पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास Show कहानी से प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. कहानी से आगे प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अनुमान और कल्पना प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा की बात प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या हूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है। यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीनो पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखें तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है। अन्य पाठेतर हल प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर (क) चिड़िया ने अंडे कहाँ
दिए थे? (ख) ‘नादान दोस्त’ पाठ के लेखक कौन हैं? (ग) श्यामा ने माँ को यह क्यों नहीं बताया कि दरवाज़ा केशव ने खोला था? (घ) बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी? (ङ) केशव और श्यामा ने चिड़ियों के खाने के लिए क्या बिखेरा? उत्तर- (क) (ii) केशव और श्यामा अंडों को धूप से बचाने के क्या उपाय किए?उन्होंने अंडों के सिर पर एक टोकरी लगा दी जो उन्हें धूप से बचा सके। उन्होंने उनके दाना-पानी के लिए चावल के दाने व प्याली का इंतजाम किया जिससे माता-पिता (चिड़ा और चिड़िया) को घोंसला छोड़कर बार-बार अपने बच्चों से दूर बाहर न जाना पड़े।
घोंसले को धूप से बचाने के लिए केशव ने क्या किया?केशव और श्यामा ने सोचा कि अंडों से बच्चे, निकल आए होंगे। उन्हें धूप से बचाने के लिए घोंसले के ऊपर कपड़े की छत बनाना था इसलिए टोकरी मँगाई गई।
केशव और श्यामा ने अंडों की रक्षा कैसे की?Solution : केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा करके नादानी की थी, क्योंकि उन्होंने चिड़िया के अंडों को धूप से बचाने तथा उनके खाने-पीने का इन्तजाम किया था। इससे अण्डे छू लेने से वे गन्दे हो गए थे और चिड़िया ने उन्हें गन्दे मानकर नीचे गिरा दिए थे।
केशव और श्यामा ने अंडों की देखभाल के लिए क्या क्या किया?This is Expert Verified Answer. चिड़िया के खाने के लिए चावल के दानों का तथा पीने के लिए पानी का इंतजाम किया। प्याली में पानी और चावल के दाने में रख दिए।. उन्हें धूप से बचाने के लिए घोसले के ऊपर कपड़े की छत बनाने का निश्चय किया। ... . अंडों की नीचे कपड़े की मुलायम गद्दी बनाकर रखी।. |