Students who are searching for NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 डायरी का एक पन्ना with Answers Pdf free download can refer to this page thoroughly. Because here we have compiled a list of MCQ Questions for Class 10 Hindi with Answers. So, Plan your Exam Preparation accordingly with the डायरी का एक पन्ना Class 10 MCQs Questions with Answers PDF. Also, you can practice and test your subject knowledge by solving these डायरी का एक पन्ना objective questions. Show डायरी का एक पन्ना Class 10 MCQs Questions with AnswersPracticing the Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 MCQ with Answers aids students to learn all the fundamental concepts and prepare effectively for the exams. MCQ of डायरी का एक पन्ना Class 10 with Answers are prepared based on the latest exam pattern & CBSE guidelines. Here are the links available online for Free Download of Class 10 Hindi डायरी का एक पन्ना MCQ Multiple Choice Questions with Answers PDF. Question 1. Answer: (c) ज्योतिर्मय गांगुली ने। Question 2. Answer: (c) वंदे मातरम्। Question 3. Answer: (b) क्षितीश चटर्जी। Question 4. Answer: (b) मौनुमेंट की सीढ़ियों पर चढ़कर। Question 5. Answer: (c) लाल बाज़ार लॉकअप में। Question 6. Answer: (c) धर्मतल्ले के मोड़ पर। Question 7. Answer: (b) बृजलाल गोयनका। Question 8. Answer: (d) एक सौ पाँचा Question 9. Answer: (a) ताकि प्रमाण रहे कि किन-किन लोगों ने जुलूस में भाग लिया Question 10. Answer: (d) दो सौ। Question 11. Answer: (c) बंगाल या कलकत्ता के Question 12. Answer: (a) सीताराम सेकसरिया। Question 13. Answer: (a) इस दिन को भारतवासियों ने दूसरे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया था Question 14. Answer: (d) दो हजार रुपये। Question 15. Answer: (c) पुलिस के। Question 16. Answer: (c) अविनाश बाबू Question 17. Answer: (c) कांग्रेस पार्टी के युद्ध मंत्री हरिश्चंद्रसिंह के द्वारा Question 18. Answer: (d) पूर्णोदास पर Question 19. Answer: (a) चार बजकर चौबीस मिनट पर। Question 20. Answer: (b) ठीक चार बजकर दस मिनट पर Question 21. Answer: (d) चौंरगी पर। गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनिएबड़े बाज़ार के प्रायः मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था और कई मकान तो ऐसे सजाए गए थे कि ऐसा मालूम होता था कि मानो स्वतंत्रता मिल गई हो। कलकत्ते के प्रत्येक भाग में ही झंडे लगाए गए थे। जिस रास्ते से मनुष्य जाते थे, उसी रास्ते में उत्साह और नवीनता मालूम होती थी। लोगों का कहना था कि ऐसी सजावट पहले नहीं हुई। पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी। मोटर लारियों में गोरखे तथा सारजेंट प्रत्येक मोड़ पर तैनात थे। कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं। घुड़सवारों का प्रबंध था। कहीं भी ट्रैफिक पुलिस नहीं Question 1. Answer: (b) बड़े बाज़ार में। Question 2. Answer: (a) मानो स्वतंत्रता मिल गई हो। Question 3. Answer: (b) पुलिस। Question 4. Answer: (b) ताकि स्वतंत्रता सेनानियों का हौसला न बढ़ सके। Question 5. Answer: (d) सारी ट्रैफिक पुलिस को पार्को और मैदानों में लगाया गया था ताकि लोग इकट्ठे न हो सकें। (2) मौनुमेंट के नीचे, जहाँ शाम को सभा होने वाली थी, उस जगह को तो भोर में छह बजे से ही पुलिस ने बड़ी संख्या में घेर लिया था; पर तब भी कई जगह तो भोर में ही झंडा फरहराया गया। श्रद्धानंद पार्क में बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तो पुलिस ने उनको पकड़ लिया तथा और लोगों को मारा या हटा दिया। तारा सुंदरी पार्क में बड़ा-बाज़ार कांग्रेस कमेटी के युद्ध मंत्री हरिश्चंद्र सिंह झंडा फहराने गए, पर वे भीतर न जा सके। वहाँ पर काफ़ी मारपीट हुई और दो-चार आदमियों के सिर फट गए। गुजराती सेविका संघ की ओर से जुलूस निकला; जिसमें बहुत-सी लड़कियाँ थीं, उनको गिरफ्तार कर लिया। 11 बजे मारवाड़ी बालिका विद्यालय की लड़कियों ने अपने विद्यालय में झंडोत्सव मनाया। जानकीदेवी, मदालसा (मदालसा बजाज नारायण) आदि भी गई थीं। लड़कियों को, उत्सव का क्या मतलब है, समझाया गया। एक बार मोटर में बैठकर सब तरफ़ घूमकर देखा तो बहुत अच्छा मालूम हो रहा था। जगह-जगह फ़ोटो उतर रहे थे। अपने भी फोटो का काफ़ी प्रबंध किया था। दो-तीन बजे कई आदमियों को पकड़ लिया गया जिसमें मुख्य पूर्णोदास और पुरुषोत्तम राय थे। Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
