मानव जीवन में संगीत का महत्वकई माता पिता को संगीत के लाभों के बारे में सुना है नवजात शिशुओं पर संगीत की प्रभाव।विभिन्न धुनों, यहां तक कि आज के आधार पर, टुकड़ों नवजात शिशुओं पर एक लाभदायक प्रभाव हो सकता है जो चिकित्सा के विशेष पाठ्यक्रम, देखते हैं।अलग अलग धुन की रिकॉर्डिंग के साथ एक एमपी 3 प्लेयर के रूप में भी इस तरह के एक सरल उपकरण का उपयोग कर संगीत के मोहन-सुर संगीत की मादकता जीव जगत पर जो प्रभाव पड़ता है, वह किसी से छिपा नहीं है। संगीत की स्वरलहरी पर मुग्ध होकर हिरन का व्याध के बाण से विद्ध होना, महाविषधर भुजंग का सपेरे के वशवर्ती होना हम बहुत दिनों से सुनते आ रहे हैं। किन्तु वर्तमान युग में संगीत के प्रभाव से मनुष्य की व्याधियों का उपचार करने का प्रयोग भी होने लगा है। एक दिन ऐसा भी आ सकता है, जबकि विज्ञान चिकित्सा अपने रोगियों के लिए मिक्सचर, पिल या पाउडर की व्यवस्था न करके दिन-रात में उसके लिए दो-तीन बार संगीत
श्रवण का व्यवस्था पत्र देंगे। Read More : संगीत द्वारा रोग-चिकित्सा about संगीत द्वारा रोग-चिकित्सा संगीत का प्राणि वर्ग पर असाधारण प्रभावSubmitted by Anand on 23 September 2018 - 12:59amरेडियो तरंगों की तरह संगीत की भी शक्तिशाली तरंगें होती हैं। वे अपने प्रभाव क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। उनसे वातावरण अनुप्राणित होता है। पदार्थों में हलचल मचती है और प्राणियों की मनोदशा पर उसका अनोखा प्रभाव पड़ता है। प्राणियों में मनुष्य की बौद्धिक एवं संवेदनात्मक क्षमता अन्य प्राणियों से विशिष्ट है। इसलिए संगीत का उस पर असाधारण प्रभाव पड़ता है। यों भाव संवेदना प्राणि मात्र पर पड़ती है। वे अपने सामान्य क्रिया कलाप रोक कर वादन ध्वनि के साथ लहराने लगते हैं। उनमें शब्द ज्ञान तो होता नहीं इसलिए गायनों का अर्थ समझने में असमर्थ रहने पर भी वे गीतों के साथ जुड़े हुए भाव संचार को ग्रहण करते और उससे Read More : संगीत का प्राणि वर्ग पर असाधारण प्रभाव about संगीत का प्राणि वर्ग पर असाधारण प्रभाव Search engine adsenceजीवन में जन्म से मृत्यु तक है संगीतभोजपुर । संगीत का मानव जीवन में अहम स्थान है। यह हमारे साथ जन्म से लेकर मृत्यु तक रहता है। भोजपुर । संगीत का मानव जीवन में अहम स्थान है। यह हमारे साथ जन्म से लेकर मृत्यु तक रहता है। मानव के इतिहास में जब भाषा का जन्म नहीं था, तब लोग आपस में अपने भाव को आदान-प्रदान संगीत के माध्यम से करते थे। यह मानव जगत को ईश्वर का एक अनुपम दैवीय वरदान है। यदि हम ध्यान दें तो हमारे चारों ओर संगीत है, सिर्फ इसे महसूस करने की आवश्यकता है। ------ ब्रह्मा ने की इस अनुपम कला की रचना : कहा जाता है कि ब्रह्मा ने जब धरती पर इंसानों के तरह-तरह के दुखों से परेशान देखा तो वेद और उसके चार उपवेदों-ऋग्वेद से पाठ्य, यजुर्वेद से अभिनय, सामवेद से गीत और अथर्ववेद से रस का संचयन कर पंचम वेद क रूप में नाट्य वेद की रचना की। लोग अपने कष्टों को भूल सके व उससे मुक्ति पा सके, इसके लिए ब्रह्मा ने इस अनुपम कला की रचना की। ------ संगीत का स्वास्थ्य पर प्रभाव : प्राचीन काल से अब तक भारतीय संगीत के इतिहास में ऐसे अनेक उल्लेख प्राप्त होते हैं, जिसके द्वारा संगीत के चिकित्सकीय प्रभाव को देखा व समझा जा सकता है। वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक-मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है। संगीत की तीनों धाराएं(गायन, वादन व नृत्य) न केवल स्वर, ताल और लय की साधना है, बल्कि एक यौगिक किया है। इससे शरीर, मन और प्राण तीनों में शुद्धता और चैतन्यता आती है। जर्मनी के प्रो. माइकल स्कल्टे मार्कवर्ट के अनुसार संगीत बच्चों को शांत बनाने के अलावे उनमें बुद्धि का विकास करता है। ------- संगीत क्षेत्र में रोजगार : कैरियर के नजरिए से संगीत का क्षेत्र असीम संभावनाओं से भरा है। देश में आये दिन बढ़ते चैनलों ने युवाओं के लिए संगीत के क्षेत्र में काफी संभावनाएं पैदा की है। लोगों में जहां एक ओर डाक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर आदि बनने की ख्वाहिश रहती है, वहीं आज बदले परिवेश में गायक, वादक व नर्तक बनने की चाहत रखनेवालों की भी तादाद बढ़ी है। क्योंकि थोड़ी मेहनत व ढेर सारी शोहरत उन्हें रातों- रात मिल जाती है। संगीत की तालीम के लिए स्थानीय, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कई संगीत विद्यालय व महाविद्यालय है। यहा से संगीत की शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनों को साकार किया जा सकता है। -------- संगीत के नाम एक दिन : विश्व में प्रचलित विभिन्न दिवसों में एक है संगीत दिवस में संगीत के नाम एक दिन है। प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है। यह संगीतज्ञों व संगीत प्रेमियों के लिए बहुत ही खुशी की बात है। विश्व संगीत दिवस को 'फेटेडे ला म्यूजिक' के नाम से भी जाना जाता है। इसका अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल है। इस त्योहार की शुरुआत 1982 में फ्रांस में हुई। इसको मनाने का उद्देश्य अलग-अलग तरीके से म्यूजिक को प्रोपोगैंडा तैयार करने के अलावे एक्सपर्ट व नए कलाकारों को एक मंच पर लाना है। Edited By: Jagran मनुष्य के जीवन में संगीत का क्या महत्व है?वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक-मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है। संगीत की तीनों धाराएं(गायन, वादन व नृत्य) न केवल स्वर, ताल और लय की साधना है, बल्कि एक यौगिक किया है। इससे शरीर, मन और प्राण तीनों में शुद्धता और चैतन्यता आती है।
शिक्षा में संगीत का क्या महत्व है?संगीत विद्यालय पाठ्यक्रम का अभिन्न एवं आवश्यक अंग होना चाहिए। संगीत बच्चों में कलात्मक जागरूकता, आत्म अभिव्यक्ति, आत्म सम्मान की भावना, आत्मविश्वास तथा विभिन्न संस्कृतियों का सहजता से विकास करता है। यह बालक के व्यक्तिगत,सामाजिक, मानसिक तथा शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण है।
संगीत से क्या लाभ होता है?यहां हम वे 6 तरीके बता रहे हैं जिनसे संगीत आपको शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती देता है:. 1 संगीत आपका मूड अच्छा करता है संगीत एक बेहतरीन मूड एलीवेटर है। ... . 2 संगीत नींद को आसान बनाता है ... . यह तनाव को कम करता है ... . 4 संगीत आपको दर्द से राहत दिलाता है ... . फोकस बढ़ाता है संगीत ... . वर्कआउट में भी मददगार है संगीत. संगीत की क्या अहमियत है आपके जीवन में?आज के हालात में संगीत सिर्फ मनोरंजन ही नहीं बल्कि भावनात्मक मजबूती और तनाव दूर करने का अहम साधन साबित हो रहा है। 21 जून का दिन संगीत और योग दोनों के लिए ही खास है।
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