15 अगस्त, भारत के इतिहास में वो तारीख जब भारत पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया। लेकिन ये आज़ादी हमें आसानी से नहीं मिली। इसके लिए एक बहुत बड़ी कीमत चुकाई गयी है। 200 बरस की गुलामी में बहुत सारे हिन्दुस्तानियों का रक्त बहा। उसके बाद जाकर कहीं हमें यह आजादी हमें नसीब हुयी है। हम ऋणी हैं उन शहीदों के जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की आजादी के लिए मौत को गले लगा लिया। आइये पढ़ते हैं उन्हीं शहीदों को समर्पित आजादी पर कविता :- Show आजादी पर कविताविडियो देखिये या आजादी की कविता नीचे पढ़िए :- आजादी पर कविता ( यूँ ही नहीं मिली आज़ादी ) | स्वतंत्रता दिवस पर कविता | Azadi Par Kavita Watch this video on YouTube यूँ ही नहीं मिली आजादी जो शुरू हुई सन सत्तावन में देश की रक्षा की खातिर ऊधम सिंह और मदन लाल जोश ही जोश भरा था लहू में राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह है गर्व मुझे उन वीरों पर यूँ ही नहीं मिली आजादी आजादी पर कविता के बारे में अपने विचार हम तक व हमारे पाठकों तक अवश्य पहुंचाएं। पढ़िए आज़ादी दिवस पर यह देश भक्ति रचनाएं :-
धन्यवाद। आजादी पर कविता | स्वतंत्रता दिवस – 5 Freedom Kavita – यहाँ पर आपके सामने आजादी दिवस के अवसर पर 5 कविताएं प्रस्तुत है। पढ़ें – आजादी के दिवस का प्रणाम, लालजी का स्वतंत्रता दिवस, तिरंगे की शान में जिन्दा हिन्दुस्तान, आजाद रहेंगे, आजादी का मजा। Table of Contents
आजादी पर कविताआजादी के दिवस का प्रणाम आजादी के दिवस का आप सभी को प्रणाम। भूलने का काम कौन रखे याद इतने शहीदों के नाम। महान तो अब भ्रष्टाचार और देश में बढ़ती बेरोजगारी। उठायी जिम्मेदारी देश को बढ़ाया आगे। ना जागे ना सोये दिखे हमेशा खोये-खोये। सच तमाशा ही बना दी देश की हमने आजादी। गाँधी गंगा गीता के दर्शन पर चलना किया था शुरू। आबरू तो अब यहाँ बाजार में मिलती है दाम से। तो धूम-धाम से मनाइये स्वतंत्रता दिवस। ——- Lokesh Indoura पढ़े – कविता कायर पाकिस्तान (हास्य व्यंग्य) Independence Day Poem in Hindiलाल जी का स्वतंत्रता दिवस जैसे ही स्वतंत्रता दिवस तब ही पीछे से आवाज आयी बीवी झल्लायी लाल जी चौंके तो लाल जी बोले मेरे जश्न का क्या लाल जी बोले किन्तु प्रिय बीवी बोली शट-अप कहाँ गया तुम्हारा ज्ञान अब लाल जी के नेत्र —– Lokesh Indoura पढ़ें – आरक्षण पर कविता (हास्य व्यंग्य) Freedom KavitaRead – Hindi Funny Shayari आज भी देश को भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी, असमानता से आजादी की आज भी आवश्यकता है। आज भी समाज में घूंघट प्रथा, दहेज प्रथा, मृत्य भोज जैसी कुप्रथाएं विद्यमान है। सच में तो हम आज तक आजाद नहीं हो पाए। हमें जरूरत है कि हम अंधविश्वासी, रूढ़िवादी, परम्परावादी व जातिवादी विचारधारा से बाहर निकलें। आजादी पर कविता | Independence day Poem in Hindi Read – Hindi Funny Articles ऐसा तब ही हो पायेगा जब हम सकारात्मक चिंतन करेंगे। ऐसा चिंतन जो धार्मिक, परम्परावादी, जातिवादी भावना से प्रेरित ना हो। जिसमें मानवता हो और सौहार्दपूर्ण विचारधारा हो। आजादी पर कविता | Independence day Poem in Hindi Read – Hindi Funny Status Read – Hindi Funny Story कुछ लोग विचारों से कुंए के मेंढक बन जाते है। वो अपनी एक सीमित विचारधारा से बाहर नहीं निकल पाते हैं। वो रूढ़िवादी और परम्परावादी विचारों से पूर्वाग्रसित होते हैं। Independence Day Poetry in Hindi आजादी में जीवन शीर्षक कविता के रचयिता कौन हैं?हिंदी 'आज़ादी' शीर्षक कविता मूलरूप से मलयालम में लिखी गई है। इसके कवि बालचंद्रन चुल्लिक्काड हैं।
हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता कौन सी है?बच्चन के कविता संग्रह. तेरा हार / हरिवंशराय बच्चन (1932). मधुशाला / हरिवंशराय बच्चन (1935). मधुबाला / हरिवंशराय बच्चन (1936). मधुकलश / हरिवंशराय बच्चन (1937). निशा निमन्त्रण / हरिवंशराय बच्चन (1938). एकांत-संगीत / हरिवंशराय बच्चन (1939). आकुल अंतर / हरिवंशराय बच्चन (1943). सतरंगिनी / हरिवंशराय बच्चन (1945). आजादी कविता के अनुसार आजादी का क्या मतलब है?आजादी का मतलब, कलाम की ईमानदारी है।
आजादी का असली मतलब क्या होता है?ऐसी ब्यवस्था जिसमें , देश - समाज की ब्यवस्थाओं में बाधक न बनते हुए हमें अपने आचार- विचार के अनुसार जीवन जीने और फैसले लेने की बंधन - बाधायें न हों। अभिब्यक्ति की स्वतंत्रता हो , मानवीय गरिमा और सम्मान के साथ जीवन यापन के समान अवसर हों , िकिसी तरह जाति, लिंग या धर्म वगैरह को लेकर भेदभाव न हो।
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