II क्या होता है जब लोहे की कील कॉपर सलफेट विलयन में राखी जाती है? - ii kya hota hai jab lohe kee keel kopar salaphet vilayan mein raakhee jaatee hai?

विषयसूची

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  • 1 १ जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
  • 2 15 क्या आप जिंक के पात्र में कॉपर सल्फेट का विलयन रख सकते हैं?`?
  • 3 नीला थोथा का रासायनिक नाम क्या है?
  • 4 क्या होता है जब लोहे की कील कॉपर सल्फेट विलयन में िाखी जाती है?
  • 5 क्या आप कॉपर सल्फेट के घोल को जिंक के बर्तन में स्टोर कर सकते हैं?
  • 6 कॉपर सल्फेट कैसे बनाते हैं?
  • 7 लोहे की कील से विद्युत चुम्मा कैसे बनाया जाता है आप इनके चिपकने का कारण बताइए?
  • 8 क्या होता है जब लोहे की कील कॉपर सल्फेट विलयन में राखी जाती है?

१ जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग नीले (CuSO4)से बदलकर हरा (FeSO4) हो जाता है क्योंकि लोहा कॉपर की अपेक्षा अधिक सक्रिय धातु है। यह कॉपर सल्फेट के गोल में से कॉपर को विस्थापित करने की क्षमता रखता है तथा आयरन सल्फेट विलयन बनता है।

15 क्या आप जिंक के पात्र में कॉपर सल्फेट का विलयन रख सकते हैं?`?

इसे सुनेंरोकेंअतः हम कॉपर सल्फेट को जिंक के पात्र में नहीं रख सकते है ।

क्या होता है जब सिल्वर धातु का टुकड़ा कॉपर सल्फेट के विलयन में डालते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसिल्वर धातु को जब कॉपर सल्फेट के विलयन में डाला जाता है तो सिल्वर सल्फेट तथा कॉपर बनता है।

नीला थोथा का रासायनिक नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनीला थोथा या तूतिया या कॉपर सल्फेट अकार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र CuSO4 है। इसे ‘क्युप्रिक सल्फेट’ भी कहते हैं।

क्या होता है जब लोहे की कील कॉपर सल्फेट विलयन में िाखी जाती है?

इसे सुनेंरोकेंजब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है तो विलयन का नीला रंग कुछ देर के बाद मलिन हो जाता है और लोहे की कील पर कॉपर का लाल अवक्षेप जमा हो जाता है। इसमें लोहा और कॉपर सल्फेट के विलयन के बीच प्रतिक्रिया के फलस्वरूप लोहा , कॉपर सल्फेट के विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है और फेरस सल्फेट बनता है।

कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल कैसे बनते हैं इसका वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल क्रिस्टलीकरण विधि द्वारा प्राप्त किया जाता है। जिसमें गर्म उबलते हुए जल में कॉपर सल्फेट के चूर्ण तब तक मिलाते रहते है जब तक उसमें कॉपर सल्फेट अब और अधिक घोलना असंभव न हो जाये । फिर इसको ठंड़ा करने पर कॉपर सल्फेट का क्रिस्टल बन जाता है।

क्या आप कॉपर सल्फेट के घोल को जिंक के बर्तन में स्टोर कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजब जिंक प्लेट सल्फेट कॉपर सल्फेट घोल में डाला जाता है, तो विस्थापन अभिक्रिया होती है। जिंक कॉपर सल्फेट में कॉपर को विस्थापित करता है और नीले रंग के घोल को रंगहीन में बदल देता है।

कॉपर सल्फेट कैसे बनाते हैं?

इसे सुनेंरोकें(1) बीकर में 1 कप पानी डालिये. (2) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें डालें और पानी को गर्म करें. (3) कॉपर सल्फेट पाउडर को संतृप्ति तक और घोल को हटा दें (4) घोल को कुछ समय के बाद ठंडे क्षेत्र में डालें, घोल से क्रिस्टल अलग हो जाएँ। यह उद्योग में कॉपर सल्फेट क्रिस्टल तैयार करने की प्रमुख विधि है।

सफेद थोथा का रासायनिक सूत्र क्या है?

