ऑस्ट्रेलिया में कौन सी ऋतु है? - ostreliya mein kaun see rtu hai?

विश्व में ऑस्ट्रेलिया ही एकमात्र ऐसा देश है जो पूरे महाद्वीप पर फैला है इसलिए इसे द्वीपीय महाद्वीप भी कहते हैं. यह पूर्ण रुप से विश्वत रेखा के दक्षिण में स्थित है.

  •  इसका क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल के दोगुने से भी अधिक है.


  • ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में हिंद महासागर दक्षिण में दक्षिणी सागर तथा पूर्व में प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है।


  • मकर रेखा ऑस्ट्रेलिया के लगभग मध्य से होकर गुजरती है।


  • ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और आसपास के दीपों को मिलाकर ऑस्ट्रेलिया कहा जाता है।


  • ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड और आसपास के द्वीपों को मिलाकर ऑस्ट्रेलिया कहा जाता है।


  • यह देश 6 स्वासशी राज्यों तथा 2 केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटा है।


  • ऑस्ट्रेलिया की खोज एक अंग्रेज नाविक कैप्टन जैम्स कुक ने सन 1770 में की थी जो सिडनी पोताश्रय के निकट उतरा था।

ऑस्ट्रेलिया में कौन सी ऋतु है? - ostreliya mein kaun see rtu hai?


भूमि और जलवायु


ऑस्ट्रेलिया को 3 मुख्य भौतिक भागों में बांटा जा सकता है जो निम्नवत है


(1) पश्चिमी पठार


(2) मध्यवर्ती निम्न भूमि


(3) पूर्वी उच्च भूमि


पश्चिमी पठार:


  • ऑस्ट्रेलिया का पश्चिमी भाग एक विस्तृत पठार है जो इस महाद्वीप के दो बटे तीन भाग पर फैला है इस पठार का अधिकतर भाग मरुस्थल या अर्ध मरुस्थल है.


  • इस पठार में एक और धरातल से ऊपर उठी इक्की दुक्की पर्वत श्रेणियां है तो दूसरी ओर इस का अधिकतर भाग सपाट है जो छोटी-छोटी झाड़ियों से ढका है.


  • यह पठार पुरानी चट्टानों का बना है अर्थात या अनेक खनिजों के बड़े भंडार लौह  अयस्क और सोना यहां के प्रमुख खनिज है।


मध्यवर्ती निम्न भूमि


  • यह पश्चिमी पठार तथा पूर्वी उच्च भूमि के मध्य विस्तृत निम्न भूमि प्रदेश है जो उत्तर में कार्पोटिया की खाड़ी से लेकर महाप्दीप को पार करता हुआ ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट तक फैला हुआ है मर्रे और डार्लिंग ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख नदियां है जो मध्यवर्ती निम्न भूमि प्रदेश के दक्षिणी भाग से होकर बहती हैं परंतु यहां बहने वाली नदियां समुद्र तक नहीं पहुंच पाती और अंततः  स्थलीय  झीलों में गिर जाती है इस प्रकार मध्यवर्ती निम्न भूमि प्रदेश में आयर झील के चारों ओर का बहुत बड़ा भाग अंततः  स्थलीय अपवाह क्षेत्र है।


NOTE -अंततः स्थालीय अपवाह क्षेत्र से तात्पर्य उस नदी तंत्र है जिसका पानी समुद्र में नहीं पहुंच पाता.


  •      वर्षा की कमी के कारण निम्न भूमि का अधिकतर भाग बहुत सुस्त है परंतु सौभाग्य से कुछ जल स्रोत कूपों के कारण जल की कमी पूरी हो जाती है.


  •        उत्सुत कुपों एक विशेष प्रकार के कुएँ होते हैं जहां प्रकृति और मानव निर्मित क्षेत्र से अपने आप धरातल पर निरंतर और बड़े भाग से पानी बाहर निकलता रहता है।


पूर्वी उच्च भूमि: -


  •  यह ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के लगभग समांतर फैली है इसका विस्तार उत्तर में केप यार्क प्रायद्वीप से लेकर के दक्षिण में तस्मानिया तक है यह ऊंचे ऊंचे पठारों की लंबी पट्टी है जिसे ग्रेट डिवाइडिंग रेंज कहते हैं यह उत्तर में चौडी तथा कम ऊंची है किंतु दक्षिण में सकरी और ऊंची है।


  • कोशियुस्को ऑस्ट्रेलिया का सबसे ऊंचा शिखर है.


ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर नदियां पूर्वी उच्च भूमि से निकलती हैं.


  • ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी पूर्वी तट के साथ-साथ समुद्र में एक प्रवाल भित्ति मूंगे की चट्टानों की बहुत चौड़ी दीवार जैसी है जैसे ग्रेट बैरियर रीफ कहते हैं विश्व प्रसिद्ध प्रवाल भित्ति की लंबाई 1900 किलोमीटर से अधिक है इस प्रवाल का निर्माण प्रवाल नाम के अत्यंत छोटे छोटे जीवों के अस्थि पंजरो के लगातार जमाव से हुआ है यह छोटे  समुद्री जीव उष्णकटिबंधीय समुद्रों के स्वच्छ और उथले जल में ही अच्छी तरह पनपते हैं।


ऑस्ट्रेलिया का अधिकतर भाग शुष्क है.


  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी उत्तर पूर्वी तथा दक्षिण पश्चिमी भागों में पवन समुद्र की ओर से चलती है परिणाम स्वरूप इन भागों में भारी वर्षा होती है जबकि पश्चिम तथा मध्यवर्ती भागों के बहुत बड़े क्षेत्र में वर्षा बहुत ही कम होती है क्योंकि वर्षा करने वाली इन पौधों को पूर्वी उच्च भूमि रोक लेती है अतः ऑस्ट्रेलिया के विस्तृत भीतरी भाग में गर्म मरुस्थल की तरह ही जलवायु पाई जाती है.


  • ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट की जलवायु भूमध्य सागरी है.


  • ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग में ग्रीष्म ऋतु में मानसून पवनों से वर्षा होती है यह पवन ए रितु ओके बदलने के साथ-साथ अपनी दिशा बदल लेती है यही कारण है कि यह क्षेत्र शीत ऋतु में शीतल तथा शुष्क होता है जबकि ग्रीष्म ऋतु में कोष्ण तथा आद्र होता है।


  • ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी गोलार्ध में स्थित होने के कारण जहां की तिथि उत्तरी गोलार्ध से बिल्कुल विपरीत है अर्थात जब भारत में ग्रीष्म ऋतु होती है तब ऑस्ट्रेलिया में शीत ऋतु होगी।



वन


  • यूकेलिप्टस  ऑस्ट्रेलिया का सामान्य पेड है। यह सदाहरित वृक्ष है और इन्हें प्रया गम वृक्ष या गोद वृक्ष के नाम से भी पुकारा जाता है यूकेलिप्टस वृक्ष की कुछ किस्में 90 मीटर ऊंची तो कुछ की ऊंचाई 4,5 मीटर तक सीमित होती है जार्रा और कारी नामक यूकेलिप्टस से मूल्यवान इमारती लकड़ी मिलती है तो कुछ से तेल प्राप्त होता है।


  • वैटल भी ऑस्ट्रेलिया का सामान्य वृक्ष है.


  • ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में जहां भारी वर्षा होती है वन पाए जाते हैं जहां से उसकी भीतरी भागों में घास और झाड़ियां उगती हैं. ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्वी तटीय क्षेत्रों में वन प्रदेश है जहां ताड बांस भुर्ज देवदार के वृक्ष बहुतायत में मिलते हैं।



  • ऑस्ट्रेलिया के अर्धशुष्क क्षेत्रों की मुख्य वनस्पति साल्ट बुश तथा मुल्गा पौधे है।जबकि अधिक सूखे मे वनस्पति  नागफनी  और काटेदार घास है।



वन्य प्राणी: -

  • ऑस्ट्रेलिया के अनेक जंतु मारसूपियल अथवा धानी प्राणी वर्ग के हैं इन जंतुओं के पेट के पास खाल की थैली जैसी बनी होती है और इसमें वे अपने बच्चों को आसानी से उठाए फिरते हैं.


कंगारू: - यह ऑस्ट्रेलिया का प्रतीक है तथा घास एवं पेड़ों की पत्तियां खाकर जीवित रहता है.


वेल्लाबी : 


कोला: - यह अपनी चपटी चौड़ी काली नाक के कारण खिलौने वाले भालू जैसा दिखता है यह पेड़ों पर रहता है तथा यूकेलिप्टस के पेडो की पत्तियां खाता है।


डिगो : यह जंगली कुत्ता है ।


प्लेटिपस : यह संसार का सबसे विचित्र जंतु है इसमें पक्षी तथा पशुओं दोनों के मिश्रित लक्षण पाए जाते हैं यह जो पानी में रह सकता है भूमि पर चल सकता है जमीन के अंदर सुरंग भी खोद लेता है चार पैरों वाला यह जीव पक्षियों की तरह अंडे भी देता है।


ऐमू : यह बड़े आकार का पक्षी है पर उड़ नहीं सकता है.


