कौन सी तिथि को गर्भधारण नहीं करना चाहिए - kaun see tithi ko garbhadhaaran nahin karana chaahie

कौन सी तिथि को गर्भधारण नहीं करना चाहिए - kaun see tithi ko garbhadhaaran nahin karana chaahie
नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  हिंदू धर्म में में 16 संस्करणों को जिक्र किया गया है। उन 16 संस्करणों में एक संस्करण गर्भधारण भी है। शास्त्रों में गर्भधारण के कुछ नियम बताये गये है और साथ ही यह भी कहा गया है कि पति और पत्नि अगर आने वाले अपने नई पीढ़ी को आगमन इन नियमों के मुताबिक करते है तो इस प्रकार गर्भणारण से उत्पन्न संतान से माता - पिता और परिवार को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होगा।

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शास्त्रों में गर्भधारण संस्कार में मुंडन, उपनयन, विवाह की तरह ही दिन तिथि और मुहूर्त का ध्यान रखने की बात कही गई है। शास्त्रों में इसके लिए कई तिथियों एवं मुहूर्त का उल्लेख किया है इसके अलावा दिन का भी उल्लेख किया गया है जब गर्भधारण शुभ और अशुभ होता है।

►शास्त्रों की मानें तो मंगलवार का दिन गर्भधारण संस्कार के लिए शुभ नहीं होता है। इस दिन का स्वामी क्रूर ग्रह मंगल होता है। इस दिन गर्भ धारण करने से आने वाली संतान क्रूर और ह‌िंसक प्रवृत‌ि का हो सकता है।

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►शन‌िवार का दिन भी शास्‍त्रों के मुातबिक गर्भधारण के लि‌ए शुभ नहीं होता है। इस द‌िन के स्वामी ग्रह शन‌ि, होने वाली संतान को न‌िराशावादी और शारीरीक व‌िकार दे सकते हैं।

►गर्भधारण के शुभ द‌िन सोमए बुधए गुरु और शुक्रवार माने गए हैं। ज्योत‌िषशास्‍त्र में यह चारों चारों शुभ ग्रह से संबंध‌ित होने के ‌ल‌िए संतान की इच्छा रखने वालों को शुभ फल देते हैं।

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अगर आपका संबंध भी हिन्दू धर्म से है तो आप स्वयं यह जानते होंगे कि हमारे परिवारों में मुहूर्त का ध्यान रखना, शुभ-अशुभ संकेतों को समझना, कितना जरूरी माना जाता है। विवाह के लिए कौन-कौन से डेट्स शुभ हैं ये तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं। ज्योतिष के विद्वानों का कहना है कि अगर आप इन दिनों में गर्भ धारण करती हैं तो होने वाली संतान निश्चित रूप से पवित्र और अच्छे संस्कारों से लैस होगी।

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जनवरी

साल का पहला महीना आपको 4 शुभ तारीखें दे रहा है। 1, 12, 28 और 31.. ये गर्भाधान के लिए शुभ दिन होंगे।

फरवरी

यह महीना गर्भाधान के लिए बहुत अच्छा है, 1 से लेकर 10 फरवरी तक शुभ है और उसके बाद 27 और 28 दिन अच्छे हैं।

मार्च-अप्रैल

1 से लेकर 11 अप्रैल और 27 से लेकर 30 अप्रैल का समय शुभ है।

मई

1-10 मई और फिर 26 और 31 तारीख गर्भाधान के लिए शुभ हैं।

जून

1 जून से लेकर 9 जनवरी का समय शुभ है, इसके बाद 24 से 30 जून भी उत्तम हैं।

जुलाई

जुलाई में 1-8 जुलाई का समय अच्छा है इसके बाद आपको 24 से 31 तक का इंतजार करना होगा।

अगस्त

1-7 अगस्त और 22 से 30 अगस्त का समय बेहतरीन है।

सितंबर

सितंबर माह में थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। अगर आप गर्भाधान करना चाहते हैं तो आपको 1 से 6 के बीच में कर लेना चाहिए या फिर 20 के बाद इंतजार करना चाहिए क्योंकि 7-20 पितृ पक्ष है, इस दौरान गर्भ धारण करना शुभ नहीं है।

अक्टूबर

1-5 अक्टूबर और फिर 20-31 अक्टूबर का समय बहुत अच्छा है।

नवंबर

नवंबर के महीने में 1-4 और 19 से 30 तारीख शुभ समय है।

दिसंबर

दिसंबर के महीने में आप 1, 3 और 19 तारीखों को शुभ मान सकते हैं और फिर इसके बाद एकमात्र तारीख है 31 दिसंबर।

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सप्ताह का ज्ञान
सबके बारे में उल्टे विचार, सबके अंदर कमीं खोजने की आदत हमें मुश्किलों में डाल देती है। आध्यात्मिक अवधारणा कहती है कि अपने कर्म उलट कर स्वयं पर अवश्य आते हैं।

