इसे सुनेंरोकेंहर चोट के लिए बैंडेज अलग होता है ज्यादातर फर्स्ट एड किट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे जिनमें स्ट्रिप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्किन आदि शामिल है। बैंडेज क्या काम आती है? इसे सुनेंरोकेंट्यूबलर बैंडेज (Tubular bandages) ट्यूबलर बैंडेज का प्रयोग हाथ या पैर की उंगलियों की पट्टी करने में या क्षतिग्रस्त जोड़ों को
सहारा देने में किया जा सकता है। ये फैबरिक ट्यूब की बनी होती हैं। आप टखने जैसे मुड़ने वाले जोड़ों पर लचीली पट्टियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। बैंडेज क्यों लगाते हैं? इसे सुनेंरोकेंअक्सर जब कहीं चोट लग जाती है तो उस पर पट्टी या बैंडेज बांध दी जाती है। छोटी मोटी चोट तो ठीक है लेकिन गहरी चोट हो तो ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि वह कब तक ठीक होगी। ऐसे में उसे चेक करने के लिए बार बार खोलना पड़ता है। इससे घाव भरने में और देर होती है। इसे सुनेंरोकेंअगर आपको कोई छोटी-सी खरोंच आयी है तो आप मेडिकेटेड बैंडेज का इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि कुछ घावों में सिर्फ बैंडेज लगाने के बजाय सही से ड्रेसिंग और एंटी-बायोटिक की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर चोट या इंजरी पर तेजी से ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें। बैंडेज कैसे बनता है? इसे सुनेंरोकेंबैन्डेज की निर्माण प्रक्रिया (Bandage Construction Process): इसे ल्यूज निटेड (नरम) हैन्डलूम क्लॉथ भी कहा जाता है । इस ल्यूज निटेड हैंडलूम क्लॉथ को कपड़ा लपेटने की क्लॉथ वाईडिंग मशीन द्वारा रोल के आकार में लाया जाता है । इन रोलों को कटिंग मशीन द्वारा साईज के अनुसार काटकर इनकी पट्टियों के फिर से रोल बनाये जाते हैं । बैंडेज का उपयोग कैसे करें? गरम पट्टी यानि (क्रेप बैंडेज) मुख्य रूप से आपकी शरीर के अंगों में आई सूजन को दूर करने में इस्तेमाल की जाती है।…कैसे करें क्रेप बैंड का इस्तेमाल
गरम पट्टी क्यों बांधी जाती है?इसे सुनेंरोकेंगर्म पट्टी यानि (क्रेप बैंडेज) मुख्य रूप से शरीर के अंगों में आई सूजन को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है। क्रेप बैंडेज स्किन फ्रेंडली होता है। जिससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन अधिक समय यानी लगातार 4-5 घंटे तक इसे बांधने से आपको कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। पट्टी कैसे करते हैं? पट्टी कैसे बदलते हैं – Dressing badalne ka tarika
हर चोट के लिए बैंडेज अलग होता है1/10ज्यादातर फर्स्ट एड किट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे जिनमें स्ट्रिप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्किन आदि शामिल है। कटने, जलने, हड्डी टूटने, छिलने, छेद होने जैसे घाव को भरने के लिए उन पर पट्टी बांधने का तरीका और पट्टी की किस्म अलग होती है, आइए जानते हैं किस घाव को कैसे कवर किया जाता है। अगर छोटा कट है तो स्ट्रिप बैंडेज लगाएं2/10स्ट्रिप बैंडेज कई शेप और साइज में आती हैं। अगर चोट ज्यादा गहरी नहीं है तो आप स्ट्रिप बैंडेज का इस्तेमाल कर सकते हैं। छोटे घाव के लिए स्ट्रिप बैंडेज अच्छी होती है। आप इसे हाथ या उंगली में लगा सकते हैं। अगर त्वचा जली है तो गौज पट्टी का इस्तेमाल करें3/10अगर आपकी त्वचा जल गई है तो आपको उसपर गौज पट्टी बांधनी चाहिए, घाव पर आप बर्न प्रोटेक्टिंग क्रीम लगाकर गौज पट्टी बांध दें और ऊपर से टेप लगा दें। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि टेप, जले हुए हिस्से पर टच नहीं करना चाहिए। फफोला होने पर मोलस्किन का इस्तेमाल करें4/10अगर आपके हाथ या पैर में फफोले हो गए हैं तो एक खास तरह के बैंडेज का इस्तेमाल करें, इसे कहते हैं मोलस्किन। मोलस्किन फोम का बना होता है। आप इसे फफोले या ब्लिस्टर वाली जगह पर लगा सकते हैं। इससे ब्लिस्टर में इंफेक्शन का खतरा नहीं रहेगा। गहरे कट्स के लिए इस्तेमाल करें प्रेशर बैंडेज5/10अगर चोट का कट बहुत गहरा है तो प्रेशर बैंडेज का इस्तेमाल करें। गौज की पट्टी को घाव को साफ करके दवा के साथ लगाएं, इससे खून रुक जाएगा। गहरे घाव में खून ज्यादा बहता है और प्रेशर बैंडेज ज्यादा खून वाली चोटों में इस्तेमाल किया जाता है। अगर हड्डी टूटी है तो बैंडेज कैसे लगाएं?6/10अगर आपकी हड्डी टूटी है तो आप बड़े साइज के बैंडेज का इस्तेमाल करें जो फ्रैक्चर हुई हड्डी को सहारा दे सके। आपको हड्डी को अच्छी तरह से बैंडेज से कवर करना है, सहारे के लिए आप पट्टी को गले से ले जाते हुए बांध सकते हैं। हड्डी टूटने पर ट्रायएंगल बैंडेज का भी इस्तेमाल किया जाता है। पैनिट्रेटिंग वाउंड क्या होते हैं?7/10पैनिट्रेटिंग घाव ऐसे घाव होते हैं जो आपकी त्वचा में किसी चीज के घुस जाने से होते हैं जैसे कांच चुभ जाना। ऐसे घाव में ऑब्जेक्ट आपकी स्किन में हो सकता है। ऐसे घाव को अस्पताल में डॉक्टर ही ड्रेसिंग कर सकते हैं। अगर आपको किसी की मदद करनी हो तो ऐसे घाव पर कुछ लगाने के बजाय सर्जिकल बैंडेज से कवर करें और अस्पताल लेकर जाएं। खरोंच आने पर स्ट्रिप बैंडेज यूज करें8/10खरोंच लगने पर आप स्ट्रिप बैंडेज बांध सकते हैं, अगर घाव ज्यादा बड़ा नहीं है तो घाव को एंटीसेप्टिक से साफ करें और उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाकर पट्टी बांध दें। अगर सड़क या लोहे की चीज से खरोंच लगी है तो टिटनेस का इंजेक्शन जरूर लगवाएं। छेद वाले घाव पर बैंडेज कैसे लगाएं?9/10जिन घाव में किसी चीज़ के चुभने से छेद हो गया है उन चोटों को आप सबसे पहले कॉटन और एंटीसेप्टिक से साफ करें, इसके बाद उस पर स्टिक स्ट्रिप या एडहेसिव (adhesive) पट्टी लगा दें। आपको ऐसे घाव को इंफेक्शन से दूर रखना चाहिए, इन पर धूल-मिट्टी न लगने दें। चीरा लगने पर क्या करें?10/10अगर किसी को चीरा लगा है तो आपको इंफेक्शन होने की आशंका ज्यादा होगी। हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। खून को रोकने के लिए साफ गौज पट्टी लें और खून को रोंके। घाव को साफ करके उसे पानी से धो दें। एंटीबायोटिक लगाकर घाव को कवर कर दें। बैंडेज क्या है कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंहर चोट के लिए बैंडेज अलग होता है ज्यादातर फर्स्ट एड किट में आपने अलग-अलग तरह के बैंडेज देखें होंगे जिनमें स्ट्रिप बैंडेज, प्रेशर बैंडेज, मोलस्किन आदि शामिल है।
बैंडेज क्या होता है?घाव, चोट आदि पर बाँधने या लपेटने का एक प्रकार का कपड़ा; पट्टी 2. पट्टी बाँधने की क्रिया।
बैंडेज का उद्देश्य क्या है?चिकित्सा पट्टियों का उपयोग मुख्य रूप से शल्य चिकित्सा या घायल भागों को लपेटने, स्थिर करने और उनकी रक्षा करने के लिए किया जाता है।
बैंडेज कैसे करें?बैडेंज से जुड़े ड्रेसिंग पैड्स को जीवाणुरहित बनाएं. घाव और आस-पास की त्वचा को साफ करें और सुखाएं।. बैंडेज को पैड के दोनों ओर से पकड़ें।. पैड को सीधा घाव पर रखें।. अंग और पैड के आस-पास छोटे सिरे को एक बार घुमाएं।. दूसरे हिस्से को अंग के इर्द गिर्द, पूरे पैड को कवर करते हुए बांधे।. |