पर्वतारोहण के समय कौन कौन सी चीजों को अपने साथ ले जाना आवश्यक है? - parvataarohan ke samay kaun kaun see cheejon ko apane saath le jaana aavashyak hai?

“ये जरूरी नहीं है कि आपने कितना और कितने अच्छे से काम किया है। बल्कि जरूरी ये है कि आपने अपना काम कितने प्यार से किया है”– बछेंद्री पाल, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला। पर्वतारोही बनना रोमांच से कहीं आगे का एहसास है, इसे आप टीम वर्क, फ्लेक्सीबिलिटी, दृढ़ता और इससे भी ज्यादा शारीरिक मजबूती जैसी चीजें भी सीखते हैं। अगर आप पर्वतारोही के तौर पर करियर बनाने के लिए उत्साहित हैं तो इसके लिए आपको माउंट एवरेस्ट तक ट्रेक करने से भी आगे की मेहनत करनी होगी। अगर आप ये जनना चाहते हैं कि पर्वतारोही कैसे बनें तो ये ब्लॉग पढ़ें।

This Blog Includes:
  1. पर्वतारोही कौन होते हैं?
  2. पर्वतारोहण के प्रकार
  3. पर्वतारोही बनने के लिए जरूरी स्किल
  4. पर्वतारोही बनने के उद्देश्य
  5. योग्यता
  6. पर्वतारोहण के कोर्स और इंस्टिट्यूट
    1. विदेश के टॉप कोर्सेज और इंस्टिट्यूट
    2. भारत के टॉप कोर्सेज और इंस्टिट्यूट
  7. पर्वतारोही के टूल
  8. पर्वतारोही कैसे बनें इसके लिए जाने पर्वतारोहण में करियर
  9. लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल
  10. FAQ

पर्वतारोही कौन होते हैं?

पर्वतारोहण या पहाड़ चढ़ना शब्द का आशय उस खेल, शौक़ अथवा पेशे से है जिसमें पर्वतों पर चढ़ाई, स्कीइंग अथवा सुदूर भ्रमण सम्मिलित हैं। पर्वतारोहण करने वाले व्यक्ति को पर्वतारोही कहा जाता है। पर्वतारोहण को तीन शाखाओं में बांटा गया हैं: चट्टानों पर चढ़ने की कला, बर्फ से ढके पर्वतों पर चढ़ने की कला और स्कीइंग की कला। तीनों में सुरक्षित बने रहने के लिए अनुभव, शारीरिक क्षमता व तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है।

पर्वतारोहण के प्रकार

बछेंद्री पाल ने जब इस करियर की ओर कदम बढ़ाए तो ये एक पुरुष प्रधान करियर था। और उनके आने से पर्वतोहियों के बीच एक नया उत्साह भर गया था। पर्वतारोहण को ऐसे खेल के तौर पर जाना जाता है जो बर्फ के पहाड़ों को चढ़ने के इर्द-गिर्द ही घूमता है। आपको ये बताने से पहले कि पर्वतारोही कैसे बनें?, हंम आपको ये बता देते हैं कि पर्वतारोहण के कितने प्रकार हैं-

  • अल्पाइन क्लाइम्बिंग (Alpine Climbing): अल्पाइन क्लाइम्बिंग का मतलब सख्त पहाड़ों को चढ़ना है। ऐसे पहाड़ आमतौर पर कम ऊंचे होते हैं। इस पर चढ़ाई करने के लिए आपको एंकर, रस्सी, हार्निस और ट्रेड गियर की जरूरी पड़ती है। 
  • ग्लैशीऐटिड  पीक्स (Glaciated Peaks): वो पहाड़ जो पूरे साल बर्फ से ढके रहते हैं वो ग्लैशीऐटिड पीक कहलाते हैं। ऐसे पहाड़ों पर चढ़ने के लिए आपको ग्लेशियर ट्रेवल की ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। इसके लिए आपको कुछ खास टूल्स की जरूरत होती है जैसे एंकर, रस्सी, क्रैंपन और आइस एक्स आदि। 
  • स्क्रैम्बलिंग (Scrambling): उन पहाड़ों को चढ़ना जो छोटे होते हैं और जिन पर चढ़ने के लिए खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती है, स्क्रैम्बलिंग कहलाता है। इसमें कोई खास इक्विपमेंट की जरूरत भी नहीं होती है। स्क्रैम्बलिंग के लिए सामान्य हैलमेट और नी पैड की जरूरत होती है। 
  • हाई-एल्टीट्यूड क्लाइम्बिंग (High-Altitude Climbing): 18000 फीट से ऊंचे पहाड़ों को चढ़ना इस श्रेणी में आता है। इन पहाड़ों पर चढ़ने वाले पर्वतारोही रॉक और स्नोइ दोनों ही क्लाइम्बिंग में परफेक्ट होने चाहिए। 

