स्टोरी हाइलाइट्स Show
दुनियाभर में डायबिटीज की समस्या काफी आम हो गई है. डायबिटीज होने पर शरीर का ब्लड शुगर लेवल मेनटेन करने की जरूरत होती है. डायबिटीज दो तरह का होता है- टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज से इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल भी नहीं होता, जबकि टाइप 2 डायबिटीज में पैनक्रियाज काफी कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करता है. डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. आपने देखा होगा कि डायबिटीज के मरीजों को चावल खाने की मनाही होती है, क्योंकि इसमें कार्ब्स होता है जिससे मरीजों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। इसे लेकर न्यूट्रिशन एंड डायबिटीज में छपी एक स्टडी के मुताबिक, फ्रेश बने चावल खाने के बजाय अगर डायबिटीज के मरीज ठंडे चावल खाते हैं तो इससे उनके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. पॉज़्नान यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के पोलिश शोधकर्ताओं के एक ग्रुप ने 32 टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों पर स्टडी की. शोध के दौरान मरीजों को दो अलग-अलग तरह की मील दी गई. मील से पहले शोधकर्ताओं ने इन सभी मरीजों के ब्लड शुगर लेवल को कंपेयर किया. दोनों मील में से एक लॉन्ग ग्रेन व्हाइट राइस था,जिसमें 46 ग्राम कार्बोहाइड्रेट था, जिसे बनने के तुरंत बाद ही मरीजों को खाने के लिए दिया गया. जबकि दूसरे राइस को 24 घंटे के लिए फ्रिज में रखा गया, फिर अगले दिन इसे दोबारा गर्म करके मरीजों को खाने के लिए दिया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जब मरीजों ने ठंडे चावल खाएं तो उनका ब्लड शुगर लेवल काफी स्थिर था. मरीजों को ताजा बना चावल खिलाने के बाद उनका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया, वहीं 24 घंटे फ्रिज में रखे चावल को खाने के बाद मरीजों का शुगर लेवल काफी धीरे-धीरे बढ़ते हुए देखा गया. शोध के अंत में यह बात सामने आई कि राइस जैसे कूल कार्ब्स को डाइट में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि ताजे बने चावल की तुलना में ठंडे चावल में रेसिस्टेंट स्टार्च पाया जाता है. रेसिस्टेंट स्टार्च को डाइजेस्ट होने में काफी ज्यादा समय लगता है. जिसका परिणाम यह निकलता है कि रेसिस्टेंट स्टार्च फाइबर की तरह ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन रखने में मदद करता है. साल 2015 में इसे लेकर एक और स्टडी की गई थी. इस स्टडी में ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जिन्हें डायबिटीज की समस्या नहीं थी. इस स्टडी के अंत में बताया गया कि ठंडे चावल चावल खाने से ब्लड शुगर लेवल के स्पाइक को कम किया जा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि ठंडे चावल का सेवन करना सिर्फ डायबिटीज के
मरीजों के लिए ही फायदेमंद नहीं है बल्कि, इसके और भी कई फायदे हैं. जैसे, लंबे समय तक पेट भरा रखना, शरीर की एनर्जी कम होने से बचाना और वजन कम करने में मदद करना. अगर आप वेट लॉस डाइट पर हैं साथ ही ब्लड शुगर लेवल को भी मेनटेन रखना चाहते हैं तो रेसिस्टेंट स्टार्च आपके लिए काफी फायदेमदं साबित हो सकता है. और पढ़ें:
कंटेंट की समीक्षा: अश्विनी एस कनाडे, रजिस्टर्ड डाइटीशियन हैं और वो 17 सालों से मधुमेह से जुड़ी जानकारियों के प्रति लोगों को जागरुक कर रहीं हैं. ग्लाइसेमिक इन्डेक्स या जीआई स्कोर विभिन्न खाद्य पदार्थों के लिए दिया जाने वाला स्कोर है, जो कि 0 से 100 के बीच होता है. इससे ये पता चलता है कि ये आपके ब्लड शुगर के स्तर पर किस तरह का असर डालने वाला है. मिसाल के तौर पर; रिफ़ाइंड चीनी, जिसका ग्लाइसेमिक इन्डेक्स 100 होगा वो आपके ब्लड शुगर को एक दम तेज़ी से बढ़ा देगी. वहीं, फलों में मौजूद प्राकृतिक शुगर का जीआई स्कोर काफ़ी सामान्य होने के चलते ये ब्लड शुगर लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाएगा. [1] अब तक आप इतना तो समझ ही गये होंगे कि आपको अपनी डाइट में ऐसे भोजन को शामिल करना है जो कि सामान्य या फिर कम जीआई स्कोर लिए हो.साथ ही आपको कोशिश करनी है कि आप अपनी डाइट में हाई-जीआई स्कोर वाले भोजन का सेवन करने से बचें.
