ज्यादा सोचने से दिमाग को कैसे रोके? - jyaada sochane se dimaag ko kaise roke?

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अगर आप अच्छी तरह सोचने के बाद ही बोलते हैं तो यह समझदारी की बात है, लेकिन अगर आप इतना ज्यादा सोचते हैं कि आप काम करने में पीछे रह जाते हैं, या आपको असहनीय बेचैनी हो जाती है तो ये आपके लिए बहुत बड़ी समस्या है | क्या आप बहुत ज्यादा सोचने की समस्या पर काबू पाना चाहते हैं?

  1. ज्यादा सोचने से दिमाग को कैसे रोके? - jyaada sochane se dimaag ko kaise roke?

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    यह स्वीकार कर लें कि आप बहुत ज्यादा सोचते हैं: खाना खाने की तरह ही सोचना भी ऐसा काम है जो जिन्दा रहने के लिए जरूरी है, इसलिए अगर आप जरूरत से ज्यादा सोच रहे हैं तो भी कई बार इस बात को समझना मुश्किल हो जाता है | फिर भी कुछ ऐसे खतरों के संकेत हैं जिनसे ये पता चल जाता है कि आप जरूरत से ज्यादा सोच रहे हैं | यहाँ उनमें से कुछ दिए गए हैं:

    • क्या आप बार-बार एक ही बात को सोचते रहते हैं? क्या इस बात के बारे में सोचते रहने के कारण आपकी प्रगति नहीं हो रही है? अगर ऐसा हो रहा है तो यह एक संकेत है कि अब आपको इस बात के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए |
    • क्या आपने एक ही परिस्थिति का विश्लेषण अनगिनत तरीकों से किया है? कैसे काम करना है, ये निर्धारित करने से पहले अगर आपको काम करने के बहुत सारे तरीके दिख रहे हों तो हो सकता है कि ये आपके लिए बाधक हो रहा हो और आप किसी एक तरीके से काम शुरू ही नहीं कर पा रहे हों |
    • किसी चीज के बारे में सोचने की प्रक्रिया के दौरान आपके 20 करीबी दोस्तों ने जो मदद की है, क्या उसकी आपने कोई सूची बनायी है? अगर आपने ऐसा किया है तो आप समझ सकते हैं कि आपको एक ही आईडिया के विषय में कई अलग-अलग विचार मिल सकते हैं और इस वजह से अंत में आप पागल भी हो सकते हैं |
    • क्या लोग आपको बार-बार चीजों के बारे में ज्यादा सोचने के लिए मना कर रहे हैं? क्या लोग अक्सर आपके हर समय विचारमग्न रहने की बात पर, बारिश के मौसम में खिड़की से बाहर टकटकी लगाये रहने की बात पर, या आपके दार्शनिक होने की बात पर आपको चिढ़ाते रहते हैं? अगर ऐसा हो रहा है तो हो सकता है कि उनकी बात में दम हो |

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    ध्यान करें: सोचना कैसे बंद करें, अगर आपको ये समझ में ना आये तो आपको विचारों को ढीला छोड़ देने और उनसे ध्यान हटाने की कला सीखने की जरूरत है ताकि सोचना आपके लिए ऐसा काम बन जाए जिसपर आपका कण्ट्रोल हो |[१] सोचने को साँस लेने के काम की तरह समझिये जिसपर बिना ध्यान दिए भी आप उसे हर समय करते रहते हैं, लेकिन फिर भी अगर जरूरत पड़े तो आप साँस रोक भी सकते हैं | ध्यान (meditation) के अभ्यास से आप अपने विचारों को मुक्त करना सीख सकते हैं |

    • प्रतिदिन सुबह-सुबह अगर आप केवल 15-20 मिनट ध्यान करें तो भी अपने बेकार के विचारों पर ध्यान देना छोड़ देने और वर्तमान में रहने की आपकी क्षमता पर आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ेगा |
    • रात के समय अपने मन को शांत करने के लिए भी आप ध्यान कर सकते हैं |

