सब्सक्राइब करे youtube चैनल human beings in hindi meaning and definition मनुष्य किसे कहते है | मनुष्य की परिभाषा क्या है अर्थ मतलब बताइए लिखिए किसने बनाया था ? क) मनुष्य खासी यह सोचता है कि मानव ईश्वर की विशेष कृति है। वह अन्य जीवों से अतुलनीय ढंग से श्रेष्ठ है। नैतिक एवं आध्यात्मिक रूप से विकसित होने की क्षमता उसकी खासी विशेषता है और यही ईश्वर का उसे दिया गया बहुमूल्य उपहार है अर्थात उनमें दैवीय तत्व का होना। ईश्वर द्वारा मनुष्य को दी गई एक अन्य देन जैसा कि खासी विश्वास करते हैं, का रिजियू का सिगिज्यू का विशेष उपहार है, जो कि मनुष्य की स्वयं अपनी परिस्थिति को समझने की तार्किक समझ प्राप्त कर लेने की क्षमता है। खासी विश्वास करते हैं कि यह दुनिया अंधेरे की शक्तियों से भरी हुई है और इन शक्तियों का एकमात्र कार्य किसी मनुष्य को ईश्वर द्वारा उसे प्रदान किए गए स्थान से उखाड़ फेंकना है। मनुष्य इन शक्तियों का मुकाबला स्वयं ही नहीं कर सकता । उसकी शक्ति उसके भीतर विद्यमान ईश्वर में निहित है और इसलिए ईश्वर को सदैव उन्हें जदय में प्रतिष्ठित रहना चाहिए।
एक जनजातीय धर्मशास्त्र का लिखा जाना (Writing a Tribal Theology) बदलता विश्व दृष्टिकोण (Changing World View) ‘‘एक धार्मिक व्यक्ति के रूप में, मैं ईश्वर में विश्वास रखता हूँ और एक मनुष्य के नाते, मेरा ईश्वर भी मानवीय चरित्र वाला है (आदमी अथवा औरतों के रूप, व्यक्तित्व अथवा गुणों वाले ईश्वर की अवधारणा) जहाँ अपने अंतरंग हृदय के बीचों बीच, मैं यह विश्वास नहीं करता हूँ कि ऐसा ही हो सकता है । यसु ने स्वयं भी कहा है- “ईश्वर एक भावना है। किन्तु एक खासी आदिवासी होने के नाते, जो कि खासी भूमि पर रहता है, मेरे विज्ञान एवं ईसाई धर्मशास्त्र के बावजूद, मैं उस ईश्वर की प्रार्थना करता हूं जो कि मुझे उस वातावरण के अनुरूप प्रतिष्ठित करता है, जिसमें मैं रहता हूं । जब मेरी मृत्यु हो तो मेरी इच्छा है कि मेरा दाह-संस्कार किया जाए क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरा शरीर संतों के निकट रखा जाए, न ही मेरी इच्छा यह है कि मेरे अवशेष अनावश्यक रूप से जमीन में पड़े रहें जिस पर पहले से ही बढ़ती आबादी का बोझ पड़ रहा है। पर-सांस्कृतिक
तुलना (Cross & CulturalComparison) बोध
प्रश्न 4 बोध प्रश्नों के उत्तर बोध प्रश्न 4 पप) जिन तीन तरीकों से ईश्वर स्वयं को मनुष्यों के सामने प्रकट कर सकता है, वे हैंः पपप) क) बिरहोर प्रेतों की विविधता में विश्वास करते हैं, जिनके अलग-अलग कार्य तथा शक्तियां होती हैं, जबकि खासी विभिन्न नामों वाले ईश्वर में विश्वास रखते हैं, जिनमें से प्रत्येक अलग-अलग कार्यों को प्रतिबिंबित करता है। ख) बिरोहों का विश्वास है कि विश्व प्रेतों से भरा हुआ है जबकि खासी लोगों का मानना है कि ईश्वर विश्व का रचयिता भी है और वह सर्वव्यापक भी है। मनुष्य का सच्चा अर्थ क्या है?Answer: Answer: भारतीय विचारकों के अनुसार मनुष्य भावना से युक्त एक चेतन सत्ता है, जो चैतन्य का पूर्ण तत्व है, जिसे ब्रह्मा कहते हैं। शास्त्री जी ने कहा कि भारतीयों ने मानवीय शक्तियों को विकसित करने के लिए एक आध्यात्मिक मानव का जो रहस्य ज्ञान प्रतिपादित किया है, वह उसकी बड़ी सफलता है।
मनुष्यता कविता में क्या उद्देश्य बताया गया है?मनुष्यता कविता हमें सच्चा मनुष्य बनने की राह दिखाती है। मनुष्य को इस कविता द्वारा सभी मनुष्यों के अपना भाई मानने, उनकी भलाई करने और एकता बनाकर रखने की सीख दी गई है। कविता के अनुसार सच्चा मनुष्य वही है जो सभी को अपना समझते हुए दूसरों की भलाई के लिए ही जीता और मरता है।
मानव और मनुष्य में क्या अंतर है?✎... मनुष्य और मानव में यह अंतर है कि मनुष्य मनुष्य शब्द ऐसी प्रजाति को प्रकट करता है, जो दो पैरों पर चलती है, जिसमें बुद्धि है और जो संसार की अन्य जैविक प्रजातियों जैसे, पशु-पक्षी, जलचर, कीट, सरीसृप आदि से अलग है, जबकि मानव होना मनुष्य का एक विशिष्ट गुण है।
मनुष्य शब्द कैसे बना?कुरान के अनुसार इस दुनिया का पहले इंसान का नाम आदम था,इसी आदम शब्द से इंसान को आदमी कहते है। ठीक उसी प्रकार हिन्दुओं की मनु स्मृति के अनुसार इस दुनिया के पहले इंसान का नाम मनु था,इसी मनु शब्द से ही मनुष्य शब्द का उदभव हुआ। मनुष्य वैसे एक हिंदी शब्द है,इसे मानव,मानुष(बंगाली में), मानस(गुजराती में) भी कहते है।
|