व्यापारिक नामरासायनिक नामसूत्र
उजला थोथा (सफेद कसीस) जिकं सल्फेट ZnSO4.7H2O
हरा कसीस फेरस सल्फेट FeSO4.7H2O
संगमरमर कैल्सियम कार्बोनेट CaCO3
कली चूना कैल्सियम आँक्साइड CaO

लोहे की कील से विद्युत चुम्मा कैसे बनाया जाता है आप इनके चिपकने का कारण बताइए?

इसे सुनेंरोकेंलोहे में चुंबकीय गुण होते हैं जबकि अन्य धातुओं में ये गुण नहीं होते. यही वजह है कि चुंबक के क्षेत्र में आने के बाद लोहा प्रतिक्रिया देने लगता है.

क्या होता है जब लोहे की कील कॉपर सल्फेट विलयन में राखी जाती है?

प्रश्न 82 : जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबाया जाता है, तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?

उत्तर : जब लोहे की कील को नीले रंग के कॉपर सल्फेट (CuSO4) के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का नीला रंग हल्का (मलिन) हो जाता है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि Fe, Cu से अधिक अभिक्रियाशील होता है, जो कॉपर का विस्थापन कर देता है और आयरन सल्फेट एवं कॉपर धातु बनाता है। यह अभिक्रिया निम्न प्रकार से होती
Fe(s)+CuSO4 (aq) → FeSO4 (aq) + Cu(s)
          (नीला)                 (हल्का हरा)

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Answer in Brief

क्या होता है जब-

लोहे की कील कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है?

संबंधित अभिक्रिया का शब्द समीकरण लिखिए।

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Solution

विलयन का रंग नीले से बदल कर हरा इसलिए हो जाता है क्योंकि कॉपर सल्फेट को बदल कर आयरन सल्फेट विलयन बनाता है। क्योंकि लोहा कॉपर से अधिक सक्रिय धातु है।

\[\ce{CuSO4 + Fe -> FeSO4 + Cu}\]

Concept: धातु

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Chapter 4: पदार्थ : धातु और अधातु - अभ्यास [Page 55]

Q 9. (ख)Q 9. (क)Q 10.

APPEARS IN

NCERT Science Class 8 [विज्ञान कक्षा ८ वीं]

Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु
अभ्यास | Q 9. (ख) | Page 55

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क्या होता है जब लोहे की कील कॉपर सल्फेट विलयन में रखी जाती है?

उत्तर : जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग नीले (CuSO4)से बदलकर हरा (FeSO4) हो जाता है क्योंकि लोहा कॉपर की अपेक्षा अधिक सक्रिय धातु है। यह कॉपर सल्फेट के गोल में से कॉपर को विस्थापित करने की क्षमता रखता है तथा आयरन सल्फेट विलयन बनता है

जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में लगाया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?

धातु सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं। अधातुओं की क्षारों से अभिक्रियाएँ जटिल हैं। कॉपर सल्फेट और आयरन के मध्य अभिक्रिया वाले क्रियाकलाप को याद करिए जो आपने कक्षा VII में किया था।

प्रयोग वाले कॉपर सल्फेट विलयन के रंग में क्या परिवर्तन हुआ तथा उसका कारण लिखें?

क्रियाकलाप 6.7 में कॉपर सल्फेट की लोहे के साथ अभिक्रिया से आयरन सल्फेट और कॉपर बने थे। ये दोनों नए पदार्थ थे। कॉपर, लोहे के ब्लेड पर निक्षेपित हो गया था।

लोहा तांबे को उसके लवण के विलयन में से क्यों विस्थापित करता है?

लोहा, तांबे से अधिक क्रियाशील होता है, इसलिये लोहा के विलयन से तांबे को विस्थापित कर देता है.