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    व्यायाम: जोशपूर्ण तरीके से दौड़ने या केवल टहलने से भी आपको परेशान कर देने वाले विचारों से ध्यान हटाने और अपने शरीर पर ध्यान देने में काफी मदद मिलती है | अगर आप किसी खेल-कूद या शारीरिक परिश्रम वाले काम में अपना समय लगायें, जैसे पॉवर योग, मार्शल आर्ट्स, या बीच वॉलीबॉल इत्यादि, तो आपका ध्यान अपने शरीर पर ही इतना केन्द्रित हो जाएगा कि आपके पास बेकार की बातें सोचने के लिए समय ही नहीं बचेगा | यहाँ कुछ अद्भुत उपाय बताये गए हैं जिन्हें आपको जरूर आजमाना चाहिए:

    • कोई सर्किट जिम ज्वाइन कर लें: जब घंटी बजने की आवाज सुनकर आपको हर मिनट नयी मशीन का प्रयोग करना पड़ेगा तो आपको ज्यादा सोचने का मौका ही नहीं मिलेगा |
    • हाईकिंग करें: प्रकृति के पास रहना, और प्रकृति की सुन्दरता और शान्ति को निहारना ऐसा काम है जिससे आपको अपना ध्यान वर्तमान में रखने में काफी मदद मिलेगी |
    • तैराकी करें: जब आप तैर रहे होते हैं तो आप इतना परिश्रम कर रहे होते हैं कि आपके लिए कुछ भी सोचने की मेहनत करना मुश्किल हो जाता है |

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    अपने विचारों को जोर-जोर से बोल के दोहरायें: चाहे आप अपनेआप से ही बात कर रहे हों, लेकिन एकबार अगर आप सबकुछ जोर-जोर से बोल लेते हैं, तो समझ लीजिये कि आपने अपने विचारों को ढीला छोड़ देने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है | इधर-उधर टहलें और धीरे-धीरे कदम आगे बढ़ाएं | एकबार अगर आपने अपने विचार व्यक्त कर दिए तो इसका मतलब है कि आपने अपने विचारों को अपने दिमाग से बाहर निकालकर बाहरी दुनिया का हिस्सा बनाना शुरू कर दिया है |

    • आप अपने विचारों को अपनेआप के सामने व्यक्त कर सकते हैं, अपनी पालतू बिल्ली या कुत्ते के सामने व्यक्त कर सकते हैं, या अपने किसी विश्वसनीय मित्र के सामने भी व्यक्त कर सकते हैं |

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    किसी से सलाह लें: आपने शायद खुद की सोचने-समझने की क्षमता समाप्त कर ली हो, लेकिन हो सकता है कि किसी दूसरे व्यक्ति का दृष्टिकोण आपसे अलग हो और वो सही निर्णय लेने में आपकी मदद कर सके | ऐसा करने से आपको आपके परेशान कर देने वाले विचारों से मुक्ति मिलेगी | आपका मित्र आपकी परेशानियों को कम कर सकता है, आपको बेहतर महसूस करा सकता है, और आपको इस बात का एहसास भी दिला सकता है कि आप ज्यादा सोच-सोच कर अपना बहुत अधिक समय नष्ट कर रहे हैं |

    • इसके अलावा, अगर आप किसी मित्र के साथ घूम-फिर रहे हों तो इसका मतलब है कि आप सोचने के साथ-साथ और भी बहुत कुछ कर रहे हैं |

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    ऐसी चीजों की एक प्रैक्टिकल लिस्ट बनाइये जिनसे आपको परेशानी है: चाहे आप किसी पेपर पर लिख रहे हों या कंप्यूटर पर, आपको सबसे पहले अपनी किसी समस्या को परिभाषित करना चाहिए और उसके बाद अपने विकल्पों को लिखना चाहिए, और फिर हर विकल्प के लिए अच्छे और बुरे पहलुओं की सूची बनानी चाहिए | अगर आप अपने विचारों को अपने सामने रखें तो ऐसा करने से आप हर समय अपने दिमाग में अपने विचारों के घूमते रहने की समस्या पर काबू पा सकते हैं | जब आप ऐसी किसी भी चीज के बारे में सोच ना पायें जो आप लिख सकते हों तो समझ लीजिये कि आपके दिमाग ने अपना काम कर दिया है और अब समय आ गया है जब आपको सोचना बंद कर देना चाहिए |

