आर्थिक वृद्धि और आर्थिक विकास में क्या अंतर है? - aarthik vrddhi aur aarthik vikaas mein kya antar hai?

अर्थशास्त्र (आर्थिक) सामाजिक विज्ञान है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और खपत का अध्ययन करता है। अर्थशास्त्र आर्थिक एजेंटों के व्यवहार और बातचीत पर केंद्रित है और अर्थव्यवस्थाएं कैसे काम करती हैं। आर्थिक वृद्धि और विकास के बीच 11-11 अंतर;

आर्थिक वृद्धि:

आर्थिक वृद्धि एक समय में अर्थव्यवस्था द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मुद्रास्फीति-समायोजित बाजार मूल्य में वृद्धि है। इसे वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद, या वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि की प्रतिशत दर के रूप में पारंपरिक रूप से मापा जाता है।

निम्नलिखित वृद्धि नीचे हैं;

  1. एकल आयामी यानी, अकेले आउटपुट में वृद्धि।
  2. मात्रात्मक परिवर्तन-राष्ट्रीय और प्रति पूंजी आय में परिवर्तन।
  3. चरित्र में स्वतःस्फूर्तता।
  4. असंतोषजनक परिवर्तन।
  5. विकास के बिना वृद्धि संभव है।
  6. आर्थिक विकास का निर्धारक आर्थिक वृद्धि हो सकता है।
  7. अविकसित देशों की समस्या का समाधान।
  8. अविकसित देशों से संबंधित विकास।
  9. विकसित आर्थिक को नियंत्रित और चरित्र में नियंत्रित किया जाता है।
  10. आर्थिक विकास के साथ आर्थिक विकास संभव नहीं है, और।
  11. आर्थिक विकास सामाजिक व्यवस्था के संरचनात्मक परिवर्तन के लिए एक अभिनव प्रक्रिया है।

आर्थिक विकास:

आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक राष्ट्र अपने लोगों की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भलाई में सुधार करता है। इस शब्द का प्रयोग अर्थशास्त्री, राजनेता और अन्य लोग 20 वीं और 21 वीं शताब्दी में अक्सर करते रहे हैं। हालाँकि, यह अवधारणा सदियों से पश्चिम में अस्तित्व में है।

निम्नलिखित विकास निम्न है:

  1. बहुआयामी यानी, अधिक उत्पादन और तकनीकी और संस्थागत व्यवस्था में बदलाव।
  2. गुणात्मक परिवर्तन-राष्ट्रीय और प्रति व्यक्ति आय की संरचना और वितरण में परिवर्तन और कार्यात्मक क्षमताओं में परिवर्तन।
  3. लंबे समय में एक क्रमिक और स्थिर परिवर्तन।
  4. निरंतर परिवर्तन।
  5. विकास के लिए कुछ हद तक वृद्धि आवश्यक है।
  6. आर्थिक विकास, आर्थिक वृद्धि का निर्धारक होता है।
  7. विकसित देशों की समस्या का समाधान।
  8. विकास का संबंध विकसित देशों से है।
  9. आर्थिक विकास चरित्र में सहज है।
  10. आर्थिक विकास के बिना आर्थिक वृद्धि संभव है, और।
  11. आर्थिक विकास प्रणाली में एक या एक से अधिक आयामों में इसकी संरचना में बदलाव के बिना एक विस्तार है।

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                    विषय सूची

                    • 1 आर्थिक संवृद्धि (Economic growth)
                    • 2 आर्थिक विकास (Economic Development)
                    • 3 आर्थिक संवृद्धि बनाम आर्थिक विकास (Economic growth versus economic development)
                    • 4 आर्थिक विकास दर (Economic growth rate)
                    • 5 आर्थिक संवृद्धि दर (Economic growth rate)
                    • 6 आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Economic Growth)

                    • आर्थिक समृद्धि से अभिप्राय निश्चित समय अवधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाली वास्तविक आय में वृद्धि से है |
                    • सामान्यतः यदि सकल राष्ट्रीय उत्पाद, सकल घरेलू उत्पाद तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है तो हम कह सकते हैं कि आर्थिक समृद्धि हो रही है |
                    • 70 के दशक में आर्थिक समृद्धि को तथा आर्थिक विकास को एक ही माना जाता था, लेकिन अब इसमें अंतर किया जाता है |
                    • अब आर्थिक समृद्धि आर्थिक विकास के एक भाग के रूप में देखी जाती है साधन लागत पर व्यक्त वास्तविक घरेलू उत्पाद राष्ट्रीय उत्पाद तथा प्रति व्यक्ति आय को हम सामान्यतः आर्थिक समृद्धि की आय के रूप में स्वीकार करते हैं |

                    आर्थिक विकास (Economic Development)

                    • आर्थिक विकास से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है, जिसके परिणाम स्वरुप देश के समस्त उत्पादन साधनों का कुशलतापूर्वक विदोहन होता है |
                    • इसमें राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में निरंतर एवं दीर्घकालिक वृद्धि होती है तथा जनता के जीवन स्तर एवं सामान्य कल्याण का सूचकांक बढ़ता है अर्थात इस में आर्थिक एवं गैर आर्थिक दोनों चरों को शामिल किया जाता है |
                    • आर्थिक चरणों में उपरोक्त वर्णित शामिल होते हैं तथा गैर आर्थिक आर्थिक चरों के अंतर्गत सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्त्रोतों के गुणात्मक परिवर्तन शामिल होते हैं |
                    • इस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एक मात्रात्मक संकल्पना है, जबकि आर्थिक विकास एक गुणात्मक |
                    • पहले का संबंध राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर से जुड़ा है, जबकि दूसरे का संबंध राष्ट्रीय आय में मात्रात्मक वृद्धि के अलावा अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक ढांचे में परिवर्तन से होता है |
                    • अतः कहा जा सकता है कि आर्थिक विकास एक व्यापक संकल्पना या प्रक्रिया है जिस में सकल राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का हिस्सा लगातार गिरता जाता है |
                    • जबकि उद्योगों, सेवाओं, व्यापार, बैंकिंग व निर्माण गतिविधियों का स्तर बढ़ता जाता है इस प्रक्रिया के दौरान श्रम शक्ति के व्यावसायिक ढांचे में भी परिवर्तन होता है और उसकी दक्षता एवं उत्पादन में भी वृद्धि होती है |

                    आर्थिक संवृद्धि बनाम आर्थिक विकास (Economic growth versus economic development)

                    • आर्थिक समृद्धि और आर्थिक विकास समान प्रतीत होने वाली अवधारणाएं है, परंतु तकनीकी दृष्टि से दोनों समान नहीं है, आर्थिक समृद्धि को दो रूपों में परिभाषित किया जा सकता है –
                    1. सकल घरेलू उत्पाद में एक निश्चित अवधि में वास्तविक वृद्धि |
                    2. एक निश्चित अवधि में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि |
                    • वास्तव में, आर्थिक समृद्धि से आशय सकल घरेलू उत्पाद, (GDP) सकल राष्ट्रीय उत्पाद एवम प्रति व्यक्ति आय में निरंतर होने वाली वृद्धि से है| अर्थात आर्थिक समृद्धि उत्पादन की वृद्धि से संबंधित है |
                    • आर्थिक समृद्धि में देखा जाता है कि राष्ट्रीय उत्पादन में सतत वृद्धि हो रही है अथवा नहीं| यदि राष्ट्रीय उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है, तो इसे संवृद्धि की संज्ञा दी जाएगी |
                    • आर्थिक संवृद्धि से पता चलता है, कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न स्त्रोतों में मात्रात्मक रूप से कितनी वृद्धि हो रही है |
                    • आर्थिक विकास का संबंध लोगों के कल्याण से है, इसमें गरीबी बेरोजगारी तथा असमानता के में कमी आती है, आर्थिक संवृद्धि आर्थिक विकास की पूर्व शर्त है |

                    आर्थिक विकास दर (Economic growth rate)

                    • सकल घरेलू उत्पादन में परिवर्तन की दर आर्थिक विकास दर कहलाती है

                    आर्थिक विकास दर = गत वर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष के जीडीपी में परिवर्तन (वृद्धि या कमी) / गत वर्ष का जीडीपी X 100


                    आर्थिक संवृद्धि दर (Economic growth rate)

                    • निबल राष्ट्रीय उत्पाद में परिवर्तन की दर ‘आर्थिक संवृद्धि दर’ कहलाती है इसको राष्ट्रीय आय की वृद्धि दर भी कहा जाता है |

                    आर्थिक संवृद्धि दर = गत वर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष के एनएनपी में परिवर्तन वृद्धि या कमी / गत वर्ष का एनएनपी X 100

                    • भारत जैसे विकासशील देशों में आर्थिक संवृद्धि दर, आर्थिक विकास दर की तुलना में कम होती है |

                    आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Economic Growth)

                    आर्थिक विकास को निर्धारित करने वाले कारकों को दो भागों में बांटा गया है –

                    आर्थिक घटक

                    • प्राकृतिक संसाधन
                    • पूंजी उत्पादन अनुपात
                    • संगठन
                    • श्रम शक्ति एवं जनसंख्या
                    • तकनीकी प्रगति
                    • वित्तीय स्थिरता
                    • पूंजी निर्माण
                    • आधारभूत संरचना
                    • विकासात्मक नियोजन

                    गैर आर्थिक घटक

                    • सामाजिक घटक
                    • राजनीतिक घटक
                    • धार्मिक घटक

                    आर्थिक वृद्धि और आर्थिक विकास में अंतर क्या है?

                    1. आर्थिक समृद्धि का मतलब देश के सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय,में वृद्धि और गरीबों की जनसँख्या में कमी से होता है जबकि आर्थिक विकास से आशय किसी देश की आधारभूत संरचना की मजबूती, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों से होता है.

                    आर्थिक विकास एवं वृद्धि से आप क्या समझते हैं?

                    संक्षेप में, “आर्थिक वृद्धि का अर्थ केवल उत्पादन में वृद्धि से है, जबकि आर्थिक विकास का अर्थ अधिक उत्पादन, नवीन तकनीक एवं संस्थागत सुधारों के समन्वय से है । " LOVELY PROFESSIONAL UNIVERSITY Page 11 : उपर्युक्त विवेचना से आर्थिक संवृद्धि की निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है (1) आर्थिक संवृद्धि का सम्बन्ध राष्ट्रीय आय ...

                    आर्थिक वृद्धि का अर्थ क्या है?

                    किसी देश की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि आर्थिक वृद्धि (Economic growth) कहलाती है। आर्थिक वृद्धि केवल उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं का परिमाण बताती है।

                    आर्थिक विकास का क्या मतलब है?

                    आर्थिक विकास से आशय उस प्रक्रिया से है जिसके परिणामस्वरूप देश के समस्त उत्पादन साधनों का कुशलतापूर्वक दोहन होता है। साथ ही साथ राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में निरंतर एवं दीर्घकालिक वृद्धि होती है तथा जीवन स्तर एवं मानव विकास सूचकांक में सुधार की स्थिति उत्पन्न होती है।