शुǾ शुǾ में लेखिका को क्या अटपटा लगा? - shuø shuø mein lekhika ko kya atapata laga?

शरूु में लेखिका को क्या अटपटा लगा?

इसे सुनेंरोकेंशहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक-पेप्सी ने ले लिया है। 4. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे। लेखिका ने पहली बार चश्मा लगाया था इसलिए वो कुछ अजीब सी लग रही थीं, उन्हें खुद भी अटपटा सा लग रहा था।

लेखिका ने शिमला रिज पर कब में मजे किए थे?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न: लेखिका को शिमला रिज की याद क्यों आती है? उत्तर: बचपन में लेखिका ने शिमला रिज पर बहुत मजे किए हैं इसीलिए इसकी याद उनके जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय है। वहाँ उन्होंने घोड़ों की सवारी की है उन घोड़ों को देखकर वह हँसा करती थी क्योंकि उनकी ननिहाल के घोड़े बड़े हष्ट-पुष्ट और खूबसूरत थे।

लेखिका को अपने बचपन की कौन सी चीज आज भी नजर आती है?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका के बचपन में ग्रामोफ़ोन, घुड़सवारी, शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल और हवाई जहाज़ की आवाज़ें ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें थीं।

चचेरे भाई के चले जाने के बाद लेखिका ने क्या किया?

इसे सुनेंरोकेंचश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे? उत्तर 2-3: दिन की रोशनी को छोड़कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण लेखिका को चश्मा लगाना पड़ा। जब पहली बार लेखिका ने चश्मा लगाया तो उसके चचेरे भाई ने उसे छेड़ते हुए कहा कि, देखो! कैसी लग रही है!

चश्मा लगाने पर लेखिका को उनके चचेरे भाई क्या कहकर चिढ़ाते थे?

इसे सुनेंरोकेंचश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे? लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थेआँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की!

लेखिका शिमला माल पर क्या करने जाती थी?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका रात में सोते समय चॉकलेट मजा ले-लेकर खाती थी। इसके अतिरिक्त उसे चेस्टनट, चनाजोर गरम और अनारदाने का चूर्ण भी बहुत पसंद था। फलों में शिमला के खट्टे-मीठे का काफल, रसभरी, कसमल भी उसे खूब पसंद थे।

लेखिका को बचपन की कौन कौन सी बातें याद आ जाती हैं *?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं।

लेखिका को आज भी क्या अच्छा लगता है?

इसे सुनेंरोकेंलेखिका को आज क्या करना अच्छा लग रहा है? Answer: लेखिका को आज भी बूट पॉलिश करना अच्छा लगता है। शाम को रंग-बिरंगे गुब्बारे।

NCERT Solutions for Class 6th: पाठ 2 - बचपन (संस्मरण) हिंदी वसंत भाग-I

कृष्णा सोबती

पृष्ठ संख्या: 11

प्रश्न अभ्यास

संस्मरण से

1. उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखो।

उत्तर

उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में अनेक बदलाव आए। पहले वे रंग-बिरंगे कपडे पहनती थीं जैसे नीला-जामुनी-ग्रे-काला-चॉकलेटी परन्तु अब हलके रंग पहनने लगीं है। पहले वे फ्रॉक, निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे पहनती थीं परंतु अब चूड़ीदार और घेरदार कुर्ते पहनने लगीं। पहनावे के साथ खाने में भी काफ़ी बदलाव आए।

2. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?

उत्तर

लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोज़े व स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पोलिश करने का काम करती थीं।

3. 'तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।' - यह कहकर लेखिका क्या-क्या बताती हैं?

उत्तर

यह कहकर लेखिका उनके और अभी के समय में अंतर स्पष्ट करती हैं। उस समय मनोरंजन का साधन ग्रामोफ़ोन था परन्तु आज रेडियो और टेलीविज़न ने उसकी जगह ले ली। पहले की कुलफ़ी अब आइसक्रीम हो गयी। कचौड़ी-समोसे की जगह अब पैटीज़ ने ले ली है। शहतूत और फ़ाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक-पेप्सी ने ले लिया है।

4. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे।

उत्तर

लेखिका ने पहली बार चश्मा लगाया था इसलिए वो कुछ अजीब सी लग रही थीं, उन्हें खुद भी अटपटा सा लग रहा था। इस कारण उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते थे।

5. लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीज़े मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो

उत्तर

लेखिका बचपन में चाकलेट और चने जोर गरम और अनारदाने का चूर्ण मज़ा ले-लेकर खाती थीं। रसभरी, कसमल और काफ़ल उनके प्रिय फल थे।

पृष्ठ संख्या: 12

भाषा की बात

1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँट कर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ

उत्तर

क्रिया - भाववाचक संज्ञा

चमकना - चमक

भागना - भाग

बदलना - बदल

खरीदना - खरीद

ओढ़ना - ओढ़

पृष्ठ संख्या: 13

2. संस्मरण में आए अंग्रेज़ी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिंदी अर्थ जानो।

उत्तर

अंग्रेजी शब्द - हिंदी अर्थ

फ्रॉक - लड़कियों के पहनने का घेरदार झबला

स्कर्ट - लड़कियों के पहनने का घेरदार घाघरा

चॉकलेटी - भूरा

लैमन कलर - नींबू जैसा रंग

ट्यूनिक - ढीला पोशाक

पोलिश - जूते को चमकाने के लिए

ऑलिव ऑयल - जैतून का तेल

कैस्टर ऑयल - रेड़ का तेल

ग्रामोफ़ोन - गाने सुनने का यंत्र

टेलीविज़न - दूरदर्शन

आइसक्रीम - कुलफ़ी जैसी

पेटीज़ - कचौड़ी जैसी

ब्राउन ब्रेड - भूरे रंग का पाव

चेस्टनट - अखरोट का फल

कन्फैक्शनरी काउंटर - मिठाई की दूकान का काउंटर

स्पीड - गति

3. अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो - 

(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
► दो दर्जन, निश्चित संख्यावाचक विशेषण

(ख) दो किलो अनाज दे दो।
► दो किलो, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
► कुछ, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(घ) तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहा।
► तुम्हारा , सार्वनामिक विशेषण

(ड) सभी लोग हँस रहे थे।
► सभी , अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(च) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।

► बहुत , गुणवाचक विशेषण

4. कपडों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं। 

इस वाक्य में रेखांकित शब्द 'दिलचस्पियाँ' और 'मौसी' संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।

उत्तर

• मैं तुमसे कुछ इतनी बडी हूँ कि तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ नानी भी।
• बचपन में हमें अपने मोजे खुद धोने पड़ते थे।

शुरू शुरू में लेखिका को क्या अटपटा लगा?

शुरू शुरू में लेखिका को चश्मा लगाना अटपटा लगा। दिया गया प्रसंग " बचपन " पाठ से लिया गया है। इस पाठ की लेखिका है कृष्णा सोबती।

शिमला में लेखिका सिर पर क्या लगाती थी?

लेखिका बचपन के दिनों में सिर पर टोपी लगाना पसंद करती थी। उनके पास कई रंगों की टोपियाँ थीं।

लेखिका को कहाँ के काफल बहुत याद आते थे?

उसे वह रात के खाने के बाद मजे ले-लेकर खाती थी। लेखिका को शिमला के काफल भी बहुत याद आते हैंखट्टे-मीठे।

बचपन पाठ में लेखिका को बचपन में चश्मा क्यों लगा था?

Answer: लेखिका को चश्मा लगाने की आदत नहीं थी। पहली बार चश्मा पहनने के कारण वो कुछ अजीब सी लग रही थीं। इसलिए चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें छेड़ते थे।