    • अगर सूची बनाने से भी आपको निर्णय लेने में कोई मदद ना मिले तो आप बिना डरे अपनी सहज बुद्धि के अनुसार निर्णय लें | अगर दो या दो से ज्यादा विकल्प लगभग एक जैसे असरदार लगें तो ज्यादा सोचने से आपको समस्या का कोई स्पष्ट हल नहीं मिल जाएगा | ऐसे में शायद आपको गहराई में जाना होगा और अपने अनुभव और सहज ज्ञान के आधार पर ही निर्णय लेना होगा |

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    जो बातें आपको परेशान कर रही हैं, उन्हें नोट करके रखने के लिए एक डायरी रखें: ऐसे विचार जो ज्यादा समय तक आपके दिमाग में बने रहते हैं उनपर ध्यान देने की बजाय हर दिन उन सभी बातों को लिखें जो आपके दिमाग में आती हैं | एक सप्ताह के अंत में आपने पूरे हफ्ते जो भी लिखा है उसे पढ़ें और उन बातों का एक नोट बनायें जो आपको सबसे ज्यादा परेशान कर रही हों क्योंकि उनका हल निकालना आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है |

    • हफ्ते में कम-से-कम कुछ बार अपनी डायरी में लिखने की आदत जरूर डालें क्योंकि ऐसा करने से आप “सोचने का समय (Thinking time)” निकालने की आदत को अपनी जीवनशैली का अंश बना सकेंगे, इसलिए दिनभर अपने विचारों के कारण परेशान रहने की बजाय आप निश्चित समय पर थोड़ी देर हर रोज अपने विचारों पर ध्यान देंगे |

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    एक टू-डू लिस्ट बनायें: जो-जो काम आपको पूरा करना है, किसी खास दिन उन सब कामों की सूची बनायें | अगर “विचारमग्न रहना” आपकी प्राथमिकताओं की सूची में एक काम ना हो तो आप ये समझ सकेंगे कि बैठे-बैठे ब्रह्माण्ड के विषय में सोचते रहने की जगह आप बहुत से ज्यादा जरूरी काम कर सकते हैं! अपने विचारों को व्यवस्थित करने का सबसे तेज तरीका है उन्हें क्रियात्मक रूप देना | अगर आपको ऐसा लग रहा है कि पिछले कुछ दिनों से आपको पर्याप्त नींद नहीं मिली है तो इस बारे में परेशान होने की बजाय अपनी इस जरूरत को तुरंत पूरा करने की कोशिश करें |

    • यह सूची प्रैक्टिकल हो सकती है और इसमें बड़े-बड़े काम भी शामिल हो सकते हैं, जैसे: “अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना”, “अपनेआप को फिट बनाने के लिए ज्यादा व्यायाम करना” इत्यादि |

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    अपने हर दिन के लिए एक “सोचने का समय” सेट करें: हो सकता है आपको यह अजीब लगे लेकिन चिंता करने, आश्चर्य करने, सपने देखने, और विचारमग्न होने के लिए हर दिन अगर आप कोई खास समय चुन लें तो आप अपने विचारों को इस तरह से नियंत्रित कर सकते हैं कि वो ज्यादा लाभदायक हो सकते हैं | अगर जरूरत हो तो हर दिन एक घंटे का समय इस काम के लिए निकालें, जैसे 5-6:00 | इसके बाद इस समय को कम करके 5-5:30 कर दें | अगर इस समय से पहले ही उस दिन कोई परेशान करने वाला विचार मन में आये जिसपर उस समय ध्यान देना असुविधाजनक हो, तो आप अपनेआप से बस इतना कहें, " इस बारे में मुझे शाम 5 बजे सोचना है” |