कोकाबर्रा: इसको लाफिंग जैकास भी कहा जाता है क्योंकि इसकी बोली विचित्र हंसी सी लगती है।


लायरबर्ड: यह संसार के सबसे सुंदर पक्षियों में से एक है यह नकल करने में बड़ी कुशल है।


पशुपालन: -


पशुपालन अधिकतर तीन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है    -


( 1) दूध एवं दुग्ध उत्पाद: - ऐसे पशुओं को पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी क्षेत्रों में पाला जाता है.


( 2) मांस: - ऐसे पशुओं को क्वींसलैंड तथा उत्तरी क्षेत्र की घास भूमियों में पाला जाता है.


( 3) ऊन: - भेड पालन के लिए मर्रेऔर डार्लिंग नदियों के बीच फैला क्षेत्र सबसे अधिक उपयुक्त है यहां मेरीनो जाति की भेडें पाली जाती है जो सबसे अच्छी होती हैं इन भेडों से सबसे अच्छा ऊन  मिलता है भेड पालन में लगे मजदूरों को जेकारू कहते हैं. ऑस्ट्रेलिया में भेड़ों की संख्या संसार में सबसे अधिक है.


फसलें 


  • ऑस्ट्रेलिया-भारत की तरह एक कृषि प्रधान देश है परंतु वर्षा के अभाव में केवल 4% भूभाग पर ही कृषि कार्य होता है अधिकतर कृषि दक्षिण पश्चिमी दक्षिण पूर्वी तथा पूर्वी तटीय भागों में की जाती है क्योंकि यहां पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त होता है.


  • यहां के खेत बहुत बड़े एवं संपन्न होने के कारण अत्याधुनिक मशीनों के प्रयोग से सहायता रहती है साथ ही ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या बहुत कम होने के कारण भी कृषि कार्य मशीनों से करना और भी जरूरी हो जाता है अर्थात या अत्याधुनिक मशीनों और वैज्ञानिक तरीकों से कृषि कार्य किया जाता है.



ऑस्ट्रेलिया की मुख्य फसलें: -


  • गेहूं: - न्यू साउथ वेल्स तथा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया


  • गन्ना तमाखू तथा कपास: - क्वींसलैंड


  • खनिज तथा उद्योग: - ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख खनिज कोयला लौह अयस्क बॉक्साइट मैग्नीज खनिज तेल प्राकृतिक गैस सीसा जस्ता यूरेनियम तथा तांबा है ऑस्ट्रेलिया बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.


वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया संसार के प्रमुख औद्योगिक देशों में से एक है यहां के प्रमुख उद्योग लोहा इस्पात कृषि संबंधी मशीनें मोटर गाड़ियां बिजली का सामान रसायन कागज जलयान मशीनी उपकरण और परिष्कृत तेल के कारखाने हैं साथ ही कृषि तथा पशुपालन से प्राप्त कच्चे माल से कई तरह की चीजें जैसे सूती ऊनी वस्त्र शक्कर मक्खन पनीर डिब्बों में बंद फल और मांस प्रमुख है.


इस देश के प्रमुख कारखाने विक्टोरिया तथा न्यू साउथ वेल्स में स्थापित है.


यातायात तथा व्यापार: -


  • ऑस्ट्रेलिया के सभी राज्यों की राजधानियां समुद्र तट पर स्थित होने के कारण पर बंदरगाह के रूप में प्रयोग किए जाते हैं यह बंदरगाह  देश के कुल व्यापार को बढ़ाने में तो महत्वपूर्ण योगदान देते ही हैं साथ ही इन बंदरगाहों के समीप बसे नगर तेजी से विकास भी करते हैं सिडनी तथा मेलबोर्न नगरों का तेजी से विकास इस बात का श्रेष्ठ उदाहरण है।


  • ऑस्ट्रेलिया द्वारा निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं: - गेहूं दूध के उत्पाद मांस मशीनें तथा खनिज.


  • ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयात प्रमुख वस्तुएं: - मशीनें यातायात के उपस्कर वस्त्र खनिज तेल एवं इसके उत्पाद 


  • ऑस्ट्रेलिया में यातायात के प्रमुख साधन रेल है इस महाद्वीप का एकमात्र अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग ट्रांस ऑस्ट्रेलिया रेलवे जो सिडनी को पर्थ से जोड़ता है इस रेल मार्ग की लंबाई 4000 किलोमीटर है।


  • अंतर महाद्वीपीय रेलमार्ग में रेल मार्ग भेजो महाद्वीप को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जोड़ता है ऑस्ट्रेलिया के राज्यों की सभी राजधानियां और मुख्य नगर एक दूसरे से अच्छी सड़कों द्वारा जुड़े हुए आस्ट्रेलिया के प्रमुख सड़कों को कॉमनवेल्थ महामार्ग कहते हैं।


