डॉक्टर ने फोन पर मोहन के बारे में क्या क्या पूछा? - doktar ne phon par mohan ke baare mein kya kya poochha?

डॉक्टर मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि उसे कब्ज़ और बदहजमी है। फिर वह बताते हैं कि कभी-कभी हवा रु क जाती है और फंदा डाल लेती है। मोहन के पेट में बस उसी का ऐंठन है। वह मोहन को आश्वासन देते हैं कि दवा की एक खुराक पी लेने के बाद तबियत ठीक हो जाएगी।

"रोहिणी कैसी है?" सिंगापुर में ऑपरेशन के बाद होश आने पर सबसे पहले लालू प्रसाद यादव ने यही पूछा था. ये शब्द न तो आरजेडी के मुखिया के हैं और न ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के.

ये शब्द एक पिता के हैं जो अपनी बेटी के बारे में पूछ रहे थे. उस बेटी के बारे में जिसने कुछ ही घंटे पहले अपनी एक किडनी अपने पिता की ज़िंदगी बचाने के लिए दान कर दी है.

ऐसा नहीं है कि भावनाओं की यह धार एक तरफ से बह रही है. सिंगापुर में अपने पिता को किडनी देने से पहले रोहिणी ने भी लगातार कई भावुक ट्वीट किए हैं. तभी से बाप-बेटी के रिश्तों पर खूब चर्चा हो रही है.

जैसे ही रोहिणी को पता चला कि पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी देने के लिए वो डोनर बन सकती हैं, रोहिणी ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए.

बीते 11 नवंबर को पिता लालू प्रसाद यादव से साथ बचपन की एक तस्वीर साझा करते हुए रोहिणी ने ट्विटर पर लिखा- माँ- पिता मेरे लिए भगवान हैं. मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूँ. आप सबों के शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है. मैं आप सबके प्रति दिल से आभार प्रकट करती हूँ. आप सब का विशेष प्यार और सम्मान मिल रहा है. मैं भावुक हो गई हूँ. आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूँ.

एक के बाद एक उन्होंने कई और ट्वीट किया.

रोहिणी ने लिखा है कि धरती पर मां-बाप ही भगवान होते हैं और इनकी पूजा, सेवा करना हर बच्चे का फ़र्ज़ है.

पिता को किडनी देने के फ़ैसले पर रोहिणी ने अपने एक ट्वीट में लिखा है, "मेरा तो मानना है कि ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूँ. पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ."

रोहिणी ने अपने इस ट्वीट में सबसे गुज़ारिश की है, "आप सब दुआ कीजिए कि सब बेहतर तरीके से हो जाए. पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज़ बुलंद करे. शुभकामनाओं के लिए पुनः एक बार आप सबका आभार."

रोहिणी आचार्य के इस फैसले पर कई ट्विटर यूज़र तारीफ भी कर रहे हैं, जिसमें नेता भी पीछे नहीं और ना ही राजनीतिक विरोधी. बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रोहिणी के इस फैसले पर लिखा "बेटी हो तो रोहणी आचार्य जैसी" गर्व है आप पर… आप उदाहरण होंगी आने वाले पीढ़ियों के लिए"

इतना ही नहीं किडनी ट्रांसप्लांट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की तबियत और हालचाल जानने के लिए तेजस्वी यादव को फोन किया है.

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने भी फ़ेसबुक पर रोहिणी की तारीफ़ में एक लंबा पोस्ट लिखा. वो रोहिणी के इस फैसले की सरहाना करते हुए लिखते हैं, "जिस तरह से रोहिणी ने ट्विटर पर अपने पिता के प्रति स्नेह का इज़हार किया है, वह काफ़ी अलग है. उसमें आत्म प्रचार नहीं है. उसका कोई राजनीति महत्व नहीं है. उसमें केवल बाप और बेटी का रिश्ता है."

कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि 'मीसा' क़ानून के नाम पर लालू ने अपनी बेटी का नाम मीसा भारती रखा था. लालू ने अपने बेटों का नाम तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव रखा. ऐसे में रोहिणी का नाम 'रोहिणी आचार्य' कैसे पड़ा?

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रोहिणी आचार्य लालू प्रसाद यादव के नौ बच्चों में दूसरी संतान हैं. लालू की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती हैं. रोहिणी के बाद लालू की चार बेटियां हैं.

उसके बाद तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव का जन्म हुआ. लालू की सबसे छोटी संतान उनकी बेटी राजलक्ष्मी हैं. यानि बेटे के जन्म से पहले लालू को छह बेटियां हुईं और बेटों से जन्म के बाद एक बेटी.

43 साल की रोहिणी का जन्म एक जून 1979 को पटना में हुआ था. कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि रोहिणी शायद शादी के बाद 'रोहिणी आचार्य' बनी हैं.

लेकिन ऐसा नहीं हैं, दरअसल पढ़ाई के दौरान ही उनका नाम रोहिणी आचार्य रखा गया था. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद रोहिणी ने मेडिकल क्षेत्र को करियर के रूप में चुना था.

रोहिणी ने जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस भी किया है. हालांकि उन्होंने कभी डॉक्टरी की प्रैक्टिस नहीं की है.

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रोहिणी की शादी 24 मई 2002 को समरेश सिंह से हुई थी. समरेश सिंह सिंगापुर में ही आईटी सेक्टर में नौकरी करते हैं.

लालू परिवार के एक क़रीबी रिश्तेदार ने बताया कि समरेश सिंह ने सिंगापुर से एमबीए की पढ़ाई भी की है और उसी दौरान उनको सिंगापुर में ही नौकरी भी मिल गई थी.

समरेश सिंह के परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं है. उनके पिता राव रणविजय सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी.

उन्हें इंडियन रेवेन्यू सर्विसेस के लिए चुना गया था. राव रणविजय सिंह और लालू प्रसाद यादव कॉलेज के ज़माने से दोस्त भी थे.

रणविजय सिंह आयकर विभाग में अधिकारी थे. अब उनका निधन हो चुका है. जबकि रोहिणी की सास ख़ुद प्रोफ़ेसर रही हैं.

लालू परिवार के एक क़रीबी (नाम न लेने की शर्त पर) के मुताबिक़, "समरेश सिंह और रोहिणी की शादी दोनों परिवारों ने ख़ुद तय की थी. रोहिणी के ससुराल वाले मूल रूप से औरंगाबाद के पास दाउनगर के रहने वाले हैं. वो लोग इलाक़े के जाने माने यादव परिवार के हैं. इस परिवार में कई लोग सरकारी नौकरी में रहे हैं. रोहिणी समय-समय पर भारत भी आती हैं और पूरे परिवार से मिलती हैं."

एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद भी रोहिणी आचार्य ने कभी डॉक्टरी नहीं की. रोहिणी की शादी एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही हो गई थी.

रोहिणी ने शादी के बाद अपनी पढ़ाई पूरी की. उसके बाद से वो सिंगापुर में ही अपने पति के साथ रह रही हैं. रोहिणी और समरेश सिंह के एक बेटी और दो बेटे हैं.

सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं रोहिणी आचार्य

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परिवार के साथ घरेलू ज़िंदगी गुज़ारने वाली रोहिणी सोशल मीडिया पर भी काफ़ी एक्टिव हैं.

पुरानी यादें हों या जन्मदिन की पार्टी या फिर कोई त्योहार, रोहिणी अक्सर इनसे जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करती हैं.

रोहिणी आचार्य राजनीतिक मुद्दों पर भी खूब ट्वीट करती हैं या अपने फ़ेसबुक पर लिखती हैं. वो अक्सर भारत की मोदी सरकार पर हमला करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं.