    • यह बकवास बात लग सकती है, लेकिन इस उपाय को अपनाने से पहले आपको इसका अभ्यास करना पड़ सकता है |

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    जितनी ज्यादा समस्याएं आप सुलझा सकें, सुलझा दें: अगर आपकी समस्या ये है कि जो है ही नहीं आप उसके विषय में भी सोचते रहते हैं, या आप बिना किसी कारण के बहुत ज्यादा सोचते हैं, या ऐसी चीजों के विषय में सोचते रहते हैं जिनपर आपका कोई वश नहीं है, तो शायद आपके पास ऐसे बहुत कम उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी सोचने-विचारने की क्षमता को नष्ट होने से बचा सकें | लेकिन, आप उन समस्याओं के विषय में भी सोच सकते हैं जिनका समाधान आपके पास है और “सोचना, सोचना, सोचना” बंद करके, और एक्टिव प्लान बनाकर जिन-जिन समस्याओं के लिए आपके पास उपाय हैं आप उन्हें क्रियात्मक रूप दे सकते हैं | आप जो-जो काम कर सकते हैं यहाँ उस विषय में कुछ विचार हैं:

    • आप जिसपर आसक्त हैं उसे भी आप पसंद हैं या नहीं, इस बारे में सोचने की बजाय कुछ करें! उसे डेट के लिए पूछें | आखिर बुरा-से-बुरा क्या हो जाएगा?
    • अगर आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आप ऑफिस में या स्कूल में दूसरों से पीछे हो रहे हैं तो ऐसे सभी कामों की एक सूची बनायें जिन्हें करके आप सफल हो सकते हैं | इसके बाद उन कामों को करना शुरू कर दें!
    • अगर सोचना आपको पसंद है, और “अगर बहुत ज्यादा भी पसंद है तो क्या हुआ.....”, आप बस उन्ही कामों को करने की कोशिश करें जो आप आसानी से कर सकते हों |

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    मिलनसार बनें: अपनेआप को ऐसे लोगों के बीच रखें जो आपको बातों में उलझा के रख सकते हों ताकि आपको सोचने का मौका ही ना मिले | सप्ताह में कुछ बार तो घर से बाहर जरूर निकलें और अपने क्षेत्र के कुछ लोगों से लम्बे समय तक निभने वाला, अर्थपूर्ण संबंध बनायें ताकि आप उनके साथ घूम-फिर सकें, गप्पे लड़ा सकें, और अन्य प्रकार की गतिविधियों में भाग ले सकें | अगर आप खुद के ही साथ समय बिताते रहेंगे तो स्वाभाविक है कि आप बहुत ज्यादा समय सोचने में लगायेंगे |

    • अपनेआप के साथ समय बिताना निश्चित रूप से अच्छी बात है, लेकिन आपके रूटीन में दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाने, घूमने-फिरने, रिलैक्स होने, और मस्ती करने के लिए पर्याप्त समय होना भी बहुत जरूरी है |

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    कोई नया शौक पालें: अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर बिलकुल नयी तरह की चीजों के विषय में जानने की भी कोशिश करें | चाहे आपका कोई भी नया शौक हो, लेकिन नए शौक के कारण आप जो काम कर रहे हैं उससे भी आपका ध्यान भटकेगा नहीं और अच्छे परिणाम प्राप्त करने की चाह भी आपके मन में बनी रहेगी | ऐसा मत सोचे कि आपको अच्छी तरह पता है कि आपको क्या पसंद है और आप अन्य चीजों में बिलकुल ध्यान नहीं लगाना चाहते हैं | अगर आपका कोई नया शौक हो तो आप वर्तमान समय में जीना सीख जाते हैं और अपनी कला, संगीत, या जो भी आपका शौक हो उसपर ध्यान देने लगते हैं | इनमें से कुछ आजमा के देखें:

