Rajasthan History : Eki Aandolan | एकी आन्दोलन – इस भाग में राजस्थान के जनजातीय आन्दोलन Eki Aandolan (एकी आन्दोलन/ भोमट भील आन्दोलन) के बारे में सम्पूर्ण विस्तृत जानकारी मिलेगी | Show एकी आन्दोलन –Table of Contents
FAQ ( Eki Aandolan ) –1. एकी आन्दोलन का नेतृत्त्व किसने किया था? ANS. मोतीलाल तेजावत ने एकी आन्दोलन का नेतृत्त्व किया था | 2. एकी आन्दोलन की शुरुआत कहाँ से हुई ? ANS. एकी आन्दोलन की शुरुआत चित्तोडगढ की रश्मी तहसील के मातृकुण्डिया स्थान से हुई थी| 3. ‘मेवाड़ पुकार’ क्या है ? ANS. मोतीलाल तेजावत द्वारा बनाई गई 21 सूत्री मांग पत्र को मेवाड़ की पुकार कहा जाता है | 4. दूसरा जलियांवाला बाग़ हत्याकांड किसे कहा जाता है ? ANS. निमडा हत्याकांड को ही दूसरा जलियांवाला हत्याकांड कहा जाता है | 5. नीमडा हत्याकांड कब हुआ था ? ANS. निमडा हत्याकांड 7 मार्च, 1992 को हुआ था | Read Also :
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एकी आंदोलन
1917 ई. में भीलों व गरासियों ने मिलकर दमनकारी नीति व बेगार के विरुद्ध महाराणा को पत्र लिखा। इसका कोई परिणाम नहीं निकालता देखकर 1921 में बिजौलिया के किसान आन्दोलन से प्रभावित होकर भीलों ने पुनः महाराणा को शिकायत की। इन सभी अहिंसात्मक प्रयासों को जब कोई परिणाम नहीं निकला तो भोमट के खालसा क्षेत्र के भीलों ने लगाने व बेगार चुकाने से इनकार कर दिया। 1921 ई में मोतीलाल तेजावत ने इस आन्दोलन को नेतृतव प्रदान किया। इस आन्दोलन को जनजातियों में राजनितिक जागरण का प्रतिक माना जाता है। यह आन्दोलन भोमट क्षेत्र के अतिरिक्त सिरोही व गुजरात राज्यों में भी फैला।
एकी आंदोलन के जनक कौन है?सही उत्तर है मोतीलाल तेजावत । मोतीलाल तेजावत ने राजस्थान में ईकी आंदोलन का उद्घाटन किया। मोतीलाल तेजावत को ' आदिवासियों के मसीहा ' के रूप में भी जाना जाता है। ईकी आंदोलन की शुरुआत 1920 में हुई थी ।
एकी आंदोलन की शुरुआत कहाँ से हुई?गुजरात एवं राजस्थान के सीमांत पर बसा आदिवासी बाहुल्य सिरोही जिला शौर्य व वीरता का प्रतीक रहा है। हमारे जिले के एक छोटे से गांव भूला में अंग्रेजों की ओर से कृषि कार्य पर वसूले जाने वाले लगान के विरोध में 5 मई 1922 को लीलूडी बडली में मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में आदिवासियों ने एकी आंदोलन किया था।
एकी आंदोलन का नारा क्या था?सही उत्तर है किसानों को भारी राजस्व और अनुचित श्रम से मुक्त करना। 'एकी आंदोलन' का मुख्य उद्देश्य किसानों को भारी राजस्व और अनुचित श्रम से मुक्त करना था।
एकी आंदोलन से आप क्या समझते हैं?एकी आंदोलन विशुद्ध रूप से आदिवासियों के हकों के लिए पहला राजनीतिक संघर्ष था। भीलों को अन्याय और अत्याचार, शोषण व उत्पीड़न से मुक्त करने हेतु संगठित करने के उद्देश्य से श्री मोतीलाल तेजावत ने उन्हें एकता के सूत्र में आबद्ध किया। भीलों में एकता स्थापित करने के इस अभियान को ही एकी आंदोलन कहा जाता है।
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