मत दिखा कौन सा अधिकार है? - mat dikha kaun sa adhikaar hai?

प्र. मत देने का अधिकार होता है


A. राजनीतिक अधिकार
B. आर्थिक अधिकार
C. कानूनी अधिकार
D. नागरिक अधिकार


Answer: राजनीतिक अधिकार


मताधिकार कैसा अधिकार है→राजनीतिक अधिकार


राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। जनतंत्र की नीवं मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिये आवश्यक है कि प्रत्येक व्ययस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार प्रदान किया जाय।

जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है। इस प्रकार हमारा देश संसार के जनतांत्रिक देशों में सबसे बड़ा है क्योंकि हमारे यहाँ मताधिकारप्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सबसे बड़ी है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद (आर्टिकल) 325 व 326 के अनुसार प्रत्येक वयस्क् नागरिक को, जो पागल या अपराधी न हो, मताधिकार प्राप्त है। किसी नागरिक को धर्म, जाति, वर्ण, संप्रदाय अथवा लिंग भेद के कारण मताधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

What is the definition of political rights?

Definition of political rights

The rights that involve participation in the establishment or administration of a government and are usually held to entitle the adult citizen to exercise of the franchise, the holding of public office, and other political activities.

प्र. वोट देने का अधिकार कौन सा अधिकार है?

उत्तर: राजनीतिक अधिकार

मत दिखा कौन सा अधिकार है? - mat dikha kaun sa adhikaar hai?

राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक वयस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत का अधिकार प्रदान किया जाय।

जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है। इस प्रकार हमारा देश संसार के जनतांत्रिक देशों में सबसे बड़ा है क्योंकि हमारे यहाँ मताधिकार प्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सबसे बड़ी है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 एक सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को निर्वाचित सरकार के सभी स्तरों के चुनावों के आधार के रूप में परिभाषित करता है। सर्वजनीन मताधिकार से तात्पर्य है कि सभी नागरिक जो 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के हैं, उनकी जाति या शिक्षा, धर्म, रंग, प्रजाति और आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं।

नवीन संविधान लागू होने के पूर्व भारत में 1935 के "गवर्नमेंट ऑव इंडिया ऐक्ट" के अनुसार केवल 13 प्रति शत जनता को मताधिकार प्राप्त था। मतदाता की अर्हता प्राप्त करने की बड़ी बड़ी शर्तें थीं। केवल अच्छी सामाजिक और आर्थिक स्थिति वाले नागरिकों को मताधिकार प्रदान किया जाता था। इसमें विशेषतया वे ही लोग थे जिनके कंधों पर विदेशी शासन टिका हुआ था।

अन्य पश्चिमी देशों में, जनतांत्रिक प्रणाली अब पूर्ण विकसित हो चुकी है, एकाएक सभी वयस्क नागरिकों को मताधिकार नहीं प्रदान किया गया था। धीरे धीरे, सदियों में, उन्होंने अपने सभी वयस्क नागरिकों को मताधिकार दिया है। कहीं कहीं तो अब भी मताधिकार के मामले में रंग एवं जातिभेद बरता जाता है। परंतु भारतीय संविधान ने धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत मानते हुए और व्यक्ति की महत्ता को स्वीकारते हुए, अमीर गरीब के अंतर को, धर्म, जाति एवं संप्रदाय के अंतर को, तथा स्त्री पुरुष के अंतर को मिटाकर प्रत्येक वयस्क नागरिक को देश की सरकार बनाने के लिए अथवा अपना प्रतिनिधि निर्वाचित करने के लिए "मत" (वोट) देने का अमूल्य अधिकार प्रदान किया है।

संविधान लागू होने के बाद पिछले वर्षों में भारतीय जनता ने अपने मताधिकार के पवित्र कर्त्तव्य का समुचित रूप से पालन करके प्रमाणित कर दिया है कि उसे जनतंत्र में पूर्ण आस्था है। इस दृष्टि से भी भारतीय जनतंत्र का विशेष महत्व है।

भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार क्या है?

Detailed Solution. सही उत्तर संवैधानिक अधिकार है। मतदान के अधिकार के विषय में जो सत्य है, वही चुनाव लड़ने के अधिकार के लिए भी सत्य है, इसका अर्थ है कि यह भी एक संवैधानिक अधिकार है। हालाँकि, संविधान का अनुच्छेद 326 सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार प्रदान करता है, लेकिन विशेष रूप से मतदान के अधिकार का उल्लेख नहीं करता है।

मताधिकार आंदोलन क्या है?

ANSWER. महिला मताधिकार आंदोलन उस आंदोलन को कहा जाता है , जिसे महिलाओं ने करके अपना मताधिकार का अधिकार प्राप्त किया था । इसी संघर्ष को महिला मताधिकार आंदोलन कहा जाता है । इस आंदोलन को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सबसे ज्यादा मजबूती मिली ।

वोट देने का अधिकार कब मिला?

mountengu chemsford sudhar (भारत शासन अधिनियम 1919) द्वारा भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला ।

भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार कब मिला?

Detailed Solution. सही उत्तर 1921 है। 1919 और 1929 के बीच, सभी ब्रिटिश प्रांतों, साथ ही अधिकांश रियासतों ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया और कुछ मामलों में, उन्हें स्थानीय चुनावों में खड़े होने की अनुमति दी।