नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पादन द्वारा पृथक कर सकते हैं - namak tatha cheenee ke mishran ko nishpaadan dvaara prthak kar sakate hain

विषयसूची

  • 1 रेत नमक और जल के मिश्रण को आप कैसे पृथक करेंगे?
  • 2 * कौन सी पृथक्करण की विधि नहीं है?* 1⃣ छानना 2⃣ निष्पावन 3⃣ निस्तारण 4⃣ खाना पकाना?
  • 3 निष्पादन से क्या अभिप्राय है यह कहाँ उपयोग किया जाता है?
  • 4 नमक तथा चीनी के मिश्रण की विधि को क्या कहते हैं?
  • 5 खाना बनाने से पहले दालों से भूसे को कैसे अलग करते हैं?
  • 6 जल और एसीटोन के मिश्रण में से कौन सा पदार्थ?
  • 7 200 की अपेक्षा दमोह में वितरण की दर अधिक क्यों होती है?
  • 8 रेत किसका उदाहरण है?
  • 9 तेल और पानी को पृथक करने के लिए कौन सी विधि का प्रयोग किया जाता है?

रेत नमक और जल के मिश्रण को आप कैसे पृथक करेंगे?

इसे सुनेंरोकेंकिसी मिश्रण के कणों की आमाप में अंतर का उपयोग चालन तथा निस्यंदन प्रक्रियाओं द्वारा पृथक्करण में किया जाता है। – रेत और जल के मिश्रण में, रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वारा जल को पृथक किया जा सकता है। – द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक किया जा सकता है।

* कौन सी पृथक्करण की विधि नहीं है?* 1⃣ छानना 2⃣ निष्पावन 3⃣ निस्तारण 4⃣ खाना पकाना?

पदार्थों का पृथक्करण

  1. उत्तर: कभी-कभी किसी मिश्रण में एक या उससे अधिक हानिकारक और अनुपयोगी अवयव मिश्रित होते हैं।
  2. उत्तर: हवा(पवनों) के झोंकों द्वारा मिश्रण से भारी और हल्के अवयवों को अलग(पृथक) करने के लिए जिस विधि का इस्तेमाल करते हैं, उसे निष्पावन कहते हैं।

निष्पादन से क्या अभिप्राय है यह कहाँ उपयोग किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंनिष्पावन से अभिप्राय : निष्पावन एक मिश्रण के घटकों को अलग करने की एक प्रक्रिया है। इसका उपयोग मिश्रण के भारी और हल्के घटकों को हवा द्वारा अलग किया जाता है। इस विधि का उपयोग आमतौर पर किसानों द्वारा अनाज के भारी बीजों से हल्के भूसे के कणों को अलग करने के लिए किया जाता है।

तेल और पानी को पृथक करने के लिए कौन सी विधि का प्रयोग करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअत: फिल्टरेशन की विधि द्वारा इन्हें पृथक नहीं किया जा सकता है। अत: पानी में तैरते हुए महीन कणों को अपकेन्द्रीकरण की विधि द्वारा अलग किया जाता है। वाष्पीकरण :मिट्टी के कण ठोस होते हैं तथा जल एक तरल है। अत: वाष्पीकरण तथा आसवन विधि का उपयोग कर जल तथा उसमें तैरते हुए महीन कण को अलग किया जा सकता है।

पृथक्करण की आवश्यकता क्यों है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: मिश्रण के अवयवों को पृथक (अलग) करने की आवश्यकता-कोई भी पदार्थ उसके शुद्ध रूप में होना महत्वपूर्ण होता है। कई पदार्थों में अशुद्धियाँ मिली होने के कारण उन्हें प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। अतः पदार्थ के शुद्ध रूप प्राप्त करने के लिए पृथक्करण किया जाता है।

नमक तथा चीनी के मिश्रण की विधि को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकें(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं। (ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है। – (घ) अनाज ओर भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है। Q10.

इसे सुनेंरोकेंAnswer: – रेत और जल के मिश्रण में, रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वारा जल को पृथक किया जा सकता है। – द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक किया जा सकता है। – किसी द्रव को उसी वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं।

खाना बनाने से पहले दालों से भूसे को कैसे अलग करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंज्यादातर किसान इस विधि का उपयोग करते हैं। इसके अंतर्गत हल्के भूसों को भारी अन्नकणों से अलग किया जाता है। प्रश्न 3: पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे और धूल के कण कैसे पृथक करेंगे? उत्तर: ह्स्त- चयन की विधि के द्वारा किसी भी दालों से हम भूसे और धूल के कण पृथक कर सकते हैं।

जल और एसीटोन के मिश्रण में से कौन सा पदार्थ?

इसे सुनेंरोकेंजिसमें जल तथा एसीटोन के विलियन को गर्म करते हैं। इसके एक सिरे पर जल संघनन लगा देते हैं। जल तथा एसिटोन के विलयन गर्म होने के कारण जलवाष्प होने लगता है।

क्या तेल और पानी कोविशील्ड है तेल और पानी के मिश्रण को किस विधि से अलग अलग किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंइन मिश्रण को पृथक करने की भी विधि आसवन विधि है। आसवन विधि के अनुसार मिश्रित के अवयवों को वाष्पीकरण द्वारा हम पर अलग कर सकते हैं। मिश्रण को इतना गर्म करे अवयव को भाप हो जाए। जिससे कि एक अवयव अंदर हो दूसरा बाहर निकल जाए।

क्या कारण है कि तापक्रम में वृद्धि से गैस जल में कम विलेय होती है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 11. क्या कारण है कि तापक्रम में वृद्धि से गैसें द्रव में कम विलेय होती हैं? अधिकतर गैसों की ताप में वृद्धि से द्रव में विलेयता घटती है, क्योंकि घुलना एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है। गर्म करने पर घुली हुई गैसें विलयन से बाहर निकलती हैं।

200 की अपेक्षा दमोह में वितरण की दर अधिक क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंठोस की अपेक्षा द्रव में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते है और उन कणो में रिक्त स्थान भी अधिक होते है।

रेत किसका उदाहरण है?

इसे सुनेंरोकेंरेत और चीनी का मिश्रण एक विजातीय मिश्रण है। एक सजातीय मिश्रण में एक नमूने में इसके योगिक पदार्थ के समान अनुपात होते हैं। एक मिश्रण जिसमें विलेय कण विलीन नहीं होते है, लेकिन निलंबित हो जाता है एक निलंबन है। एक विलयन जिसमें द्रव में पदार्थों को नियमित रूप से निलंबित किया जाता है वह एक कोलाइडल विलयन है।

तेल और पानी को पृथक करने के लिए कौन सी विधि का प्रयोग किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंइन मिश्रण को पृथक करने की भी विधि आसवन विधि है। आसवन विधि के अनुसार मिश्रित के अवयवों को वाष्पीकरण द्वारा हम पर अलग कर सकते हैं।

पकाने से पहले दाल के भूसे व धूल के कण आप कैसे पृथक करेगे?

इसे सुनेंरोकेंपकाने से पहले दालों के किसी नमूने से हम भूसे एवं धूल के कण हस्त चयन की विधि का प्रयोग करके पृथक करेंगे। यह प्रक्रिया आम तौर पर दालों और चावलो से गंदगी, पत्थर, भूसी के टुकड़ों की अशुद्धियों को अलग करने के लिए उपयोग की जाती है। हस्त चयन पदार्थों के पृथक्करण की सबसे सरल विधि है।

नमक और चीनी के मिश्रण को कौन सी विधि द्वारा पृथक कर सकते हैं?

Answer: नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं

नमक और चीनी के मिश्रण को अलग करने के लिए क्या इस्तेमाल किया जा सकता है?

(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं। (ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है। (घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।

आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक करना संभव है अगर हां तो आप इसे कैसे करेंगे?

Explanation: उत्तर: हाँ, आटे और चीनी के मिश्रण को पृथक करना संभव है । इसके लिये मिश्रण को बारीक छलनी में छानना होगा । आटा, महीन होने के कारण इस चालन प्रक्रिया से अलग हो जाएगा और चीनी के दाने, मोटे होने के कारण छलनी में रह जाएंगे ।

नमक और जल के मिश्रण को आप कैसे पृथक करेंगे?

Answer: - रेत और जल के मिश्रण में, रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वारा जल को पृथक किया जा सकता है। - द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यंदन के उपयोग से पृथक किया जा सकता है। - किसी द्रव को उसी वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं।