Weight Gain Tips: अक्सर बच्चों के पतलेपन से मां-बाप परेशान हो जाते हैं. बच्चों की हेल्थ को लेकर ज्यादातर पैरेंट्स के चिंतित रहते हैं. कुछ बच्चों को सब कुछ खिलाने के बाद भी वजन नहीं बढ़ता है. ऐसे में बच्चा पतला, कमजोर और अंडरवेट हो जाता है. हालांकि अगर बच्चा हेल्दी है उसे कोई बीमारी नहीं है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. अगर आप अपने बच्चे के पतलेपन से परेशान हैं तो आपको बच्चे की डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत है. आपको बच्चे की डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए. Show
1- केला- वजन बढ़ाने के लिए केला बहुत अच्छा फल है. केले में पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी और विटामिनी बी6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. केले में काफी कैलोरी होती है जो वजन बढ़ाने में मदद करती है. खास बात ये है कि बच्चों को केले बहुत पसंद आते हैं. आप चाहें तो केले को मसलकर या स्मूदी और शेक बनाकर भी खिला सकते हैं. News Reels 2- घी और रागी- आप 6-7 महीने के बाद बच्चे की डाइट में घी शामिल कर सकते हैं. बच्चे के लिए घी बहुत जरूरी है. घी में कई पोषक तत्व होते हैं. आप बच्चे के दलिया, खिचड़ी, दाल या सूप में घी डालकर खिला सकते हैं. आपको बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए डाइट में रागी जरूर शामिल करनी चाहिए. रागी में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और दूसरे विटामिनों और खनिज पाए जाते हैं. रागी खाने से बच्चे का वजन बढ़ेगा और हेल्दी भी रहेगा. 3- शकरकंद- बच्चे को मोटा करने के लिए आप उसे शकरकंद भी खिलाएं. शकरकंद में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, कॉपर, फास्फोरस, पोटैशियम और मैंगनीज होता है.
शकरकंद खाने और पचाने में आसान होती है. शकरकंद डायट्री फाइबर से भरपूर होती है. आप बच्चे को मैश करके, प्यूरी बनाकर या सूप बनाकर बच्चे को दे सकते हैं. 4- दालें- बच्चे को हेल्दी बनाने के लिए डाइट में दालें जरूर शामिल करनी चाहिए. दाल में प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और फाइबर होता है. आप 6 महीने से बच्चे को पहले दाल का सूप फिर दाल दे सकते हैं. आप चाहें तो दाल की खिचड़ी और दलिया भी खिला सकते हैं. दाल खाने से बच्चा जल्दी मोटा होने लगता है. 5- अंडा और एवोकाडो- अंडा खाने से शरीर को प्रोटीन मिलता है. बच्चे को एक साल का होने के बाद आप अंडा खिला सकते हैं. अंडे में सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. आप बच्चे की अंडा चीला या उबालकर खिला सकते हैं. इसके अलावा एवोकाडो भी खिला सकते हैं. एवोकाडो में विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन के और फोलेट, पैंटोथेनिक एसिड, कॉपर और डायट्री फाइबर होता है. इसमें भरपूर फैट पाया जाता है. अंडा और एवोकाडो खिलाने से बच्चे का वजन बढ़ने में मदद मिलती है. Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ये भी पढ़ें: Vitamins And Minerals For Women: 40 के बाद महिलाओं के शरीर में होने लगती इन विटामिन-मिनरल्स की कमी, इन चीजों का सेवन जरूर करें Check out below Health
Tools- Calculate The Age Through Age Calculator शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं, उपाय और तरीके - Shishu ka vajan badhane ke upay in Hindiशेयर करें August 28, 2020 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता को उसके वजन को लेकर बेहद चिंता रहती है। उनको लगता है कि उनके बच्चे का वजन अन्य बच्चों की तुलना में बेहद कम है। बच्चे के सही खान-पान के बाद भी माता-पिता उसके वजन को लेकर हमेशा असमंजस की स्थिति में ही रहते हैं। आपको बता दें कि ग्रोथ चार्ट के अनुसार बच्चे का वजन न बढ़ना समस्या का कारण हो सकता है। जन्म के बाद बच्चे का वजन सामान्य होना, उसके शारीरिक विकास को भी प्रभावित करता है। इसलिए नवजात शिशु का वजन उसकी आयु के अनुसार न बढ़ाना सही मायने में आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है। आपकी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए आपको शिशु का वजन बढ़ाने के उपायों के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही आपको उम्र के अनुसार नवजात शिशु का वजन कितना बढ़ना चाहिए और नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के लिए आपको किन चीजों को बच्चे के भोजन में शामिल करना चाहिए आदि बातों को भी विस्तार से बताया गया है। (और पढ़ें - बच्चों की भूख बढ़ाने के उपाय)
शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं, उपाय और तरीके के डॉक्टर नवजात शिशु का वजन उम्र के अनुसार कितना बढ़ना चाहिए - Navjat shishu ka vajan umar ke anusar kitna hona chahiyeनवजात शिशु का वजन उम्र के अनुसार किस अनुपात में बढ़ना चाहिए इस बारे में आपको आगे विस्तार से बताया जा रहा है।
(और पढ़ें - लंबाई बढ़ाने के घरेलू नुस्खे) छह महीने से कम उम्र के बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए मां का दूध ही एकमात्र उपाय होता है। स्तनपान कराना आपके बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए सबसे पौष्टिक, स्वस्थ, संतुलित और बेहतर माना जाता है। स्तनपान आपके बच्चे को उचित अनुपात में सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। नवजात शिशु के लिए मां के दूध को पचाना आसाना होता है, इसलिए मां के दूध से शिशु को कब्ज, दस्त या पेट की अन्य परेशानी बेहद ही कम होती है। (और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय) अगर आपका बच्चा पर्याप्त मात्रा में स्तनपान करता है, तो इससे उसका वजन बढ़ने में मदद मिलती है। मां का दूध ही बच्चे के लिए सही आहार माना जाता है। डॉक्टरों के द्वारा नवजात शिशु को छह महीनों तक आहार के तौर पर केवल स्तनपान कराने की ही सलाह दी जाती है। छह महीने के बाद आप बच्चे को मां के दूध के साथ ठोस खाद्य पदार्थों भी दे सकती हैं। (और पढ़ें - जन्म के समय बच्चे का वजन कितना होना चाहिए) 6 से 9 माह के शिशु का वजन बढ़ाने का तरीका - 6 se 9 mahine ke shishu ka vajan badhane ka tarikaनवजात शिशु का वजन बढ़ाता है केला - Navjat shishu ka vajan badhata hai kelaकेला प्राकृतिक ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत है, जो आपको करीब 100 से अधिक कैलोरी प्रदान करता है। केले में कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन सी और विटामिन बी6 अधिक मात्रा में होते हैं। केला जल्द शक्ति प्रदान करता है और यह आसानी से बाजारों में उपलब्ध होता है। यात्रा करते समय या घर से कहीं बाहर होने पर बच्चे को केला खिलाना बेहद ही आसान होता है। घर से बाहर जाते समय आप अपने पास 1 या 2 केले अवश्य रखें और यात्रा के दौरान अपने बच्चे को खाने के लिए दें। जन्म के 6 महीनों के बाद आप अपने बच्चे को केला खाने के लिए दे सकती हैं। केले को आप बनाना शेक, स्मूदी, केक या पुडिंग अन्य कई तरह से खाने के लिए दे सकती हैं। (और पढ़ें - बच्चों की इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं) नवजात शिशु का वजन बढ़ाने का उपाय है देशी घी - Navjat shishu ka vajan badhane ka upay hai desi gheeघी पौष्टिकता से भरपूर होता है। देशी घी बच्चों में वजन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। बच्चे के 8 महीने पूरे होने के बाद आप उसको घी देना शुरू कर सकती हैं। बच्चे के लिए खिचड़ी तैयार करते समय घी की कुछ बूंदें डालें और धीरे-धीरे आवश्यकता के अनुसार घी की मात्रा में वृद्धि करें। (और पढ़ें - गाय के घी के फायदे) घी में वसा की मात्रा भी काफी अधिक होती है, इसलिए अपने बच्चे को घी ज्यादा मात्रा में न दें। आप घी को अपने घर में भी बना सकती हैं। अपने बच्चे को घी देने के लिए आप दाल, दलिया, रोटी, पराठा या सब्जी में मिला सकती हैं। (और पढ़ें - वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट) शिशु का वजन बढ़ाता है दही - Shishu ka vajan badhata hai dahiदही से भी आप अपने बच्चे के वजन को आसानी से बढ़ा सकती हैं। दही आपके बच्चे के निश्चित मात्रा में फैट और अन्य पोषक तत्व प्रदान करती है। इसके साथ ही दही में कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स के गुण भी पाए जाते हैं, जो आपके शिशु का वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। दही आपके बच्चे के लिए पचाना आसान होता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने और दस्त व पेट में गैस की परेशानियों में घरेलु उपाय की तरह काम आती है। (और पढ़ें - वजन बढ़ाने के लिए क्या खाएं) 10 से 12 माह में शिशु का वजन बढ़ाने के उपाय - 10 se 12 mahine ke shishu ka vajan badhane ke upayशिशु का वजन बढ़ाने का उपाय है अंडा - Shishu ka vajan badhane ka upay hai eggअंडे में अधिक मात्रा में प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन ए और विटामिन बी12 पाया जाता है। बच्चे के वजन को बढ़ाने के लिए अंडा एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इसके साथ ही अंडे से कोलाइन प्राप्त होता है, जो तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को नियंत्रण में रखने का काम करता है। लेकिन बच्चे को एक साल का होने से पहले अंडा देने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बच्चे के 10 माह पूरे होने पर आप उसको पूरा अंडा देने की बजाय केवल जर्दी (अंडे का पीला भाग) देने से शुरूआत करें। इसके बाद एक साल का होने पर आप बच्चे को पूरा अंडा दे सकती हैं। (और पढ़ें - वजन बढ़ाने के उपाय) बच्चे का वजन मक्खन से बढ़ाएं - Bache ka vajan makhan se badhayeबच्चे के शारीरिक विकास के लिए वसा महत्वपूर्ण और आवश्यक मानी जाती है। बच्चे के शारीरिक और मस्तिष्क विकास में अधिक फैट वाला आहार सहायक होता है। मक्खन वसा के मुख्य स्रोतों में से एक है। मक्खन बच्चे के लिए आवश्यक वसा, कोलेस्ट्रॉल, विटामिन ए और अन्य फैटी एसिड को प्रदान करता है। बच्चे को देने के लिए आप बिना नमक वाले मक्खन का उपयोग करें। दुबले व पतले बच्चों को स्वस्थ करने के लिए भी मक्खन बेहतर विकल्प माना जाता है। आप अपने बच्चे की डाइट में मक्खन को निश्चित मात्रा में ही शामिल करें। बच्चे को ज्यादा मक्खन देने से भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें - सेंधा नमक के फायदे) शिशु का वजन बढ़ाने का तरीका है साबुत अनाज - Shishu ka vajan badhane ke tarika hai sabut anajसाबुत अनाज फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स जैसे जिंक, आयरन व मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। साबुत अनाज आपके बच्चे के वजन को बढ़ाने में सहायक होते हैं। साबुत अनाज भले ही आपके बच्चे का वजन तेजी से न बढ़ाएं परंतु फिर भी वह आपके बच्चे के वजन को लगातार बढ़ाने में मददगार होते हैं। बच्चे के 10 माह पूरे होने के बाद गेहूं से बनी चीजों को देने की सलाह दी जाती है। अगर बच्चे को गेहूं की चीजे खाने से एलर्जी होने लगे तो आप उन्हें गेहूं से बनी किसी भी चीज को न दें और इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। (और पढ़ें - एलर्जी के घरेलू उपाय) शिशु का वजन बढ़ाने संबंधी कुछ उपयोगी सुझाव - Shishu ka vajan badhane sambandhi kuch upyogi sujhavशिशु का वजन बढ़ाने के लिए आपको निम्नतः कुछ सुझाव दिए गए हैं-
(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के बारे में जानें)
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शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं, उपाय और तरीके के डॉक्टरसम्बंधित लेख3 महीने के बच्चे को मोटा करने के लिए क्या करें?आप बच्चे के दलिया, खिचड़ी, दाल या सूप में घी डालकर खिला सकते हैं. आपको बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए डाइट में रागी जरूर शामिल करनी चाहिए. रागी में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और दूसरे विटामिनों और खनिज पाए जाते हैं. रागी खाने से बच्चे का वजन बढ़ेगा और हेल्दी भी रहेगा.
3 महीने के बेबी का वेट कितना होना चाहिए?तीसरे महीने में बेबी गर्ल का सामान्य वजन 4.7 किलो से 6.3 किलो और लंबाई 59.8 सेंटीमीटर तक हो सकती है। वहीं, बेबी बॉय का सामान्य वजन 5.1 किलो से 6.9 किलो तक और लंबाई 61.4 सेंटीमीटर हो सकती है (1)।
3 महीने के बच्चे को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?1 से 3 महीने के ज्यादातर बच्चों को दिन में 7 से 9 बार दूध पिलाना पड़ता है, 3 से 6 महीने के बेबी को दिन में 6 से 8 बार दूध पिलाना होता है और 6 महीने के होने के बाद बच्चे को दिन में 6 बार दूध पिलाना होता है।
नवजात शिशु को मोटा करने के लिए क्या करना चाहिए?बच्चे के पतलेपन से परेशान न हों, ये चीजें खिलाकर बढ़ाएं उसका वजन. केला पोटैशियम, विटामिन सी, विटामिनी बी6 और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है केला। ... . शकरकंद शकरकंद को उबालने के बाद मैश कर के बच्चे को खिलाएं। ... . दालें दालों में प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, फाइबर और पोटैशियम होता है। ... . घी और रागी ... . अंडा और एवोकाडो. |