(3) सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, पर यह प्रबध कर चुका था। स्त्री-समाज अपनी तैयारी में लगा था। जगह-जगह से स्त्रियाँ अपना जुलूस निकालने की तथा ठीक स्थान पर पहुँचने की कोशिश कर रही थीं। मौनुमेंट के पास जैसा प्रबंध भोर में था, वैसा करीब एक बजे नहीं रहा। इससे लोगों को आशा होने लगी कि शायद पुलिस अपना रंग न दिखलावे, पर वह कब रुकने वाली थी। तीन बजे से ही मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे। आज जो बात थी वह निराली थी। जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है, तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी। पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था कि अमुक-अमुक धारा के अनुसार कोई सभा नहीं हो सकती। जो लोग काम करने वाले थे, उन सबको इंस्पेक्टरों के द्वारा नोटिस और सूचना दे दी गई थी कि आप यदि सभा में भाग लेंगे तो दोषी समझे जाएँगे। इधर कौंसिल की तरफ़ से नोटिस निकल गया था कि मौनुमेंट के नीचे ठीक चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा तथा स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। सर्वसाधारण की उपस्थिति होनी चाहिए। खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले नहीं की गई थी। Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
(4) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लाल बाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया। कुछ देर बाद ही स्त्रियाँ जुलूस बनाकर वहाँ से चलीं। साथ में बहुत बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। बीच में पुलिस कुछ ठंडी पडी थी, उसने फिर डंडे चलाने शुरू कर दिए। अब की बार भीड़ ज़्यादा होने के कारण बहुत आदमी घायल हुए। धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस टूट गया और करीब 50-60 स्त्रियाँ वहीं मोड़ पर बैठ गईं। पुलिस ने उनको पकड़कर लाल बाज़ार भेज दिया। स्त्रियों का एक भाग आगे बढ़ा जिसका नेतृत्व विमल प्रतिभा कर रही थीं। उनको बहू बाज़ार के मोड़ पर रोका गया और वे वहीं मोड़ पर बैठ गईं। आस-पास बहुत बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई, जिस पर पुलिस Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
(5) इस प्रकार करीब पौन घंटे के बाद पुलिस की लारी आई और उनको लाल बाज़ार ले जाया गया। और भी कई आदमियों को पकड़ा गया। बृजलाल गोयनका; जो कई दिन से अपने साथ काम कर रहा था और दमदम जेल में भी अपने साथ था, पकड़ा गया। पहले तो वह झंडा लेकर वंदे मातरम् बोलता हुआ मौनुमेंट की ओर इतने ज़ोर से दौड़ा कि अपने आप ही गिर पड़ा और उसे एक अंग्रेज़ी घुड़सवार ने लाठी मारी, फिर पकड़कर कुछ दूर ले जाने के बाद छोड़ दिया। इस पर वह स्त्रियों || के जुलूस में शामिल हो गया और वहाँ पर भी उसको छोड़ दिया, तब वह दो सौ आदमियों का जुलूस बनाकर लाल बाज़ार गया और वहाँ पर गिरफ्तार हो गया। मदालसा भी पकड़ी गई थी। उससे मालूम हुआ कि उसको थाने में भी मारा था। सब मिलाकर 105 स्त्रियाँ पकड़ी गई थीं। बाद में रात को नौ बजे सबको छोड़ दिया गया। कलकत्ता में आज तक इतनी स्त्रियाँ एक साथ गिरफ्तार नहीं की गई थीं। करीब आठ बजे खादी भंडार आए तो कांग्रेस ऑफ़िस से फ़ोन आया कि यहाँ बहुत आदमी चोट खाकर आए हैं और कई की हालत गंभीर है, उनके लिए गाड़ी चाहिए। जानकीदेवी के साथ वहाँ गए, बहुत लोगों को चोट लगी हुई थी। डॉक्टर दासगुप्ता उनकी देख-रेख तथा फ़ोटो उतरवा रहे थे। उस समय तक 67 आदमी वहाँ आ चुके थे। बाद में तो 103 तक आ पहुँचे। Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
विषय-बोध पर आधारित प्रश्न Question 1. Answer:
Question 2. Answer:
Question 3. Answer:
Question 4. Answer:
Question 5. Answer:
Question 6. Answer:
Question 7. Answer:
Question 8. Answer:
Question 9. Answer: संकेत:
Question 10. Answer:
We think the shed NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 डायरी का एक पन्ना with Answers Pdf free download will benefit you to the fullest. For any queries regarding CBSE Class 10 Hindi Sparsh डायरी का एक पन्ना MCQs Multiple Choice Questions with Answers, share with us via the below comment box and we’ll reply back to you at the earliest possible. बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री का क्या नाम था?Answer: बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू ने जैसे ही झंडा गाड़ा, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और लोगों पर लाठियाँ चलाई।
अविनाश बाबू कौन थे?Solution : अविनाश बाबू बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री थे। उनके द्वारा श्रद्धानंद पार्क में झंडा गाड़ने पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया तथा उनके साथ आए अन्य लोगों को मार-पीट कर हटा दिया।
|