भारत ‘1 दिसंबर’ से शक्तिशाली समूह G20 की अध्यक्षता करने जा रहा है। यह प्रत्येक भारतवासी के लिए बहुत बड़ा अवसर साबित होगा। दरअसल, विशेषज्ञों द्वारा वैश्विक देशों के इस बड़े समूह की अध्यक्षता करने के कई मायने समझे जा रहे हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह वैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस बीच ये भी बताना चाहेंगे कि बीते कुछ वर्षों में ही ऐसे कई मौके आए हैं जब भारत की स्थिति वैश्विक मंचों पर लगातार सुधरती दिखाई दी है। यह पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि ‘न्यू इंडिया’ अब तेजी से आकार ले रहा है। Show इस समूह में विश्व के तमाम बड़े देशगौरतलब हो G20 समूह के भीतर विश्व के वे तमाम विकसित देश शामिल हैं जिनकी वर्ल्ड GDP में करीब 85 प्रतिशत की भागीदारी बताई जाती है। ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे मौके की अहमियत को पहचानते हुए देश के तेजी से बढ़ते कद को लेकर गौरवान्वित महसूस करना चाहिए। भारत के लिए इस पायदान तक पहुंचने का सफर बिलकुल भी आसान नहीं रहा। इसके लिए हमारा देश एक कठोर दौर से गुजरा है, जिसमें कोविड जैसी वैश्विक महामारी भी सामने आई थी। याद हो कोविड काल में विश्व का ऐसा कोई देश नहीं था जिसके ऊपर उसका जरा भी असर न हुआ हो। दुनिया के लगभग सभी देश किसी न किसी रूप में कोविड के चलते प्रभावित हुए थे। भारत भी इनमें से एक रहा। उसके बावजूद भारत ने जिस तरह से रिकवरी की यह वाकयी काबिल-ए-तारीफ है और अब लगातार देश के उन्हीं प्रयासों के परिणाम हम सभी के सामने हैं। यहां यह कहना भी सही होगा कि आज भारत इस मुकाम पर पहुंचा है। लेकिन, इसके पीछे हजारों वर्षों की बहुत बड़ी यात्रा जुड़ी है, अनंत अनुभव जुड़े हैं। हमने हजारों वर्षों का उत्कर्ष और वैभव भी देखा है। हमने विश्व के सबसे अंधकारमय दौर भी देखे हैं। हमने सदियों की गुलामी और अंधकार को जीने के लिए मजबूरी भरे दिन भी देखे हैं। फिर भी भारत अपनी विकास यात्रा में नहीं रुका है। क्या भारत वैश्विक ताकतों के बीच विश्व नेता बन कर उभरा है ?हाल ही में भारत को G20 की अध्यक्षता मिलना इस बात को दर्शाता है कि भारत वैश्विक ताकतों के बीच विश्व नेता बन कर उभरा है। बता दें हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत को G20 की अध्यक्षता सौंपी गई। ऐसे में ये देशवासियों की जिम्मेदारी है कि इन आशाओं-अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा बेहतर करके दिखाएं। अब ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम भारत की सोच और सामर्थ्य से, भारत की संस्कृति और समाजशक्ति से विश्व को परिचित कराएं। ये हमारा दायित्व है कि हम अपनी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति की बौद्धिकता और उसमें समाहित आधुनिकता से विश्व का ज्ञानवर्धन करें। आइए अब जानते हैं कि G-20 ग्रुप कैसे बना और कौन-कौन से देश इसमें शामिल हैं…? क्या है G20 ?G20 ग्रुप का गठन सन् 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल कर वैश्विक स्थिरता को सुरक्षित करना है। G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक GDP का 85% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है। G20 ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। G20 सम्मेलन में स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। भारत का विश्व मंचों पर वर्चस्व– भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना ‘वसुधैव कुटुम्बकम’अपने मासिक रेडियो संबोधन में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में, पीएम ने देश को इस अवसर का उपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा हमें वैश्विक भलाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जी20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है। हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना चाहिए और वैश्विक भलाई व विश्व कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो या सतत विकास, भारत के पास चुनौतियों से संबंधित समाधान हैं। हमने ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ की जो थीम दी है, वह हमारी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बीते कुछ साल में इस तरह से भारत लगातार वैश्विक मंचों पर बेहतर करता आ रहा है और 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और सामर्थ्य के साथ निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इंडोनेशिया की राजधानी बाली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन 15 नवंबर और 16 नवंबर दो दिन ही चलेगा। पीएम नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आज बाली रवाना हो गए। बाली जाने से पूर्व, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहाकि, हमारे देश और नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण तब होगा जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को जी—20 की अध्यक्षता सौंपेंगे। भारत 1 दिसंबर 2022 से आधिकारिक रूप से जी—20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। अगले साल हमारे देश में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सदस्य देशों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करूंगा। G20 Summit: इंडोनेशिया ने भारत को G20 की अध्यक्षता सौंप दी है. इसी के साथ बाली जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो गया. इंडोनेशिया ने भारत को आगामी वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता सौंपी है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंपी. भारत आधिकारिक तौर पर 1 दिसंबर से G20 प्रेसीडेंसी ग्रहण करेगा. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी और निर्णायक होगी. अगले एक साल में, हमारा प्रयास होगा कि जी20 सामूहिक कार्रवाई को गति देने के लिए एक वैश्विक प्रमुख प्रस्तावक के रूप में काम करे.
महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राथमिकता देनी होगी: पीएम मोदी साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हमें जी20 एजेंडा में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राथमिकता देनी होगी. यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है क्योंकि भारत जी20 की अध्यक्षता संभाल रहा है. हम भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों में G20 बैठकें आयोजित करेंगे. हम सब मिलकर जी20 को वैश्विक परिवर्तन का उत्प्रेरक बनाएंगे.
सबसे बड़े मैंग्रोव वन ‘तमन हुतान राया नगुराह राय' का दौरा बता दें अपने आज से दौरे की शुरुआत उन्होंने कुछ वैश्विक नेताओं के साथ वहां के सबसे बड़े ‘मैंग्रोव' वन ‘तमन हुतान राया नगुराह राय' का दौरा किया और मैंग्रोव लगाए. मैंग्रोव' ऐसे पेड़ों या झाड़ियों को कहा जाता है, जो समुद्र तट के किनारे उगती हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बाली पहुंचे हैं, जो मंगलवार को शुरू हुआ था. जी20 समूह का वर्तमान अध्यक्ष भारत अब भारत जी20 समूह का वर्तमान अध्यक्ष है. भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा. जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. G20 2022 की अध्यक्षता कौन करेगा?Updated: Thu, Nov 17, 2022 12:02 am
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Indonesia President Joko Widodo) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi G20) को बाली में G20 की अध्यक्षता सौंपी.
2023 G20 की मेजबानी कौन करेगा?भारत आधिकारिक रूप से 1 दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। राष्ट्राध्यक्षों/सरकार के स्तर पर अगला जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
Gकब से कब तक मिली भारत को G20 की अध्यक्षता ? भारत 1 दिसंबर, 2022 से अगले साल 30 नवंबर तक एक वर्ष के लिए G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत देशभर में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें आयोजित करेगा।
G20 शिखर सम्मेलन 2022 क्या है?G-20 समूह:
इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है। साथ में G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक जीडीपी का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है।
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