आइये, चावल की इन क़िस्मों की तुलना कर के देखते हैं:
2. पकाने का तरीक़ा बदलें: प्रेशर कुकर में पकाने के बदले आप चावलों को किसी खुले बर्तन, जैसे कि पैन में थोड़े ज़्यादा पानी में पकाएं.चावलों के पकने के बाद उसका अतिरिक्त पानी निकाल लें. इससे चावलों का अतिरिक्त स्टार्च बाहर निकलेगा और साथ ही कार्बोहाइड्रेट के लेवल को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा. 3.चावल को सीमित मात्रा में रखें और अपने आहार को संतुलित करें: यदि आप चावल खाना ही चाहते हैं, तो इसका एक छोटा सा हिस्सा लें और बाक़ी की जगह फलियां/ दाल, सेम, पत्तेदार सब्ज़ियों को दें. दाल और चावल संतुलित भोजन का सही संयोजन होता हैं. लेकिन ध्यान रहे, चावल का इस्तेमाल कम करने का मतलब यह नहीं है कि आप दूसरे बीमार करने वाले अनहेल्थी फ़ूड का सेवन बढ़ा दें, मधुमेह के साथ जीने के दौरान, आपको सिर्फ़ चावल पर ध्यान नहीं देना. बल्कि उन सब चीज़ों पर नज़र रखनी है जो कुछ आप खाते हैं चावल से बने खाद्य
पदार्थों के बारे में राय: कोशिश करें कि चावल से बनी इडली की लई को प्लेन ओट्स के साथ बदलने की. और पोहा जैसे खाद्य पदार्थों के लिए, आपको इसे प्रोटीन के साथ संतुलित करना होगा. आप इसे दही, दूध के साथ खाएं या फिर सेव के बदले अंकुरित अनाज (स्प्राउट) के साथ इसे गार्निश करें.या फिर रेड और ब्राउन पोहा का चुनाव
करें. यदि चावल के बारे में बताई गई इन बातों ने आपकी भूख को बढ़ा दिया है, तो ये रहीं कुछ विधियां जिन्हें अपनाकर आप चावल का मज़ा उठा सकते हैं.
ब्राउन राइस भी स्वादिष्ट हो सकते हैं और उसे आप मज़े के साथ खा सकते हैं, ब्राउन राइस से बनने वाले पुलाव की इस रेसेपी को देखिए , हमें यक़ीन है कि आपको मज़ा आएगा. (बस आलू के इस्तेमाल से परहेज़
कीजिएगा)
रामदाना को राजगिरा भी कहते हैं, ये
हाइपरग्लाइसिमिया (ब्लड शुगर लेवल में अचानक बढ़ोतरी होती है) को नियंत्रित करने और साथ ही डायबिटीज़ (मधुमेह) से संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने में मदद करता है. [4].
तस्वीर: Storyblocks संदर्भ:
Disclaimer: The information provided in this article is for patient awareness only. This has been written by qualified experts and scientifically validated by them. Wellthy or it’s partners/subsidiaries shall not be responsible for the content provided by these experts. This article is not a replacement for a doctor’s advice. Please always check with your doctor before trying anything suggested on this article/website. क्या खिचड़ी खाने से शुगर बढ़ता है?खिचड़ी खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है और बॉडी डिटॉक्स करने का काम भी करती है। इसके सेवन से मधुमेह नियंत्रित रहता है। डायबिटीज के मरीजों को हर दिन खिचड़ी का सेवन करना चाहिए। इससे शुगर के साथ वजन भी नियंत्रित रहता है।
क्या डायबिटीज में चावल की खिचड़ी खा सकते हैं?अक्सर कहा जाता है कि अगर आपको डायबिटीज (Diabetes) है तो चावल खाने से परहेज करें। चावल में उच्च कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) सामग्री होती है और और इसका उच्च जीआई स्कोर (GI score) होता है | यदि आपको मधुमेह (Diabetes) है, तो आप सोच सकते हैं कि आपको इसे रात के खाने में छोड़ देना चाहिए, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है।
चावल खाने से शुगर बढ़ती है क्या?डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. आपने देखा होगा कि डायबिटीज के मरीजों को चावल खाने की मनाही होती है, क्योंकि इसमें कार्ब्स होता है जिससे मरीजों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है।
शुगर के पेशेंट को कौन सा चावल खाना चाहिए?बासमती चावल से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता
यानी इसका जीआई स्कोर भी बहुत कम है. विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने भोजन में बासमती राइस को जरूर शामिल करना चाहिए. यह पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार है लेकिन इसमें रत्ती भर भी शुगर, फैट, सोडियम, कोलेस्ट्रोल, पोटैशियम आदि नहीं है.
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