Palampur Gaon ki Kahani Notes Class 9अर्थशास्त्र के बुनियादी तथ्यों में उत्पादन और मांग एक मूल विचार है तथा इसका स्थान सबसे ऊपर है। इसी कारक को दर्शाने के लिये एक काल्पनिक गांव के विषय मे आज हम पड़ेंगे। इस गाँव का नाम पालमपुर है जिसको सारांश के रूप में आसान शब्दों में समझेगें और इसका अध्ययन करेंगे।पालमपुर गाँव की कहानी से आप जानेंगे की लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वस्तुएँ, सेवाएं तथा अलग तरह के संसाधन किस प्रकार से समायोजित होते हैं। Show The Story of Village Palampur Summary in Hindi
अर्थशास्त्र कक्षा 9 chapter 1 – सारांशपालमपुर गांव की मुख्य क्रिया कृषि है, जबकि अन्य क्रियाएं जैसे लघु-स्तरीय विनिर्माण, डेयरी, परिवहन आदि सीमित स्तर पर की जाती है। पालमपुर अपने आस पास के गाँवो और क़स्बों से जुड़ा हुआ हैं। रायगंज एक बड़ा गाँव है जो पालमपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। पालमपुर गाँव के यातायात साधन की बात करें तो यहां पर बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी, से लेकर और तरह के वाहन जैसे मोटरसाइकिल , जीप , ट्रेक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते है। इस गाँव में अलग-अलग जातियों के तकरीबन 450 परिवार है। जिनमे से कुछ उच्च जाति के अथवा अनुसूचित जाति (दलित) के लोग है। गाँव में उच्च जाति के परिवारों की 80 हैं जो ज्यादातर भूस्वामी है। इन लोगों के मकान बहुत बड़े और ईंट तथा सीमेंट से बने हुए हैं। अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या गाँव की कुल आबादी का एक तिहाई है। ये लोग गाँव के एक कोने में बहुत छोटे घरों में रहते हैं तथा ये घर मिट्टी और फूस के बनें हुए हैं। पालमपुर के ज्यादातर घरों में बिजली की सुविधा उपलब्ध हैं। शिक्षा के स्तर पर यहाँ प्रबंध करायी गई व्यवस्थाओं में एक हाई स्कूल और दो प्राथमिक विद्यालय हैं। अतः रोगियों के उपचार के लिए एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक निजी अस्पताल मौजूद है। भारत के हर एक गाँव की तरह पालमपुर गाँव की भी प्रमुख गतिविधि कृषि (खेती) हैं। इससे भिन्न तरह की गतिविधियों में लघु विनिर्माण, परिवहन, दुकानदारी आदि शामिल हैं। इन गतिविधियों को गैर कृषि क्रियाएं कहा जाता हैं। पालमपुर गाँव में कृषि पालमपुर के लोगों का मुख्य पेशा कृषि उत्पादन है। यहां काम करने वाले लोगों में 75 प्रतिशत लोग अपने जीवनयापन के लिए खेती पर निर्भर है। ये किसान या कृषि श्रमिक हो सकते है। परंतु कृषि करने में उपयोग होने वाली जमीन निश्चित होती है। पालमपुर में साल 1960 के बाद से आज तक जमीन के क्षेत्र में कोई बदलाव नही हुआ है। उस समय गांव की बंजर जमीन को खेती योग्य कार्य करने में परिवर्तित कर दिया था तथा नयी जमीन को खेती करने योग्य बनाकर उत्पादन को बढ़ाने की कोई गुंजाइश नही हैं। यहाँ जिस तरह की फसल उगाई जाती है और सुविधाएं उपलब्ध हैं उसे देखकर लगता है कि पालमपुर गाँव उत्तर प्रदेश के पश्चिम में स्थित हैं। यहाँ हर जमीन पर खेती की जाती है । गाँव में एक साल में किसान तीन तरह की फसलें उत्पन्न कर पाते हैं क्योंकि यहाँ पर सिंचाई करने के लिये पूरी व्यवस्था है। इसका असर ऐसा पड़ा कि यहाँ पर सिंचाई व्यवस्था ही बदल गयी। अब किसान बिजली से चलने वाले नलकूपों का प्रयोग कर रहे है। शुरूआत में किसान सरकार द्वारा प्रबंध कराए गए नलकूपों का इस्तेमाल करते थे और अब वे अपने द्वारा नलकूप का प्रबंध ख़ुद करने लगे। हरित