विपणन अवधारणा से आप क्या समझते है? - vipanan avadhaarana se aap kya samajhate hai?

इस कार्य में उत्पाद के रंग, रूप, आकार, डिजायन, किस्म, पेकेजिंग, लेबलिंग आदि पर ध्यान दिया जाता है ताकि उत्पाद उपभोक्ता की आवश्यकता एवं पसंद पर खरा उतर सकें।


उत्पादको को उत्पादन कार्य हेतु कच्चामाल क्रय करना पड़ता है, मध्यस्थों को छोटे फुटकर व्यापारियोंकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निर्माताओं से माल क्रय करना होता है।  संकलन के अन्तर्गत विपणनकर्ता अनेक स्त्रोतो से माल के हिस्से-पुर्जे एकत्र करता है तथा उन्हे आपस में जोड़कर किसी नये उत्पाद का निर्माण करता है। सामान्यत: मोटरसाइकिल निर्माता उसके कुछ आवश्यक हिस्से पुर्जे बाजार से एकत्रित कर मोटरसाइकिल तैयार करते है। इसका कारण यह है कि सभी आवश्यक हिस्सों-पुर्जो का निर्माण एक निर्माता के द्वारा न तो संभव है ओर न ही यह लाभप्रद होता है। 


इस कार्य में विपणनकर्ता माल ग्राहकों को हस्तान्तरित करता है। इसके लिए मूल्य-सूचियाँ बनाना, विक्रय शर्तें निर्धारित करना, विक्रय-कर्ताओं की नियुक्ति तथा मध्यस्थों की नियुक्ति जैसे कार्य आवश्यक हो जाते है। 


विपणनकर्ता को इसके लिए उपयुक्त परिवहन माध्यम का चयन, परिवहन मार्ग का निर्धारण, परिवहन बीमा, परिवहन सुरक्षा आदि कार्य करने पड़ते है।  यह कार्य माल को समय उपयोगिता प्रदान करता है इसके अन्तर्गत विपणन कर्ता माल का उस समय संग्रह कर लेते है जब माल की पूर्ति मांग की तुलना में ज्यादा होती है ताकि बाद में मांग अधिक होने पर मांग को पूरा किया जा सके। बाजार में उत्पाद की पूर्ति बिना किसी बाधा के लगातार की जा सके इसके लिए स्टाक का एक निश्चित स्तर बनाया जाना आवश्यक है। उत्पाद की मांग की स्थिति को देखकर स्टाक स्तर में कमी-वृद्धि की जा सकती है।


विपणनकर्ता इसके लिए विज्ञापन, प्रचार एवं प्रसार, विक्रयकर्ता, विपणन अनुसंधान आदि साधनों का सहारा लेता है एवं अपने वर्तमान एवं भावी ग्राहकों के साथ सम्पर्क स्थापित करता है ताकि अपना संदेश ग्राहकों को पहुंचाने के साथ ही ग्राहकों की शिकायत एवं सुझावों की भी जानकारी ली जा सकें। धन व्यवसाय का जीवन रक्त है, धन की आवश्यकता कच्चा माल, यंत्र एवं उपकरण खरीदने एवं आवश्यक खर्चो की पूर्ति के लिए पड़ती है। वित्त की पूर्ति स्वयं के साधनों से, बैकों तथा वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर की जा सकती है। 


विपणन कर्ता को माल के विपणन में अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है जैसे माल के नष्ट होने, मांग के कम होने, माल के अप्रचलित होने जैसी अनेक जोखिम हो सकती है। इनमें से कुछ जोखिमों का बीमा कराकर उन्हे कम किया जा सकता है तथा जिनका बीमा संभव नहीं होता है, उन्हे विपणनकर्ता को वहन करना होता है। 

इसे सुनेंरोकेंविपणन (अंग्रेज़ी: marketing) एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन जिन्हें प्रायः ४ Ps कहा जाता है) की योजना बनाई जाती है एवं कार्यान्वयन किया जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्तियों और संगठनों के बीच उत्पादों, सेवाओं या विचारों के विनिमय हेतु की जाती है।

इसे सुनेंरोकेंविपणन की यह अवधारणा वस्तुओं और सेवाओं के विक्रय संवर्धन पर बल देती है और इसमें उपभोक्ता की संतुष्टि पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। आधुनिक अवधारणा के अनुसार, विपणन उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं की पहचान से प्रारंभ होता है और उसके बाद उपभोक्ता को पूर्ण संतुष्टि प्रदान करने वाले वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन की योजना बनती है।

उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन क्यों करें?