प्रश्न: कुंडली में अगर मंगल अपने घर में हो तो अच्छा है या बुरा? – ज्योत्सना निहलानी
उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि जन्म कुंडली में यदि मंगल स्वघर का हो, तो व्यक्ति साहसी, दयालु, दबंग, मित्रों का परम मित्र और शत्रुओं का महाशत्रु होता है। स्वघर का मंगल यदि लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, और द्वादश भाव में हो तो मांगलिक होते हुए भी मंगल की तीव्रता में बेहद कमी हो जाती है। यदि स्वघर का मंगल लग्न या पराक्रम भाव में हो, तो ऐसे व्यक्ति अपनी निर्भीकता, साहस और हिम्मत के लिए बहुत दिनों तक याद किए जाते हैं और यदि स्वग्रही मंगल पराक्रम भाव में हो, तो व्यक्ति सफल प्रशासक बन कर उच्च पद पर आसीन होता है। अगर स्वग्रही मंगल कर्म या लाभ भाव में हो तो कुलदीपक/ दीपिका योग बना कर कुल कुटुंब में सर्वश्रेष्ठ स्थिति प्रदान करता है।

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प्रश्न: गर्भाधान के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त कौन सा है? – ऋचा गुप्ता
उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं की ज्योतिष के नियमों के अनुसार ऋतुकाल से चौदहवीं रात्रि को गर्भ धारण के लिए सर्वोत्तम माना गया है। जो भाग्यशाली दीर्घायु, गुणवान, और चतुर संतान का कारक है। किसी भी महीने में, विशेष रूप से माघ, फाल्गुनी या चैत्र मास में अगर रोहिणी, मृगशिरा, हस्त, चित्रा, पुनर्वसु, पुष्य, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, उत्तराषाढ़ा और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र हो, साथ में अष्टमी, दशमी और द्वादशी तिथि के संग सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार हो तो यह योग सर्वोत्तम है। शनिवार और मंगलवार को गर्भधारण शुभ फल नहीं देता।गर्भधारण के दरम्यान पति-पत्नी दोनों का चंद्रमा बलवान होना आवश्यक है।

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प्रश्न: भाग्येश किस ग्रह को कहा जाता है। – अलौकिक नारायण
उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि जन्म कुंडली में नवम भाव को धन भाव कहा जाता है। इस भाव में जो भी राशि हो, उसके स्वामी ग्रह को भाग्येश या भाग्य का स्वामी कहा जाता है। उदाहरण के लिए यदि वहां 1 लिखा हो तो मंगल, 2 लिखा हो तो शुक्र, 3 हो तो बुध, 4 हो तो चंद्रमा, 5 सूर्य, 6 बुध, 7 शुक्र, 8 मंगल, 9 बृहस्पति, 10 शनि, 11 शनि और यदि वहां 12 लिखा हो, तो बृहस्पति भाग्य भाव के स्वामी यानि भाग्येश कहलाएंगे।

अगर, आप भी सद्गुरु स्वामी आनंद जी से अपने सवालों के जवाब जानना चाहते हैं या किसी समस्‍या का समाधान चाहते हैं तो अपनी जन्‍मतिथ‍ि, जन्‍म समय और जन्‍म स्‍थान के साथ अपना सवाल पर मेल कर सकते हैं।

कौन सी तिथि को गर्भधारण नहीं करना चाहिए - kaun see tithi ko garbhadhaaran nahin karana chaahie

सद्‌गुरुश्री स्वामी आनंदजी

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कौन सी तिथि को गर्भ धारण करना चाहिए?

-वार के हिसाब से सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन कंसीव करना अच्छा माना गया है. वहीं अष्टमी, दशमी द्वादशी और तिथि भी गर्भधारण के लिए शुभ माने गए हैं. -शुद्ध होने के सात दिनों तक गर्भधारण के प्रयास से बचना चाहिए क्योंकि इन दिनों महिला का शरीर कमजोर होता है.

पूर्णिमा के दिन गर्भधारण करने से क्या होता है?

लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं, प्राचीन अवधारणाएं कहती हैं। उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि गर्भाधान श्राद्धपक्ष, ग्रहणकाल, पूर्णिमा व अमावस्या को नहीं किया जाना चाहिए। जब दंपती के गोचर में चंद्र, पंचमेश व शुक्र अशुभ भावगत हों, तब भी गर्भाधान उत्तम नहीं होता है।

गर्भधारण करने के लिए कौन सा महीना अच्छा होता है?

उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि शीतकाल में विशेष रूप से माघ और फाल्गुन माह में धारण गर्भ उत्तम संतान का बीजारोपण करते हैं। यानी जो बच्चे जो अक्टूबर से दिसंबर के मध्य जन्म लेते हैं, उनके जीवन में संघर्ष का परिमाण अन्य लोगों से कम होता है। कभी-कभी यह स्थिति सितंबर के मध्य से लेकर जनवरी के मध्य तक निर्मित होती है।

मंगलवार को गर्भ धारण करने से क्या होता है?

शनिवार और मंगलवार को गर्भधारण शुभ फल नहीं देता। गर्भधारण के दरम्यान पति-पत्नी दोनों का चंद्रमा बलवान होना आवश्यक है।