क्रांति हरित क्रांति द्वारा भारतीय कृषकों ने अधिक उपज वाले बीजों (HYV) के द्वारा गेहूँ और चावल की कृषि करने के तरीक़े सिखे। अनेक क्षेत्रों में हरित क्रांति के कारण उर्वरकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई है – इसके अतिरिक्त नलकुपो से सिंचाई के कारण भौम जल स्तर कम हो गया है। बिजली के विस्तार ने सिंचाई व्यवस्था में सुधार हुआ परिणाम स्वरूप किसान दोनो ख़रीफ़ और रबी ऋतुओं की फ़सल उगाने में सफल हो सके है। पालमपुर में गैर कृषि क्रियाएं कौन सी है? कृषि का अर्थ होता है खेती करना, वही गैर कृषि क्रिया का अर्थ है वह क्रिया जिसमें कृषि सम्मिलित न हो। जैसे दूध बेचना, खनन कार्य और हस्तशिल्प आदि कार्य। पालमपुर में कार्यशील जनसंख्या का केवल 25% भाग गैर कृषि कार्यों में संलग्न है। पालमपुर में मुख्य गैर कृषि क्रियाएं निम्नलिखित हैं: 1-डेयरी-पालमपुर गांव के लोग भैंस पालते हैं और दूध को निकट के बड़े गांव रायगंज में जहां दूध संग्रहण एवं शीतलन केंद्र खुला हुआ है में बेचते हैं। 2-लघु स्तरीय विनिर्माण– पालमपुर में भी निर्माण कार्य छोटे पैमाने पर किया जाता है और गांव के लगभग 50 लोग विनिर्माण कार्यों में लगे हुए हैं। 3-कुटीर उद्योग-गांव में गन्ना पेरने वाली मशीन लगी है। यह मशीनें बिजली से चलाई जाती है। किसान स्वयं उगाए तथा दूसरों से गन्ना खरीद कर गुड़ बनाते हैं और सहायपुर में व्यापारियों को बेचते हैं। 4- व्यापार कार्य-पालमपुर के व्यापारी शहरों के थोक बाजारों से अनेक प्रकार की वस्तुएं खरीदते हैं तथा उन्हें गांव में लाकर बेचते हैं। जैसे चावल, गेहूं, चाय, तेल-साबुन आदि। 5-परिवहन – पालमपुर के लोग अनेक प्रकार के वाहन चलाते हैं जैसे रिक्शा, जीप, ट्रैक्टर आदि। यह वाहन वस्तुओं व यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं और इसके बदले में वाहन चालकों को किराए के रूप में पैसे मिलते हैं। 6-प्रशिक्षण सेवा-पालमपुर गांव में एक कंप्यूटर केंद्र खुला हुआ है इस केंद्र में कंप्यूटर प्रशिक्षण के रूप में दो कंप्यूटर डिग्री धारक महिलाएं भी काम करती हैं। बहुत संख्या में गांव के विद्यार्थी वहां कंप्यूटर सीखने भी आते हैं। भारत में पूँजी तीन प्रकार की होती है –
HYV बीज गाँव के कुल कृषि क्षेत्र के केवल 40% भाग में सिंचाई होती है। अधिक उपज पैदा करने वाले बीज (HYV) की सहायता से गेहूँ की उपज 1300 कि.ग्र. प्रति हेक्टेयर से बढकर 3200 कि.ग्र. हो गई है। पालमपुर गाँव में 25% लोग गैर कृषि- कार्यों में लगे हुए है जैसे-डेयरी-दुकानदार, लघुस्तरीय निर्माण, उद्योग, परिवहन इत्यादि। पालमपुर व आस पड़ोस के गाँवों, क़स्बों और शहरों में दूध, गुड़, गेहूँ,आदि सुलभ है। जैसे-जैसे ज्यदा गाँव, क़स्बों और शहरों से अच्छी सड़कों, परिवहन और टेलीफ़ोन से जुडेंगें, भविष्य में गाँवों में गैर- कृषि उत्पादन क्रियाओं के नये अवसर सृजित होंगे। More Articles France ki Kranti The Story of Village Palampur – Summary Structure of Atom Class 9 पालमपुर की मुख्य उत्पादन के लिए क्या है?पालमपुर में खेती उत्पादन की प्रमुख क्रिया है। काम करने वालों में 75 प्रतिशत लोग अपनी जीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं।
पालमपुर में प्रमुख व्यवसाय कौन सा है?पालमपुर के लोगों का मुख्य पेशा कृषि उत्पादन है।
पालमपुर के लोगों का मुख्य पेशा क्या है?Solution : पालमपुर गांव के लोगों का मुख्य पेशा 'खेती' है।
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