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मल में खून आना, बुखार, भूख में कमी, एनीमिया, दिल की धड़कन तेज होना और पाचन संबंधी समस्याएं
आंतों में सूजन के लक्षणों में शामिल हैं। अगर समय पर इस समस्या का इलाज न किया गया तो व्यक्ति को फैट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की कमी हो सकती है। 10 साल या इससे ज्यादा समय तक अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर आम लोगों की तुलना में आंत के कैंसर का खतरा 200 गुना बढ़ जाता है। तो चलिए जानते हैं कि आंतों में सूजन आने पर किन घरेलू तरीकों से इसे कम या कंट्रोल किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट कम लेंअल्सरेटिव कोलाइटिस को नियंत्रित करने के लिए आपको सबसे पहले अपने आहार से रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट को
हटाना है। इसकी वजह से आंतों में सूजन के कारण होने वाली दिक्कतें बढ़ जाती हैं। यह भी पढें : आयुर्वेद के अनुसार इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गिलोय एलर्जी वाले खद्य पदार्थों से दूर रहेंकुछ मामलों में किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी के कारण अल्सरेटिव कोलाइटिस हो सकता है। अगर आपको किसी फूड की वजह से आंतों में सूजन हुई है तो आंतों में सूजन के इलाज के तौर पर आपको इन चीजों को अपने
आहार से हटा देना चाहिए। इसमें मक्का, गेहूं और दूध से बने उत्पाद आ सकते हैं। आंतों में सूजन का घरेलू उपचार है अलसी का तेलआंतों में सूजन के घरेलू उपचार के तौर पर ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त तेलों का सेवन बढ़ा दें। मछली के तेल और अलसी के तेल में ओमेगा-3 ज्यादा पाया जाता है। ये तेल इंफ्लामेट्री प्रक्रिया को कम करने में मदद करते हैं। रोज एक से दो चम्मच अलसी का तेल लेना बेहतर रहता
है। यह भी पढें : दुर्गंध रहित सांसों के लिए अपनाएं देसी उपाय आंतों में सूजन का इलाज हैं प्रोबायोटिक्समाना जाता है कि प्रोबायोटिक्स अल्सरेटिव कोलाइटिस को नियंत्रिम करने में लाभकारी हैं। प्रोबायोटिक्स सूजन को कम करने के दौरान हानिकारक बैक्टीरिया को कंट्रोल करने में मदद करते हैं और पेट की म्यूकस लाइनिंग को सुरक्षा प्रदान करते हैं। आंत में सूजन का देसी इलाज है एलोवेरा जैलशुद्ध एलोवेरा जैल को अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रस्त लोगों में सूजन-रोधी प्रभाव देने वाला पाया गया है। हालांकि, एलोवेरा रेचक प्रभाव भी रखता है इसलिए दस्त की स्थिति में एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए। आंतों में सूजन का घरेलू इलाज हर्बल टीआंतों में सूजन के घरेलू उपचार में हर्बल-टी भी बहुत फायदेमंद होती हैं। आपको चाय और कॉफी के सेवन की बजाय अदरक की चाय और ग्रीन टी पीना शुरू कर देना चाहिए। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-माइक्रोबियल गुण इर्रिटेबल बाउल डिजीज जैसे आंतों से संंबंधित
रोगों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह भी पढें : क्या हल्दी खाने से नहीं होता है कैंसर? आंतों में सूजन होने पर इन बातों का रखें ध्यान
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आंत के सूजन को कम करने या कंट्रोल करने के घरेलू उपायों में सबसे जरूरी है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना। यह डिहाई़ड्रेशन से बचाता है। आंत के सूजन के मरीजों की सबसे बड़ी समस्या डिहाई़ड्रेशन की ही होती है। दरअसल, दस्त की वजह से उनके शरीर में जल्दी ही पानी की कमी हो जाती है।
आंतों की सूजन को ठीक करने के लिए क्या खाना चाहिए?इसके लिए आपको खाने में कच्ची, उबली और पकी सब्जियों को शामिल करना जरूरी है. आप खाने में कुछ फलों, नट्स, स्प्राउट्स और प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना खाएं. प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं. साथ ही आपको खाने में रंग-बिरंगे फल-सब्जियों को शामिल करनी चाहिए.
आंतों में सूजन होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?आंत में सूजन की समस्या हो तो मशरूम खाने से बचना चाहिए। दरअसल, इसे पचने में काफी समय लगता है, और डॉक्टर इस बीमारी में ऐसी चीजों का सेवन करनी सलाह देते हैं जो पचने में आसान हो।
बड़ी आंत में सूजन के क्या लक्षण है?आंतों में सूजन के लक्षण
मल में खून आना, बुखार, भूख में कमी, एनीमिया, दिल की धड़कन तेज होना और पाचन संबंधी समस्याएं आंतों में सूजन के लक्षणों में शामिल हैं। अगर समय पर इस समस्या का इलाज न किया गया तो व्यक्ति को फैट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की कमी हो सकती है।
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