रोहिणी आचार्य अपने भाई तेजस्वी यादव के लिए भी सोशल मीडिया पर कई बार ट्वीट करती हैं. पिता लालू प्रसाद यादव की तबियत बिगड़ने के बाद रोहिणी ने लालू की भी कई पुरानी तस्वीरें पोस्ट की हैं.

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पिता को किडनी देने के फैसले पर रोहिणी को पूरे परिवार का साथ मिला है.

उनकी बड़ी बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने इस ऑपरेशन के बाद एक तस्वीर ट्वीट में बताया कि उनके पिता ने होश में आते ही सबसे पहले अपनी बेटी रोहिणी के बारे में पूछा.

वहीं मंगलवार को लालू के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट में लिखा है, "ऑपरेशन के बाद मेरी प्यारी बहन का आत्मविश्वास अलौकिक, अपूर्व और अद्भुत है. मेरी प्यारी बहन रोहिणी आचार्य ने अटूट प्रेम, असीम त्याग, अदम्य साहस, अद्वितीय समर्पण और रिसते रिश्तों के वर्तमान दौर में अकल्पनीय पारिवारिक मूल्यों की जो अनूठी मिसाल कायम की है वह अवर्णनीय और अविस्मरणीय है."

वहीं आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बीबीसी से कहा, "अपने पिता के लिए रोहिणी जी ने अपनी इच्छा से अपनी एक किडनी दे दी. ये एक साहसिक फ़ैसला है. इसमें एक मानवीय पहलू भी है. मैं बार-बार उनकी प्रशंसा करता हूं."

सिंगापुर के डॉक्टरों की सलाह पर कराया किडनी ट्रांसप्लांट

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लंबे समय से बीमार चल रहे लालू प्रसाद यादव ने सिंगापुर में भी डॉक्टरों से सलाह ली थी. उन्हें डायबिटीज़ के अलावा हाई ब्लड प्रेशर की भी बीमारी रही है.

डायबिटीज़ की वजह से उनके शरीर के कई अंगों पर असर पड़ा है. सिंगापुर में डॉक्टरों ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी.

तेजस्वी यादव ने बताया था कि रोहिणी की किडनी ही पूरे परिवार में लालू प्रसाद यादव से सबसे ज़्यादा मैच किया. इस वजह से वो ही अपने पिता को किडनी दान कर रही हैं.

रोहिणी आचार्य और लालू प्रसाद यादव दोनों फ़िलहाल सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ हॉस्पिटल में हैं. दोनों ही डॉक्टरों की निगरानी में हैं और उनकी सेहत में तेज़ी से सुधार हो रहा है. लालू प्रसाद यादव के परिवार के ज़्यादातर लोग सिंगापुर में ही मौजूद हैं.

डॉक्टर ने मोहन के पिता से फोन पर क्या क्या पूछा?

Solution : डाक्टर ने फोन पर मोहन के पिता से पूछा कि क्या मोहन नाचता-फिरता है? क्या उसे दस्त तो नहीं आया? पेशाब आया तो उसका रंग कैसा था?

डॉक्टर के अनुसार मोहन को कौन सी बीमारी हुई थी?

Solution. डॉक्टर मोहन की जीभ देखकर कहते हैं कि उसे कब्ज़ और बदहजमी है। फिर वह बताते हैं कि कभी-कभी हवा रु क जाती है और फंदा डाल लेती है। मोहन के पेट में बस उसी का ऐंठन है।

डॉक्टर ने मोहन के पिता को क्या कहा?

जी हां! डॉक्टर ने कहामोहन के पिता ने कहा कि मोहन बीमार हो गया हैं और उसके पेट में ऐसे- ऐसे हो रहा हैं। उसका चेहरा सफेद हो गया है, नाचता फिरता है।

वैद्य जी ने मोहन की नाड़ी दबाकर देखते हुए किसका प्रकोप बताया?

Solution : वैद्यजी ने कहा कि मोहन को वात का प्रकोप है। इसे कब्ज है। इसका पेट साफ नहीं है। मल रूक जाने से पेट में वायु बढ़ गई है।