  • ऑस्ट्रेलिया लंबी लंबी दूरियों का महाद्वीप है अतः यात्रियों तथा सामान ढोने के लिए वायुयानो का उपयोग होता है ऑस्ट्रेलिया के वायु परिवहन की एक दिलचस्प बात यह है कि वायुयानो  KA उपयोग एंबुलेंस के रूप में भी उपयोग होता है।


  • ऑस्ट्रेलिया के सभी प्रमुख बंदरगाह संसार के अन्य प्रमुख बंदरगाहों से समुद्री मार्ग द्वारा जुड़े हैं सिडनी ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा नगर एवं प्रथम श्रेणी का बंदरगाह है यह न्यू साउथ वेल्स की राजधानी है और देश का अधिकतर सामान यहीं से निर्यात किया जाता है.


  • मेलबर्न तथा पर्थ ऑस्ट्रेलिया के अन्य प्रमुख नगर है.


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लोकतंत्र में नागरिक समाज की भूमिका: Loktantra Mein Nagrik Samaj ki Bhumika

January 24, 2021

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पानी और हवा का हमारे जीवन में क्या उपयोग है ?: Water and air important

August 01, 2021

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Satyavadi Raja Harishchandra (सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र) कौन थे?

November 01, 2021

भारत के पंडितों ने चार युग माने हैं ।हम लोग जिस युग में रहते हैं वह कलयुग कहा जाता है। इसके पहले द्वापर  उसके पहले त्रेता और उसके पहले सतयुग था। कल युग समाप्त होने पर फिर सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग होंगे । इसी प्रकार चारों युग बारी-बारी से आते-जाते रहते हैं। प्रत्येक युग सहस्त्र वर्ष का होता है । सत्ययुग में एक प्रसिद्ध क्षत्रियों का परिवार था ।जिसे इक्ष्वाकु कहते हैं ।यह बहुत बड़े राजा थे ।इन्हीं के वंश में हरिश्चंद्र राजा हुए हैं । यह वंश सूर्यवंश भी कहा जाता है ।यह उत्तरी भारत में राज्य करते थे। आज ठीक ठीक नहीं कहा जा सकता कि कहां से कहां तक इनका राज्य फैला हुआ था.             इनके सम्बन्ध  में सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह कभी झूठ नहीं बोलते थे । जो बात एक बार कह दी। वह फिर पत्थर की लकीर हो गई ।चाहे जो कुछ भी हो वह उसे करते ही थे ।अनेक ढंग से उनकी परीक्षा ली गई और सब में वह खरे उतरे । उनकी सच्चाई यहां तक बढ़ी हुई थी कि सपने में यदि उनके मुख से कुछ निकल जाता तो जाग जाने पर उसे भी वह पूरा करते थे उनके संबंध में कहा गया - “चन्द्र टरै  सूरज  टरै टरै जगत व्यवहार पै दृढ श्री हरिश्चंद्र को

ऑस्ट्रेलिया में कौन सी ऋतु होती है?

Solution : पूरे ऑस्ट्रेलिया का अवक्षेपण प्रतिमान प्रकृति में मौसमी है। उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में, वर्ष के अधिकांश महीनों में ग्रीष्म ऋतु में वर्षा होती है, जबकि शीत ऋतु मौसम शुष्क रहता है। ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग में, ग्रीष्म ऋतु की तुलना शीत ऋतु में अधिक वर्षा होती है।

ऑस्ट्रेलिया में गर्मी और सर्दी कब होती है?

गर्म मौसम 26 नवंबर तक चलता है, जो 22 मार्च से 3.9 माह तक रहता है, जिसमें औसत दैनिक उच्च तापमान 25°से॰ से ऊपर होता है। सिडनी में वर्ष का सबसे गरम महीना जनवरी होता है, जिसका औसत उच्च 26°से॰ और निम्न 20°से॰ होता है।

ऑस्ट्रेलिया में कौन सा मौसम चल रहा है?

आंशिक रूप से बादल छाये हुए। उच्च 27। हवाएं उपू 15 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा।

ऑस्ट्रेलिया में कितनी गर्मी पड़ती है?

ऑस्ट्रेलिया के इस धूप वाले कोने में मौसम 10 डिग्री सेल्सियस (29 जुलाई साल का सबसे ठंडा दिन होता है) से लेकर 28 डिग्री सेल्सियस (27 जनवरी साल का सबसे गर्म दिन होता है) तक रहता है।