पर्वतारोही बनने के लिए जरूरी स्किल

पर्वतारोही कैसे बनें? इसका जवाब जानने के लिए पहले ये समझ लें कि पर्वतारोहण एक स्किल बेस्ड फील्ड और इसके लिए पर्वतारोही के पास कुछ लाइफ स्किल होने चाहिए जैसे: 

  • शारीरिक और मानसिक मजबूती
  • धैर्य
  • लीडरशिप
  • दृढ़ता
  • क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटीज
  • दृढ़ निश्चय

पर्वतारोही बनने के उद्देश्य

आपको ग्रेनाइट फेसेज, ग्लेशिएटेड माउंटेन, टेक्निकल रूट, मिक्स्ड क्लाइम्बिंग आदि में से अपने लिए वो चुनना होगा, जिनके साथ आ शुरुआत करेंगे। चढ़ाई के लिए उद्देश्य बनाने के लिए आपको सबसे पहले ऊंचाई पर ध्यान देना होगा। शुरुआत में आपको बड़े की जगह छोटे उद्देश्य निश्चित करने होंगे। एक बार जब आप अपने चुने हुए विकल्प की चढ़ाई कर लेंगे तो आप दूसरे विकल्पों को भी चुन लीजिए। सामान्य विकल्पों के साथ कंफर्टेबल हो जाने के बाद माउंटेनेरिंग के दूसरे टाइप भी आजमाइए। 

योग्यता

पर्वतारोही बनने के लिए सबसे ज़रूरी है आपकी शारीरिक क्षमता का होना चाहिए। इस फील्ड के लिए सबसे जरूरी आवश्यकता स्वस्थ्य शरीर ही है। इसका मतलब है लंबे ट्रेक के लिए या उच्च तापमान के लिए अपने शरीर को तैयार करना। अपने शरीर पर काम करना शुरू करें और उद्देश्य निश्चित करें। रोज एक्सरसाइज से भारी वर्कआउट की आदत पड़ जाएगी। एक्सरसाइज के साथ रोज संतुलित भोजन भी जरूरी होगा। 8 से 10 घंटे लगातार चढ़ाई करना कोई ऐसा काम नहीं है जो रातों रात आ जाएगा। लेकिन अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए मेहनत करती रहें। 

पर्वतारोहण के कोर्स और इंस्टिट्यूट

पर्वतारोही कैसे बनें? इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं, तो अपने लिए एक सही इंस्टीट्यूट और कोर्स को चुनना सबसे आवश्यक है। जब एक बार आप शारीरिक मजबूती पर ध्यान देना शुरू कर देंगे तो आप पर्वतारोहण से जुड़े कोर्स कर सकते हैं। पर्वतारोही बनने के लिए कुछ कोर्सेज नीचे दिए गए हैं:

विदेश के टॉप कोर्सेज और इंस्टिट्यूट

इंस्टिट्यूट कोर्सेज
बैम्बू Bamboo-Everest Base Camp Fundraising Trek
वर्ल्डअवे लर्निंग टूर्स Volcano Hiking Expedition (8 Days)
एंडियन असेंट्स Climb Huayna Potosi 20,000 Feet – Andean Ascents
एंडीज ट्रैक एक्सपेडिकियन्स Lenin Volcano Ascent
आउटडोर लीडरशिप कैंप, स्विट्ज़रलैंड Climbing and Mountaineering in the Swiss Alps

