Extra Questions Answersप्रश्न 1: वायुमंडल किसे कहते हैं? Show उत्तर: पृथ्वी वायु की एक पतली परत से घिरी हुई है। इसका विस्तार पृथ्वी की सतह से कई किलोमीटर ऊपर तक है। इसे वायुमंडल कहते हैं। प्रश्न 2: पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन का सिलिंडर क्यों ले जाते हैं? उत्तर: जब पर्वतारोही वायुमंडल में पृथ्वी की सतह से ज्यादा ऊपर की ओर आगे बढ़ते हैं, हवा विरल होती जाती है। जिससे उन्हें साँस लेने में कठिनाई होती है। इसलिए पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन का सिलिंडर ले जाते हैं। प्रश्न 3: हमें साँस लेने में वायु में उपस्थित धूलकण को श्वसन तंत्र में जाने से कौन रोकता है? उत्तर: हमारी नाक के छोटे-छोटे बाल और श्लेष्मा वायु में उपस्थित धूलकण को श्वसन तंत्र में जाने से रोकते हैं। प्रश्न 4: पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइआक्साइड तथा कुछ अन्य गैसों की कितनी मात्रा है? उत्तर: पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइआक्साइड तथा कुछ अन्य गैसों की मात्रा 1% है। प्रश्न 5: मिट्टी के कुछ जीवों को बारिशों में जमीन के ऊपर क्यों देखा जाता है? उत्तर: जो जीव गहरी मिट्टी के अंदर रहते हैं, उन्हें भी साँस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। यह ऑक्सीजन वे मिट्टी में मौजूद वायु से प्राप्त करते हैं। मिट्टी के जीव गहरी मिट्टी में मांद या छोटे-छोटे छिद्र बना कर रहते हैं। इन्हीं छिद्रों से हवा आती जाती है। लेकिन बारिशों में इसमें पानी भरने के कारण इन जीवों को साँस लेने के लिए जमीन पर बाहर आना पड़ता है।
कार्बन डाइ ऑक्साइड (अंग्रेजी:carbon dioxide; रासायनिक सूत्र CO2), एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के लिये अत्यावश्यक है। धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। धरती के वायुमण्डल में यह गैस आयतन के हिसाब से लगभग 0.03 प्रतिशत होती है। कार्बन डाइआक्साइड का निर्माण आक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। सामान्य तापमान तथा दबाव पर यह गैसीय अवस्था में रहती है। वायुमंडल में यह गैस 0.03% से 0.04% तक पाई जाती है, परन्तु मौसम में परिवर्तन के साथ वायु में इसकी सान्द्रता भी थोड़ी परिवर्तित होती रहती है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है, क्योंकि सूर्य से आने वाली किरणों को तो यह पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने देती है परन्तु पृथ्वी की गर्मी जब वापस अंतरिक्ष में जाना चाहती है तो यह उसे रोकती है। पृथ्वी के सभी सजीव अपनी श्वसन की क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का त्याग करते है। जबकि हरे पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते समय इस गैस को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कार्बन डाइआक्साइड कार्बन चक्र का प्रमुख अवयव है। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात् इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (=) है, ऐसीटिलीन में त्रिगुण बंध (º) वाले यौगिक अस्थायी हैं। ये आसानी से ऑक्सीकृत एवं हैलोजनीकृत हो सकते हैं। हाइड्रोकार्बनों के बहुत से व्युत्पन्न तैयार किए जा सकते हैं, जिनके विविध उपयोग हैं। ऐसे व्युत्पन्न क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड, ऐल्कोहाल, सोडियम ऐल्कॉक्साइड, ऐमिन, मरकैप्टन, नाइट्रेट, नाइट्राइट, नाइट्राइट, हाइड्रोजन फास्फेट तथा हाइड्रोजन सल्फेट हैं। असतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक सक्रिय होता है और अनेक अभिकारकों से संयुक्त हा सरलता से व्युत्पन्न बनाता है। ऐसे अनेक व्युत्पंन औद्योगिक दृष्टि से बड़े महत्व के सिद्ध हुए हैं। इनसे अनेक बहुमूल्य विलायक, प्लास्टिक, कृमिनाशक ओषधियाँ आदि प्राप्त हुई हैं। हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं। ऐल्कोहॉल प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हो सकते हैं। इनके एस्टर द्रव सुगंधित होते हैं। अनेक सुगंधित द्रव्य इनसे तैयार किए जा सकते हैं। इसी प्रकार कार्बन डाईऑक्साइड को भी विभिन्न प्रयोगों में लिया जा सकता है। सन्दर्भ[संपादित करें]वायुमंडल की कौन सी गैस प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है?कार्बनडाइऑक्साइड प्रकाश-संश्लेषण का एक मुख्य अवयव तथा कच्चा पदार्थ है। वायुमंडल में कार्बनडाइऑक्साइड गैस श्वसन, दहन, किण्वन, विघटन आदि क्रियाओं के द्वारा मुक्त होती है।
वायुमंडल में कौन सी गैस श्वसन के लिए आवश्यक है?ऑक्सीजन ज्वलन में सहायक तथा श्वसन के लिए आवश्यक है।
वायुमंडल में n2 तथा co2 का क्या प्रतिशत है?इन गैसों में सबसे ज्यादा मात्रा में नाइट्रोजन का अनुपात पाया जाता है जो कि 78.08 प्रतिशत है। उसके बाद ऑक्सीजन पाई जाती है। जिसकी मात्रा 20.95 प्रतिशत है। इसके बाद आर्गन 0.93 प्रतिशत फिर कार्बन डाई ऑक्साइड है।
वायुमंडल में सबसे ज्यादा कौन सी गैस पाई जाती है?नाइट्रोजन: इस गैस की प्रतिशत मात्रा सभी गैसों से अधिक हैं.. ऑक्सिजन- यह अन्य पदार्थों के साथ मिलकर जलने का कार्य करती है.. कार्बन-डाई-ऑक्साइड- यह सबसे भारी गैस है और इस कारण यह सबसे निचली परत में मिलती है फिर भी इसका विस्तार 32 किमी की ऊंचाई तक है.. ओजोन- यह गैस ऑक्सिजन का ही एक विशेष रूप है.. |