Hindu Sanatan Dharma in Hindi – सनातन धर्म वास्तव में, हिंदू धर्म का ही वैकल्पिक नाम है। यह वैदिक कालीन धर्म भारतीय का मूल धर्म है। इतिहास इस बात का साक्षी है की सनातन हिन्दू धर्म दुनियाँ का अति प्राचीन धर्म है। क्योंकि यह धर्म सनातन काल से चला आ रहा है। Show
Sanatan Dharma in Hindi सनातन धर्म में परम ब्रह्म में विश्वास किया जाता है जो सर्वव्याप्त हैं।इसमें आत्मा, पुनर्जन्म और मोक्ष में विश्वास किया जाता है। Sanatan Dharma में परम पिता प्रमात्मा को निराकार माना गया है, लेकिन मूर्ति पूजा को स्वीकार किया जाता है। इस धर्म में अनगिनत देवी देवताओं के आस्तित्व को स्वीकारा जाता है। इनके प्रमुख देवता ब्रह्मा,विष्णु, और महेश को कहा गया है। सनातन धर्म में यज्ञ और अनुष्ठान को प्राथमिकता दिया गया है। लेकिन भक्ति और ज्ञान को भी श्रेष्ठ माना गया है। भारत में जीतने धर्म हैं उतने विश्व के किसी देश में नहीं है। भारत में जिन लोगों ने हिन्दू धर्म की जटिलताओं को स्वीकारने में दिक्कत महसूस किया। उन्होंने अलग पंथ को स्वीकार कर लिया, चाहे जैन धर्म हो, बौद्ध धर्म या सिख धर्म हो, इन धर्मों का विकाश हिन्दू धर्म से ही हुआ है। इतने धर्मों और उन धर्मों में भारी धर्मांतरण के बाद भी भारतीय महाद्वीप की बहुसंखयक आवादी आज भी सनातन धर्म अर्थात हिन्दू धर्म को ही मानती है। सनातन धर्म क्या है – sanatan dharma meaning in hindiबहुत से लोग धर्म का अर्थ कुछ और ही समझते है। उन्हें सनातन धर्म का अर्थ पता नहीं है। यह धर्म एक परंपरागत वैदिक धर्म है। धर्म का मतलव कर्तव्य से है और सनातन का मतलब होता है चीर शाश्वत, प्राचीन, स्थायी। अर्थात जो चीर शाश्वत है। जो अनंत काल से चला आ रहा हो, जिसका अस्तित्व हमेशा कायम रहेगा, जो चराचर हो, जिसका न आदि हो और न अंत, वही तो सनातन है। इस प्रकार सनातन धर्म का मतलव शाश्वत कर्तव्य से है। इसमे परम पिता परमेश्वर की आराधना साकार और निराकार दोनो रूप में की जाती है। इसमें ईश्वर आत्मा, परमात्मा, सृष्टि और मोक्ष की बातें बताई गयी है। जो सर्वदा सत्य है और इसी शाश्वत सत्य का बोध कराने वाला धर्म ही सनातन धर्म है। सनातन धर्म और हिन्दू धर्म में क्या अंतर है?लोगों में जिज्ञासा होती है की सनातन धर्म और हिन्दू धर्म में क्या अंतर है। क्या हिन्दू धर्म को ही सनातन धर्म कहा जाता है? Sanatan dharma in hindi में हमने इसी प्रश्न का उत्तर टटोलने की कोशिश की। फलतः पता चला की हिन्दू धर्म और सनातन धर्म दोनो एक ही है। दोनो में कोई अंतर नहीं है। Vedic dharma in Hindi स्वामी दयानंद सरस्वती जिन्होंने आर्य समाज क स्थापना की है। उन्होंने हिन्दू धर्म को वैदिक धर्म कहा है। उनका मानना था की वैदिक धर्म ही सनातन धर्म है और इसका अस्तित्व वैदिक काल से है। क्योंकी यह धर्म वेदों पर आधारित अनंत ग्रंथों का सार है। इसीलिए हिन्दू धर्म को सनातन धर्म कहा जाता है। सनातन धर्म की उत्पत्ति कब हुई – Origin of Sanatan dharma in hindiसनातन धर्म वैदिक कालीन – Sanatan Dharma in HindiImage by Okan Caliskan from Pixabay अक्सर लोग जानना चाहते है की सनातन धर्म की उत्पत्ति कव हुई। इतिहास हमें बताता हैं की विश्व के सभी धर्मों में यह (हिन्दू धर्म ) सवसे प्राचीन है। कुछ विद्वानों के अनुसार सनातन धर्म को 90 हजार वर्ष पुराना माना जाता है। इस धर्म के अन्दर अनेकों उपासना पद्धतियाँ, मत, पंथ, और दर्शन समायी हुई है। यह एक एकमात्र धर्म है जो ईश्वर, आत्मा परमात्मा, मोक्ष ध्यान धरण और समाधि, पुनर्जन्म जैसे गूढ अवधारणा की व्याख्या करता है। इस धर्म को वैदिक कालीन कहा जाता है। अतः यह कहा जा सकता है की इस धर्म की स्थापना सृष्टि के सृजन काल से ही है। सनातन धर्म के प्रवर्तक कौन है।