भारत के टॉप कोर्सेज और इंस्टिट्यूट

इंस्टिट्यूट भारत में माउंटेनरिंग कोर्स
इंडियन माउंटेनेरिंग फाउंडेशन बेसिक माउंटेनेरिंग कोर्स  -Basic Mountaineering Course
-Advanced Mountaineering Course
-How to give instructions
-Search and rescue
नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग  -Basic Mountaineering Course
-Advanced mountaineering course
-Search and Rescue
-Training program
-Adventure Course
-How to give instructions
-Special Course-Skiing Course
हिमालयन माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट  -Adventure Course
-Basic Course
-Advanced courses

कुछ अन्य माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट हैं-

  • अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान, हिमाचल प्रदेश
  • राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान, अरुणाचल प्रदेश
  • भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान, जम्मू और कश्मीर
  • पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान, उत्तराखंड
  • हाई एल्टीट्यूड वेलफेयर स्कूल, जम्मू और कश्मीर
  • सोनम ग्यात्सो पर्वतारोहण संस्थान, सिक्किम

नोट: वो सभी लोग जो ऊपर बताए गए माउंटेनेरिंग  कोर्स भारत या विदेश में करना चाहते हैं उनको पता होना चाहिए कि योग्यता में उनकी पढ़ाई अहम नहीं है। इसकी जगह उन्हें मेडिकल टेस्ट देना होगा और शारीरिक मजबूती भी साबित करनी होगी। 

पर्वतारोही के टूल

पर्वतारोही बनने के लिए आपके पास जरूरी इक्विपमेंट भी होने चाहिए।  इसके साथ सही कपड़े और टूल भी आपकी जरूरत होंगे। पर्वतारोहण करने के लिए खास फेब्रिक से बने कपड़े ही पहने जाते हैं, जो पर्वतारोही के शरीर को गरम रखते हैं। मोजे, जूते और एक छोटा बैकपैक और ऑक्सीज़न सिलेंडर भी होना चाहिए जिसमें आप अपनी जरूरत का सामान रख सकें। हेलमेट, हार्नेस, लंबी रस्सी इन्हीं जरूरी चीजों में शुमार है। फूड केन्स, फ़र्स्ट एड किट, टॉर्च या हेड लैंप भी पर्वतारोहण के दौरान परिस्थितियों का सामना करने के लिए जरूरी हैं। 

पर्वतारोही कैसे बनें इसके लिए जाने पर्वतारोहण में करियर

पर्वतारोहण में करियर बनाने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा ट्रेक्स पर जाना होगा और क्लाइम्बिंग भी करनी होगी। इस तरह से आपका स्तर बढ़ेगा। तरह-तरह के इवेंट्स में हिस्सा लेकर आप अपनी पसंद को भी चुन पाएंगे। पूरी दुनिया में किए जाने वाले पसंदीदा माउंटेनियरिंग एक्स्पिडिशन ये रहे-

  • माउंट एवरेस्ट अभियान
  • माउंट देव टिब्बा अभियान
  • माउंट हनुमान टिब्बा अभियान
  • ब्लैक पीक अभियान
  • माउंट सीबी 12 और माउंट सीबी 14 अभियान
  • माउंट गंगोत्री 3 अभियान
  • मकालू अभियान
  • नुप्टसे अभियान
  • अमा डबलम अभियान
  • पुमोरी अभियान
  • बरंटसे अभियान

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लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल

आमतौर पर लोगों को लगता है कि इस क्षेत्र में आने के बाद प्रायोजित माउंटेन क्लाइम्बिंग ही एक अकेला मौका होता है। लेकिन अब इस खेल में ऐसे कई मौके मौजूद हैं। नीचे ऐसे ही कुछ पर्वतारोहण से जुड़े करियर विकल्प दिए गए हैं-

  • पर्वतारोही
  • क्लाइंबिंग फोटोग्राफर
  • पर्वतारोहण गाइड
  • प्रशिक्षक के लिए चढ़ाई गाइड
  • चढ़ाई रेंजर
  • प्रायोजित रॉक क्लाइंबर
  • क्लाइंबिंग राइटर

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FAQ

पर्वतारोही अपने साथ क्या क्या सामान ले जाते हैं?

 पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीज़न सिलेंडर, खाने का डिब्बा, पानी की बोतल, रस्सी, हुक, प्लास्टिक शीट, डायरी, टार्च, विंड शीटर, स्लीपिंग बैग, दस्ताने, कीलें, खूटे, कुदाल, नुकीले जूते, नुकीली छड़ आदि अपने साथ ले जाते होंगे।

माउंट एवरेस्ट फतह करने में कितना समय लगता हैं?

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में लगभग 39-40 दिन लगते हैं।

माउंट एवरेस्ट फ़तह करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन है?

29 मई 1953 को पहली बार माउंट एवरेस्ट पर न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाली मूल के भारतीय नागरिक तेन्जिंग नॉरगे चढ़े थे। उसके बाद से अब तकक 3,448 पर्वतारोही 5,585 बार एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं।

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की दूसरी महिला कौन है?

सन्तोष यादव, बछेन्द्रीपाल के बाद भारत की दूसरी तथा विश्व की दसवीं पर्वतारोही महिला हैं, जिन्होंने विश्व के सर्वोच्च शिखर को फ़तह करनेमें सफलता प्राप्त की है ।

हमें आशा है कि इस ब्लॉग से आपको पर्वतारोही कैसे बनें के बारे में सभी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप भी विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के विशेषज्ञों के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। वे आपको उचित मार्गदर्शन के साथ ऊपर दी गई सभी सुविधाएं प्रदान करने में मदद करेंगे।

पर्वतारोही अपने साथ क्या क्या सामान ले जाते हैं?

पर्वतारोही अपने साथ क्या क्या सामान ले जाते हैं? पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीज़न सिलेंडर, खाने का डिब्बा, पानी की बोतल, रस्सी, हुक, प्लास्टिक शीट, डायरी, टार्च, विंड शीटर, स्लीपिंग बैग, दस्ताने, कीलें, खूटे, कुदाल, नुकीले जूते, नुकीली छड़ आदि अपने साथ ले जाते होंगे

पर्वतारोहण के लिए क्या क्या तैयारी करनी पड़ती है?

उत्तर: पर्वतारोही अपने साथ खाने का डिब्बा, पानी की बोतल, रस्सी, हुक, प्लास्टिक शीट, डायरी, टार्च, विंड शीटर, स्लीपिंग बैग, दस्ताने, कीलें, खूटे, कुदाल, नुकीले जूते, नुकीली छड़ आदि अपने साथ ले जाते होंगे।

पर्वतारोहण में काम आने वाले औजार कौन कौन से हैं?

प्लेट प्रकार जुम्मर, डेसकेंडर, लैडर आइस वॉल क्लाइम्बिंग, लैडर क्रेवास क्रॉसिंग, आइस पिटोन, पुली, स्लेज इवैक्यूएशन (FRP), अटैचमेंट कॉजेलिटी क्लीयरेंस रॉड हिमस्खलन सियाचिन और पूर्वी थिएटर के उच्च दृष्टिकोण क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए सफलतापूर्वक विकसित किया गया था और इसे पेश किया गया था।

पर्वतारोहण करते समय सांस लेने में कठिनाई का मुख्य कारण क्या है?

Solution : ऊँचाई पर वायुमण्डलीय दाब में कमी आती है, जिससे जैसे विरल हो जाती है, जिसके फलस्वरूप ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आती है अतः पर्वतारोही श्वसन के लिए कम ऑक्सीजन प्राप्त होती हिअ, जिससे वे बेचैनी का अनुभव करते है इसलिये ये अपने साथ ऑक्सीजन का सिलेण्डर साथ में लेकर जाते है ।