घर्षण बल से क्या समझते हो इसकी कोई दो विशेषताएं लिखो? - gharshan bal se kya samajhate ho isakee koee do visheshataen likho?

Solution : घर्षण बल–यदि किसी वस्तु को धक्का देकर छोड़ दें तो कुछ दूर जाकर वह ठहर जाती है। ऐसा जिस बल के कारण होता है उसे घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल हमेशा गति की विपरीत दिशा में होता है। इस प्रकार घर्षण बल सदैव वस्तु की गति का प्रतिरोध करता है। इसी घर्षण बल के कारण ही समतल धरातल पर भी किसी वस्तु का वेग एकसमान रखने के लिये बल लगाना पड़ता है। इसी घर्षण बल के कारण कोई घूमती हुई वस्तु जैसे स्टेण्ड पर खड़ी साइकिल का पहिया कुछ देर घूमने के बाद स्थिर हो जाता है। अतः "जब दो धरातलों के बीच आपेक्षिक गति हो तो उनके बीच विपरीत दिशा में एक बल लगता है जिसे घर्षण बल कहते हैं।" यह बल किसी वस्तु की गति का विरोध करता है।
दैनिक जीवन में घर्षण बल का उपयोग–(i) पृथ्वी और पैरों के तलुवों में घर्षण की अनुपस्थिति में चलना व्यावहारिक रूप में असम्भव होता है। जब हम एक पाँव उठाकर आगे रखते हैं तो पिछले पाँव के घर्षण बल के कारण ही प्रतिक्रिया बल पीछे खिसकने से रोकता है अन्यथा वह पीछे की ओर फिसल जायेगा और हम या तो वहीं रह जायेंगे या फिर नीचे गिर जायेंगे।
(ii) इसी प्रकार यदि घर्षण बल न हो तो गाड़ी को रोकने के लिये जब ब्रेक लगाते हैं, उसका प्रभाव नहीं होगा। घर्षण बल से हानियाँ-(i) घर्षण बल पर नियन्त्रण पाने के लिये हमारी बहुत-सी शक्ति नष्ट हो जाती है। (ii) घर्षण बलों के विरुद्ध किया गया कार्य ऊष्मा में परिणत होता है जिससे जहाँ एक ओर धरातल गर्म हो जाता है, वहाँ दूसरी ओर निर्गत शक्ति निवेशी शक्ति से कम होकर दक्षता को कम कर देती है। निरन्तर चलने वाले इंजनों के गतिशील भागों में घर्षण बलों के कारण अधिक ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है जिससे उनके कई हिस्से गलकर या मुलायम होकर खराब हो जाते हैं। घर्षण बल को कम करना-धरातल जितना अधिक चिकना होता है, घर्षण बल उतना ही कम होता है। धरातलों के बीच तेल आदि डालने पर घर्षण बल कम हो जाता है। दोनों धरातलों के बीच संपीडित हवा घर्षण बल बहत कम कर देती है। निरन्तर चलने वाले इंजनों के गतिशील भागों में घर्षण बलों के कारण अधिक ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है जिससे उनके कई हिस्से गलकर या मुलायम होकर चिकने हो जाते हैं। अतः उनमें स्नेहक तेल डालकर या ग्रोस आदि लगाकर घर्षण बल कम करने का प्रयास करते हैं तथा उनमें हवा, पानी आदि शीतलक पदार्थ घुमाकर ऊष्मा को कम किया जाता है। बाल बियरिंग के प्रयोग करने से भी घर्षण बल कम हो जाता है।

जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर सरकती या लुढ़कती है तब दोनों के बीच एक बल कार्य करता है जो गति का विरोध करता है। यही बल घर्षण बल कहलाता है।

यह बल दोनों तलों के स्पर्श बिन्दु पर दोनों तलों के स्पर्श रेखा केे अनुरूप होता है।

घर्षण कितने के प्रकार होते हैं

यह चार प्रकार का होता है 

1. विसर्पी घर्षण (Sliding Friction)

   A. स्थैतिक घर्षण (Static Friction)

   B. गतिज घर्षण (Kinetic Friction)

   C. चरम घर्षण (Limiting Friction)

2. लोटनीक घर्षण (Rolling Friction)

3. तरल घर्षण (Fluid Friction)

4. सर्पी घर्षण (Sliding Friction)

(1) विसपी घर्षण (Sliding Friction)

जब कोई वस्तु दूसरे वस्तु पर फिसलता है या फिसलने की चेष्टा करता है, तो इनके पृष्ठों के बीच उत्पन्न घर्षण को विपर्सी घर्षण कहा जाता है। यह तीन प्रकार होता है।

(a) स्थैतिक घर्षण (Static Friction)

जब एक वस्तु को किसी सतह पर चलने के लिए बल लगाने पर भी वस्तु विरामावस्था मे रहती है तो इस स्थिति में दोनों संपर्क सतहों के बीच लगने वाले बल को स्थैतिक घर्षण कहते हैं।

(b) गतिज घर्षण (Kinetic Friction) 

यदि एक वस्तु दूसरे के सापेक्ष गति अवस्था में हो, तो उनके संपर्क पृष्ठों के बीच उत्पन्न घर्षण को गतिज घर्षण कहते हैं।

(c) चरम घर्षण (Limiting Triction)

जब किसी सतह पर रखी वस्तु पर लगाने से वस्तु उस सतह पर ठीक-ठीक चलने की स्थिति में आ जाती है, तो इस स्थिति में लगनेवाले घर्षण-बल को चरम घर्षण कहते हैं।

(2) लोटनीक घर्षण (Rolling Friction) 