– sanaatan dharm ke sansthaapakसनातन धर्म के संस्थापक कौन है यह प्रश्न अक्सर बहुत लोग के मन में उठता है। जैसा की हम हम जानते हैं की यह धर्म वैदिक काल से चली आ रही है। जैसे वेदों की उत्पत्ति सृष्टि के आरंभ काल से ही मानी जाती है उसी तरह इस धर्म की उत्पत्ति भी सृष्टि के सृजन काल से हुई है। अन्य धर्मों की तरह, कोई व्यक्ति विशेष इस धर्म का संस्थापक नहीं है। जैसे इसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह को माना जाता है। इस्लाम धर्म के संस्थापक मुहम्मद साहव को माना जाता है। लेकिन हिन्दू धर्म के संस्थापक कौन हैं इसका केवल कयास ही लगाया जा सकता है। कुछ विद्वानों के अनुसार वेदों की उत्पत्ति के साथ ही इस धर्म की भी शुरुआत हो गयी थी। तभी तो इसे वैदिक धर्म भी कहा जाता है। फलतः इस तथ्य के आधार पर वेदों के रचनाकार ब्रह्मा जी को इस धर्म का संस्थापक कहा जा सकता है। सनातन धर्म की विशेषताइस धर्म में असंख्य देवी देवता है। इसमें हर ब्यक्ति को अपने अनुसार देवी-देवताओं की मानने और पूजा करने की स्वतंत्रता है। आप साकार साधना में बिश्वास करें या निराकार में इसमें कोई बंदिश नहीं है। आप मूर्ति पूजा में बिश्वास करें या न करें। आप ईश्वर के आस्तित्व को केवल निराकार रूप में स्वीकारें या साकार रूप में यह केवल आप पर निर्भर है। इसके लिए आप बाध्य नहीं हैं। सनातन धर्म की विशेषता है की इसके उपासना पद्धति में स्त्री और पुरुष दोनो को समान स्थान प्राप्त है। यहॉं तक की इस धर्म में नारी का स्थान पुरुषों से पहले रखा गया है। जैसे सीता राम, उमा शंकर और राधे कृष्ण इत्यादि। इस धर्म में किसी धर्म विशेष को छोटा या बड़ा नहीं माना गया है। संख्या और क्षेत्रफल के आधार पर कोई धर्म बड़ा या छोटा नहीं होता। सनातन धर्म किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रतिपादित नहीं होने के कारण इसमें कोई वैचारिक कट्टरता नहीं दिखायी देती। ऐसा नहीं है की जिस धर्म को मानने वाले अधिक हैं, वही सवसे बड़ा धर्म है और जिस धर्म को मानने वाले कम हैं वह छोटा धर्म है। इसमें हर धर्म के प्रति सहिष्णुता और समादर का भाव रखा जाता है। अटल विहारी वाजपेयी जी का कथन है की “धर्म हमें जोड़ता है, तोड़ता नहीं है। हम धर्म का उपयोग सहिष्णुता व भाईचारे के लिए करना चाहते हैं, असहिष्णुता व ईर्ष्या-द्वेष के लिए नहीं। यही तो सनातन धर्म का मूलमंत्र भी है। प्राचीन काल में सनातन धर्म – Sanatan Dharma in Hindi Sanatan Dharma in HindiImage by adiyogi from Pixabay अति प्राचीन काल में इस धर्म के लोग मुख्य रूप से पाँच भागों में बंटे नजर आते थे। कालांतर में अलग-अलग अवधारणा की समाप्ति हुई तथा दो ही संप्रदाय शेष रहे शैव और वैष्णव। इसमें बताया गया की सवसे बड़ी शक्ति परम पिता परमेश्वर हैं, जिसे आप शिव कहें या विष्णु कहें।
सनातन धर्म की 7 रोचक बातें – Sanatan Dharma in hindi1. दुनियाँ का सवसे प्राचीन धर्म जिसका उद्भव सृष्टि के आरंभ के समय से ही मानी जाती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म की शुरुआत 90 हजार वर्ष पूर्व हुआ था। जबकि बौद्ध धर्म को 500 ई पू , ईसाई धर्म को 2 हजार साल पहले और इस्लाम धर्म को आज से 1400 साल पहले शुरुआत मानी गयी है। 2. इस धर्म में पुनर्जन्म में बिश्वास किया जाता है। इसमें प्राणी का मरने के बाद अपने कर्मों के अनुसार पुनर्जन्म होता है। कहा जाता है की प्राणी मात्र को अपने कर्मों के अनुसार पाप और पुण्य भोगना पड़ता है। इसमें कर्मों के अनुसार फल की भी चर्चा की गयी है। जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल उन्हें मिलता है। 