    • कोई लघुकथा या कविता लिखें
    • इतिहास पढ़ने के लिए कोई नाईट क्लास करें
    • पॉटरी या सिरेमिक क्लास ज्वाइन करें
    • कराटे सीखें
    • सर्फिंग करें
    • ड्राइविंग करने की बजाय बाइक चलायें

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    डांस: डांस करने के कई तरीके हैं – आप अपने कमरे में अकेले डांस कर सकते हैं, या डांस क्लास ज्वाइन कर सकते हैं जैसे जैज़, साल्सा, स्विंग डांस इत्यादि | चाहे आप जो भी डांस सीखें और करें, आप अपने शरीर को मूव करेंगे, गीतों के बोलों को सुने और समझेंगे, और वर्तमान पल में जियेंगे | आप अगर ख़राब डांसर हैं तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आप अच्छा डांस कर पाने के लिए डांस मूव्स पर ध्यान देंगे ही और स्वाभाविक रूप से परेशान करनेवाले विचारों से आपका ध्यान हट जाएगा |

    • डांस क्लास ज्वाइन करना नए शौक की शुरुआत करने का और डांस सीख और कर सकने का सबसे अच्छा तरीका है |

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    प्रकृति के करीब जाएँ: बाहर निकलें और पेड़-पौधों पर नजर डालें, गुलाबों की खुशबू लें, और ओस की बूँदों के स्पर्श से अपने चेहरे पर ताजगी के एहसास का अनुभव करें | ऐसा करने से आपको वर्तमान पल में जीने का मतलब समझ में आयेगा, आप प्रकृति को गले लगा सकेंगे, और एक ऐसी दुनिया को देखेंगे जो उस दुनिया से कहीं बेहतर है जो आपने अपने दिमाग में बसा रखी है | अपने बेडरूम तक सीमित रहने की बजाय अपने स्नीकर्स पहनें, सनब्लॉक का प्रयोग करें और बाहर निकलकर प्रकृति की सुन्दरता का आनंद लें |

    • अगर आप हाईकिंग, रनिंग, बाइकिंग, या सर्फिंग नहीं करना चाहते हैं तो कम-से-कम सप्ताह में एक या दो बार टहलकर किसी पार्क के चक्कर लगायें, या सप्ताह के अंत में दोस्तों के साथ घूमने की प्लानिंग करें तो अपने ट्रिप को इस तरह प्लान करें कि आपको प्रकृति का अन्वेषण करने का मौका मिले, या फिर सिर्फ किसी ऐसी जगह चले जाएँ जहाँ आप एक बड़ी नीली झील को या समुद्र को देर तक निहार सकें |
    • अगर यह सब बहुत ज्यादा काम लगे तो कम-से-कम घर से बाहर ही निकल लें | बाहर निकलने पर जब आपको सूरज की रौशनी मिलेगी तो आप ज्यादा स्वस्थ, और खुश महसूस करेंगे, और इसके साथ-साथ स्वाभाविक रूप से आपके सोचने-विचारने में भी कमी आएगी |

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    ज्यादा पढ़ें: दूसरे लोगों के विचारों पर ध्यान देने से वास्तविक ज्ञान तो मिलेगा ही, इसके साथ-साथ अपने विषय में बहुत ज्यादा सोचने की आदत से छुटकारा भी मिलेगा | जिन महान लोगों की जीवनियाँ पढने से प्रेरणा मिलती है, उन कर्मठ लोगों की जीवनियाँ जरूर पढ़ें क्योंकि इससे आपको ये समझ आ जाएगा कि हर महान विचार के पीछे उतना ही महान काम भी है | इसके अलावा किताबों को पढ़ने से आप ज्यादा से ज्यादा एक दूसरी, खूबसूरत दुनिया में पहुँच जायेंगे, लेकिन आपको कुछ और करने की जरूरत नहीं पड़ेगी |

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    कृतज्ञता की सूची भी बनायें: हर दिन कम-से-कम 5 ऐसी चीजों की भी सूची बनायें जिनके लिए आप ईश्वर या किसी व्यक्ति के कृतज्ञ हैं | ऐसा करने से आप विचारों की बजाय लोगों और चीजों पर ज्यादा ध्यान देंगे | अगर आप ऐसा हर दिन करने में सक्षम नहीं हैं तो कम-से-कम सप्ताह में एक बार जरूर करें |

