नाखून क्यों बढ़ते हैं यह प्रश्न लेखक के आगे कैसे उपस्थित हुआ - naakhoon kyon badhate hain yah prashn lekhak ke aage kaise upasthit hua

नाखून क्यों बढ़ता है या प्रश्न लेखक के आगे कैसे उपस्थित हुआ?

लेखक यहाँ एक ओर नाखूनों का बढ़ना मनुष्य की आदिम पाश्विक वृत्ति और संघर्ष चेतना का प्रमाण मानता है तो दूसरी ओर उन्हें बार-बार काटते रहना और अलंकृत करते रहना मनुष्य के सौंदर्य बोध और सांस्कृतिक चेतना को भी निरूपित करता है।

आदमी के नाखून क्यों बढ़ते हैं यह प्रश्न लेखक से किसने किया?

नाखून क्‍यों बढ़ते हैं ? निबंध | लेखक - हजारी प्रसाद द्विवेदी | महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्तर - YouTube.

3 नाखून क्यों बढ़ते हैं प्रश्न उत्तर?

(अ) अपने को संयत रखना (ब) दूसरों के मनोभावों का आदर करना। (३) नाखून बढ़ना और उसे नहीं बढ़ने देना इनकी निशानी है (अ) मनुष्य के भीतर की पशुता की । (ब) मनुष्य की अपनी इच्छा और अपने आदर्श की। (१) मनुष्य में जो घृणा है जो अनायास बिना सिखाए आ जाती है, वह पशुत्व का द्योतक है।

नाखून क्यों बढ़ते हैं इस पाठ के लेखक?

नाखून क्यों बढ़ते हैं' शीर्षक निबंध को हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने मनुष्य में पाशविक वृत्ति के बढ़ने और मनुष्य को इसे घटाने के प्रयत्न को व्यक्त किया है।