3. इसमें ईश्वर के साकार और निराकार दोनो रूपों में विश्वास किया जाता है। आप चाहें साकार साधना करें या निराकार, आराधना उसी सर्वशक्तिमान की होती है। ( Sanatan Dharma in Hindi ) 4. Sanatan Dharma में आत्मा की अवधारणा को स्वीकार गया है। आत्मा को अमर बताया गया है। आत्मा न तो जन्म लेती है न ही आत्मा का विनाश होता है। आत्मा को उसी परम सत्ता का अंश बताया गया है और अंत में आत्मा उसी परम सत्ता में समा जाएगी। 5. इस धर्म में कहा गया है की जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ जाते हैं और धर्म की हानी होने लगती है। तव तव ईश्वर धर्म की रक्षा के लिए प्रभु अवतार लेते है। इसमें बताया गया है की परोपकार ही परम धर्म है। जीव मात्र पर द्या ईश्वर की आराधना के तुल्य है। यह धर्म अहिंसा ही परम धर्म है का संदेश देती है 6. इस धर्म के सिद्धान्तों पर चल कर मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक सभी तरह के सुख की अनुभूति की जा सकती है। इसी बात की चर्चा स्वामी विवेकानंद ने विश्व सर्व धर्म सम्मेलन में की थी। जिससे अभिभूत होकर पश्चिमी देशों के लोगों को इसे जानने की प्रवल इच्छा जागृत हुई। 7. सनातन धर्म हमें यह सिखाता है की सद्गुण और सदाचरण से ही मनुष्य जीवन सार्थक होता है। इस धर्म को किसी पर थोपा नहीं जाता है। इनके मानने वाले स्वतंत्र होते हैं। अगर कोई हिन्दू मूर्ति पूजा में बिश्वास करता है या नही करता है यह पूरी तरह उसकी अपनी मर्जी पर निर्भर है। उपसंहार – sanatan dharma history in hindiSanatan Dharma in HindiImage by Melanie Simon from Pixabay भारतवासी होने के नाते सनातन धर्म के शास्त्रों में वर्णित ज्ञान को सहेज कर रखना भी हमारा कर्तव्य है। जरा सोचिए जब कागज कलम नहीं था, उस काल से हमारे ऋषि-मुनियों ने कैसे सदियों से वेद पुराण को रटकर, एक पीठी से दूसरे पीढ़ी तक पहुचाते हुए जीवित रखा। हम Sanatan Dharma को तो मानते हैं लेकिन उनके ज्ञान को अपने में आत्मसात करने के लिए भी थोड़ा बक्त देने की जरूरत है। Sanatan Dharma in Hindi का लेख आपको कैसा लगा, अपने सुझाव से अवगत करायें। इन्हें भी पढ़ें – वेद को जानें संक्षेप में AmitLeave a comment Cancel replyComment
Δ Search रजिया सुल्तान का इतिहास, प्रेम कहानी | Razia Sultan History In Hindi हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय, व्यंग्य लेख, कविताएँ, रचनाएँ, भाषा-शैली | Harishankar parsai ka jivan parichay वैदिक धर्म और हिंदू धर्म में क्या अंतर है?सनातन धर्म और वैदिक धर्म का पर्याय एक ही है. इसे आप हिंदू धर्म भी कहते हैं और वेदो पर आधारित होने के कारण इसे वैदिक धर्म भी कहा जाता है. यह धर्म दुनिया का एकमात्र ऐसा धर्म है जो मानवता पर आधारित है तथा इसके लगभग सारे नियम मानवता और प्रकृति की रक्षा की संबंध में है.
पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म कौन सा है?हिन्दू धर्म (संस्कृत: हिन्दू धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत, नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसके अलावा सूरीनाम, फिजी इत्यादि। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है।
हिंदू धर्म से पहले कौन सा धर्म था?हिन्दू धर्म- सबसे पहले वैदिक धर्म का प्रारंभ हुआ।
पुराणों की रचना के बाद इसी में से पुराणिक धर्म का प्रारंभ हुआ।
हिंदू धर्म के संस्थापक कौन हैं?* अक्सर यह कहा जाता है कि हिन्दू धर्म का कोई संस्थापक नहीं। इस धर्म की शुरुआत का कुछ अता-पता नहीं। हालांकि धर्म के जानकारों अनुसार वर्तमान में जारी इस धर्म की शुरुआत प्रथम मनु स्वायम्भुव मनु के मन्वन्तर से हुई थी।
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