helen keller life story in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी,आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने जीवन में एक मिसाल कायम की है वास्तव में कुछ लोग होते हैं जो जीवन में कुछ ऐसा करते हैं जो अजीब लगता है. एक नॉर्मल इंसान भी जो नहीं कर पाता कुछ लोग ऐसा करके दिखाते हैं.आज हम आपको हेलेन केलर नाम की एक ऐसी महान महिला के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने उसूलों और इरादो के दम पर दुनिया में एक बहुत बड़ी
मिसाल कायम की है कि जब तक दुनिया रहेगी तब तक इनके उपकारों को और उनके हौसलों को याद करती रहेगी तो चलिए पढ़ते हैं अंधी और बहरी हेलन केलर के जीवन के बारे में इनका जन्म 27 जून 1880 को अलबामा मैं हुआ था इनका परिवार एक पुराने घर में रहता था इनके पिता का नाम आर्थर एच. केलर था जो कि एक समाचार पत्र के संपादक थे और इनकी माता घर का कामकाज किया करती थी यानी एक गृहणी थी. हेलन जब छोटी थी तभी से वह अंधी और बहरी थी दरहसल बचपन में उन्हें एक बीमारी हुई थी जिस वजह से उन्होंने
अपनी आंखें खो दी थी और बैरी भी हो गई थी इस वजह से उनके मां-बाप भी अपनी बिटिया को इस परिस्थिति में देखकर बहुत परेशान रहते थे. अंधी और बहरी होने के कारण वह सही से बोल भी नहीं पाती थी. कुछ समय बाद उनकी मां ने एक अखबार में पढा की एक संस्था है जो अंधे व्यक्तियों के जीवन में सुधार लाने की कोशिश करती है उनकी मां ने उस संस्था से संपर्क किया और अपनी बिटिया को सही करने की कोशिश की. ये अंधी और बहरी थी लेकिन फिर भी उनके मां-बाप ने उन्हें पढ़ाना उचित
समझा.अंधे और बहरे व्यक्तियों की मदद करने वाली संस्था की एक शिक्षिका ने उन्हें घर पर आकर पढ़ाया काफी मेहनत के बाद हेलन नई तकनीक के जरिये अक्षरों का ज्ञान सीख पायी और अपनी मेहनत के दम पर कई भाषाएं वह सीख गई उन्होंने फ्रेंच और जर्मन जैसी भाषाएं सीख ली थी और वह पढ़ाई के क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रही थी. वह पढ़ाई में काफी तेज थी लेकिन उनमें शुरू से ही नार्मल बच्चों के साथ पढ़ाई करना अच्छा लगता था इसी वजह से उन्होंने उच्च स्तर की पढ़ाई की और एक विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. कॉलेज
की पढ़ाई के दौरान उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि जिस तरह से वह पढ़ाई करती थी उस लिपि में उन्हें सभी किताबे नहीं मिली और उन्हें पढ़ाई करने में परेशानी हुई लेकिन फिर भी वह अपने अथक प्रयासों के कारण ग्रेजुएट हो गई और इन्होने कई बार पूरे विश्व का भ्रमण भी किया था. हेलन एक ऐसी महिला थी जो अंधी बहरी थी फिर भी वह उस जैसे ही लोगों की मदद करती थी उन्होंने कई सामाजिक कार्य किए जिस वजह से आज देश ही नहीं दुनिया भी इन्हें जानती है इन्होंने
विकलांग व्यक्तियों की मदद करने के लिए करोड़ों रुपए एकत्रित किया और उनकी मदद की दरअसल उन्होंने अनेक संस्थाओं का निर्माण किया जिसके जरिए वह विकलांग व्यक्तियों की मदद करती थी सबसे खास बात यह थी कि वह बिल्कुल भी अपने लिए इन पैसों का खर्च नहीं करती थी.वह गरीबों, अपाहिजों की मदद के लिए हमेशा तैयार थी इसी वजह से हर कोई उन्हें जानने लगा था. हेलेन केलर एक महान नारी थी इनके ऊपर एक हिंदी फ़िल्म भी बन चुकी है इस फिल्म का नाम ब्लैक है यह फिल्म सन
2005 में रिलीज हुई थी इसके डायरेक्टर संजय लीला भंसाली थे और इसमें अमिताभ बच्चन भी थे इस फिल्म में विलेन का किरदार रानी मुखर्जी ने निभाया था. मृत्यु-हेलन वास्तव में एक महान समाज सेविका थी भले ही वह अंधी और बहरी थी लेकिन बहुत ही इंटेलिजेंट थी लेकिन 1 जून 1968 को हेलन की हार्ट अटैक की वजह से मृत्यु हो गई और वह हमेशा हमेशा के लिए हमें छोड़ कर चली गई लेकिन आज भी वह हम सभी के दिल में जिंदा है क्योंकि वह अपाहिज थी लेकिन फिर भी इस पूरी दुनिया के लिए बहुत कुछ कर गई।
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हेलन के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?' तो आप सच में अंधे हो। हेलन की यही विचार-धारा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत बनी क्योंकि हेलन सुन और देख नहीं सकती थीं और किसी आम इंसान की तरह बोल भी नहीं सकती थी। फिर भी हेलन ने साबित कर के दिखा दिया कि यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति कठिन परिश्रम पूरी ईमानदारी से करते हो तो निश्चित ही सफलता मिलती है।
हेलन केलर की विशेषताओं से हमें क्या पता चलता है?हेलन केलर इस दुनिया की एक ऐसी महान हस्ती थी, जिन्होंने अपने पूरे जीवन भर भलाई के काम किए और वे कई लोगों की प्रेरणा भी बनी। हेलन केलर नेत्रहीन होने के बाबजूद भी वे अपने मन की आंखों से सब कुछ देख सकती थीं और बाधिर होते हुए भी संगीत के मधुर धुन सुन सकती थी। हेलन केलर का हर सपना रंगीन था और उनकी कल्पना अद्धितीय थी।
हेलन केलर कब बोलने में सक्षम हो गई और उसने क्या क्या उपलब्धि प्राप्त की?बारह वर्ष की आयु होने तक हेलन अच्छी तरह बोलने लगी थी । उसने केवल दो वर्ष में ही अंग्रेज़ी, फ्रेंच, ग्रीक, लेटिन और जर्मन भाषाओं पर पूरा अधिकार कर लिया। सन् 1904 में 22 वर्ष की आयु में हेलन ने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने ब्रेल लिपि में 'मेरा धर्म' और 'मेरी आत्मकथा' इत्यादि एक के बाद एक नौ पुस्तकें लिखीं।
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