इसे सुनेंरोकेंउपभोक्ता व्यवहार अध्ययन, बाज़ारिया को प्रतिस्पर्धी लाभ प्राप्त करने में मदद करता है क्योंकि अध्ययन के माध्यम से बाज़ारिया उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं के आधार पर अधिक प्रतिस्पर्धी उत्पादों की पेशकश कर सकता है। इस प्रकार यह कंपनी की प्रतिस्पर्धी ताकत में सुधार करने में मदद करता है।

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आधुनिक विपणन अवधारणा की विशेषताएं क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआधुनिक विपणन की अवधारणा- इस अवधारणा के अनुसार व्यावसायिक गतिविधियों का प्रारंभ तथा अंत दोनों ही उपभोक्ता की आवश्यकता तथा संतुष्टि पर आधारित है। एकीकृत प्रबंध कार्यवाही, उपभोक्ता-अभिमुखता, उपभोक्ता की संतुष्टि, लाभ के साथ संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति, उपभोक्ता मूल्य आदि इस अवधारणा की प्रमुख विशेषताए है।

विपणन से क्या आशय है विपणन की प्रकृति एवं क्षेत्र की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंविपणन की परिभाषा अमेरिकन मार्केटिग एसोसिएशन के अनुसार:-”विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन करना है जो उत्पादक से उपभोक्ता की बीच वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह का नियमन करती है।” फिलिप कोटलर के अनुसार-”विपणन वह मावनीय क्रिया है जो विनिमय प्रकियाओं के द्वारा आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की सन्तुष्टि के लिए की जाती है।

विपणन अवधारणा क्या है एक विकासशील अर्थव्यवस्था में विपणन अवधारणा के महत्व की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंविपणन का महत्व – एक विकासशील अर्थव्यवस्था में और यह उपभोक्ता को भेदभाव करने में सक्षम बनाता है, अर्थात्, उसकी बहुत सीमित क्रय शक्ति के लिए सबसे बड़ा मूल्य प्राप्त करना। विकास को गति देने के लिए अर्थव्यवस्था को अधिक गतिशील बनाने के लिए विपणन एक प्राथमिक साधन है।

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एफिलिएट मार्केटिंग कैसे करे?

इसे सुनेंरोकेंएफिलिएट मार्केटिंग से पैसे कमाने का सबसे आसान तरीका है कि आप किसी कंपनी या व्यक्ति के साथ जुड़ जाएं और उसके प्रोडक्ट को या उसकी सर्विस को ऑनलाइन प्रमोट करें। आप अपनी website, Blog, YouTube channel या फिर facebook, instagram, twitter अकाउंट की मदद से ऑनलाइन ही उनके प्रोडक्ट एवं सर्विस को बेचने कर पैसे कमा सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय विपणन क्या है इसके महत्व एवं सीमाओं को लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंअंतर्राष्ट्रीय विपणन मे एक देश की सीमाओं के बाहर वस्तुओं तथा सेवाओं का विपणन किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय विपणन मे निर्यात एक से अधिक देशों को किया जाता है। वास्तव मे यह बहुराष्ट्रीय प्रक्रिया है, जिसमे व्यापार कई देशों अथवा राष्ट्रो से किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय विपणन, विपणन का ही एक भाग है।

घरेलू विपणन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंघरेलू विपणन की परिभाषा घरेलू विपणन राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत विपणन गतिविधियों को संदर्भित करता है। आमतौर पर किसी देश के स्थानीय सीमा के भीतर एक छोटे से क्षेत्र के ग्राहकों को पूरा करने के लिए विपणन रणनीति बनाई गई थी। यह किसी विशिष्ट देश के ग्राहकों को ही सेवा और प्रभावित करता है।

विपणन की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?

विपणन की यह अवधारणा वस्तुओं और सेवाओं के विक्रय संवर्धन पर बल देती है और इसमें उपभोक्ता की संतुष्टि पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है । आधुनिक अवधारणा के अनुसार, विपणन उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं की पहचान से प्रारंभ होता है और उसके बाद उपभोक्ता को पूर्ण संतुष्टि प्रदान करने वाले वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन की योजना बनती है ।

विपणन की आधुनिक अवधारणा क्या है समझाइए?

आधुनिक विपणन की अवधारणा- इस अवधारणा के अनुसार व्यावसायिक गतिविधियों का प्रारंभ तथा अंत दोनों ही उपभोक्ता की आवश्यकता तथा संतुष्टि पर आधारित है। एकीकृत प्रबंध कार्यवाही, उपभोक्ता-अभिमुखता, उपभोक्ता की संतुष्टि, लाभ के साथ संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति, उपभोक्ता मूल्य आदि इस अवधारणा की प्रमुख विशेषताए है।

विपणन प्रबंधन की अवधारणा क्या है?

विपणन प्रबन्ध (Marketing management), विपणन की तकनीकों का व्यावहारिक उपयोग है। विपणन प्रबन्धक का कार्य माँग के स्तर, समय एवं संरचना को इस प्रकार से प्रभावित करना है ताकि संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके। विपणन (मार्केटिंग) शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया जाता है।

विपणन अवधारणा कितने प्रकार की होती है?

विपणन की अवधारणा/संकल्पना। मुख्य रूप से, चार संगठनात्मक झुकाव हैं। उत्पादन, उत्पाद, बिक्री और विपणन