुंदरता , पक्षियों की भाषा , पक्षियों की मीठी वाणी सुने तो हमें इनको विलुप्त होने से रोकना पड़ेगा ।

भारत सरकार के द्वारा भी पक्षियों  की सुरक्षा के लिए नियम कानून बनाए हैं । भारत देश में बहुत से ऐसे पक्षी हैं जिन्हें मारने पर भारतीय कानून के हिसाब से सजा दी जाती है ।यदि कोई व्यक्ति मोर को मारता है तब उसे सजा का प्रावधान भारत सरकार के द्वारा किया गया है । उस व्यक्ति को जेल में बंद कर दिया जाएगा और जुर्माना भी उस व्यक्ति को भरना पड़ेगा । क्योंकि सरकार भी जानती है कि प्रकृति की सुंदरता मानव जीवन के लिए कितनी आवश्यक है ।

सरकार भी यह जानती है की वातावरण स्वच्छ रखने के लिए की कितनी आवश्यकता होती है ।

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पक्षी और पशु को बंद कर रखने से क्या लाभ होता है?

पक्षियों को सुख-समृद्धि और सफलता का सूचक माना जाता है। यदि इन्हें पिंजरे में कैद कर दिया जाए, तो ये घर में स्थिरता और आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सभी जीव-जंतु और पशु-पक्षी ईश्वरीय पंचतत्वों से बने हुए हैं। सभी जीवों में ये तत्व अलग- अलग प्रतिशत में विद्यमान होते हैं।

पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से क्या होता है?

उत्तर:- पक्षियों को पिंजरों में बंद करने से सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण में आहार श्रृंखला असंतुलित हो जाएगी। जैसे घास को छोटे कीट खाते हैं तो उन कीटों को पक्षी। यदि पक्षी न रहे तो इन कीटों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी जो हमारी फसलों के लिए उचित नहीं है।

पशु पक्षियों को पिंजरे में बंद क्यों नहीं करना चाहिए?

Solution. पक्षियों को पिंजरे में बंद करके उसकी स्वतंत्रता का हनन होता है, क्योंकि उनकी प्रवृत्ति है 'उड़ना'। अतः प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में पृथ्वी के सभी जीवों की समान रूप से महत्त्वपूर्ण भूमिका है। पृथ्वी के पर्यावरण संतुलन के लिए मनुष्य एवं पशु दोनों की आवश्यकता समान रूप से है।

क्या पशु पक्षियों को घर में बंद रखना उचित है अपने विचार प्रकट कीजिए?

अगर किसी भी पक्षी को पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वह बहुत हिंसक हो जाता है ऐसा होना घर में नकारात्मक उर्जा फैलने का कारन बन सकता है. पक्षियों को सुख समृद्धि सफलता के सूचक माना जाता है. अगर इन्हें ही पिंजरे में बंद कर दिया जायेगा तो ये घर में स्थिरता, आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं.