Puane samay mein shadiyan (Vivah) kaise hoti thi?विवाह या शादी जीवन का सबसे अनिवार्य संस्कार माना गया है। प्राचीन काल से ही विवाह के संबंध में कई नियम और सावधानियां बनाई गई हैं। तरह तरह की परंपराएँ पुराने समय से ही चली आ रही है, जिन्हें हम आज भी निभाते हैं। परिवार की स्थिरता, सुख, शांति, कल्याण के लिये विवाह की अनिवार्यता मानी गई है। हमारे हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार विवाह को बहुत जरूरी माना गया है। अगर हम हिंदू धर्म के 16 संस्कारों की बात करें तो विवाह उनमें से एक है ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO) ब्रह्म विवाहः जो शादी लड़का व लड़की के परिवार की सहमति से हो वो विवाह ब्रह्म विवाह कहलाता है। जिसे आज के समय में अरेंज मैरिज कहा जाता है। ये शादी परिवार वालों की मर्जी के साथ-साथ लड़का-लड़की की इच्छा से होती है। देव विवाहः जिस शादी में विशेषतः धार्मिक
अनुष्ठान के मूल्य के रूप में अपनी कन्या को दान में दे देना ही देव विवाह कहलाता है। आर्श विवाहः जिस लड़की की शादी में गौदान यानि गाय का दान करके विवाह हो उसे आर्श विवाह कहा जाता है। प्राचीन समय में पहले ब्राह्मण परिवारों में इस तरह शादी की जाती थी। प्रजापत्य विवाहः किसी लड़की से बिना पूछे उसका विवाह किसी संपन्न
परिवार के वर से कर देना प्रजापत्य विवाह कहलाता है। इसमें केवल लड़की के परिवार वालों की इच्छा होती है। गंधर्व विवाहः बिना अपने परिवार वालों की सहमति के बिना किया गया विवाह गंधर्व विवाह कहलाता है। जिसे आज के समय में लव मैरिज कहा जाता है। इस तरह की शादी लड़का-लड़की भाग कर करते हैं या किसी को बिना बताए ही कर लेते हैं। असुर
विवाहः लड़की को खरीदकर कि गई शादी यानि पैसे, जमीन, गहने देकर विवाह करना असुर विवाह कहलाता है। राक्षस विवाहः जो विवाह लड़की की सहमति के बिना उसका अपरहण करके जबरदस्ती हो उसे राक्षस विवाह कहा जाता है। पैशाच विवाहः लड़की की बेहोशी या लाचारी की अवस्था में संबंध बनाना और बाद में उससे विवाह करना पैशाच विवाह कहलाता
है।
BTC$ 17164.96 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC ETH$ 1254.19 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC USDT$ 1 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC BNB$ 293.98 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC usd-coin$ 1 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC XRP$ 0.38 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC terra-luna$ 2.51 Tue, Oct 18, 2022 03.06 PM UTC
solana$ 16.75 Fri, Nov 11, 2022 02.37 AM UTC Trending TopicsMost Read Storiesप्राचीन काल में विवाह कितने प्रकार के होते थे?हिन्दू धर्मग्रंथ में उस समय प्रचलित विवाह विधियों के प्रकार धर्मवेत्ता ऋषि मनु के अनुसार आठ प्रकार का विवरण दिया गया हैं । नारद पुराण के अनुसार, सबसे श्रेष्ठ प्रकार का विवाह ब्रह्म ही माना जाता है।. ब्रह्म विवाह ... . देव विवाह ... . आर्ष विवाह ... . प्राजापत्य विवाह ... . आसुर विवाह ... . गंधर्व विवाह ... . राक्षस विवाह ... . पैशाच विवाह. शादी की शुरुआत कैसे हुई?महाभारत (१। १२२। ३-३१) में पांडु ने अपनी पत्नी कुंती को नियोग के लिए प्रेरित करते हुए कहा था कि 'पुराने जमाने में विवाह की कोई प्रथा न थी, स्त्री पुरुषों को यौन संबंध करने की पूरी स्वतंत्रता थी। ' कहा जाता है, भारत में श्वेतकेतु ने सर्वप्रथम विवाह की मर्यादा स्थापित की।
हिन्दू विवाह कैसे होता है?विवाह वेदी पर वर और कन्या दोनों को बुलाया जाए, प्रवेश के साथ मंगलाचरण 'भद्रं कणेर्भिः.......' मन्त्र बोलते हुए उन पर पुष्पाक्षत डाले जाएँ। कन्या दायीं ओर तथा वर बायीं ओर बैठे। कन्यादान करने वाले प्रतिनिधि कन्या के पिता, भाई जो भी हों, उन्हें पत्नी सहित कन्या की ओर बिठाया जाए। पत्नी दाहिने और पति बायीं ओर बैठें।
लड़कियों को शादी करना क्यों जरूरी है?शादी करना इसलिए जरूरी है क्योंकि व्यक्ति जीवनभर लापरवाह न बना रहे और उसे अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो सके। प्रकृति के बनाए नियम के अनुसार स्त्री को पुरुष के और पुरुष को स्त्री के प्यार की जरूरत होती है। बिना प्यार के वह कई बार मानसिक बीमारियों का शिकार हो जाता है। इसलिए हेल्थ के लिहाज से भी शादी जरूरी है।
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