खुद भूपेंद्र चौधरी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा, 'भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व के सम्यक निर्वहन हेतु आज मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दिया। अपने प्रथम तथा द्वितीय कार्यकाल में क्रमशः राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा हेतु अवसर प्रदान करने तथा समय- समय पर दिए गए निर्देशों के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का
एवं अनेक अवसरों पर प्रेरणादाई मार्गदर्शन और आशीर्वचन के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार।' Show अब चूंकि पंचायती राज और ग्रामीण विकास में समानता होने की वजह से नीति आयोग की सिफारिश के आधार पर केशव मौर्य को प्रभार दिया जा सकता है। पंचायती राज मंत्री का प्रभार मिलने से केशव मौर्य का कद पार्टी के अंदर काफी बड़ा हो जाएगा। इस साल विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट पर मिली हार के बावजूद उन्हें डेप्युटी सीएम बनाया गया। इसके साथ ही पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की जगह उन्हें विधान परिषद में नेता सदन बनाया गया है। केशव प्रसाद मौर्य के पास फिलहाल ग्रामीण विकास, समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर और सार्वजनिक उद्यम और राष्ट्रीय एकता विभाग है। बहरहाल, कुछ भी निश्चित नहीं है। मंत्रीपद की जिम्मेदारी राजनीतिक निर्णय है और किसी के नाम की घोषणा होने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ही लेंगे, जो मंत्रिपरिषद के प्रमुख हैं। लेकिन पंचायती राज मंत्री जो भी बने, पार्टी के अंदर काफी हलचल की स्थिति पैदा होगी। UP को साधने के लिए योगी का ओबीसी प्लान, लोकसभा चुनाव से पहले उठाया बड़ा कदम... OBC सर्वे से सधेंगी 80
सीटें? भूपेंद्र चौधरी के साथ खास बात यह है कि वह संगठन से जुड़े हुए नेता हैं। उन्हें संगठन को तैयार करने और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए जाना जाता है। चुनावी राजनीति में उनकी असफलता को लेकर अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कुछ वर्गों की ओर से सवाल भी उठाए गए। उनके कार्यों को देखते हुए भाजपा ने वर्ष 2016 में उन्हें विधान परिषद भेज दिया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पश्चिमी यूपी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन में बड़ी भूमिका निभाई। पुरस्कार के रूप में उन्हें प्रदेश की योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री बनाया गया। भाजपा की ओर से पार्टी में खेमेबाजी जैसी स्थिति से इनकार किया जाता रहा है। लेकिन, निचले स्तर पर गुटबाजी भी खूब हो रही है। श्रीकांत त्यागी प्रकरण के बाद विवाद बढ़ने को भी पार्टी के भीतर की गुटबाजी का परिणाम करार दिया जा रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र के सामने जिम्मेदारी हर गुट को एक टीम के रूप में लेकर चलने की है। हालांकि प्रदेश के दो सबसे बड़े चेहरों के बीच चल रही रस्साकशी की खबरों को साधने में भूपेंद्र कितने कामयाब हो पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी। इसका उदाहरण पंचायती राज मंत्री के चयन में दिख जाएगा।
उत्तम प्रदेश - उन्नत प्रदेश
श्री भूपेंद्र सिंह चौधरीमाननीय मंत्री कार्यालय, उत्तर प्रदेशभारत में वर्तमान में पंचायती राज मंत्री कौन है?श्री गिरिराज सिंह ने केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
वर्तमान में राजस्थान के पंचायती राज मंत्री कौन है?राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने बुधवार को अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए ।
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