यदि कोई वस्तु जैसे पहिया, बेलन, गोला आदि किसी सतह पर लुढ़कते हैं या लुढ़कने का प्रयत्न करते हैं, तो उनके संपर्क पृष्ठों के बीच उत्पन्न घर्षण को लोटनीक घर्षण कहते हैं।

(3) तरल घर्षण (Fluid Friction)

बहने या प्रवाहित होने वाला पदार्थ तरह पदार्थ कहलाता है। द्रव के विभिन्न पर्तों के बीच एक अन्योन्य या आंतरिक बल कार्य करता है। इसे ही तरह घर्षण या श्यानता कहा जाता है।

(4) सर्पी घर्षण (Sliding Friction)

जब एक वस्तु किसी सतह पर सरकती है, तो संपर्क सतहों के बीच लगनेवाले बल को सपी घर्षण कहते हैं।

घर्षण कोंण (Angle of Friction) क्या है

चरम घर्षण बल ‘F’ तथा अभिलंब प्रतिक्रिया ‘R’ का परिणामी ‘S’ अभिलंब प्रतिक्रिया से जो कोंण बनता है उसे घर्षण कोंण कहते है

tan λ =F/R =μ 

λ का मान सदा 45° से कम होता है μ (घर्षण गुणांक) एक विमाहीन राशि है तथा इसका मान 0 से 1 के बीच होता है।

घर्षण गुणांक (Co-efficient friction) क्या है

घर्षण बल और संपर्क सतह द्वारा आरोपित अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुपात को घर्षण गुणांक कहते हैं।

इसे μ द्वारा सूचित किया जाता है।

घर्षक गुणांक (μ)= सीमांत घर्षण (F)/अभिलम्ब प्रतिक्रिया (R)

विराम कोण (Angle Repose)-

यह  झुकाव वाले नत-समतल से संबंधित है।यदि किसी वस्तु को Ө कोण से झुके नत-समतल पर रखा जाय और यह केवल नीचे खिसकने की स्थिति में हो, तो तल के क्षैतिज के साथ झुकाव के कोण को दो स्पर्शीय सतहों के लिए विराम कोण कहलाते हैं।

घर्षण बल से क्या समझते हो इसकी कोई दो विशेषताएं लिखो? - gharshan bal se kya samajhate ho isakee koee do visheshataen likho?

घर्षण के कारण (Cause of Friction)–

1. कोई भी वस्तु पूर्ण चिकना नहीं होता है।

2. उसके पृष्ठ पर सूक्ष्म शिखायें तथा गर्ते होती है।

3. अतः वस्तु का तल खुरदरा होता है।

4. जिस कारण दोनों वस्तुओं के तल तथा अवमंदन बल उत्पन्न होता है।

5. इस बल को ही घर्षण बल तथा इस प्रकृति या प्रवृत्ति को घर्षण कहा जाता हैं ।

घर्षण-बल के उपयोग (Uses of Force of Friction)-

इसके निम्नलिखित उपयोग हैं-

(i) यदि सड़कों पर घर्षण न हो, तो पहिये फिसलने लगते हैं।

(ii) घर्षण-बल न होने के कारण हम केले के छिलके तथा बरसात में चिकनी सड़क पर फिसल जाते हैं।

(iii) घर्षण के कारण ही मनुष्य सीधा खड़ा रहता है।

घर्षण-बल की विशेषताएँ (Characteristics of Force Friction)-

इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

(i) दो सतहों के बीच का घर्षण-बल उनके संपर्क क्षेत्रफल (Area of Contact) पर निर्भर नहीं करता, बल्कि सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है।

(ii) स्थैतिक घर्षण-बल से लोटनिक घर्षण-बल का मान कम होता

(iii) ठोस-ठोस सतहों के बीच घर्षण-बल अधिक, द्रव-द्रव सतहों के बीच उससे कम तथा वायु-ठोस सतहों के बीच घर्षण-बल कम होता है।

किसी रॉलर को खींचने की अपेक्षा लुढ़काना आसान है, क्यों?

चूँकि लोटनिक घर्षण-बल (Rolling Friction Force) का मान स्थैतिक घर्षण-बल (Static Force of Friction) से कम होता है। यही कारण है कि रोलर को खींचने की अपेक्षा लुढ़काना आसान होता है।

घर्षण बल से आप क्या समझते हैं?

घर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है। घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है। घर्षण के दो प्रकार हैं: स्थैतिक घर्णण और गतिज घर्षण। स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण, गति की दिशा पर निर्भर नही करता।

ग घर्षण बल से आप क्या समझते हैं दो बला के बीच घर्षण गुणाक?

जब दो पिंड परस्पर संपर्क में होते हैं एवं एक वस्तु दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर गति करती है। तो इनके संपर्क तलों के बीच एक बल कार्य करता है। जो वस्तुओं की गति का विरोध करता है इस बल को घर्षण बल (friction force in Hindi) कहते हैं

घर्षण बल से आप क्या समझते हैं दोनों के बीच घर्षण गुणांक किन किन बातों पर निर्भर करता है?

Answer: घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है। घर्षन बल किसी वस्तु के विपरीत दिशा में लगता हैं। ... स्थैतिक घर्षण दो पिण्डों के संपर्क-पृष्ठ की समान्तर दिशा में लगता है, लेकिन गतिज घर्षण गति की दिशा पर निर्भर नही करता

घर्षण बल क्या है कक्षा 8 उदाहरण दीजिए?

प्रश्न: यदि हम पुस्तक को मेज पर धकेलते हैं, तो वह कुछ देर बाद रुक जाती है। क्यों? उत्तर: जब हम पुस्तक को मेज पर धकेलते हैं, तो उस पर गति की विपरीत दिशा में एक बल लगाया जाता है जिसे घर्षण बल कहते हैं। यह बल आंदोलन का विरोध करता है और किताब रुक जाती है।