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    अच्छे संगीत की प्रशंसा जरूर करें: अगर आप किसी शानदार गीत को सुनते हैं तो आपके दिमाग के बाहर जो खूबसूरत दुनिया है, आप उससे जुड़ जाते हैं | अच्छा संगीत सुनने के लिए आप किसी कंसर्ट में जा सकते हैं, अपनी कार में कोई पुरानी सीडी चला सकते हैं, या कोई और तरीका अपना सकते हैं | अपनी आँखें बंद करें, संगीत के स्वरों में डूब जाएँ और वर्तमान पल को जी लें |

    • जरूरी नहीं है कि आप शास्त्रीय संगीत, किसी प्रसिद्ध संगीतकार का संगीत, या कोई अर्थपूर्ण संगीत ही सुनें | आप कोई भी ऐसा संगीत सुन सकते हैं जिसे सुनकर आप अच्छा महसूस करते हों, चाहे वो बॉलीवुड म्यूजिक हो या लोकगीत!

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    ज्यादा हँसें: ऐसे लोगों के बीच रहें जो आपको हँसाते रहते हों | किसी कॉमेडी क्लब में जाएँ और कोई कॉमेडी या टीवी शो देखें जिसमें हँसाने वाले किरदार और अदाकार भरे पड़े हों, और जो आपको काफी पसंद भी हों | यूट्यूब पर हँसाने वाले विडियो देखें | ऐसा कोई भी काम जिसे करके आप हल्का महसूस करते हों और आपके दिमाग में चलते रहनेवाले विचारों से आपका ध्यान हट जाता हो, जरूर करें | आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हँसी की बहुत बड़ी भूमिका है, इस बात को ध्यान में रखें |

सलाह

  • अतीत की बातों को सोचना बंद करें, खास तौर से अगर आपका अतीत दुखदायी या नकारात्मक हो | आपके लिए इस बात को समझना जरूरी है कि जिन परिस्थितियों के विषय में सोचने से आप वर्तमान पल से दूर हो जाते हैं, उनके बारे में सोचना आपके लिए बिलकुल अच्छा नहीं है क्योंकि इससे आपके मन में दुविधा उत्पन्न होती है |
  • सोचना एक प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया के फलस्वरूप आप अच्छे या बुरे मंसूबे बना सकते हैं | अगर आप अच्छा इंसान बन के रहना चाहते हैं तो इस प्रक्रिया का उपयोग सिर्फ अच्छे इरादों के लिए करें |
  • इस बात को ध्यान में रखें कि आप अकेले ही नहीं हैं जो सोचते रहते हैं | आपके जैसे और भी लोग हैं जो सोचते हैं | आखिर हमारे सोने के कारण क्या है? यही ना कि हम सोचने की प्रक्रिया से कुछ घंटों के लिए मुक्ति पा सकें!
  • जानवरों के साथ खेलें | अपने विचारों की दुनिया से बाहर निकलने का एक अच्छा तरीका यह भी है कि आप जानवरों के साथ खेलें | वो आपको हँसाते हैं और ये महसूस कराते हैं कि यही दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण चीज है |
  • जब आप सोच रहे हों, अपनी निंदा कभी भी ना करें | ऐसा करने से आपकी बेचैनी और उल्टा-सीधा सोचने की आदत और भी ख़राब होती है | अगर परिस्थितियों में बदलाव आपके हिसाब से ना हो या सवालों के जवाब वो नहीं हैं जो आपने सोचा था तो इसे स्वीकार करने की आदत डालें | अगर आप निराशा से मुक्ति चाहते हैं तो जो भी होता है होने दें और उसपर ज्यादा दिमाग ना लगायें | मूलमंत्र ये है कि आप समझें कि जो भी बुरा होना था हो चुका है और आप उससे उबर जायेंगे, और फिर से अच्छी जिंदगी जी सकेंगे | जब आप गहराई में सोचेगे तो खुद ही समझ जायेंगे कि आप छोटी-छोटी बातों के लिए बहुत ही ज्यादा परेशान हो रहे थे |
  • इसे पढ़ना बंद करें और किसी दोस्त को निमंत्रण दें! मस्ती करें और अपनेआप को रिलैक्स करने की कोशिश करें |
  • जब भी आपको ऐसा लगे कि आप जरूरत से ज्यादा विचारों से घिर गए हैं, आप रिलैक्स करने के लिए कुछ पलों का ब्रेक लें और अपना सर फटने से पहले अपने विचारों का विश्लेषण जरूर कर लें |
  • अगर आप चिंतनशील व्यक्ति हैं तो इस बात पर गर्व महसूस करें | आप अपनेआप को कोई पर्सनालिटी मेकओवर देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि आप सिर्फ अपनी सोचने की आदत को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं |
  • मोमबत्तियां जलाकर एक हॉट बबल बाथ लें और रिलैक्स हो जाएँ!
  • आपका दिमाग सूचना का संचार असरदार तरीके से कर सके, इसके लिए आप उदासीन बनें | जब हार्मोनल बदलाव और एड्रेनालाईन फ्लो धीमी गति से हो तब दिमाग और एक्शन प्रोसेसर सबसे ज्यादा असरदार तरीके से काम करते हैं |
  • नकारात्मक बातों की बजाय आपके जीवन से जुड़ी जो अच्छी बाते हैं वो रिफ्लेक्ट हो सकें, इसके लिए पर्याप्त समय जरूर लें |
  • गहरी साँस लें: 5-10 गहरी साँसें लें और उनपर ध्यान दें | ऐसा करने से आप अपने दिमाग को नियंत्रित कर सकेंगे और आप वर्तमान समय पर और वर्तमान पलों में आप जो कर रहे हैं उसपर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे |

रेफरेन्स

विकीहाउ के बारे में

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

सोचने की बीमारी कैसे दूर करें?

​गहरी सांस लें या ध्यान करें कुछ स्थितियों में आपको केवल गहरी सांस लेने या ध्यान करने से ही बहुत फायदा होता है। अधिक सोचने और मन को परेशान करने के बजाय गहरी सांस लें। इससे आपका मन शांत होगा और शरीर को भी आराम मिलेगा। यकीन मानिए इसके बाद आप खुद अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए तैयार हो जाएंगे।

ज्यादा सोचने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

जब आप जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं तो यह दैनिक जीवन को प्रभावित करना शुरू कर देता है. इससे नींद न आना, भूखन लगना, अवसरों की कमी होना, रिश्तों और वर्कप्लेस पर समस्याएं होने लगती हैं. यह समस्या तह और भी बढ़ जाती है, जब यह आपके कामकाज पर असर डालने लगता है. अफवाह नेगेटिविटी को जन्म देता है.

बार बार सोचने से क्या होता है?

-किसी भी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है. -इससे एंजाइटी, डिप्रेशन और यहां तक की खुद के बारे में ही बुरा सोचने तक की नौबत आ सकती है. -इससे रोजाना का रूटीन काफी प्रभावित होता है. आप अपने अंदर की प्रोडक्टिविटी भी कम ही महसूस करेंगे.

ज्यादा सोचने का सबसे अच्छा उपाय क्या है?

खुद को खुश रखने की कोशिश करें हमें मालूम है कि हम परेशान हैं लेकिन परेशानी को बार-बार सोचकर अपना अच्छा समय क्यों बर्बाद किया जाए। ... .
बीती बातों को न सोचें ... .
अपना सर्वश्रेष्ठ स्वीकार करें ... .
आज में जिएं ... .
विस्तृत दृष्टिकोण में सोचें ... .
सब कुछ आपके नियंत्रण में नहीं ... .
नकारात्मक विचारों को कहें न ... .
खुद को व्यस्त रखें.