Show गिलोय को दूध में उबालकर पीने से जोड़ों का दर्द कम होता है। इसके अलावा अदरक के साथ गिलोय का सेवन करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। गिलोय के रस में हड्डी मजबूत करने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की भरमार होती है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए न करें गिलोय का अंधाधुंध सेवन, नहीं तो होंगे ये side effects गिलोय के तने को चबाएंगिलोय के तने को चबाना भी इसका सेवन करने का एक बेहतर तरीका है। यह
तरीका अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से इस बीमारी से पीड़ित लोगों में अस्थमा के लक्षण दूर होते हैं। इसके अलावा यह खांसी, गले में खराश और
टॉन्सिलिटिस की परेशानी में भी आराम दिलाता है। गिलोय जूसगिलोय के तने को एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक पानी जलकर आधा न हो जाए। इसके बाद पानी को छान लें और नियमित इसका सेवन करें। यह रक्त को शुद्ध करता है, विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालता है और बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है। गिलोय शॉट पिएंगिलोय के शॉट को आंवला, अदरक और काले नमक में मिलाकर पीने
से इम्यूनिटी बढ़ती है। सभी सामग्री को अच्छी तरह ब्लेंड कर लें और पानी में मिलाकर सेवन करें। इम्युनिटी के लिए ही नहीं, सेहत के लिए अन्य फायदे भी पहुंचाता है गिलोय का
सेवन आंखों पर लगाएंगिलोय का एक्सट्रेक्ट आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। गिलोय के पाउडर को पानी में उबालकर ठंडा करें। इसे कॉटन पैड से आंख की पलकों पर लगाएं। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। गिलोय के फायदेपाचन सुधारे गिलोय का तना पाचन को सुधारता है, कब्ज, एसिडिटी , गैस और पेट फूलने की समस्या को दूर करता है। यह कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। आप आधा ग्राम गिलोय का चूर्ण थोड़े से आंवले के साथ नियमित रूप से ले सकते हैं, या कब्ज के इलाज के लिए गुड़ के साथ ले सकते हैं। डायबिटीजविशेषज्ञों के अनुसार, गिलोय हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट का काम करता है और टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मदद करता है। हाई ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों के लिए गिलोय का जूस बहुत फायदेमंद होता है और बेहतर रिजल्ट देता है। डायबिटीज का काल है नीम और गिलोय का ये रस, पीने से ब्लड शुगर लेवल हो जाता है कंट्रोल अर्थराइटिसगिलोय में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी अर्थराइटिक गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस के
लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं। अर्थराइटिस की समस्या को दूर करने के लिए गिलोय पाउडर को नियमित दूध में उबालकर पीना चाहिए। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें गिलोय कौन कौन सी बीमारी को ठीक करता है?गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, ब्लड को शुद्ध करता है और बैक्टीरिया से लड़ता है। यह लिवर की बीमारी वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। यह डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी जानलेवा बुखार के लक्षणों को कम करता है।
गिलोय का काढ़ा पीने से क्या फायदा होता है?गिलोय का काढ़ा पीने से फोड़े-फुंसी, रक्त विकार और अनेक तरह के चर्म रोग दूर हो सकते हैं। इसके अलावा गिलोय का सेवन त्वचा संबंधी रोगों और एलर्जी से बचाव करता है। त्वचा पर चकत्ते, कील मुंहासे होने पर गिलोय का उपयोग करें। बीमारियों से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है।
खाली पेट गिलोय पीने से क्या होता है?इसे आप सुबह-सुबह खाली पेट खाएंगे, तो कुछ ही दिनों में वजन में बहुत अंतर देखने को मिलेगा। आमतौर पर गिलोय का रस शरीर की इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इस औषधीय पौधे के रस में पेट के स्वास्थ्य में सुधार लाने की अच्छी क्षमता है, जो इसे वजन घटाने के लिए बहुत ही लोकप्रिय उपाय बनाता है।
गिलोय का पानी कब पीना चाहिए?इसका सेवन हमेशा खाली पेट किया जाना चाहिए। अगर आपको बुखार है तो आप 40 ग्राम गिलोय की ताजी पत्तियों को मसलकर उसमें लगभग 250 मिली पानी मिलाकर रात भर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। सुबह इस पानी को छानकर उसका सेवन करें। दिन में तीन बार इसकी दवा बराबर मात्रा यानी 20 मिली का सेवन करने से बुखार चला जाता है।
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